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नमस्कार दोस्तों मेरी कहानी का अगला भाग लेकर मै हाजिर हूं। इस कहानी में पढिए कैसे मुझे डबल चुदाई का मजा देने के बाद भैया और संजू ने मुझे नहलाकर मेरे बदन को साफ कर दिया।

अब नीचे से भैया और ऊपर से संजू दोनों अपनी अपनी तरह से धक्के लगा रहे थे। मै उन दोनों के बीच सैंडविच बन चुकी थी, कभी भैया का लंड पूरी तरह से मेरी चुत में होता, तो कभी संजू का पूरा लौडा मेरी गांड में होता। अब तो मै भी उनके साथ साथ अपनी कमर हिलाने लगी थी, ऐसे दो जवान मर्दों के साथ एकसाथ दोनों तरफ से करने से मै तो पूरी तरह से खुश हो चुकी थी। थोडी देर बाद, पोजीशन बदलने के बहाने हम अलग हुए तो मुझे मेरी चुत और गांड एकदम से पूरी खाली लगने लगी।

फिर भैया मेरे पीछे आकर मेरी गांड में लंड डालने लगे, और संजू आगे आकर मेरी चुत में उसने अपना लौडा फिक्स कर लिया। दोनों पूरी तरह से मस्त होकर मेरी चुदाई कर रहे थे। मै भी इस चुदाई के मजे लेकर धन्य हो गई।

थोडी देर ऐसे ही धकमपेल चुदाई करने के बाद दोनों झडने को हुए, तो उन्होंने अपने अपने लंड बाहर निकाल लिए और मुझे बेड पर बिठा दिया। अब संजू और भैया दोनों ही मेरे चेहरे के सामने खडे होकर अपने अपने लौडे को हाथ मे लिए हुए हिला रहे थे। थोडी ही देर बाद उनके लंड में से वीर्य निकलने लगा, तो उन्होंने मेरे मुंह पर अपनी अपनी पिचकारियाँ मार दी।

उनके झडने से मेरे मुंह, गले और स्तनों पर उन दोनों के वीर्य का मिश्रण सा जम गया था। संजू मेरे पास आकर अपनी उंगली से उन दोनों के वीर्य के मिश्रण को उठाकर मेरे मुंह मे डालने लगा। शुरू में मुझे थोडा अजीब लगा, लेकिन फिर मुझे वीर्य का स्वाद अच्छा लगने लगा, तो मै पूरा ही गटक गई।

मेरे बदन पर जितना भी वीर्य गिरा था, वो सब संजू ने मुझे पिला दिया, और मै भी सब मजे से चटकारे लेकर साफ कर गई। भैया यह सब सोफे पर बैठकर देख रहे थे, और मन ही मन मुस्कुरा रहे थे। फिर संजू ने मेरे शरीर पर गिरा हुआ वीर्य साफ होते ही, मेरे दोनों पैर फैला दिए। और अपनी एक उंगली मेरी चुत में डालकर उसे घुमाने लगा, मै उसकी तरफ देखे जा रही थी।

मै उसे समझ नही पा रही थी, कि वो करने क्या वाला है। तभी उसने अपनी उंगली मेरी चुतके से निकाल कर खुद के मुंह मे डाल ली, और अब वो मेरी चुत से निकला मेरा कामरस चटकारे लेकर चख रहा था।

थोडी ही देर में भैया जो कि सोफे पर बैठे हुए थे, वो भी संजू की बगल में आकर बैठ गए और उन्होंने भी संजू की तरह मेरी चुत से मेरा कामरस निकाल कर चाटना शुरू कर दिया। अब दोनों बारी बारी से मेरी चुत में अपनी उंगली घुसाते और फिर उसे अपने अपने मुंह मे डालकर पूरा चूस लेते। उन दोनों को देखकर ऐसा लग रहा था, जैसे वो दोनों जन्मों से प्यासे हो, और मेरे कामरस के साथ ही मेरी चुत को भी खा जाएंगे। सब चाटकर साफ करने के बाद एक बार भैया ने नीचे झुककर अपनी जीभ मेरी चुत में घुसाकर उसे पूरी तरह से चुत की दीवारों पर घुमाने लगे।

