भाई ने दोस्त से चुदवाया - २

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नमस्कार दोस्तों मै फिर एक बार आपके सामने अपनी कहानी का अगला भाग लेकर हाजिर हूं। जैसा कि अब तक आपने पढा, मै और भैया उनके दोस्त संजू के मामा के घर आए हुए थे। मै बाथरूम में खडी नहा रही थी, और भैया और उनका दोस्त संजू मुझे नहाते हुए देखकर अपने लंड सहला रहे थे। मै भी संजू को अपने कामुक अंग प्रदर्शन कर रही थी। अब आगे-

भैया और संजू की इन हरकतों को देखकर और संजू से चुदने का सोचकर ही अब मेरी चुत भी धीरे धीरे पानी छोडने लगी थी। संजू बाथरूम के एक कोने में खडा होकर मुझे देखते हुए अपने लंड को मुठिया रहा था। मैं संजू के सामने कभी अपने बोबे दबा देती तो कभी निप्पल को उंगली में लेकर सहला देती, या फिर अपनी चुत को खोलकर उसके सामने रख देती। जिससे वो मेरी चुत को अंदर तक अच्छे से देख पाए।

संजू अब जोर जोर से अपना लंड हिला रहा था, उसे देखकर लग रहा था कि, उसे अपना वीर्य निकालने की थोडी जल्दी है। थोडी देर में वो मेरे पास आ गया, और मेरे अंगों के साथ खेलने लगा, लेकिन अभी भी उसका एक हाथ खुद के लंड को मुठिया रहा था।

मै उससे पूछने वाली ही थी कि, उसने बोला, "रश्मि रानी बोल मेरा वीर्य कहां लेना चाहेगी?"

तो मै बस उसके सामने अपने घुटनों के बल बैठ गई, और अपना मुंह खोला दिया। बाकी वो खुद ही समझदार था। उसने फिर अपने हाथों से ही दो-तीन झटके मारे और झड गया। संजू का वीर्य मेरे चेहरे और बोबों पर फैल सा गया था। वीर्य की कुछ बूंदे मेरे मुंह मे भी जा चुकी थी, जो मै मजे लेकर चैट गई। संजू ने झडने के बाद मुझे कंधों से पकडकर उठाया और शावर के पानी से मेरे चूचियों पर गिरा हुआ वीर्य साफ करने लगा। उसकी इस हरकत को देखकर मुझे बहुत अच्छा लगा, कि मैंने इससे चुदने का निर्णय लिया। तो अगले ही पल मैने लपक कर संजू का लंड अपने हाथ मे ले लिया और उसे अच्छे से साफ करने लगी, आखिरकार थोडी देर बाद वही तो मुझे चूसना था।

उसका लंड धोने के बाद मैने उससे पूछा, "एक बात मै समझ नही पाई, तुम्हारे सामने मै थी फिर भी तुमने मुठ मारकर अपना वीर्य क्यों निकाला?"

तो संजू ने कहा, "पहली बार मे मेरा वीर्य बहुत जल्दी निकल जाता है, तो मैं नही चाहता था कि, मैं तुम्हे प्यासी छोड दुं। इसलिए पहली बार अपने हाथ से काम चला लिया। अब तुम्हे भी मजा आएगा और मुझे भी।"

फिर संजू ने अपना लंड पोंछकर बाथरूम के बाहर निकल गया, और थोडी ही देर में मै भी नहाकर अपने आप को टॉवल में लपेटे हुए बाहर निकलने लगी। बाथरूम के बाहर निकलते ही, वहां संजू दुल्हन का जोडा लेकर खडा था। वह मेरे पासआकर मुझे वह दुल्हन का जोडा थमाकर पहनने के लिए बोलने लगा। समय के साथ साथ मै संजू पर अपना दिल न्योछावर करने लगी थी। उसकी ये सब छोटी छोटी बातें मुझे बहुत अच्छी लगने लगी थी।

अब की बार मैंने कपडे पहनने के लिए ना तो बाथरूम जाने की सोची और ना ही इनके सामने शरमाई। दुल्हन का जोडा लेकर मै अपना टॉवल उतारने लगी। फिर संजू ने कहा, "अगर तुम्हें कोई ऐतराज नही है, तो मै तुम्हे अपने हाथों से दुल्हन का जोडा पहनाना चाहता हूं। क्या आपकी इजाजत है महारानी जी?"

उसकी यह बात सुनकर मैने भी उससे कहा, "आप ही को तो इजाजत है, मेरे राजा। आज मै आपकी हूं, मेरे साथ जो करना है, करो।"

यह बात सुनते ही संजू ने मुझे अपने पास खींच लिया और मेरे हाथ से दुल्हन का जोडा लेकर बेड पर रख दिया। फिर उसने मेरे बदन को छूते हुए, सहलाते हुए मुझे कपडे पहनाने शुरू किए। कपडे पहनाते हुए संजू मस्त मेरे शरीर के साथ खेल रहा था, जिस वजह से मैं और भी ज्यादा उत्तेजित होकर मेरी चुत पानी छोडने लगी थी। कपडे पहनाने के बाद पहले संजू ने मुझे कसकर अपने गले से लगा लिया और फिर मेरे चेहरे को अपनी हथेली में भरते हुए मेरे माथे को चूम लिया।

भैया अब तक सिर्फ बैठकर हमे देख रहे थे। मुझे भैया पर तरस आने लगा, भैया ने अब तक एक बार भी मेरे पास आने की कोशिश तक नही की थी। भैया बेड के बगल वाले सोफे पर नंगे बैठकर हमे देखते हुए अपने लंड को मसाज दे रहे थे। संजू ने मुझे दुल्हन का जोडा पहनाने के बाद कहा, "अब तुम दुल्हन की तरह बेड पर बैठ जाओ। आज दिन में ही हम अपनी सुहागरात मनाएंगे।"

