Chote Bhai Ka Bada Kaarnama
सभी पाठकों को मेरा नमस्कार। मेरा नाम विश्वास त्रिवेदी (उम्र २३) है और मैं झारखण्ड का रहने वाला हूँ। इस कहानी में मैंने अपने छोटे भाई सुदर्शन और हमारे पड़ोस में रहने वाली चाँदनी मौसी के बिच हुई रंगरेली के बारे में लिखा है।
मुझे बिलकुल यक़ीन नहीं हुआ था जब मैंने चाँदनी मौसी और मेरा छोटा भाई सुदर्शन का नंगा नाच देखा था। इधर मैं चूत मारने के लिए गाँव भर में लड़की ढूँढ रहा था और उधर सुदर्शन पड़ोस में रहने वाली मौसी को पटा चुका था।
मैं और पिताजी सुबह खेती करने जाते हैं। मेरा छोटा भाई सुदर्शन घर में रहकर माँ की घर काम में मदत करता है। हम सब घर में एक साथ दोपहर का भोजन करते हैं।
एक बार जब मैं सुरदर्शन के साथ बैठकर खाना खा रहा था, तब उसके कपड़े में से इत्र की महक आ रही थी। वही तरह का इत्र हमारा पड़ोसी सेठ राधेश्याम भी लगाता है।
मैं सोच रहा था कि हमारे घर में तो कोई इत्र की बोतल थी नहीं और सेठ राधेश्याम भला सुदर्शन को अपना इत्र क्यों देगा। मैं वह बात भूलकर पिताजी के साथ खेत पर चला गया।
अगले दिन, मैं क़रीब सुबह ११: ०० बजे घर के लिए खेत से निकला था क्यूँकि मैं दरांती घर पर ही छोड़ आया था। घर पहुँचने पर मैंने देखा कि माँ घर में नहीं थी। मैंने सुदर्शन को घर के पिछवाड़े की तरफ़ जाते देखा।
मैं उसके पीछे चला गया ताकि मैं उसे इत्र के बारे में पूछ सकू। मैंने देखा कि सुदर्शन कंपाउंड को लाँघकर पड़ोस के घर की ओर जा रहा था। मुझे ऐसा लगने लगा था कि शायद सुदर्शन सेठ राधेश्याम के घर घुसकर चुपके से इत्र लगाता होगा, इसलिए मैंने उसका पीछा किया।
पड़ोस के घर में घुसकर मैंने जो नज़ारा देखा उससे मेरा सर चक्राने लगा था। मैंने देखा कि सुदर्शन हमारी पड़ोस की चाँदनी मौसी की साड़ी उतार रहा था। चाँदनी मौसी भी खिलखिलाकर रेडियो पर आइटम नंबर सुनकर ठुमके लगा रही थी।
सुदर्शन ने साड़ी निकालकर चाँदनी मौसी को पीछे से जाकर जकड़ लिया। उसकी चड्डी पर अपना लंड दबाकर चाँदनी मौसी की उभरी हुई गाँड़ पर अपना लंड घिसने लगा। चाँदनी मौसी अपनी गोल-मटोल चूचियाँ हिला-हिलाकर नाच रही थी।
सुदर्शन ने आगे से अपने हाथ चाँदनी मौसी की चड्डी के अंदर घुसाकर उसकी चूत को रगड़ने लगा। मन तो मेरा भी कर रहा था उन दोनों के साथ शामिल होने का, लेकिन मुझे अपने छोटे भाई की मर्दानगी देखकर अपने आप पर शर्म आ रही थी। सुदर्शन चाँदनी मौसी की चूचियों को दबोचकर उन्हें मसल रहा था और मौसी अपने हाथ पीछे ले जाकर सुदर्शन की नंगी गाँड़ को दबाकार उसे उकसाह रही थी।
थोड़ी देर बाद, चाँदनी मौसी सुदर्शन के लंड पर ठुमके मारकर नाच रही थी और सुदर्शन मौसी की चुत्तड़ को थप्पड़ मारकर उसे उत्साहित कर रहा था। उन दोनों का नंगा नाच देखकर मेरा लंड लूँगी से बाहर आ गया था।
मैं चाँदनी मौसी की मोटी और गोरी गाँड़ को देखते हुए अपना लंड सहलाने लगा। कुछ देर बाद, सुदर्शन और चाँदनी भाभी जाकर पलँग पर आमने-सामने बैठ गए। चाँदनी मौसी सुदर्शन पर इत्र छिड़क रही थी।
