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चुदाई का सफर और करारा मुखमैथुन

हैल्लो मित्रों हमारा नाम मनीष खत्री है और में 25 साल का हूँ.. और में राजस्थान का रहने वाला हूँ। में इस साईट का आप ही की तरह एक रेग्युलर रीडर हूँ और में इस साईट पर कई सेक्सी कहानियाँ पढ़ चुका हूँ और हमें इस पर कहानियाँ पढ़ना बहुत अच्छा लगता है और में उम्मीद करता हूँ कि आप सभी को हमारी ये कहानी बहुत पसंद आएगी।

मित्रों ये बात तब की है जब हमने अपनी इंजिनियरिंग की पढ़ाई पूरी की थी और हमें एक नौकरी के लिए बेंगलोर से इंटरव्यू का कॉल आया था। अब हमने तत्काल में टिकिट लिया और में वहाँ पर जाने की तैयारी करने लगा। में उस समय जयपुर में था और जयपुर से बेंगलोर पहुंचने में लगभग 40 घंटे लगते है। इसके बाद अगले दिन शाम 7:40 की हमारी ट्रेन थी और में समय पर स्टेशन पहुंच गया और क्योंकि ट्रेन वहीं से शुरू होती है तो में आराम से ट्रेन में जाकर बैठ गया। हमारी सीट साईड में नीचे की थी और इसके बाद हमारे बैठने के थोड़ी देर में ट्रेन चल पड़ी.. हमने भी अपना समान ठीक से रख लिया और बैठ गया।

इसके बाद इतने में ट्रेन जयपुर के ही एक लोकल स्टेशन पर रुकी जिसका नाम दुर्गापुरा था। वहाँ से एक लड़की चड़ी और हमारी नज़रे तो वहीं पर रुक गयी और वह एकदम हॉट, सेक्सी उसके बाल खुले हुए थे और दिखने में 22-23 साल की लग रही थी और उसने सफेद कलर का कुर्ता और भूरे कलर का लोवर पहना था। उसकी हाईट कुछ हमारे बराबर ही होगी। उसके बाल उसके चहरे पर आ रहे थे और वह अपना बेग उठाए हमारी तरफ आ रही थी। अब हमने अपना हाथ थोड़ा साईड में कर लिया और सोचने लगा कि काश ये लड़की हमारी ही सीट पर आए और हुआ भी वही और वह हमारे पास वाली सीट पर आई और उसने अपना समान रख दिया और बैठ गयी और हेडफोन लगा कर गाने सुनने लगी।

अब हमारा लण्ड तो सातवें आसमान पर था.. लेकिन उसके फिगर का साईज़ तो में ठीक से नहीं बता सकता हूँ.. लेकिन उसके गोल गोल बड़े बड़े बूब्स जिसकी वजह से कुर्ता बहुत उठा हुआ सा था उसकी टांगे तो ऐसी थी मानो हाथ लगाया तो फिसल जाएगा। इसके बाद में उसे घूर रहा था कि इतने में उसने हमारी तरफ देखा और हमने नज़रे झुका ली। इसके बाद हमने सोचा कि बात करने की कोशिश करते है क्या पता लॉटरी लग जाए। अब हमने उससे पूछा कि आप कहाँ पर जावहगी? तो उसने कहा कि में बेंगलोर जा रही हूँ। ये सुनते ही हमारे मन में तो लड्डू फूटने लगे.. इसके बाद हमने बात करना शुरू की और हमें पता लगा कि उसका नाम मेघना है और वह भी वहीं पर एक इंटरव्यू देने जा रही है जहाँ पर में जा रहा हूँ। इसके बाद ठंड का मौसम था और रात की 9:00 बज चुकी थी। हमारी और उसकी बात बीच बीच में शुरू हो जाती.. इसके बाद उसने एक कंबल निकाला और अपने पैरों पर डालकर बैठ गयी और नोवल पड़ने लगी। इसके बाद में ये सोच चुका था कि चाहे कुछ भी हो इसको तो चोदना है और वैसे भी उसे भी मुझ में रूचि थी.. क्योंकि वह बार बार हमें नज़रे उठा उठाकर देख रही थी और हमने भी अपना कंबल निकाला और उसकी तरह बैठ गया और उसके कंबल में पैर डालने की कोशिश करने लगा क्योंकि हम आमने सामने बैठे थे। अपने कंबल की आड़ में हमने अपना पैर उसके कंबल में डाल दिया ताकि किसी को कुछ पता ना लगे और जैसे ही हमारा पैर उसके पैर से छुआ तो उसने एकदम से हमारी तरफ देखा और दो सेकण्ड देखने के बाद वह इसके बाद से नोवल पड़ने लगी.. ये हमारे लिए ग्रीन सिग्नल था। अब हमने अपना पैर उसके पैर से इसके बाद छुआ और उसने भी अपने पैर हमारे पैर की तरफ बड़ा दिया।

