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Bhabhi sex stories, kamukta हमारे परिवार के बीच बहुत प्यार और प्रेम है हम दोनों भाइयों के बीच बहुत ज्यादा प्यार है और मैं अपने भैया ललित की बहुत ज्यादा इज्जत करता हूं वह हमेशा मुझसे ही सलाह मशवरा करते हैं और मुझे बहुत अच्छा लगता है मेरी भाभी सुमन भी बहुत अच्छी हैं वह परिवार को बहुत अच्छे से संभालती हैं। मेरे माता-पिता अब बुजुर्ग हो चुके हैं लेकिन हम सब लोग उनकी बहुत देखभाल करते हैं मेरे दो छोटे बच्चे हैं और भैया के भी दो ही लड़के हैं घर में बच्चों की बहुत शरारत होती रहती है और काफी शोर शराबा भी होता है। एक दिन जब भैया ने मुझे कहा कि हम लोग शिमला घूमने का प्लान बनाते हैं तो मैंने भैया से कहा आजकल तो बहुत काम है तो वहां कैसे जा सकते हैं भैया कहने लगे काम तो हमेशा होता ही रहेगा लेकिन कुछ दिनों के लिए हम लोग वहां घूम आते हैं।

भैया के इस प्रकार मुझसे कहने पर मैंने भी सोचा चलो कुछ दिनों के लिए शिमला हो आते हैं हम लोगों ने शिमला जाने का पूरा प्लान बना लिया हम लोग अपनी गाड़ी से ही शिमला जाने वाले थे। मैंने भैया से पूछा कि वहां कितने दिनों तक हम लोग रहने वाले हैं तो भैया कहने लगे कि वहां पर हम लोग तीन-चार दिन तो रुकेंगे मैंने भैया से कहा ठीक है तो फिर हम लोग वहां चलते हैं। हम लोग अब शिमला जाने की पूरी तैयारी करने लगे हमने अपना सामान पैक कर लिया था और जब हम लोग शिमला के लिए घर से निकले तो मेरी पत्नी और भाभी ने सुबह ही दोपहर का खाना बना लिया था। हम लोग दिल्ली से सुबह निकल चुके थे और दोपहर के वक्त हम लोगों ने एक जगह गाड़ी को रोका और वहां पर खाना खाया वहां पर काफी अच्छा माहौल था और वहां पर कुछ और लोग भी रुके हुए थे हम लोगों ने वहीं पर साथ में खाना खाया और उसके बाद हम लोग वहां से आगे चल पड़े। हम लोग जैसे ही शिमला पहुंचे तो शिमला की वादियों में हम लोगों को बहुत अच्छा लगा मौसम भी काफी अच्छा था मैंने भैया से कहा मौसम तो काफी अच्छा हो रहा है। भैया कहने लगे इसीलिए तो मैंने तुम्हें कहा था हम लोग कुछ दिनों के लिए शिमला हो आते हैं बच्चे भी काफी खुश थे क्योंकि बच्चों के भी स्कूल की छुट्टियां थी तो इसलिए मुझे कोई दिक्कत नहीं थी और ना ही शोभिता को कोई परेशानी थी।