सुदर्शन चाँदनी मौसी की मोटी लटकती चूचियों को एक-एक करके चूसने लगा। वह उसके निप्पल को खींचकर उसकी सिसकियाँ निकाल रहा था। चाँदनी मौसी अपने हाथों से सुदर्शन के लंड को तेज़ी से हिला रही थी।
कुछ देर बाद, सुदर्शन ने चाँदनी मौसी का सर पकड़कर आगे झुकाया और अपने लंड को उसके मुँह में घुसा दिया। चाँदनी मौसी सुदर्शन की कमर पकड़कर उसका लंड चूस रही थी। सुदर्शन ने आगे झुककर मौसी की पीठ पर हाथ घुमाते हुए उसकी चड्डी में हाथ घुसा दिया।
काफ़ी देर तक चाँदनी मौसी से अपना लंड चुसवाने के बाद सुदर्शन चाँदनी मौसी के होंठों की चुम्मियाँ लेने लगा। चाँदनी मौसी अपनी ब्रा-पैंटी में सुदर्शन के सामने बैठी थी। उसने चाँदनी मौसी को पलँग पर खड़ा कर दिया और उसके पैर फैला दिए।
सुदर्शन ने चाँदनी मौसी की चड्डी खींचकर उतार दी और तभी चाँदनी मौसी ने अपनी ब्रा भी उतार दी। सुदर्शन अपने मुँह को चाँदनी मौसी की झाँटों से भरी चूत के पास ले जाकर उसे चाटने लगा।
उसने चाँदनी मौसी के चुत्तड़ों को पकड़कर उसकी चूत के अंदर अपनी ज़ुबान घुसाने लगा। कुछ देर तक ऐसे करते रहने पर चाँदनी मौसी के पैर काँपने लगे थे। सुदर्शन ने चाँदनी मौसी की चूत की पँखुड़ियों को फैलाकर अपनी ज़ुबान अंदर घुसानी शुरू कर दी।
चाँदनी मौसी सिसकियाँ लेते हुए सुदर्शन के बाल खींच रही थी। सुदर्शन ने अपनी दो उँगलियों को चाँदनी मौसी की गाँड़ की छेद के अंदर घुसा दी। उँगलियों को अंदर-बाहर करते समय चाँदनी मौसी अपनी गाँड़ को उत्तेजना की वज़ह से झुलाने लगी।
उसकी चूत से पानी छूटने लगा था जो सुदर्शन ने चाटकर साफ़ कर दिया। अब सुदर्शन चाँदनी मौसी के पीछे जाकर बैठ गया। उसने चाँदनी मौसी की गाँड़ की दरार को अपने हाथों से फैलाया और गाँड़ की छेद चाटने लगा।
चाँदनी मौसी कामुकता से पागल होकर चीख़ने लगी थी। कुछ देर बाद, सुदर्शन ने चाँदनी मौसी की कमर पकड़कर उसे अपने मुँह पर बिठाया और ख़ुद पलँग पर लेट गया।
चाँदनी मौसी अपनी गाँड़ को सुदर्शन के मुँह पर ज़ोर-ज़ोर से दबाकर घिस रही थी। सुदर्शन का लंड सीधे खड़ा देखकर चाँदनी मौसी आगे झुक गई और लंड को चूसने लगी।
सुदर्शन ने अपनी ज़ुबान को चाँदनी मौसी की गाँड़ की छेद के अंदर घुसा दिया और चाँदनी मौसी उसपर अपनी गाँड़ उछालने लगी। सुदर्शन चाँदनी मौसी के चुत्तड़ों को फैलाकर गाँड़ की छेद को अंदर और बाहर से चाट रहा था।
चाँदनी मौसी सुदर्शन का काला लंड पूरा मुँह में डालकर चूस रही थी। सुदर्शन उठकर पलँग पर खड़ा हो गया और चाँदनी मौसी को भी अपने आगे खड़ा कर दिया। उसका तनकर खड़ा हुआ लंड चाँदनी मौसी की गाँड़ की दरार के अंदर घुस रहा था।
उसने चाँदनी मौसी को आगे झुकाया और अपने लंड को उसकी चूत के अंदर घुसा दिया। थोड़ा झुककर उसने चाँदनी मौसी की चूचियों को पकड़ लिया और उन्हें दबाने लगा। धीरे-धीरे चाँदनी मौसी की चूत के अंदर धक्के मारकर सुदर्शन ने चाँदनी मौसी की चुदाई करना शुरू कर दिया।
चाँदनी मौसी चिल्लाते हुए अपने हाथों से सुदर्शन की गाँड़ को दबा रही थी। उसका लंड चाँदनी मौसी की चूत में पूरा घुस रहा था। चाँदनी मौसी ने सुदर्शन की गोटियों को अपने हाथ में पकड़ लिया था।
