अन्तर्वासना सेक्स स्टोरी पढ़ने वाले सभी दोस्तों को मेरा प्यार भरा नमस्कार!
मेरी इस कहानी में सौ प्रतिशत सच्चाई है.. बस नाम को बदला गया है।
मैं अजय कुमार, लखनऊ का रहने वाला हूँ, मैं लखनऊ के ही इंग्लिश मीडियम स्कूल में कंप्यूटर टीचर हूँ। मैं यहाँ पर बड़े क्लास के बच्चों को पढ़ाता हूँ।
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि इंग्लिश मीडियम स्कूल में जेंट्स और लेडीज दोनों ही तरह के टीचर होते हैं.. इसीलिए यहाँ पर भी थे। इस स्कूल में दो और कंप्यूटर के टीचर थे.. पर दोनों ही लेडीज थीं। जिसमें एक मैडम तो विवाहित थीं.. पर दूसरी जो क्लास 6 से 9 क्लास तक को पढ़ाने के लिए थीं.. वो कुंवारी थीं। उसका नाम शबनम था। मैं भी कुंवारा था और लगभग हम दोनों एक ही उम्र के आस-पास के थे।
सब्जेक्ट से रिलेटेड प्रॉब्लम को पूछने के लिए वे दोनों ही मेरे पास आती रहती थीं। इसी वजह से शबनम से रोज बातचीत हो जाती थी। धीरे धीरे हम दोनों में खुल कर बात करना और हँसी-मजाक करना भी होने लगा.. पर हम लोग आपस में गलत तरीके का मजाक नहीं करते थे। हम लोग इतना तो जानते ही थे कि यह स्कूल है घर या पार्क नहीं है इसलिए मर्यादा को बना कर ही बातचीत करनी है।
बस धीरे-धीरे वक़्त बीतता गया और हम लोगों में मोबाइल और इन्टनेट पर हँसी-मजाक और सेक्सी बातें होना भी शुरू हो गई थीं। वो मेरे साथ खुल कर सेक्सी बातें करने लगी थी।
इस तरह दस महीने बीत गए। कुछ समय बाद जो मैडम विवाहित थीं.. वो किसी और जगह जॉब करने लगीं तो इस स्कूल में अब सिर्फ हम दोनों ही रह गए थे.. इसलिए हम दोनों का काम और जिम्मेदारियां भी बढ़ गई थीं।
इंग्लिश मीडियम स्कूल में बहुत सारे काम होते हैं इन कामों को हम लोग एक-दूसरे की मदद करने के लिए साथ में करते रहते हैं।
एक दिन स्कूल में टीचर-डे पर फंक्शन था, उस दिन हम लोगों को कोई काम नहीं होता.. तो हम सब स्कूल में ही पार्टी करते हैं।
उस दिन कुछ ऐसा हो गया.. जिसने मुझे अन्दर से हिला दिया। उस दिन शबनम ने बड़े ही सेक्सी कपड़े पहन रखे थे, लाल रंग की साड़ी और ब्लाउज पहना था जिसमें अन्दर काले रंग की ब्रा पहनी हुई थी जो पारदर्शी ब्लाउज के कारण मालूम हो रही थी।
मैं अपने ऑफिस से बाहर निकल रहा था और शबनम मेरे पास आ रही थी, अचानक वो मुझसे टकराई और गिरने लगी कि तभी मैंने उसे सम्भाल लिया.. पर उस समय मेरे हाथ उसकी कमर और उसके कंधों पर थे।
गिरने की वजह उसका आंचल नीचे गिर गया था.. जिससे उसका उसके पारदर्शी ब्लाउज से उसके उभार साफ़ दिखाई दे रहे थे।
अचानक गिरने की वजह से उस वक्त मेरे हाथ उसके कोमल और मखमली मम्मों पर जा पड़े। मैंने बड़े सेक्सी अंदाज से उसके चूचे को दबाते हुए उसको उठाया।
उस वक़्त शायद उसे भी कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा था। मैंने उसे उठाते हुए उसके गालों पर किस भी कर लिया और साथ में उसके होंठों को भी चूम लिया.. पर वो कुछ न बोली और न ही उसने मुझे ऐसा करने से मना किया। शायद उसको भी मेरे जिस्म की छुअन अच्छी लग रही थी।
मैं कुछ पलों तक उसके होंठों को चूमता रहा और उसकी कमर के अगल-बगल सहलाता रहा और फिर वहाँ से चला गया।
उसके दो दिन बाद मैं उससे दोबारा मिला.. तो पता नहीं क्यों.. मैंने उससे ‘सॉरी..’ बोला।
उसने कहा- सॉरी तो मुझे बोलना चाहिए.. इसमें तो आपकी कोई गलती नहीं थी, मुझे ही देख कर चलना चाहिए था।
