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Desi kahani, antarvasna: काफी लंबे अरसे के बाद मैं अपने परिवार से मिलने के लिए जाता हूं मैं कोलकाता में नौकरी करता हूं और मेरी फैमिली जयपुर में रहती है। मैं काफी समय बाद उनसे मिलने के लिए जयपुर आया था मैं काफी सालों बाद घर लौट रहा था क्योंकि जब मैं कोलकाता गया तो कोलकाता में ही मैंने शादी कर ली थी और कोलकाता में ही मैं सेटल हो चुका था। मेरे और मेरे भाई के बीच बिल्कुल भी अच्छी नहीं बनती थी इसलिए मैं घर छोड़कर चला गया था लेकिन जब मैं वापस लौटा तो मेरे परिवार के सारे सदस्य सब बहुत खुश थे। जब मैं घर वापस लौटा तो पापा और मम्मी ने मुझे कहा कि बेटा तुम जयपुर में ही कोई काम कर लो लेकिन मैं कोलकाता वापस लौटना चाहता था क्योंकि कोलकाता में ही अब मैंने अपना बिजनेस शुरू कर लिया था। हालांकि उसके लिए मुझे बहुत ज्यादा मेहनत करनी पड़ी लेकिन समय के साथ सब कुछ ठीक होता चला गया और अब सब कुछ ठीक हो चुका है।

कुछ दिनों तक मैं अपने घर पर रुका तो घर में सब लोग बहुत ही खुश हुए लेकिन जब मैं कोलकाता वापस लौट गया तो पापा का मुझे फोन आया और उन्होंने कहा कि रजत बेटा तुम वापस घर आ जाओ। मैंने उन्हें कहा कि आप लोग मेरे पास कुछ समय के लिए कोलकाता आ जाइए पहले तो उन्हें मनाना बहुत ही मुश्किल था लेकिन फिर मैंने उन्हें मना लिया और अब मैं उन्हें अपने साथ कोलकाता ले आया। जब मैं उन्हें अपने साथ ले आया तो उसके बाद वह लोग मेरे साथ ही कोलकाता में रहने लगे और उन्हें भी अब कोलकाता में अच्छा लगने लगा था। भैया और भाभी का व्यवहार पहले से ही कुछ ठीक नहीं था इसलिए वह लोग भी जयपुर में अलग रहने लगे थे। भाभी के पिताजी एक बड़े बिजनेसमैन है इसलिए भाभी को लगता है कि वह पापा और मम्मी के साथ बिल्कुल भी एडजस्ट नहीं कर पाएंगे इस वजह से वह लोग अलग रहते हैं। भैया और भाभी के अलग चले जाने के बाद पापा और मम्मी घर पर अकेले हो गए थे इसलिए मैंने उन्हें अपने पास बुला लिया। जब वह लोग मेरे पास आ गए तो मैं काफी खुश था कि हम लोग घर आ चुके हैं और मेरे साथ रह रहे हैं मेरी पत्नी सुधा उनका बहुत ही अच्छे से ध्यान रखती है और मैं काफी खुश था कि सुधा उनका अच्छे से ध्यान रख पा रही है मेरे लिए तो यह बड़ी ही खुशी की बात थी।