इसके बाद में अपने दोनों पैरो से उसके पैरों को रगड़ने लगा.. लेकिन उसके लोवर की वजह से ऊपर नहीं जा रहा था और इसके बाद थोड़ी देर तक ये सब चलता रहा और वह अपने नोवल की तरफ देखकर मुस्कुराती रही। इसके बाद अचानक वह उठने लगी हमने अपना पैर अपने कंबल में ले लिया वह उठी और उसने अपना बेग निकाला और उसमे से कुछ लेकर टॉयलेट की तरफ चली गयी। इसके बाद पांच मिनट बाद जब वह आई तो मुझसे मुस्कुराए बिना रहा नहीं गया। उसने अपने लोवर की जगह नीचे तक की एक स्कर्ट पहन ली थी.. मेडम उस दिन फुल मूड में थी। हमें लगा कि आज रात कुछ तो होगा.. लेकिन हमारे पास कंडोम नहीं था तो हमने फोन निकाला और अपने फ्रेंड को फोन किया जो कि कोटा में रहता था और गाड़ी 11.00 बजे कोटा पहुंचने वाली थी। हमने उसे कंडोम लाने को कहा और उसने कहा कि वह टाईम पर पहुँच जाएगा। सामान लेकर उसके बाद हम वापस वैसे ही बैठ गये।

तभी कुछ लोग सो चुके थे तो थोड़ा रिस्क काम था.. इसलिए हमने इस बार बड़े आराम से उसके कंबल में अपना पैर डाल लिया और इसके बाद से उसके पैरो को मसाज करने लगा। इसके बाद में उसी सीट पर लेट गया जिससे हमारे पैर आगे तक पहुंच सके और इसके बाद हमने उसकी जांघो को सहलाना शुरू किया। क्या बताऊँ क्या जांघे थी उसकी.. बिल्कुल मक्खन। हमारा पैर तो बार बार फिसल रहा था। इसके बाद हमने अपना पैर उसके दोनों पैरों के बीच में फंसा दिया और उसने एकदम ज़ोर की साँस ली.. शायद हमें लग रहा था कि उसने पेंटी भी नहीं पहनी थी अब हमारा पैर उसकी नंगी चूत पर था जिस पर हल्के हल्के बाल थे। जिसका हमें सिर्फ़ अहसास हो रहा था.. हमें तो बिल्कुल भी यकीन नहीं हो रहा था कि में उसकी चूत को अपने पैर से सहलाने लगा। तभी वह पागल होने लगी थी। उसने अपने हाथ से अपनी नोवल का पेज पूरा हाथ में लेकर फाड़ दिया शायद वह बहुत गरम हो चुकी थी और हमने भी कोई कसर नहीं छोड़ी और अपने पैर का अंगूठा उसकी चूत में डालने की कोशिश करता रहा। अब इतने में कोटा का स्टेशन आ गया। हम दोनों ने अपने आपको वहीं पर छोड़ दिया और में अपने फ्रेंड से मिलने नीचे उतर गया.. उसने हमें कंडोम का एक पॅकेट और एक कोल्डड्रिंक की बॉटल दी और उसने कहा कि हमने कोल्डड्रिंक में वहडका मिला दी है तू मस्त मजे करते हुए जा ट्रेन चलने वाली थी.. इसलिए हमने उसे थेंक्स कहा और अपनी सीट पर आकर बैठ गया।