मेरी इस कहानी में सौ प्रतिशत सच्चाई है.. बस नाम को बदला गया है।
मैं अजय कुमार, लखनऊ का रहने वाला हूँ, मैं लखनऊ के ही इंग्लिश मीडियम स्कूल में कंप्यूटर टीचर हूँ। मैं यहाँ पर बड़े क्लास के बच्चों को पढ़ाता हूँ।
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि इंग्लिश मीडियम स्कूल में जेंट्स और लेडीज दोनों ही तरह के टीचर होते हैं.. इसीलिए यहाँ पर भी थे। इस स्कूल में दो और कंप्यूटर के टीचर थे.. पर दोनों ही लेडीज थीं। जिसमें एक मैडम तो विवाहित थीं.. पर दूसरी जो क्लास 6 से 9 क्लास तक को पढ़ाने के लिए थीं.. वो कुंवारी थीं। उसका नाम शबनम था। मैं भी कुंवारा था और लगभग हम दोनों एक ही उम्र के आस-पास के थे।
सब्जेक्ट से रिलेटेड प्रॉब्लम को पूछने के लिए वे दोनों ही मेरे पास आती रहती थीं। इसी वजह से शबनम से रोज बातचीत हो जाती थी। धीरे धीरे हम दोनों में खुल कर बात करना और हँसी-मजाक करना भी होने लगा.. पर हम लोग आपस में गलत तरीके का मजाक नहीं करते थे। हम लोग इतना तो जानते ही थे कि यह स्कूल है घर या पार्क नहीं है इसलिए मर्यादा को बना कर ही बातचीत करनी है।
बस धीरे-धीरे वक़्त बीतता गया और हम लोगों में मोबाइल और इन्टनेट पर हँसी-मजाक और सेक्सी बातें होना भी शुरू हो गई थीं। वो मेरे साथ खुल कर सेक्सी बातें करने लगी थी।
इस तरह दस महीने बीत गए। कुछ समय बाद जो मैडम विवाहित थीं.. वो किसी और जगह जॉब करने लगीं तो इस स्कूल में अब सिर्फ हम दोनों ही रह गए थे.. इसलिए हम दोनों का काम और जिम्मेदारियां भी बढ़ गई थीं।
इंग्लिश मीडियम स्कूल में बहुत सारे काम होते हैं इन कामों को हम लोग एक-दूसरे की मदद करने के लिए साथ में करते रहते हैं।
एक दिन स्कूल में टीचर-डे पर फंक्शन था, उस दिन हम लोगों को कोई काम नहीं होता.. तो हम सब स्कूल में ही पार्टी करते हैं।
उस दिन कुछ ऐसा हो गया.. जिसने मुझे अन्दर से हिला दिया। उस दिन शबनम ने बड़े ही सेक्सी कपड़े पहन रखे थे, लाल रंग की साड़ी और ब्लाउज पहना था जिसमें अन्दर काले रंग की ब्रा पहनी हुई थी जो पारदर्शी ब्लाउज के कारण मालूम हो रही थी।
मैं अपने ऑफिस से बाहर निकल रहा था और शबनम मेरे पास आ रही थी, अचानक वो मुझसे टकराई और गिरने लगी कि तभी मैंने उसे सम्भाल लिया.. पर उस समय मेरे हाथ उसकी कमर और उसके कंधों पर थे।
गिरने की वजह उसका आंचल नीचे गिर गया था.. जिससे उसका उसके पारदर्शी ब्लाउज से उसके उभार साफ़ दिखाई दे रहे थे।
अचानक गिरने की वजह से उस वक्त मेरे हाथ उसके कोमल और मखमली मम्मों पर जा पड़े। मैंने बड़े सेक्सी अंदाज से उसके चूचे को दबाते हुए उसको उठाया।
उस वक़्त शायद उसे भी कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा था। मैंने उसे उठाते हुए उसके गालों पर किस भी कर लिया और साथ में उसके होंठों को भी चूम लिया.. पर वो कुछ न बोली और न ही उसने मुझे ऐसा करने से मना किया। शायद उसको भी मेरे जिस्म की छुअन अच्छी लग रही थी।
मैं कुछ पलों तक उसके होंठों को चूमता रहा और उसकी कमर के अगल-बगल सहलाता रहा और फिर वहाँ से चला गया।
उसके दो दिन बाद मैं उससे दोबारा मिला.. तो पता नहीं क्यों.. मैंने उससे ‘सॉरी..’ बोला।
उसने कहा- सॉरी तो मुझे बोलना चाहिए.. इसमें तो आपकी कोई गलती नहीं थी, मुझे ही देख कर चलना चाहिए था।