हाई दोस्तों, मेरा नाम कलवंत हैं और मैं पंजाब से बिलोंग करती हूँ. लेकिन पिछले ७ साल से मैं केनेडा में हूँ. मैं यहाँ अपने पति के साथ रहती हूँ और हम दोनों ही एक केटरिंग कम्पनी में काम करते हैं. यह कहानी मेरी और जोसेफ की हैं. उस काले हब्सी ने मुझे ब्लेक मेल कर के अपना नव इंच का काला लंड मेरी चूत में डाला था, उसकी कहानी में आज आप के सामने रख रही हूँ.
काला लंड मेरी चूत में देना था
मेरे पति ये नहीं जानते हैं लेकिन कम्पनी में ही एक हरियाणा के लड़के के साथ मेरा अफेर चल गया था. और हम लोग अक्सर कम्पनी के स्टोर रूम में मिलते थे और चुम्मा चाटी और इधर उधर टचिंग करते थे. कसम से उस लड़के को मैंने अपनी चूत कभी नहीं दी थी. लेकिन उस लड़के की वजह से ही मुझे लंबा काला लंड लेना पड़ा येही शायद मेरी किस्मत थी. उस लड़के के साथ एक दिन शाम को मैं स्टोर रूम में थी. वो मेरे बालों में हाथ डाले हुए मुझे किस कर रहा था तभी यह काला कलूटा क्लीनर उधर झाड़ू मारने के लिए आ गया. और उसने इसी हालत में हम दोनों को देख लिया. मुझे लगा की दुसरें बेफिकरे अंग्रेजो की तरह वो भी इसे भूल जायेंगा. लेकिन ऐसा नहीं था, इसे तो अपना काला लंड मेरी चूत में देना था.
मैंने उस लड़के को भगा दिया और मैं खुद भी निचे काम में लग गई. जब ब्रेक में मैं टेबल पे कोफ़ी पी रही थी तभी ये हब्सी आ गया. (उसके साथ की बातें हुई तो अंग्रेजी में थी लेकिन आप लोगों के लिए मैं उसे हिंदी में ही लिख रही हूँ.)
मैं: हेल्लो जोसेफ कैसे हो?
जोसेफ: बस ठीक हूँ, मेरा भी कुछ जुगाड़ करो अब. मेरी बीवी मुझे छोड़ के 2 साल से चली गई हैं और मैं मुठ मार के और रंडी के पास जा के ही गुजारा कर रहा हूँ.
मैं: एक्सक्यूज़ मी. क्या बकवास कर रहे हो?
जोसेफ: बकवास, तेरी माँ की रंडी मारु. बताऊँ तेरे हसबंड को की कैसी तू रोज जवान लौंडे से मिलने जाती हैं ऊपर स्टोर रूम में. और ऐसा मत समझना की मेरे पास प्रूफ नहीं हैं. स्टोर रूम में चार कैमरा हैं; अगर बहुत गांड मस्ती की तो कम्पनी के एचआर में ही कम्प्लेन कर दूंगा.
अब मुझे सच में डर लगा की इस काले की बात में वजूद हैं. लेकिन नहीं चाहती थी की उसका भद्दा काला लंड मेरी चूत के अंदर जाएँ. लेकिन वो तो मुझे चोदने के उपर बिलकुल अड़ा हुआ था. मेरे पास अब कोई चारा नहीं लग रहा था. उसने मुझे कहा की कल मैं काम जल्दी छोड़ दूँ किसी बहाने से और वो मुझे कंपनी के बहार से ही कार में पिक कर लेंगा.
मैं डरी हुई थी और मुझे यह भी डर था की केंटिन में मुझे बहुत लोगों ने इस काले के साथ देखा था. लेकिन यह काला मुझे किसी भी तरह से फसा चूका था और अब उसके लंड का पानी निकाले बिना मैं नहीं बच सकती थी. मैंने सोचा की पति को कहे उस से अच्छा हैं उसके साथ एक बार सो लेती हूँ फिर देखती हूँ की क्या करना हैं.
सोचते सोचते ही दूसरा दिन भी आ गया. जोसफ ने कहा था वैसे मैंने काम दो घंटे पहले छोड़ दिया. मेरे पति की शिफ्ट मेरे साथ में थी इसलिए मेरे पास दो घंटे थे. जैसे ही मैं कम्पनी के गेट के बहार आई मैंने देखा की जोसेफ वही खड़ा सिगरेट फूंक रहा था. मुझे देख के वो आगे चला. मैंने इधर उधर देखा और मैं उसके पीछे पीछे चलने लगी. वो अपनी गाडी में बैठा और मैं भी उसके पीछे उसकी साइड वाली सिट में बैठ गई. ठंडी की वजह से मैंने बड़ा ओवरकोट पहना था. जोसेफ ने गाड़ी चालू की और बोला, "मैंने हिटिंग चालू की हैं तुम अपना कोट उतार दो."