जब में अपनी सीट पर पहुंचा तो मेघना ऊपर अपनी सीट पर जा चुकी थी। इसके बाद में सोचने लगा कि तभी क्या होगा? अब उसने मुझसे कहा कि आप प्लीज़ पर्दा लगा देंगे में समझ गया कि ये लोगो को दिखाने के लिए ऊपर चड़ी है और तभी ट्रेन चल चुकी थी और लगभग सभी लोग सो भी चुके थे। हमने भी अपनी साइड सिट के पर्दे लगाए और अपनी सीट पर बैठ गया और सभी लोगो ने अपनी अपनी सीट्स के पर्दे लगा लिए थे.. इसलिए रिस्क बहुत कम था। इसके बाद 2-3 मिनट बाद वह इसके बाद से नीचे आकर बैठ गयी और उसके आते ही हमने उसे चुम्बन कर लिया।

अब वह बोली कि आराम से अभी बहुत टाईम है डियर। इसके बाद हमने उसे कोल्डड्रिंक ऑफर की तो उसने मना कर दिया.. इसके बाद हमने उसे जब बताया कि इसमे वहडका है उसने झट से बॉटल ले ली और 1/3 खाली करके हमें दे दी। हम बहुत धीरे बातें कर रहे थे ताकि कोई सुन ना ले। इसके बाद हमने उस बॉटल को पूरा खत्म किया और उसे इसके बाद से अपनी बाहों में ले लिया और दो मिनट बाद हम दोनों चुम्बन करने लगे लेकिन हमारा तो छोड़ो वह हमारे होंठो ऐसे चूस रही थी जैसे कोई लण्ड को भी नहीं चूसता। हमारा चुम्बन 5-6 मिनट तक चलता रहा। इसके बाद में उसके बूब्स उसके कुर्ते के ऊपर से ही दबाने लगा। क्या बूब्स थे उसके जैसे वह हमारे हाथों के लिए ही बने हो.. ना ज़्यादा सॉफ्ट ना ज़्यादा टाईट.. बिल्कुल अच्छे गोल गोल बूब्स थे। अब मुझसे रहा नहीं गया और हमने उसका कुर्ता उतार दिया उसने काले कलर की ब्रा पहनी थी हमने उसकी ब्रा को भी उतार दिया और उसे वहीं पर लेटा दिया और खुद साईड में उसके ऊपर लेट गया।