यह मेरी दूसरी सुहागरात थी, भैया के साथ सुहागरात के समय भले ही मुझे बहुत मजा आया था। लेकिन भैया ने भी मेरे लिए इतना नही किया था।

मै जाकर बेड पर एक नई नवेली दुल्हन की तरह बैठ गई, थोडी देर में संजू मेरे पास आकर बैठ गया। और मेरे सर से पल्लू हटा दिया। अब सिर्फ मैं कपडों में थी, भैया और संजू अभी भी पूरे नंगे ही थे। मेरा चेहरा देखते ही उसने मुझे बैठे बैठे ही अपने पास खींचकर गले लगा लिया और मेरे गालों पर हाथ फेरते हुए, नीचे गर्दन की ओर बढ़ने लगा। थोडी देर बाद उसने उठकर बगल में रखे टेबल से एक पैकेट निकाला और मुझे दिया। मेरे पूछने पर संजू ने बताया, "तुम्हारे लिए मुंह दिखाई का तोहफा है इसमें, खोलकर देखो तुम्हे कैसा लगता है।"

मैने पैकेट खोलकर देखा तो उसके अंदर एक अच्छी सी पायल थी। पायल बाहर निकालते ही मैने उसे संजू की तरफ बढाते हुए कहा, "तोहफा तुमने दिया है, तो तुम ही पहना भी दो।"

इतना कहकर मैने संजू की तरफ देखते हुए आंख मार दी। तभी मेरी नजर भैया की ओर गई, तो भैया कैमरा लेकर सब रिकॉर्ड कर रहे थे। यह देखकर मैं तो एकदम से घबरा गई, और अपने शरीर को दुल्हन के जोडे में ही सिकुड लिया। मेरी यह हालत देखकर भैया बोले, "चिंता मत कर यह बस हमारी यादें ताजा रखने के लिए है। अगर तू चाहती है तो रिकॉर्डिंग के बाद यह कैमरा तू अपने पास रख लेना।"

भैया और संजू ने मुझे बहुत समझाया तब जाकर मै इस सबके लिए मान गई। तो मै और संजू पती-पत्नी की तरह अपनी सुहागरात मनाने जा रहे थे, और भैया हमारी वीडियो कर रहे थे। मैने पायल का पैकेट संजू को थमा दिया। तो उसने भी बडे प्यार से मेरे पैर को उठाया, और अपने पास लेकर पायल मेरे पैरों में पहनाने लगा था। एक पैर में पायल पहनाने के बाद संजू ने नीचे झुककर मेरे पैर को चूमते हुए ऊपर की ओर बढते बढते मेरा लहंगा भी ऊपर उठाए जा रहा था।

फिर दूसरे पैर को अपने पास लेकर उसमें भी पायल पहना दी, और अब मेरे दोनों पैरों को संजू ने अपने पास लेकर देखा और कहने लगा, "अब जाकर इस पायल में जान आई है। तुम्हारे पैरों में रहकर यह पायल और भी सुंदर लगने लगी है।"

यह बात सुनकर मैने शर्म के मारे अपने चेहरे को हथेली में छिपा लिया। तो संजू ने पास आकर मेरी हथेली पर ही चुम लिया। अब तो मेरा मन भी संजू को बेतहाशा प्यार करने को हो रहा था, तो मैंने भी अपनी हथेलियों को अपने चेहरे से हटाकर उसके सर को पीछे से पकड लिया। अब वह भी आगे झुकते हुए लगभग मेरे ऊपर ही आ गया था, तो उसने मेरे कंधे को पकडकर नीचे की ओर धकेला, यानी वो चाहता था, कि मैं लेट जाऊं।

जैसे ही उसने यह किया, मैने उसके होठों को अपने होठों में लेकर चूमना शुरू कर दिया। तो मै भी उसको अपने ऊपर लेती हुई लेटने लगी। लेटते लेटते संजू एक बार उठ गया, जिससे हमारे होंठ अलग हो गए। मुझे ऐसा लगा जैसे किसीने मुझे मार दिया हो, वो नशा था उसके होठों में।

तो मैंने उसे तुरंत अपने पास खींचकर उसके होठों को अपने कब्जे में ले लिया। संजू तो पहले से ही नंगा था, और अब वो मेरे भी कपडे उतारने लगा। लेकिन उसे काफी दिक्कत हो रही थी। आप लोग तो जानते ही होंगे कि, नई दुल्हन का जोडा उतारना कितना मुश्किल काम होता है, और ऊपर से मै संजू के होंठ छोडने का नाम नही ले रही थी। तो संजू मुझे चूमते हुए ही मेरे कपडे उतार रहा था।

संजू बहुत मस्त था, अपने हाथों से मेरे पूरे शरीर का नाप ले रहा था। कभी उसके हाथ मेरे चूचियों पर आकर उन्हें मजे से सहलाते, दबाते तो कभी मेरी कमर पर चूंटी काट देते। बीच बीच मे संजू मेरी चुत पर भी हाथ ले जाकर उसे अपनी मुट्ठी में भींच देता, जिसकी वजह से मेरे मुंह से सिसकारी निकल जाती। अब मुझे भी लगने लगा था कि, संजू मुझे जल्दी से नंगी करके अपना लंबा लंड मेरी चुत में पूरा का पूरा उतार दे और मुझे हचक हचक कर चोद दे। लेकिन संजू सबकुछ ही बहुत आराम से कर रहा था।

आपको यह कहानी कैसी लगी, हमे कमेंट सेक्शन में लिखकर जरूर बताइए। धन्यवाद।
 
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