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हाई दोस्तों,

मेरा नाम शैलेश हे और मैं अभी बारवी में पड़ता हू | मेरा एक दोस्त था, जिसके पापा का इन्तेकाल हो चूका था करीब आठ साल पहले | में अक्सर उसके घर जाया करता था और आंटी से खूब सारी बातें किया करता था | एक दिन मेरे दोस्त को उसके स्कूल वाले पिकनिक पे ले गए थे चार दिन के लिए, मैं आपको एक बात नही बताई वो यह की वो मेरा दोस्त था पर एक साल छोटा था और दूसरे स्कूल में पढता था और हम दोनों की दोस्ती ऐसे ही हुई थी क्युकी हम दोनों अपने इलाके में एक साथ क्रिकेट खेलते थे |

उसके पिकनिक जाने के बाद मैं उसी दिन शाम को उसके घर गया ऐसे ही सोचा आंटी से कुछ बात कर लूँ और मैं जब उसके घर गया तो देखा की दरवाजा खुल्ला था और फिर मेने घंटी न बजाते हुए ही अंदर घुस गया और आंटी को आवाज़ देने लगा, आंटी ने मुझे जवाब में कहा की तुम बैठो में आती हूँ | आंटी बाथरूम गयी हुई थी और फिर कुछ देर बाद आई तो फिर आंटी मेरे पगल में बैठ गयी और फिर हम दोनों बात करने लग गए |

बातो बातो मैं आंटी के चुचो को देखने लगा क्युकी उनके चुचे हर रोज से आज बड़े लग रहे थे, आंटी ने मुझे देख लिया था की मेरी नजर कहा पे हे | कुछ पल के बात आंटी ने एक टाँगे अपने दूसरी तंग पे रख दी और बात करने लगी पर मेरी नजर बार बार आंटी के चुचो पे ही जा रही थी | आंटी उठी और बली समीर जरा यहाँ आओ तो और फिर आंटी अपने कमरे की तरफ जाने लगी | मैं उनके घर कमरे में गया और फिर उन्होंने कुंडी लगा दी और बोली मुझे पता हे तुम्हारा ध्यन कहा था और मैं चाहती हूँ की हम दोनों अपनी एक दूसरे की प्यास बुझा दे |

मैं सब समझ रहा था और फिर मेने आंटी को गले लगा लिया और उन्हें चूमने लगा और वो भी एक दम कस के मुझसे गले लगा गयी | मैं उनके होठो को चूसने लगा और वो भी चूसने लगी उसके बाद मेने उन्हें कपडे उतारने को कहा और फिर वो कपडे उतार के लेट गयी और मेने अपने सारे कपडे भी उतार दिए और फिर उनके उपर लेट गया | लेट के उनके होठ चूस रहा था और मेरा लंड उनके जांघों के बिच रगड रहा था |

मैं जल्दी जल्दी उनके निप्पल तक आ गया और उनके निप्पल चूसने लगा और वो एक दम से क्षमा गयी और मुझसे लिपट गयी | वो सिसकिय भरने लगी और मेरे सर पे हाथ फेरे जा रही थी | मैं उनके दोनों बड़े बड़े चुचो को कस कस के मसलते हुए निचे की तरफ बड़ा और उनकी चिकनी चुत पे हाथ फेरते हुए उनकी चुत की पंखडियो को खोल दिया | उनकी चुत एक दम गीली थी और उसमे चिप चिपाहट किस्म का पानी लगा गया था |

मैं उनके टांगो को उपर उठा दिया और फिर उनकी चुत के पंखडियो को खोल के उनके चुत को चाटने लग और वो एक दम से चीख पड़ी, क्युकी उन्हें आठ साल हो चुके थे चुदे | मैं उनकी चुत में कस कस के जीभ डाल के चाट रहा था और फिर एक एक दम से कराहते हुए झड गयी | मैं उठा और उनके टांगो को पूरा उपर कर दिया और फिर अपने लंड को उनकी चुत पे रख के रगड़ने लग गया | वो एक से तदपने लगी और बोली की प्लीज़ अब ऐसा मत करो, पहले से ही में आठ साल से चुदी नही हू, हर दिन लंड के लिए रोती रही हूँ और आज जब लंड मिली हे तो तुम ऐसा कर रहे हो, प्लीज़ ऐसा मत करो और मैं तुम्हारा एहसान कभी नही भूलूंगी प्लीज़ जल्दी से इस खुजली को मिटा दो |

मैं उनकी इस तड़प को जादा देर नही देख पाया और फिर उनके चुत के छेद पे लंड सटा के अंदर डाल दिया, लंड जाने में में तकलीफ हुई पर धीरे धीरे कर के चला ही गया और फिर मैं कस कस के धक्के लगाने लग गया | वो कस कस के चीखते हुए कराहने लग गयी और मैं लगातार उन्हें पेलता रहा, वो बिस्तर को नोचते हुए चीखती जा रही थी और फिर मैं झड़ने के लकीर पे आ गया तो उनसे कहा की झड़ने वाला हूँ तो वो बोली की अंदर ही रहने दो, इसी के लिए तो प्यासी हूँ तो फिर मैं कस कस धक्के देने लगा और वो एक दम से चीखने लगी तेज धक्को के कारण और मुझसे पहले वो झड गयी और कुछ पल बाद ही में झड गया |

झड़ने के बाद मैं उन्ही के उपर लेटा रह गया | आधे घंटे बाद हम दोनों उठे और उन्होंने मेरे लिए कुछ खाने के लिए बनाया और कह पी के एक और बार जम के चुदाई हुई | जब तक मेरा दोस्त नही आया, तब तक यही चला और उसके आने के बाद बहुत मुश्किल से उन्हें मैं और मुझे वो मिलती थी |
 
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