मैं और सुधा एक दूसरे को उस वक्त मिले थे जब मेरी स्थिति बिल्कुल भी ठीक नहीं थी लेकिन सुधा ने मेरा हमेशा ही साथ दिया और शायद यह सब सुधा की वजह से ही हुआ है कि आज मैं एक अच्छे मुकाम पर हूं। मैं बहुत ज्यादा खुश हूं कि कम से कम आज मेरे जीवन में सब कुछ ठीक चल रहा है क्योंकि यह सब सुधा की वजह से ही सम्भव हो पाया है। एक समय ऐसा था जब मुझे लगने लगा था कि मैं पूरी तरीके से टूट चुका हूं क्योंकि मेरे पास पैसे भी नहीं थे और मैं काफी ज्यादा परेशान था लेकिन उस वक्त सुधा ने मेरा साथ दिया यदि सुधा मेरा साथ नहीं देती तो मैं अपना बिजनेस शुरू नहीं कर पाता। मेरा बिजनेस अब अच्छे से चल रहा है और मैं अपने काम से बहुत ही ज्यादा खुश हूं, समय बीता जा रहा था और पापा और मम्मी भी हम लोगों के साथ ही रहने लगे थे उन लोगों को हमारे साथ रहना ही अच्छा लगने लगा था। भैया से भी मेरी कभी कबार बात हो जाया करती थी लेकिन उनसे मेरी इतनी ज्यादा बात नहीं हो पाती थी। एक दिन मैंने सुधा से कहा कि मैं कुछ दिनों के लिए बाहर जा रहा हूं तो सुधा मुझे कहने लगी कि लेकिन तुम कहां जा रहे हो तो मैंने सुधा को बताया कि मैं कुछ दिनों के लिए मुंबई जा रहा हूं और वहां पर ही कुछ दिनों तक मैं रहूंगा। सुधा कहने लगी कि ठीक है परन्तु तुम वहां से कब वापस लौटोगे तो मैंने सुधा को बताया कि वहां से मैं जल्द ही वापस लौट आऊंगा। मैं वहां से कुछ दिनों में ही वापस लौटने वाला था और जब मैं मुंबई गया तो फ्लाइट में ही मेरी मुलाकात मेरे एक पुराने दोस्त के साथ हो गई।

जब मेरी मुलाकात उससे हुई तो मैं अपने दोस्त को मिलकर काफी खुश था मैं उस दिन दीपक को मिला तो मुझे काफी अच्छा लगा दीपक भी मुझसे मिलकर बहुत खुश था। वह मुझे कहने लगा देखो यह भी बड़ी अजीब बात है कि मैं कुछ दिनों के लिए कोलकाता आया हुआ था और तुम से भी मेरी मुलाकात हो गई। दीपक के बारे में मैं जानने के लिए बेहद उत्सुक था और मैं काफी खुश भी था। दीपक ने मुझे अपने शादीशुदा जीवन के बारे में बताया और वह मुझे कहने लगा कि मैं अब मुंबई में ही रहता हूं मैंने दीपक से कहा चलो यह तो बहुत ही अच्छी बात है। दीपक ने भी मेरे बारे में पूछा तो मैंने उसे अपने बारे में बताया, मैं और दीपक जब एयरपोर्ट पर पहुंचे तो दीपक ने मुझे अपना नंबर दिया और कहा कि तुम मुझे शाम के वक्त फोन करना। मैंने दीपक को कहा ठीक है मैं तुम्हें शाम के वक्त फोन करूंगा और उस दिन मैं जब मुम्बई पहुंचा तो मैंने दीपक को फोन किया दीपक मुझे कहने लगा मैं बस थोड़ी देर बाद ही तुम्हारे पास आता हूं। वह करीब एक घंटे बाद मेरे पास आ गया जब वह होटल में पहुंचा तो मैंने दीपक से कहा कि चलो आज हम लोग कहीं पार्टी करने चलते हैं तो दीपक कहने लगा कि ठीक है। हम लोग एक पब में चले गए और वहां पर हम दोनों साथ में बैठे हुए थे मैंने भी ड्रिंक का ऑर्डर किया और थोड़ी देर बाद ही ड्रिंक आ गई। जब ड्रिंक आई तो हम दोनों बातें करते करते ड्रिंक भी पी रहे थे और दीपक के बारे में जानकर मैं काफी खुश था।