मेरी पत्नी शोभिता बहुत खुश थी काफी समय बाद हम लोग घर से कहीं बाहर घूमने के लिए आए थे मेरी पत्नी कहने लगी कि इतने समय बाद हम लोग घर से कहीं बाहर घूमने के लिए निकले हैं आपको वह समय तो याद है जब हम लोग अपनी शादी के बाद घूमने के लिए नैनीताल गए थे। मैंने अपनी पत्नी से कहा हां मुझे वह याद है हम लोगों ने वहां पर खूब इंजॉय किया था आज हम लोग शिमला आए हैं तो यहां पर भी हम लोग खूब मस्तियां करेंगे। मेरी पत्नी कहने लगी मुझे तो नैनीताल का टूर आज भी याद आता है हम लोग आपस में बात कर रहे थे तभी मेरी भाभी भी आ गए और वह कहने लगी तुम दोनों क्या बात कर रहे हो तो मेरी पत्नी ने उन्हें बताया कि हम लोग अपने शादी के बाद का टूर याद कर रहे थे। भाभी कहने लगे हां मैंने उसकी फोटो देखी थी और उस वक्त तुमने भी तो मुझे बताया था कि तुम लोगों ने कितना इंजॉय किया लेकिन इतने सालों बाद साथ में आना बहुत अच्छा लग रहा है। तभी ललित भैया भी आ गए और हम सब लोग आपस में बात कर रहे थे बच्चे खेलने के लिए चले गए वह होटल के बाहर लॉन में खेल रहे थे मैंने भैया से कहा आज तो हम लोग आराम करते हैं कल घूमने के लिए चलेंगे। भैया कहने लगे ठीक है आज हम लोग होटल में ही आराम कर लेते हैं हम सब ने रात का डिनर साथ किया और उसके बाद हम लोग साथ में बैठे हुए थे लेकिन उस रात एक अजीब बात हुई भाभी ने मुझे जब यह बात बताई की भैया ने दुकान के कागज गिरवी रखे हैं तो मैं यह सुनकर बहुत शॉक्ड हो गया। मैंने उस वक्त भैया से कुछ नहीं कहा क्योंकि मुझे उस वक्त भैया से यह कहना ठीक नहीं लगा लेकिन उन्होंने मुझसे कुछ भी नहीं कहा था। हम लोग जब शिमला में थे तो हम लोगों ने काफी एंजॉय किया और वहां पर हमारे बच्चे भी बहुत खुश थे मैंने अपनी पत्नी शोभिता के साथ भी अच्छा समय बिताया।

जब हम लोग वहां से वापस दिल्ली लौट आये तो मैंने भाभी से पूछा कि क्या भैया ने दुकान की कागज गिरवी रखे हैं तो उन्होंने कहा हां तुम्हारे भैया ने दुकान के पेपर गिरवी रखे हैं और उसके बदले उन्होने कुछ पैसे ले लिए हैं। मैं इस बात से पूरी तरीके से चौक गया क्योंकि मुझे इस बारे में कुछ भी मालूम नहीं था। मैंने जब भैया से इस बारे में पूछा तो भैया ने बात को टालने की कोशिश की और कहा तुम्हारी भाभी तो कुछ भी कहती रहती है मैंने भैया से कहा भैया भाभी कभी भी झूठ नहीं कहते आप मुझसे कुछ छुपा रहे हैं। भैया ने मुझे कुछ नहीं बताया वह कहने लगे ऐसा कुछ भी नहीं है तुम बेवजह की टेंशन ले रहे हो मैंने सोचा भैया से इस बारे में पूछ कर कोई मतलब नहीं है मैंने इस बारे में जानने की कोशिश की तो मुझे मालूम पड़ा कि उन्होंने दुकान के पेपर गिरवी रखे हैं और उसके बदले में उन्होने कुछ पैसे लिए थे। मैं इस बात से पूरी तरीके से चौक गया मेरी टेंशन की वजह यह थी कि भैया ने मुझे नहीं बताया परन्तु उन्होंने पैसे क्यों लिए थे घर में तो ऐसी कोई जरूरत नहीं थी और ना ही भैया को पैसों की आवश्यकता थी लेकिन ना जाने भैया ने वह पैसे क्यों लिए। मैंने जब इस बारे में पता करवाया तो मुझे मालूम पड़ा भैया ने दुकान के पेपर एक सुनार के पास गिरवी रखे हैं और उसके बदले उन्होंने उनसे कुछ पैसे लिए हैं मैंने जब उस सुनार से बात की तो मुझे मालूम पड़ा कि भैया ने वहां से पैसे लिए थे। मैंने जब भैया से इस बारे में पूछा तो भैया को सब कुछ मुझे बताना पड़ा मैंने भैया से पूछा आखिरकार आपने क्यों पैसे लिए और मुझे भी नहीं बताया।

