ठंड मे गर्मी का एहसास करवाया

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Antarvasna, hindi sex story: आखिरकार घूमने की योजना से सब लोग सहमत हो चुके थे यह मेरा ही बनाया हुआ प्लान था कि सब लोग घूमने के लिए चलेंगे। हम लोग पहाड़ों की रानी शिमला में घूमना चाहते थे शिमला मैं हर वर्ष घूमने के लिए जाता हूं और ना जाने शिमला मेरी जिंदगी में क्यों इतना महत्वपूर्ण है। शायद यह इस वजह से भी हो सकता है कि मैंने अपनी जिंदगी में पहली बार प्यार का इजहार शिमला में ही किया था उस वक्त मेरी उम्र महज 25 वर्ष की थी और हम लोग अपने ऑफिस की तरफ से घूमने के लिए शिमला गए हुए थे। मैं एक अच्छी नौकरी में था और जब हम लोग शिमला गए तो हमारे साथ में काम करने वाली मीरा जिसकी अब शादी हो चुकी है और उसकी शादी में मैं भी गया था लेकिन वह मेरे दिल को इतना भाई की मैंने मीरा को अपने दिल की बात कह दी।

मीरा को अपने दिल की बात कहना इतना आसान भी नहीं था क्योंकि वह बड़ी सीधी साधारण सी लड़की थी लेकिन मैंने मीरा को अपने दिल की बात कह दी फिर वह भी मना ना कर सकी क्योंकि मैं भी एक हैंडसम लड़का जो था और लड़कियां मेरे पीछे पागल थी। मैंने अपने प्यार के इजहार के लिए मीरा को ही चुना मीरा और मैंने शिमला के उन वादियों में अपने प्यार का लुप्त उठाया। हम दोनों ऑफिस में लैला मजनू के नाम से मशहूर हो चुके थे सब लोगों को यही लगता था कि मेरी और मीरा की शादी हो जाएगी लेकिन ऐसा हो ना सका क्योंकि मीरा अपने घर वालों के आगे बेबस थी और मैं एक दूसरी जाति का था जो कि उसके पिताजी को बिल्कुल भी मंजूर नहीं था। उसके पिताजी ने साफ तौर पर मना कर दिया था कि तुम कभी भी मीरा के बारे में मत सोचना। मीरा भी भला क्या करती मीरा तो एक लाचार लड़की थी जो अपनी बात को अपने पिताजी को कहने के बाद भी अपने पिताजी की बात मान गई और उसने मुझसे अपने सारे रिश्ते खत्म कर लिए। मुझे तो यकीन ही नहीं हुआ कि मीरा ने मेरे साथ ऐसा किया उसने एक ही झटके में मेरे प्यार को भुला दिया और ऐसा लगा कि जैसे वह मुझे पहचानती ही नहीं है। उसने भी ऑफिस आना बंद कर दिया था और मैं उसका इंतजार करता कि क्या पता वह ऑफिस आएगी लेकिन वह ऑफिस ही नहीं आई उसके बाद मुझे मालूम पड़ा कि उसकी शादी होने वाली है।