दीपक ने मुझसे कहा कि रजत आज मुझे काफी अच्छा लग रहा है जो तुम इतने सालों बाद मुझे मिल रहे हो। हम दोनों को धीरे धीरे नशा होने लगा था इसलिए हम दोनों ने फैसला किया कि हम दोनों होटल में ही चलते हैं। मैं और दीपक होटल में चले गए दीपक ने कहा कि मैं अब चलता हूं मैंने दीपक से कहा कि थोड़ी देर तुम मेरे साथ रुक जाओ उसके बाद चले जाना तो दीपक कहने लगा कि ठीक है। थोड़ी देर तक दीपक वहीं बैठा हुआ था। मैने दीपक से कहा आज मेरा किसी के साथ सेक्स करने का मन था। मैने जब दीपक को कहा तो वह मुझे बोला अभी तुम्हारे लिए एक पटाखा माल का बंदोबस्त कर देता हूं। उसने मेरे लिए एक कॉल गर्ल को बुलाया जिसका नाम संजना है। वह बेहद ही सुंदर और छरहरे बदन की थी मै बहुत ज्यादा खुश था। दीपक उसके बाद होटल से जा चुका था और संजना मेरे पास बैठी थी। हम दोनो एक दूसरे से बात कर रहे थे मैंने अब संजना के स्तनों को दबाना शुरू किया। मै उसके रसीले होंठो को भी चूसने लगा था और वह अपने आपको बिल्कुल रोक नहीं पा रही थी। मैने अपने लंड को उसके सामने किया तो उसने मेरे लंड को अपने हाथों से हिलाना शुरू किया तो मुझे बड़ा मजा आ रहा था। जब वह ऐसा कर रही थी तो मेरे अंदर की आग बढने लगी थी। मुझे अब लगने लगा था मैं रह नहीं पाऊंगा। हम दोनों ही एक दूसरे के लिए बहुत ज्यादा तड़पने लगे थे। मैंने संजना से कहा मैं अब तुम्हारी चूत मारना चाहता हूं। संजना भी तैयार हो गई थी वह मेरे लिए बहुत तड़प रही थी। संजना ने मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू किया तो मुझे मजा आता और संजना ने मेरे लंड से पानी निकाल दिया था। मैंने संजना से कहा मैं तडप रहा हूं। मैने उसकी पैंटी ब्रा को उतारा तो वह मुझे बोली मेरी चूत मे खुजली है।

मैंने उसकी चूत को चाटना शुरु कर दिया था अब मैं जिस प्रकार से उसकी योनि को चाट रहा था उससे संजना की चूत पूरी तरीके से गरम हो रही थी और वह मुझे कहने लगी मेरे अंदर की आग को तुमने बहुत ज्यादा बढ दिया है। वह अब बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी। वह अपने पैरो को आपस मे मिलाती मैंने उसे कहा मैं भी रह नहीं पा रही हूं। संजना की गुलाबी चूत मेरे लिए तडप रही थी और मै समझ चुका था वह अब रह नहीं पाएगी। वह मुझे कहने लगी मेरे अंदर की आग को तुम पूरी तरीके से बढा चुके हो। मैंने संजना से कहा मैं तुम्हारी चूत में अपने लंड को घुसा देता हूं। मैंने जब अपने लंड को अंदर डाला तो उसकी टाइट चूत बडी लाजवाब थी। मै उसकी चूत पर प्रहार करने लगा वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है। संजना की कमाल चूत अब बहुत टाइट महसूस हो रही थी। मैंने संजना से कहा मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा है वह कहने लगी रह तो मैं भी बिल्कुल नहीं पा रही हू लेकिन तुम मुझे चोदते रहो।

मैंने संजना के दोनों पैरों को अपने कंधों पर रख लिया था अब मै उसे बहुत ज्यादा तेजी से चोद रहा था। मै उसे बहुत ही तेज गति से धक्के देने लगा था।

मै जिस प्रकार से उसे धक्के दे रहा था उस से मुझे बहुत मजा आता और मै उसे और भी तेजी से चोद रहा था। मुझे अब मजा आ रहा था। संजना मुझे अपने पैरों के बीच मे जकड रही थी तो मुझे बहुत मजा आता। संजना के अंदर की आग बढ़ने लगी थी। मैंने संजना से कहा मैं अब बिल्कुल भी रह नहीं पाऊंगा। मैंने संजना की कोमल चूत के अंदर अपने माल को गिरा दिया। वह पूरी तरीके से संतुष्ट हो गई थी मैं चाहता था मै दोबारा से संजना की चूत का मजा लूं। मैने संजना से अपने लंड को हिलाने के लिए कहा। वह मेरे लंड को अपने हाथो से हिलाने लगी थी। मैंने संजा की चूत के अंदर की तरफ लंड को डाल दिया था। जब मैंने संजना की चूत के अंदर लंड को डाला तो वह जोर से चिल्लाई। मेरा लंड संजना की चूत की जड तक जा चुका था वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है। मैं संजना की चूत पर तेजी से प्रहार किया। मै उसे तेजी से चोद रहा था अब मुझे बहुत मजा आ रहा था। जब मेरा लंड पूरा छिलकर बेहाल था तो मैने अपने माल को संजना की चूत में गिरा दिया था। रात भर चुदाई का मजा लेकर मै खुश था।
 
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