भैया मुझे कहने लगे दरअसल कुछ समय पहले मेरे पास कुछ लोगों ने दुकान खरीदने की बात की और मुझे उस वक्त पैसों की जरूरत थी तो मैंने सोचा कि यह दुकान बिक जाएगी तो मैं उनसे कुछ पैसे ले लूंगा फिर मैंने उनसे वह पैसे ले लिए लेकिन मैंने जिस व्यक्ति को वह पैसे दिए थे उसने मुझे पैसे लौटाने से मना कर दिया और वह मुझे पैसे ही नहीं दे रहा है। मैंने भैया से कहा तो फिर क्या आपको यह दुकान बेचने की नौबत आ गई है तो भैया कहने लगे नहीं मैंने इसे बेचने के बारे में सोचा तो जरूर था लेकिन फिर मुझे लगा दुकान को बेच कर कोई फायदा नहीं है इसलिए मैंने उस सुनार से पैसे ब्याज पर ले लिए लेकिन जिस व्यक्ति को मैंने वह पैसे दिए थे वह मेरे पैसे अब तक नहीं लौटा रहा है मैं इस बात से बहुत ज्यादा टेंशन में हूं। मैंने सोचा कि तुम्हें यह सब मैं बताऊंगा तो ठीक नहीं रहेगा इसलिए मैंने तुम्हें इस बारे में कुछ नहीं बताया मैंने भैया से कहा यदि आप पहले मुझे बता देते तो शायद हम लोग कुछ करते परंतु आप इतने समय बाद बता रहे हैं। वह कहने लगे मैं कोशिश तो कर रहा हूं लेकिन वह मेरे पैसे लौटाने का नाम ही नहीं ले रहा। मैंने भैया से कहा आप रहने दीजिए बेकार में इसके बारे में सोच कर अपना समय बर्बाद कर रहे हैं आप सिर्फ अपने आप पर ध्यान दीजिए और भाभी का ध्यान दीजिए लेकिन भैया तो इस टेंशन में घिर चुके थे और बहुत ज्यादा परेशान रहने लगे थे। उसी बीच एक दिन भाभी बाथरूम से बाहर निकली तो मैंने उन्हें देख लिया मैं उनके पास जाकर बैठा तो वह मुझे कहने लगी आजकल तुम्हारे भैया तो ज्यादा ही टेंशन में है वह तो मेरी तरफ देख ही नहीं रहे।

मैंने उन्हें कहा हां भैया आजकल कुछ ज्यादा टेंशन में है तो भाभी मुझसे चिपकने की कोशिश करने लगी। मैंने कभी भी भाभी के बारे में ऐसा नहीं सोचा था लेकिन उन्हें भी शायद सेक्स की जरूरत थी और उनकी भी कुछ इच्छाएं थी जो कि भैया पूरी नहीं कर पा रहे थे इसीलिए उन्होंने मेरी तरफ डोरे डालना शुरू किए। मुझे उन्होंने अपनी बाहों में ले लिया वह जब मेरी गोद में आकर बैठी तो उनकी बड़ी गांड मेरे लंड से टकरा रही थी और उन्होंने मुझसे कहा देवर जी आप मेरी इच्छा पूरी कर दीजिए मैं बहुत तड़प रही हूं और बहुत अकेली हूं। मैंने कहा ठीक है मैंने जैसे ही अपने लंड को बाहर निकाला तो उन्होंने उसे अपने हाथों में लेते हुए अपने मुंह के अंदर समा लिया और उसे अच्छे से वह चूसने लगी उनको बहुत मजा आ रहा था वह अपने गले तक मेरे लंड को ले रही थी उन्होंने मेरे लंड को बहुत देर तक सकिंग किया जिससे कि मेरे अंदर का जोश बढ़ गया।

मैंने उन्हें घोड़ी बनाकर चोदना शुरू किया मैं बड़ी तेजी से उनको धक्के दिए जा रहा था और वह मेरा पूरा साथ देती। उनकी चूत से गर्मी निकल रही थी मैं उसे बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था लेकिन वह जिस प्रकार से मेरा साथ देती मुझे बहुत अच्छा लगता। मैं उन्हें लगातार तेजी से धक्के दे रहा था जैसे ही मैंने अपने लंड को उनकी गांड में डाला तो वह कहने लगी अब मुझे मजा आ गया। वह अपनी चूतडो को मुझसे टकराने लगी मुझे भी बहुत मजा आ रहा था मैं बड़ी तेज गति से उनको धक्का देता जाता। मेरे धक्के इतने तेज होते मैंने जैसे ही अपने वीर्य को भाभी की गांड के अंदर गिराया तो वह खुश हो गई और कहने लगी आज तुमने मेरी इच्छा पूरी कर दी है और मुझे बहुत अच्छा लगा। उसके बाद में भाभी की इच्छा हमेशा पूरी करता रहता हूं, भैया अब भी टेंशन में ही है लेकिन धीरे-धीरे उनकी टेंशन अब खत्म होने लगी थी और वह खुश रहने की कोशिश करते है लेकिन भाभी को तो मेरा लंड लेने की आदत हो चुकी थी।
 
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