उत्साह में आकर चाँदनी मौसी ने शायद सुदर्शन की गोटियों को दबा दिया होगा क्यूँकि सुदर्शन ज़ोर से चीख़ उठा। उसने गुस्से में आकर चाँदनी मौसी के चुत्तड़ पर थप्पड़ मार दिया। सुदर्शन चाँदनी मौसी की ज़ोरदार चुदाई करने लगा था।
उसने चाँदनी मौसी की कमर पकड़कर उसकी चूत के अंदर ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारना शुरू कर दिया। कुछ देर तक ज़ोरदार ठुकाई करने के बाद सुदर्शन पलँग पर लेट गया। उसने चाँदनी मौसी को अपने ऊपर चढ़ाकर लेटा दिया।
चाँदनी मौसी की चूचियों को पकड़कर सुदर्शन बारी-बारी से उसके निप्पल चूसने लगा। उसने अपने लंड को चाँदनी मौसी की गाँड़ की छेद के अंदर धीरे से घुसा दिया।
चाँदनी मौसी की चुत्तड़ों को फैलाकर उसने मौसी की गाँड़ मारनी शुरू की। ४-५ धक्कों के बाद, उसका पूरा लंड चाँदनी मौसी की गाँड़ में घुस गया था। चाँदनी मौसी सुदर्शन के लंड पर अपनी गाँड़ को उछाल रही थी।
थोड़ी देर और चाँदनी मौसी की गाँड़ मारने के बाद, सुदर्शन चाँदनी मौसी को पलँग पर लेटाकर उसकी छाती पर बैठ गया। चाँदनी मौसी के मुँह में अपना लंड घुसाकर उसे अंदर-बाहर करने लगा। मौसी अपनी उंगली को सुदर्शन की गाँड़ में घुसाकर उसे उकसा रही थी।
दोनों सिसकियाँ लेते हुए एक दूसरे को उत्साहित कर रहे थे। आखिरकार, सुदर्शन ने चाँदनी मौसी के मुँह के अंदर अपने लंड का पानी निकाल दिया। दोनों पलँग पर हाँफते हुए एक दूसरे को पकड़कर थोड़ी देर लेटे रहे। मैं बस उन दोनों की चुदाई देखकर केवल अपना लंड ही हिला पाया।
सभी पाठकों को मेरा नमस्कार। मेरा नाम विश्वास त्रिवेदी (उम्र २३) है और मैं झारखण्ड का रहने वाला हूँ। इस कहानी में मैंने अपने छोटे भाई सुदर्शन और हमारे पड़ोस में रहने वाली चाँदनी मौसी के बिच हुई रंगरेली के बारे में लिखा है।
मुझे बिलकुल यक़ीन नहीं हुआ था जब मैंने चाँदनी मौसी और मेरा छोटा भाई सुदर्शन का नंगा नाच देखा था। इधर मैं चूत मारने के लिए गाँव भर में लड़की ढूँढ रहा था और उधर सुदर्शन पड़ोस में रहने वाली मौसी को पटा चुका था।
मैं और पिताजी सुबह खेती करने जाते हैं। मेरा छोटा भाई सुदर्शन घर में रहकर माँ की घर काम में मदत करता है। हम सब घर में एक साथ दोपहर का भोजन करते हैं।
एक बार जब मैं सुरदर्शन के साथ बैठकर खाना खा रहा था, तब उसके कपड़े में से इत्र की महक आ रही थी। वही तरह का इत्र हमारा पड़ोसी सेठ राधेश्याम भी लगाता है।
मैं सोच रहा था कि हमारे घर में तो कोई इत्र की बोतल थी नहीं और सेठ राधेश्याम भला सुदर्शन को अपना इत्र क्यों देगा। मैं वह बात भूलकर पिताजी के साथ खेत पर चला गया।
अगले दिन, मैं क़रीब सुबह ११: ०० बजे घर के लिए खेत से निकला था क्यूँकि मैं दरांती घर पर ही छोड़ आया था। घर पहुँचने पर मैंने देखा कि माँ घर में नहीं थी। मैंने सुदर्शन को घर के पिछवाड़े की तरफ़ जाते देखा।
मैं उसके पीछे चला गया ताकि मैं उसे इत्र के बारे में पूछ सकू। मैंने देखा कि सुदर्शन कंपाउंड को लाँघकर पड़ोस के घर की ओर जा रहा था। मुझे ऐसा लगने लगा था कि शायद सुदर्शन सेठ राधेश्याम के घर घुसकर चुपके से इत्र लगाता होगा, इसलिए मैंने उसका पीछा किया।