मैं इस बात से बहुत दुखी हुआ और मैंने भी वह ऑफिस छोड़ दिया कुछ समय तक मैं घर पर ही रहा क्योंकि प्यार की चोट दिल पर लगी थी उसे भुलाने में कुछ दिन तो लगने हीं वाले थे। उसी के चलते मैं घर पर था अब मैं मीरा की यादों को अपने दिल से भुला चुका था और मैंने एक विदेशी कंपनी में इंटरव्यू दिया तो वहां पर मेरा सिलेक्शन हो गया। मेरा सिलेक्शन होते ही मैं वहां जॉब करने के लिए चला गया जिस कंपनी में मेरा सिलेक्शन हुआ उसमें अच्छे अच्छे लोगों का सिलेक्शन नहीं हो पाता था। मेरे कुछ दोस्त मुझसे ईर्ष्या भी करने लगे थे उनकी ईर्ष्या भी जायज थी क्योंकि मेरा जिस कंपनी में हुआ था वहां पर लोग कई सालों तक मेहनत करते हैं लेकिन आसानी से हो नहीं पाता। मेरे भाग्य में शायद उस कंपनी में नौकरी करना लिखा था और मैं अब न्यूजीलैंड में ही नौकरी करता था लेकिन साल में मुझे एक महीने की छुट्टी तो मिलती ही थी और उस दौरान मैं अपने शहर दिल्ली आ जाया करता था। जब मैं दिल्ली आता तो मुझे मीरा की बहुत याद आती और इतने वर्षों बाद मैंने अपने दोस्तों के साथ मिलकर शिमला जाने का प्लान बनाया तो कुछ पुरानी यादें दोबारा से ताजा होने लगी थी। मेरे दोस्त कहने लगे की लगता है तुम्हें मीरा की याद आती है, मैंने अब तक शादी नहीं की थी और मैं कुंवारा था मेरी उम्र 33 वर्ष हो चुकी है और मेरे सारे दोस्तों की शादी हो चुकी है लेकिन मैंने अब तक शादी नहीं की जिस वजह से मेरे दोस्त कई बार मुझे कहते हैं कि तुम्हे अब शादी कर लेनी चाहिए। मेरे पास किसी भी चीज की कोई कमी नहीं है और मेरी तनु भाभी किसी बड़े अधिकारी से कम नहीं है लेकिन ना जाने मुझे क्यों कोई लड़की पसंद ही नहीं आती। मैं शादी के बारे में अपने दिमाग से ख्याल ही निकाल चुका हूं मेरे माता-पिता भी इस बात से बहुत परेशान रहते हैं। अब हम लोगों ने घूमने का प्लान शिमला का बना ही लिया था तो मेरे सारे दोस्तो के साथ उनकी पत्नी भी थी।

हम लोगों ने जिस ट्रैवल एजेंट के माध्यम से गाड़ी बुक करवाई थी उसने एक और ग्रुप को हमारे साथ ही बैठा दिया था क्योंकि बस में 40 लोग तो आ ही जाते हैं। 20 लोग हमारे ग्रुप के थे और 20 लोग दूसरे ग्रुप के थे। मेरे बगल में बैठी हुई लड़की जो कि मुझे बार-बार देख रही थी उसकी उम्र मुझसे सात आठ बरस छोटी रहीं होगी लेकिन ना जाने वह मुझे क्यो अच्छी लगी वह भी घूमने के लिए शिमला जा रही थी। मैंने उसे पूछ लिया कि आप शिमला अकेले जा रही हैं तो वह कहने लगी मुझे अकेले घूमने का बहुत शौक है और मैं जहां भी घूमने के लिए जाती हूं वहां अकेले चली जाती हूँ। वह कहने लगी मुझे घूमने का बहुत शौक है मुझे बहुत अच्छा लगता है कि मैं नई नई जगह घूमने के लिए जाऊं। मैंने उसका नाम पूछा तो उसका नाम रचना है रचना कहने लगी मैं शिमला दूसरी बार आ रही हूं मैंने रचना से कहा तुम इससे पहले शिमला कब आई थी। वह कहने लगी मैं शिमला आज से दो साल पहले आई थी लेकिन उस वक्त मैं पूरी फैमिली के साथ शिमला आई थी। वह मुझसे पूछने लगी आप क्या करते हैं मैंने उसे अपना परिचय दिया तो वह कहने लगी आप तो बहुत अच्छी नौकरी करते हैं। उसने मुझसे पूछा आपकी तो शादी हो चुकी होगी मैंने उसे कहा नहीं मेरी अभी शादी नहीं हुई है।