फिर संजू ने भैया को रोककर समय की ओर ध्यान देने का इशारा किया। अब पांच बजनेवाले थे, घर से मै और भैया स्कूल का बहाना बनाकर निकले थे; तो अब हमें जल्दी से वापस घर लौटना था। दीवार पर लगी घडी की तरफ देखते ही भैया हट गए और संजू मेरे पास आकर बोला, "चलो जानेमन अब हम तीनों एक-साथ नहाएंगे और एक-दूसरे की सफाई करके फिर तुम अपने घर चले जाना।"

यह कहकर संजू ने मुझे बेड से उठने में मेरी हेल्प की, और मुझे बाथरूम की तरफ चलने का इशारा कर दिया। इतनी दमदार चुदाई के बाद मेरी टांगे दर्द कर रही थी। जैसे ही बिस्तर के नीचे उतरने के बाद मैने अपने पैर जमीन पर टिकाए, मेरे पैर लडखडाने लगे। पैर लडखडाते ही मै गिरने को हुई, तो भैया ने मुझे अपने हाथ का सहारा देते हुए गिरने से बचा लिया, और मुझे फिर से खडी कर दिया। अब मै अपने पैरों में दर्द होने के बावजूद आगे बढकर धीरे धीरे बाथरूम की तरफ चलने लगी।

मेरे पैर अब भी लडखडा रहे थे, जिस वजह से पीछे से मेरी गांड मस्त मटकती हुई दिखाई दे रही थी।
भैया और संजू दोनों ही पीछे से मेरे मटकते हुए कूल्हे देखकर अपना लंड मसल रहे थे। जैसे तैसे मै बाथरूम में जाकर बाथटब के एक कोने पर बैठ गई। जैसे ही मै वहां बैठी, भैया अपनी जगह से उठकर मेरी तरफ बढने लगे।

फिर उनके पीछे संजू भी उठकर आराम से आगे की तरफ रहा था। भैया ने मेरे पास आते ही अपने हाथों को मेरे गालों पर रखकर मेरे होठों पर अपने होंठ रख दिए, और उन्हें चूमने लगे। भैया के पीछे से संजू भी आ रहा था। उसने आते ही मेरे पैरों को उठाकर बाथटब में रख दिया, और खुद भी मेरे पैरों की तरफ बैठ गए।

फिर भैया ने मुझे भी बाथटब में बिठा दिया और खुद वहां कोने पर बैठकर हमे देखने लगे। चुत पर पानी लगते ही एक अलग ही ठंडक मिली। अब संजू और मै बाथटब में बैठे हुए एक दूसरे के अंगों को छूकर मजा ले रहे थे, तो भैया हमारी लीला देखते हुए बीच बीच मे हम पर पानी डाल रहे थे।

यहां मै आप सभी पाठकों को एक बात बताना चाहूंगी, अगर आपको कभी भी किसी लडकी के साथ नहाने का या फिर लडकी को नहलाने का मौका मिले तो उसे छोडना मत। और जब लडकी साथ मे नहा रही हो, तो पूरे हक से उसे छूकर उसकी पीठ को हल्के हाथों से सहलाते हुए मसाज देना। नहाते वक्त गर्म पानी मे पीठ पर मसाज से कोई भी लडकी आपके और पास आएगी। और इससे आप दोनों के बीच एक नया सा रिश्ता बन जायेगा।

अब संजू का पैर मेरी चुत के आसपास के हिस्से पर घूम रहा था। संजू अपने पैर के अंगूठे से हल्के से दबाव बनाते हुए मेरी चुत के इर्द गिर्द अपने पैर को घुमा रहा था। और भैया मेरे पीछे आकर अपने हाथों से हल्के से मेरी पीठ पर मसाज करने लगे थे। इस समय पीठ पर मसाज बहुत अच्छा लग रहा था। मै भी अपने पैर से संजू के लंड को सहला रही थी। मैने अपने दोनों पैरों के बीच संजू के लंड को पकड लिया और हिलाने लगी, संजू भी मस्त होकर मजे लेने में लगा हुआ था।