पड़ोस के घर में घुसकर मैंने जो नज़ारा देखा उससे मेरा सर चक्राने लगा था। मैंने देखा कि सुदर्शन हमारी पड़ोस की चाँदनी मौसी की साड़ी उतार रहा था। चाँदनी मौसी भी खिलखिलाकर रेडियो पर आइटम नंबर सुनकर ठुमके लगा रही थी।
सुदर्शन ने साड़ी निकालकर चाँदनी मौसी को पीछे से जाकर जकड़ लिया। उसकी चड्डी पर अपना लंड दबाकर चाँदनी मौसी की उभरी हुई गाँड़ पर अपना लंड घिसने लगा। चाँदनी मौसी अपनी गोल-मटोल चूचियाँ हिला-हिलाकर नाच रही थी।
सुदर्शन ने आगे से अपने हाथ चाँदनी मौसी की चड्डी के अंदर घुसाकर उसकी चूत को रगड़ने लगा। मन तो मेरा भी कर रहा था उन दोनों के साथ शामिल होने का, लेकिन मुझे अपने छोटे भाई की मर्दानगी देखकर अपने आप पर शर्म आ रही थी। सुदर्शन चाँदनी मौसी की चूचियों को दबोचकर उन्हें मसल रहा था और मौसी अपने हाथ पीछे ले जाकर सुदर्शन की नंगी गाँड़ को दबाकार उसे उकसाह रही थी।
थोड़ी देर बाद, चाँदनी मौसी सुदर्शन के लंड पर ठुमके मारकर नाच रही थी और सुदर्शन मौसी की चुत्तड़ को थप्पड़ मारकर उसे उत्साहित कर रहा था। उन दोनों का नंगा नाच देखकर मेरा लंड लूँगी से बाहर आ गया था।
मैं चाँदनी मौसी की मोटी और गोरी गाँड़ को देखते हुए अपना लंड सहलाने लगा। कुछ देर बाद, सुदर्शन और चाँदनी भाभी जाकर पलँग पर आमने-सामने बैठ गए। चाँदनी मौसी सुदर्शन पर इत्र छिड़क रही थी।
सुदर्शन चाँदनी मौसी की मोटी लटकती चूचियों को एक-एक करके चूसने लगा। वह उसके निप्पल को खींचकर उसकी सिसकियाँ निकाल रहा था। चाँदनी मौसी अपने हाथों से सुदर्शन के लंड को तेज़ी से हिला रही थी।
कुछ देर बाद, सुदर्शन ने चाँदनी मौसी का सर पकड़कर आगे झुकाया और अपने लंड को उसके मुँह में घुसा दिया। चाँदनी मौसी सुदर्शन की कमर पकड़कर उसका लंड चूस रही थी। सुदर्शन ने आगे झुककर मौसी की पीठ पर हाथ घुमाते हुए उसकी चड्डी में हाथ घुसा दिया।
काफ़ी देर तक चाँदनी मौसी से अपना लंड चुसवाने के बाद सुदर्शन चाँदनी मौसी के होंठों की चुम्मियाँ लेने लगा। चाँदनी मौसी अपनी ब्रा-पैंटी में सुदर्शन के सामने बैठी थी। उसने चाँदनी मौसी को पलँग पर खड़ा कर दिया और उसके पैर फैला दिए।
सुदर्शन ने चाँदनी मौसी की चड्डी खींचकर उतार दी और तभी चाँदनी मौसी ने अपनी ब्रा भी उतार दी। सुदर्शन अपने मुँह को चाँदनी मौसी की झाँटों से भरी चूत के पास ले जाकर उसे चाटने लगा।
उसने चाँदनी मौसी के चुत्तड़ों को पकड़कर उसकी चूत के अंदर अपनी ज़ुबान घुसाने लगा। कुछ देर तक ऐसे करते रहने पर चाँदनी मौसी के पैर काँपने लगे थे। सुदर्शन ने चाँदनी मौसी की चूत की पँखुड़ियों को फैलाकर अपनी ज़ुबान अंदर घुसानी शुरू कर दी।
चाँदनी मौसी सिसकियाँ लेते हुए सुदर्शन के बाल खींच रही थी। सुदर्शन ने अपनी दो उँगलियों को चाँदनी मौसी की गाँड़ की छेद के अंदर घुसा दी। उँगलियों को अंदर-बाहर करते समय चाँदनी मौसी अपनी गाँड़ को उत्तेजना की वज़ह से झुलाने लगी।