मेरे कोट उतारते ही उसकी आँखे मेरे बूब्स पे आ गिरी जो एक फिट टी-शर्ट के अंदर बंधे हुए थे. उसका हाथ गियर शाफ़्ट से हट के सीधा मेरे बूब्स पे आ गया. उसने बूब्स को दबाये और फिर मेरे हाथ को पकड के अपने बड़े लंड के ऊपर रख दिए. पेंट के ऊपर से ही मैंने अंदाजा लगा लिया की उसका काला लंड कितना बड़ा और चौड़ा होंगा. वो काला लंड मेरा हाथ लगते ही जैसे जान में आने लगा. जोसेफ ने गाडी को एक मोल की और ली. मैंने उसकी और हैरानी भरी नजरों से देखा. वो मुझे समझाते हुए बोला, "होटल में जा के पैसे क्यूँ खर्च करने. यही मोल की पार्किंग में मेरा दोस्त काम करता हैं. हम पार्किंग के एक कोने में गाडी में ही कर लेंगे."
कार पार्किंग में ही मस्ती
बाप रे इस काले की हिम्मत का जवाब नहीं. मेरी जिन्दगी का यह सब से बड़ा साहस होने जा रहा था. एक काला लंड मैं मोल की पार्किंग में लेने जा रही थी. जोसेफ ने गाडी को पार्किंग के दुसरे मजले पे ली जहाँ पे एक और काला था. जोसेफ ने उसे हाथ से हाय कहा और उस काले ने एक कोने की और इशारा किया. जोसेफ ने फट से गाडी को कोने में लिया और फिर सभी और देख के अपना काला लंड बहार निकाला. उसने मुझे अपना काला लंड चूसने के लिए कहा.
मैं अभी भी डरी सी थी. मैंने इधर उधर देखा और वो काला लंड अपने हाथ में लिया. बहुत ही बड़ा और चौड़ा था वो. जोसेफ ने मेरे माथे को पीछे से पकड के अपने लंड की और धकेला. मैंने अपने मुहं को खोल के जैसे ही उसके लौड़े को मुहं में लिया जोसेफ के मुहं से आह निकल पड़ी. अभी तो काला लंड मेरे मुहं में थोडा ही गया था. जोसेफ आह आह करते हुए बोला, "चूस मेरा लंड जोर जोर से अपने गले तक. आज मैं तेरी इंडियन चूत को फाड़ के रख दूंगा."
मैंने अब थोडा जोर और किया और काला लंड मेरे मुहं में आधे से ज्यादा घुस गया..! जोसेफ ने कैसे मुझे पीछे की सिट पे चोदा वो कहानी के अगले भाग में बताउंगी...!
काला लंड मेरी चूत में देना था
मेरे पति ये नहीं जानते हैं लेकिन कम्पनी में ही एक हरियाणा के लड़के के साथ मेरा अफेर चल गया था. और हम लोग अक्सर कम्पनी के स्टोर रूम में मिलते थे और चुम्मा चाटी और इधर उधर टचिंग करते थे. कसम से उस लड़के को मैंने अपनी चूत कभी नहीं दी थी. लेकिन उस लड़के की वजह से ही मुझे लंबा काला लंड लेना पड़ा येही शायद मेरी किस्मत थी. उस लड़के के साथ एक दिन शाम को मैं स्टोर रूम में थी. वो मेरे बालों में हाथ डाले हुए मुझे किस कर रहा था तभी यह काला कलूटा क्लीनर उधर झाड़ू मारने के लिए आ गया. और उसने इसी हालत में हम दोनों को देख लिया. मुझे लगा की दुसरें बेफिकरे अंग्रेजो की तरह वो भी इसे भूल जायेंगा. लेकिन ऐसा नहीं था, इसे तो अपना काला लंड मेरी चूत में देना था.
मैंने उस लड़के को भगा दिया और मैं खुद भी निचे काम में लग गई. जब ब्रेक में मैं टेबल पे कोफ़ी पी रही थी तभी ये हब्सी आ गया. (उसके साथ की बातें हुई तो अंग्रेजी में थी लेकिन आप लोगों के लिए मैं उसे हिंदी में ही लिख रही हूँ.)
मैं: हेल्लो जोसेफ कैसे हो?
जोसेफ: बस ठीक हूँ, मेरा भी कुछ जुगाड़ करो अब. मेरी बीवी मुझे छोड़ के 2 साल से चली गई हैं और मैं मुठ मार के और रंडी के पास जा के ही गुजारा कर रहा हूँ.
मैं: एक्सक्यूज़ मी. क्या बकवास कर रहे हो?
