मेरा नाम आदित्य है। मैं आगरा से हूँ। मेरे घर के पास एक लड़की रहती थी.. उसका नाम काजल है, मैं उसको रोज़ देखता था, कभी कभार उसे मिस काल भी करता था, मेरे पास उसका फ़ोन नम्बर था।
एक दिन में उसके घर गया क्योंकि काजल की माँ ने मुझको बुलाया था।
उसकी माँ मुझसे बोलीं- आदित्य तुम एक काम कर दोगे?
मैंने पूछा- क्या काम है आंटी जी?
वो बोलीं- तुम आज काजल को अपने साथ कॉलेज छोड़ देना।
मैं बोला- ओके आंटी।
पड़ोसन मस्त देसी गर्ल
मैं घर से दस बजे निकला और काजल के घर जाकर उसको आवाज दी- काजल चलो!
वो घर से निकली.. मस्त लग रही थी। उसने लाल रंग का सूट पहना हुआ था।
हम घर से निकल आए, रास्ते में काजल ने मुझसे बोला- आदित्य तुम ही मुझको मिस कॉल करते हो न?
मैं बोला- नो काजल.. मैंने तुमको कभी मिस कॉल नहीं की है।
काजल ने बोला- नहीं, मुझे मालूम है कि तुम ही मुझको मिस कॉल करते हो।
फिर मैं भी हँस कर बोला- हाँ, वो मिस कॉल करने वाला मैं ही हूँ।
इस तरह हमारी फ्रेंडशिप हो गई। काजल उस दिन कॉलेज नहीं गई, वो मेरे साथ ही बनी रही।
मैंने काजल का हाथ पकड़ा तो वो शरमाई ओर कुछ नहीं बोली। फिर कुछ देर घूमते-घामते कॉलेज का समय पास किया और हम दोनों घर पर वापस आ गए।
फिर 3-4 दिन हमारी बातें होती रहीं।
अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी
इसके बाद एक दिन काजल मेरे घर पर आई.. उस दिन मेरे घर पर कोई नहीं था। मैं कम्प्यूटर पर अन्तर्वासना पर कहानी पढ़ रहा था।
बिना आहट किए वो मुझे चुपचाप देख रही थी.. तभी मुझको लगा कि कोई आ गया है तो मैंने कहानी पढ़ना बंद कर दी।
जब देखा तो काजल थी।
मैं उसे देख कर एक बार तो चौंक गया कि ये मेरे घर कैसे आ गई।
मैंने काजल से पूछा- तुम कब आई?
तो उसने बोला- बस अभी-अभी आई हूँ। तुम क्या कर रहे हो?
मैं बोला- कुछ नहीं यार.. घर पर कोई था नहीं.. तो टाइम पास कर रहा था।
उसने मेरा कंप्यूटर खुला देखा तो उस पर अन्तर्वासना की साईट खुली देख कर बोली- आदित्य तुम बहुत गंदे हो.. ये क्या देख रहे हो?
यह बोल कर वो खुद अन्तर्वासना की उस हिंदी सेक्स स्टोरी को पढ़ने लगी।
मैं कुछ नहीं बोल सका।
वो अब तक पूरी कहानी पढ़ चुकी थी। उसका भी चुदाई का मन बन गया था। लेकिन वो कुछ बोल नहीं पा रही थी।
मैं बोला- काजल तुमने कहानी पढ़ ली है.. अब बोलो मन है?
उसने बोला- नहीं.. ये सब मैं नहीं कर सकती हूँ।
मैंने उससे फिर कहा- कुछ तो हो जाने दो। एक काम करो हम दोनों मिल कर एक दूसरी कहानी पढ़ते हैं।
उसने बोला- नहीं.. तुम ही करो, ये सब मुझको नहीं पढ़ना है।
मैंने काजल को बहुत बोला, फिर वो मान गई और हम दोनों एक सेक्सी स्टोरी को एक साथ पढ़ने लगे।
मैंने काजल की जाँघों पर हाथ रखा तो उसने कुछ नहीं कहा। इसका मतलब था कि काजल गर्म हो चुकी थी। इससे मेरी हिम्मत और बढ़ गई, मैं हाथ फेरता रहा।
अब काजल को मज़ा आ रहा था, मैंने काजल को चूमा तो वो मुझसे लिपट गई, बस हम दोनों एक दूसरे को चूमने और सहलाने लगे। मैंने उसके कपड़े उतार दिए वो केवल पेंटी और ब्रा में आ गई थी।
एक दिन में उसके घर गया क्योंकि काजल की माँ ने मुझको बुलाया था।
उसकी माँ मुझसे बोलीं- आदित्य तुम एक काम कर दोगे?