उसकी चूत से पानी छूटने लगा था जो सुदर्शन ने चाटकर साफ़ कर दिया। अब सुदर्शन चाँदनी मौसी के पीछे जाकर बैठ गया। उसने चाँदनी मौसी की गाँड़ की दरार को अपने हाथों से फैलाया और गाँड़ की छेद चाटने लगा।
चाँदनी मौसी कामुकता से पागल होकर चीख़ने लगी थी। कुछ देर बाद, सुदर्शन ने चाँदनी मौसी की कमर पकड़कर उसे अपने मुँह पर बिठाया और ख़ुद पलँग पर लेट गया।
चाँदनी मौसी अपनी गाँड़ को सुदर्शन के मुँह पर ज़ोर-ज़ोर से दबाकर घिस रही थी। सुदर्शन का लंड सीधे खड़ा देखकर चाँदनी मौसी आगे झुक गई और लंड को चूसने लगी।
सुदर्शन ने अपनी ज़ुबान को चाँदनी मौसी की गाँड़ की छेद के अंदर घुसा दिया और चाँदनी मौसी उसपर अपनी गाँड़ उछालने लगी। सुदर्शन चाँदनी मौसी के चुत्तड़ों को फैलाकर गाँड़ की छेद को अंदर और बाहर से चाट रहा था।
चाँदनी मौसी सुदर्शन का काला लंड पूरा मुँह में डालकर चूस रही थी। सुदर्शन उठकर पलँग पर खड़ा हो गया और चाँदनी मौसी को भी अपने आगे खड़ा कर दिया। उसका तनकर खड़ा हुआ लंड चाँदनी मौसी की गाँड़ की दरार के अंदर घुस रहा था।
उसने चाँदनी मौसी को आगे झुकाया और अपने लंड को उसकी चूत के अंदर घुसा दिया। थोड़ा झुककर उसने चाँदनी मौसी की चूचियों को पकड़ लिया और उन्हें दबाने लगा। धीरे-धीरे चाँदनी मौसी की चूत के अंदर धक्के मारकर सुदर्शन ने चाँदनी मौसी की चुदाई करना शुरू कर दिया।
चाँदनी मौसी चिल्लाते हुए अपने हाथों से सुदर्शन की गाँड़ को दबा रही थी। उसका लंड चाँदनी मौसी की चूत में पूरा घुस रहा था। चाँदनी मौसी ने सुदर्शन की गोटियों को अपने हाथ में पकड़ लिया था।
उत्साह में आकर चाँदनी मौसी ने शायद सुदर्शन की गोटियों को दबा दिया होगा क्यूँकि सुदर्शन ज़ोर से चीख़ उठा। उसने गुस्से में आकर चाँदनी मौसी के चुत्तड़ पर थप्पड़ मार दिया। सुदर्शन चाँदनी मौसी की ज़ोरदार चुदाई करने लगा था।
उसने चाँदनी मौसी की कमर पकड़कर उसकी चूत के अंदर ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारना शुरू कर दिया। कुछ देर तक ज़ोरदार ठुकाई करने के बाद सुदर्शन पलँग पर लेट गया। उसने चाँदनी मौसी को अपने ऊपर चढ़ाकर लेटा दिया।
चाँदनी मौसी की चूचियों को पकड़कर सुदर्शन बारी-बारी से उसके निप्पल चूसने लगा। उसने अपने लंड को चाँदनी मौसी की गाँड़ की छेद के अंदर धीरे से घुसा दिया।
चाँदनी मौसी की चुत्तड़ों को फैलाकर उसने मौसी की गाँड़ मारनी शुरू की। ४-५ धक्कों के बाद, उसका पूरा लंड चाँदनी मौसी की गाँड़ में घुस गया था। चाँदनी मौसी सुदर्शन के लंड पर अपनी गाँड़ को उछाल रही थी।
थोड़ी देर और चाँदनी मौसी की गाँड़ मारने के बाद, सुदर्शन चाँदनी मौसी को पलँग पर लेटाकर उसकी छाती पर बैठ गया। चाँदनी मौसी के मुँह में अपना लंड घुसाकर उसे अंदर-बाहर करने लगा। मौसी अपनी उंगली को सुदर्शन की गाँड़ में घुसाकर उसे उकसा रही थी।
दोनों सिसकियाँ लेते हुए एक दूसरे को उत्साहित कर रहे थे। आखिरकार, सुदर्शन ने चाँदनी मौसी के मुँह के अंदर अपने लंड का पानी निकाल दिया। दोनों पलँग पर हाँफते हुए एक दूसरे को पकड़कर थोड़ी देर लेटे रहे। मैं बस उन दोनों की चुदाई देखकर केवल अपना लंड ही हिला पाया।