हम दोनों नशे की वजह से भूल चुके थे कि हम ट्रेन में हैं। में उसके बूब्स को चूसने लगा.. उसके निप्पल उसके बूब्स पर बहुत अच्छे लग रहे थे। हमने उसके निप्पल को मुहं में लिया और उसे भी चूसने लगा और अपने दूसरे हाथ से उसके दूसरे बूब्स को दबाने लगा मेघना लंबी लंबी साँसे ले रही थी और कभी हमारे बालों को खींच रही थी और कभी हमारे सर को अपने बूब्स की तरफ दबा रही थी। अब में भी पूरे जोश के साथ उसके बूब्स को चूस रहा था। ऐसा मज़ा पहले कभी किसी के बूब्स चूसने में नहीं आया जो आज आ रहा था। में अपने दांतों से उसके निप्पल को काट रहा था और दूसरे हाथ से उसके दूसरे निप्पल को अपनी उंगलियों में मसल रहा था। वह तेज तेज आवाज़ निकालने लगी आहह आअहह अह्ह्हहरे यार प्लीज़ धीरे करो.. प्लीज़ चूसो बस आाह्ह्ह्हह और कर प्लीज़। अब हमने एकदम उसके मुहं पर हाथ रख दिया। थोड़ी देर तक यही चलता रहा इसके बाद वह हमारी टी-शर्ट को ऊपर करने लगी में समझ गया कि उसे क्या चाहिए और हमने अपनी टी-शर्ट उतार दी और हमने हम दोनों के ऊपर कंबल डाल लिया इसके बाद वह हमारे ऊपर आकर हमें चुम्बन करने लगी और इसके बाद हमारी छाती को चाटने लगी। में तो पागल हो रहा था इतने में वह हमारे लोवर में हाथ डालने लगी और उसने उसे बिना उतारे हुए हमारे लण्ड को बाहर निकल लिया। इसके बाद वह दो मिनट तक तो बस लण्ड को ही देखती रही और इसके बाद धीरे धीरे करके उसे अपने मुहं में डालने लगी और थोड़ी देर में वह उसे आईस्क्रीम की तरह चूसने लगी.. हमें लगा था कि इसे लण्ड ज़बरदस्ती चुसवाना पड़ेगा.. लेकिन वह तो बहुत तेज थी। हमारा लण्ड उसके मुहं में पूरा नहीं जा रहा था.. लेकिन वह लण्ड को पूरा पूरा लेने की पूरी कोशिश कर रही थी। इसके बाद उसने बहुत देर तक हमारा लण्ड चूसा और जब में झड़ने वाला था तो उसने अपने मुहं में ही झड़ने को कहा..मुखमैथुन की प्यास में वह सब पी गयी जैसे जन्मो की प्यासी हो और उसके बाद हमारे बॉल्स को मुहं में लेकर चाटने लगी वह अपनी पूरी जीभ हमारी बॉल्स पर बड़े प्यार से फैरने लगी और उन्हें चुम्बन भी करने लगी।

में तो जैसे जन्नत में था और में जानता था कि इतना मज़ा हमें इसके बाद लाईफ में कभी नहीं मिलेगा.. इसलिए हमने उस हर पल को एंजाय किया। उसने करीब आधे घंटे तक हमारे बॉल्स को चाटा और उसके बाद हमने उसे लेटाया और उसके बचे हुए सारे कपड़े उतार दिए और साथ साथ अपने भी उतार दिए। वह तो जैसे हर चीज़ के लिए पहले से ही तैयार थी। तभी वह सिर्फ़ पेंटी में थी और इसके बाद धीरे से हमने उसे भी उतार दिया.. क्या चूत थी उसकी? हल्के हल्के बाल थे उस पर.. ऐसा लग रहा था कि अभी कुछ दिन पहले ही साफ किए हो। अब हमने उसके लण्ड चूसने के तरीके से पता लगा लिया था कि ये तो पहले से ही कई लोगो से चुदी होगी.. लेकिन चूत देखने के बाद पता लगा कि में बिल्कुल गलत था और जब हमने उससे पूछा तो उसने बताया कि वह वर्जिन है।

में बहुत उत्तेजित था की आज तो हमें सील तोड़ने को मिलेगी और सबसे पहले में उसकी चूत से खेलने लगा। हमने अपनी एक उंगली उसकी चूत में ज़रा सी डालने की कोशिश की तो वह एकदम चीखने लगी तो हमने उसके मुहं पर हाथ रख दिया। इसके बाद में धीरे धीरे उसकी चूत को अपनी उंगली से खोलने लगा और इसके बाद हमने उसकी चूत को चाटना शुरू किया। में अपनी जीभ उसकी चूत में डालने लगा और उसकी चूत को चूसने लगा। वह तो हमें नोचने लगी और कहने लगी कि खा जाओ इसे.. पूरा खा जाओ छोड़ो मत साली बहुत परेशान करती है चूसो और ज़ोर से चूसो। में भी पूरे जोश में आ गया और ज़ोर से चूसने और उसकी चूत को काटने लगा। इसके बाद थोड़ी देर बाद वह चूत चुसाई और मुखमैथुन की वजह से झड़ गई और में भी उसके पेट पर सर रखकर लेट गया और उसके इसके बाद से गरम होने का इंतजार करने लगा।