मेरी रचना से अच्छी बातचीत होने लगी थी तो वह भी मेरे बारे में जानना चाहती थी और मैं भी रचना के बारे में जानना चाहता था शायद हम दोनों का भाग्य ही था जो हम दोनों को मिलाना चाहता था। रचना की जिंदगी भी मेरी तरह ही थी जब उसने मुझे अपने बारे में बताया तो मुझे ऐसा लगा कि शायद उसकी जिंदगी और मेरी जिंदगी में समानताएं हैं इसलिए वह मुझे अच्छी लगने लगी। हम दोनों के बीच अच्छी दोस्ती हो गई मैंने रचना को अपने बारे में बताया तो वह कहने लगी मेरा भी एक बॉयफ्रेंड था लेकिन हम दोनों का ब्रेकअप हो गया हम दोनों एक दूसरे से अलग हैं मुझे कई बार ऐसा लगता है कि उसने मेरे साथ गलत किया लेकिन उसके बावजूद मैं अपनी जिंदगी में आगे बढ़ने की कोशिश करती हूं और मुझे इस बात की खुशी है कि मैं अपनी जिंदगी में आगे बढ़ पाई हूं। मैंने जब रचना को अपने और मीरा के बारे में बताया तो वह कहने लगी आपकी ज़िंदगी भी बिल्कुल मेरी तरह ही है। हम लोग शिमला पहुंच चुके थे और गाइड हमें शिमला पहुंचकर कहने लगे आप लोगों को मैं आपके होटल में पहुंचा देता हूं उसके बाद आप लोग तैयार हो जाएगा। हम लोग अपने अपने कमरे में चले गए और तैयार होकर जब हम लोग बाहर मिले तो मैं रचना की तरफ देख रहा था और रचना भी मेरी तरफ देख रही थी हम लोग साथ में ही थे। मुझे रचना का साथ मिल चुका था और रचना भी बहुत खुश थी। हम दोनों ही एक दूसरे से खुलकर बात कर रहे थे। रचना और मै जैसे एक दूसरे को दिल ही दिल चाहने लगे थे मैंने रचना से अपने दिल की बात का इजहार कर ही दिया तो रचना मुझे ना न कह सकी और उसने मुझे गले लगा लिया शायद उसके दिल में मेरे लिए कुछ तो चल रहा था। अब हम दोनों एक हो चुके थे रचना मेरे रूम में आई मै अपने रूम में बैठा हुआ था।

हम दोनों बैठ कर बातें करने लगे तभी मेरी नजर रचना की कोमल और मुलायम जांघो पर पड़ी तो मैंने उसकी जांघों को सहलाना शुरु कर दिया जब मैं उसकी जांघों को सहला रहा था तो वह भी अपने आपको शायद रोक नहीं पाई। जब वह मेरी बाहों में आई तो मैंने भी उसके होंठो को चूसना शुरू कर दिया उसके होठों को जब मै चूस रहा था तो मुझे भी बहुत अच्छा लगता। मैंने उसके होठों को काफी देर तक किस किया जिसके बाद रचना बिस्तर पर लेट गई थी। मैंने उसके स्तनों को दबाना शुरू किया तो वह भी उत्तेजित होने लगी मैं उसके स्तनों को बड़े अच्छे से दबा रहा था मुझे उसके स्तनों को दबाने में बड़ा आनंद आता। काफी देर तक ऐसा करने के बाद अपने आपको ना रोक पाए वह मुझे कहने लगी मेरे कपड़े उतार दो। मैंने रचना के कपड़े उतारे और अपने कपड़े भी उतार दिए। मौसम काफी ज्यादा ठंडा हो रहा था जब मैंने रचना के स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू किया तो वह मचलने लगी। मैंने जब उसकी चूत पर अपनी जीभ को लगाया तो वह पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुकी थी मैंने अपने मोटे लंड को बाहर निकाला तो वह मेरे लंड को अपने हाथों से सहलाने लगी।

उसके अंदर की उत्तेजना पूरी तरीके से बढने लगी थी जैसे ही मैंने अपने लंड को उसकी योनि के अंदर घुसाया तो वह पूरी तरीके से उत्तेजित हो गई थी। मेरा लंड उसकी योनि के अंदर समा चुका था मेरा लंड उसकी चूत की दीवार से टकराने लगा था। जिस प्रकार से मै उसकी चूत मारता उससे मुझे भी मजा आ रहा था और वह भी पूरी तरीके से आनंदित होती। काफी देर तक मेरे और रचना के बीच संबंध बनते रहे लेकिन जब उसकी योनि से कुछ ज्यादा ही पानी बाहर निकलने लगा तो मुझे एहसास हो चुका था कि वह झड़ चुकी है और वह पूरी संतुष्ट हो चुकी है। कुछ देर बाद उसने मुझे अपने दोनों पैरों के बीच में जकड लिया। जब उसने मुझे अपने दोनों पैरों के बीच मे जकड़ा तो उससे मैं खुश हो चुका था और मुझे बढ़ा ही मजा आया। मैंने अपने वीर्य को उसकी योनि के अंदर गिरा दिया उसकी योनि के अंदर मेरा वीर्य जाते ही। वह मुझे कहने लगी आदर्श मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि तुम्हारे रूप में मुझे एक अच्छा जीवनसाथी मिलेगा मैंने उसे कहा हां रचना क्यों नहीं लेकिन मेरी किस्मत खराब थी रचना भी मुझे छोड़ कर चली गई और उसकी यादें मेरे दिल में अब तक ताजा है।
 
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