मैंने पूछा- क्या काम है आंटी जी?
वो बोलीं- तुम आज काजल को अपने साथ कॉलेज छोड़ देना।
मैं बोला- ओके आंटी।
पड़ोसन मस्त देसी गर्ल
मैं घर से दस बजे निकला और काजल के घर जाकर उसको आवाज दी- काजल चलो!
वो घर से निकली.. मस्त लग रही थी। उसने लाल रंग का सूट पहना हुआ था।
हम घर से निकल आए, रास्ते में काजल ने मुझसे बोला- आदित्य तुम ही मुझको मिस कॉल करते हो न?
मैं बोला- नो काजल.. मैंने तुमको कभी मिस कॉल नहीं की है।
काजल ने बोला- नहीं, मुझे मालूम है कि तुम ही मुझको मिस कॉल करते हो।
फिर मैं भी हँस कर बोला- हाँ, वो मिस कॉल करने वाला मैं ही हूँ।
इस तरह हमारी फ्रेंडशिप हो गई। काजल उस दिन कॉलेज नहीं गई, वो मेरे साथ ही बनी रही।
मैंने काजल का हाथ पकड़ा तो वो शरमाई ओर कुछ नहीं बोली। फिर कुछ देर घूमते-घामते कॉलेज का समय पास किया और हम दोनों घर पर वापस आ गए।
फिर 3-4 दिन हमारी बातें होती रहीं।
अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी
इसके बाद एक दिन काजल मेरे घर पर आई.. उस दिन मेरे घर पर कोई नहीं था। मैं कम्प्यूटर पर अन्तर्वासना पर कहानी पढ़ रहा था।
बिना आहट किए वो मुझे चुपचाप देख रही थी.. तभी मुझको लगा कि कोई आ गया है तो मैंने कहानी पढ़ना बंद कर दी।
जब देखा तो काजल थी।
मैं उसे देख कर एक बार तो चौंक गया कि ये मेरे घर कैसे आ गई।
मैंने काजल से पूछा- तुम कब आई?
तो उसने बोला- बस अभी-अभी आई हूँ। तुम क्या कर रहे हो?
मैं बोला- कुछ नहीं यार.. घर पर कोई था नहीं.. तो टाइम पास कर रहा था।
उसने मेरा कंप्यूटर खुला देखा तो उस पर अन्तर्वासना की साईट खुली देख कर बोली- आदित्य तुम बहुत गंदे हो.. ये क्या देख रहे हो?
यह बोल कर वो खुद अन्तर्वासना की उस हिंदी सेक्स स्टोरी को पढ़ने लगी।
मैं कुछ नहीं बोल सका।
वो अब तक पूरी कहानी पढ़ चुकी थी। उसका भी चुदाई का मन बन गया था। लेकिन वो कुछ बोल नहीं पा रही थी।
मैं बोला- काजल तुमने कहानी पढ़ ली है.. अब बोलो मन है?
उसने बोला- नहीं.. ये सब मैं नहीं कर सकती हूँ।
मैंने उससे फिर कहा- कुछ तो हो जाने दो। एक काम करो हम दोनों मिल कर एक दूसरी कहानी पढ़ते हैं।
उसने बोला- नहीं.. तुम ही करो, ये सब मुझको नहीं पढ़ना है।
मैंने काजल को बहुत बोला, फिर वो मान गई और हम दोनों एक सेक्सी स्टोरी को एक साथ पढ़ने लगे।
मैंने काजल की जाँघों पर हाथ रखा तो उसने कुछ नहीं कहा। इसका मतलब था कि काजल गर्म हो चुकी थी। इससे मेरी हिम्मत और बढ़ गई, मैं हाथ फेरता रहा।
अब काजल को मज़ा आ रहा था, मैंने काजल को चूमा तो वो मुझसे लिपट गई, बस हम दोनों एक दूसरे को चूमने और सहलाने लगे। मैंने उसके कपड़े उतार दिए वो केवल पेंटी और ब्रा में आ गई थी।