थोडी देर बाद भैया ने साबुन उठाकर मेरी पीठ पर लगाना शुरू किया। पीठ के बाद भैया धीरे धीरे आगे मेरे चूचियों की तरफ बढने लगे। चूचियों पर भैया के हाथ आते ही उन्होंने साबुन नीचे गिरा दिया, और ऐसे ही मेरी चूचियों को मसलने लगे। साबुन नीचे गिरते ही सीधे मेरी चुत के पास आ गई। और संजू ने पलक झपकते ही साबुन को अपने अंगूठे से थोडा से मेरी चुत के मुहाने पर दबा दिया। जिस वजह से चुत पर एक ठंडा सा अहसास हुआ।

तुरंत ही संजू ने पैर से ही साबुन को अपने पास लेकर उठा लिया और मेरे पैरों को साबुन लगाने लगा। धीरे धीरे संजू साबून लगाते लगाते ऊपर की ओर बढ रहा था। संजू अब साबुन लगाते हुए मेरी जांघो तक पहुंच चुका था, और अब धीरे धीरे मेरी चुत की तरफ बढ रहा था। भैया मेरी चूचियों को मसलने में लगे हुए थे।

भैया बीच बीच मे अपना एक हाथ नीचे लाकर मेरी कमर पर चूंटी भी काट लेते थे। भैया अब नीचे अपने पैरों से मेरी गांड को भी सहला रहे थे।

संजू ने भी अब साबुन के साथ अपना हाथ मेरी चुत पर लगा दिया। और मेरी चुत पर ज्यादा देर न रुकते हुए जल्द ही चुत से ऊपर की ओर बढ गए। अब मेरे पूरे बदन पर साबुन लगा हुआ था, और तभी भैया ने मुझे बाथटब से उठा दिया। बाथटब से उठाकर भैया ने मुझे शावर के नीचे खडी कर दिया, और संजू ने आगे बढते हुए शावर चालू कर दिया।

शावर के चलते ही पानी की ठंडी बूंदे मेरे बदन पर गिरने लगी, जिससे मेरे मुंह से आह निकल गई। और अब ये दोनों मेरे पूरे बदन पर अपने हाथ इधर उधर मारने लगे।

अब संजू मेरे आगे आकर मेरी चुत को अपनी हथेली में भरने लगा,और भैया मेरे पीछे होकर मेरी गांड को अपने हाथों में भरने लगे। भैया ने पीछे से एक हाथ आगे लेकर मेरे स्तनों को पकड लिया। भैया और संजू दोनों ही मेरा शरीर साफ करने के बहाने अच्छी तरह से मेरे शरीर के साथ खेल रहे थे।

अब इतनी देर पानी मे एक-दूसरे के अंगों से खेलने की वजह से उन दोनों के लंड फिर से खडे होने लगे। तो भैया पीछे से मेरी गांड में अपना लंड घुसाने लगे।
संजू भी कहां पीछे रहने वाला था, उसने भी मेरे हाथ मे अपना लंड थमा दिया और उसे आगे पीछे करने को कहा। मै उन दोनों के बीच पिचक सी गई थी।

दोनों अपनी अपनी तरफ से मुझसे मजे लेने में लगे हुए थे। और इधर मेरी हालत खराब होती जा रही थी, मेरी चुत में जलन होने लगी थी, तो मैंने संजू को चुत में लंड डालने से रोक दिया। और इस वजह से मुझे संजू के लौडे को चूसकर उसका पानी निकालना पडा। पानी मे ही जल्दी से चुदाई का दौर खत्म करके हम तीनों बाथरूम के बाहर आ गए।

फिर अपने अपने बदन पोंछकर हमने कपडे पहन लिए। और फिर भैया और मै अपने घर के लिए निकल पडे।

आपको कहानी कैसी लगी, जरूर बताइए। धन्यवाद।
 
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