जोसेफ: बकवास, तेरी माँ की रंडी मारु. बताऊँ तेरे हसबंड को की कैसी तू रोज जवान लौंडे से मिलने जाती हैं ऊपर स्टोर रूम में. और ऐसा मत समझना की मेरे पास प्रूफ नहीं हैं. स्टोर रूम में चार कैमरा हैं; अगर बहुत गांड मस्ती की तो कम्पनी के एचआर में ही कम्प्लेन कर दूंगा.
अब मुझे सच में डर लगा की इस काले की बात में वजूद हैं. लेकिन नहीं चाहती थी की उसका भद्दा काला लंड मेरी चूत के अंदर जाएँ. लेकिन वो तो मुझे चोदने के उपर बिलकुल अड़ा हुआ था. मेरे पास अब कोई चारा नहीं लग रहा था. उसने मुझे कहा की कल मैं काम जल्दी छोड़ दूँ किसी बहाने से और वो मुझे कंपनी के बहार से ही कार में पिक कर लेंगा.
मैं डरी हुई थी और मुझे यह भी डर था की केंटिन में मुझे बहुत लोगों ने इस काले के साथ देखा था. लेकिन यह काला मुझे किसी भी तरह से फसा चूका था और अब उसके लंड का पानी निकाले बिना मैं नहीं बच सकती थी. मैंने सोचा की पति को कहे उस से अच्छा हैं उसके साथ एक बार सो लेती हूँ फिर देखती हूँ की क्या करना हैं.
सोचते सोचते ही दूसरा दिन भी आ गया. जोसफ ने कहा था वैसे मैंने काम दो घंटे पहले छोड़ दिया. मेरे पति की शिफ्ट मेरे साथ में थी इसलिए मेरे पास दो घंटे थे. जैसे ही मैं कम्पनी के गेट के बहार आई मैंने देखा की जोसेफ वही खड़ा सिगरेट फूंक रहा था. मुझे देख के वो आगे चला. मैंने इधर उधर देखा और मैं उसके पीछे पीछे चलने लगी. वो अपनी गाडी में बैठा और मैं भी उसके पीछे उसकी साइड वाली सिट में बैठ गई. ठंडी की वजह से मैंने बड़ा ओवरकोट पहना था. जोसेफ ने गाड़ी चालू की और बोला, "मैंने हिटिंग चालू की हैं तुम अपना कोट उतार दो."
मेरे कोट उतारते ही उसकी आँखे मेरे बूब्स पे आ गिरी जो एक फिट टी-शर्ट के अंदर बंधे हुए थे. उसका हाथ गियर शाफ़्ट से हट के सीधा मेरे बूब्स पे आ गया. उसने बूब्स को दबाये और फिर मेरे हाथ को पकड के अपने बड़े लंड के ऊपर रख दिए. पेंट के ऊपर से ही मैंने अंदाजा लगा लिया की उसका काला लंड कितना बड़ा और चौड़ा होंगा. वो काला लंड मेरा हाथ लगते ही जैसे जान में आने लगा. जोसेफ ने गाडी को एक मोल की और ली. मैंने उसकी और हैरानी भरी नजरों से देखा. वो मुझे समझाते हुए बोला, "होटल में जा के पैसे क्यूँ खर्च करने. यही मोल की पार्किंग में मेरा दोस्त काम करता हैं. हम पार्किंग के एक कोने में गाडी में ही कर लेंगे."
कार पार्किंग में ही मस्ती
बाप रे इस काले की हिम्मत का जवाब नहीं. मेरी जिन्दगी का यह सब से बड़ा साहस होने जा रहा था. एक काला लंड मैं मोल की पार्किंग में लेने जा रही थी. जोसेफ ने गाडी को पार्किंग के दुसरे मजले पे ली जहाँ पे एक और काला था. जोसेफ ने उसे हाथ से हाय कहा और उस काले ने एक कोने की और इशारा किया. जोसेफ ने फट से गाडी को कोने में लिया और फिर सभी और देख के अपना काला लंड बहार निकाला. उसने मुझे अपना काला लंड चूसने के लिए कहा.
मैं अभी भी डरी सी थी. मैंने इधर उधर देखा और वो काला लंड अपने हाथ में लिया. बहुत ही बड़ा और चौड़ा था वो. जोसेफ ने मेरे माथे को पीछे से पकड के अपने लंड की और धकेला. मैंने अपने मुहं को खोल के जैसे ही उसके लौड़े को मुहं में लिया जोसेफ के मुहं से आह निकल पड़ी. अभी तो काला लंड मेरे मुहं में थोडा ही गया था. जोसेफ आह आह करते हुए बोला, "चूस मेरा लंड जोर जोर से अपने गले तक. आज मैं तेरी इंडियन चूत को फाड़ के रख दूंगा."
मैंने अब थोडा जोर और किया और काला लंड मेरे मुहं में आधे से ज्यादा घुस गया..! जोसेफ ने कैसे मुझे पीछे की सिट पे चोदा वो कहानी के अगले भाग में बताउंगी...!