इसके बाद 10 मिनट तक हम वैसे ही लेटे रहे और इसके बाद में उठा और उसे चुम्बन करने लगा। वह भी हमें चुम्बन करने लगी इसके बाद हमने उसे कहा कि तभी में तुम्हे चोदुंगा.. तुम्हे थोड़ा दर्द होगा लेकिन तुम चिल्लाना मत चाहे कुछ भी हो जाए.. तो उसने कहा कि आज तो चाहे जो भी हो जाए लेकिन में चुद कर ज़रूर रहूंगी। इसके बाद हमने उसे सीधा किया और और उसके पैरों को फैला कर अपने कंधो पर रख दिया.. हमारा लण्ड बिल्कुल सीधा खड़ा था और चूत में घुसने के लिए तड़प रहा था।

अब हमने कंडोम निकाला और उसे अपने लण्ड पर लगाने लगा.. इतने में मेघना ने हमें रोक लिया और कहा कि हमने सुना है कंडोम से इतना मज़ा नहीं आता। तुम प्लीज़ बिना कंडोम लगाए ही चुदाई करो और उसने कहा कि उसने पहले कभी भी सेक्स नहीं किया और बात रही बच्चा होने की तो वह टेबलेट खा लेगी। इसके बाद में मान गया और कंडोम को हटा दिया.. इसके बाद हमने अपने लण्ड पर थोड़ा तेल लगाया जो हमारे बेग में ही था और थोड़ा उसकी चूत पर भी लगाया.. इसके बाद हमने अपना लण्ड उसकी चूत पर रखा और धक्का मारने की कोशिश बार बार करने लगा.. लेकिन लण्ड हर बार थोड़ा सा जाकर फिसल कर बाहर आ जाता था। उसने अपनी आँखें बंद की हुई थी और हल्की हल्की आवाज़े आ रही थी। हमने इसके बाद से ट्राई किया.. इस बार हमने लण्ड अपने हाथ से उसकी चूत पर लगाया और लण्ड को पकड़े रहा और एकदम बिना कोई इशारा दिए एक ज़ोर का झटका मार दिया और उसके मुहं पर अपना हाथ लगा दिया वह बहुत ज़ोर से चीखी.. चीख इतनी तेज थी कि उसे हमारा हाथ भी नहीं दबा पाया।

अब हमारा आधे से ज़्यादा लण्ड अंदर जा चुका था। हमने ज़्यादा देर ना करते हुए दूसरा धक्का मारा और अपना पूरा लण्ड उसकी चूत में डाल दिया। वह मुझसे छूटने की कोशिश कर रही थी। इसके बाद हमने उसे थोड़ी देर उसी पोज़िशन में रखते हुए उसे चुम्बन किया और 5-10 मिनट बाद वह थोड़ी ठीक होना शुरू हुई। हमने भी इसके बाद धीरे धीरे चूत चुदाई करना शुरू किया। तभी तो वह भी अपनी कमर उठा उठाकर लण्ड लेने लगी और हमें अपनी और खींचकर हमारे चेहरे गले और होंठो पर चुम्बन करने लगी। वह इस तरह से उछल रही थी कि जिस तरह से कंगारू भागा करते है। इसके बाद उसने हमें नीचे लेटा दिया और खुद हमारे ऊपर आकर हमारे लण्ड को अपनी चूत में डाल कर घुड़सवारी करने लगी और चुदाई के पूरे मजे लेने लगी। इसके बाद थोड़ी देर तक ये सब चलता रहा और इसके बाद में उसकी चूत में ही झड़ गया। हम करीब 40 मिनट वैसे ही पड़े रहे और वह हमारे ऊपर थी और उसका एक बूब्स हमारे होंठो के ऊपर था।

इसके बाद हम दोनों उठे और हमने अपने अपने कपड़े पहने और इसके बाद उसने हमें एक जोरदार चुम्बन किया और थेंक्स बोला और इसके बाद हम दोनों सो अपनी अपनी जगह पर जाकर सो गये ।
 
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