यूं ही कोई मिल गया था हिंदी कहानी सेक्स भरी

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हाय दोस्तों आज मैं अपनी एक दोस्त वर्षा की हिंदी कहानी उसकी जुबानी सुना रहा हूं बरसों से अपने प्रेमी का लंड लेते लेते मेरी चूत में एक उबन सी हो गयी थी। मेरे जिस्म का कोना कोना और हर इंच उस पुराने छुअन, अहसास और एकरसता से बोर हो चुका था। एक ही लंड से चुदना, और चूत के एक ही कोने पर हमेशा रगड़ मारता हुआ लंड वहां की कोशिकाओं को डेड कर देता है और फ़िर पता है आपको क्या होता है? सेक्स बेमजा हो जाता है। अगर एक ही जगह पर एक ही लंड से चुदते हुए आपको कई बरस हो जायें तो फ़िर चूत के उस कोने की, दीवार की कोशिकाएं या तो उस स्पर्श की आदी हो जाती हैं या फ़िर डेड हो जाती हैं। इस तरह वहां कुछ अहसास ही नहीं होता। मैंने कैई हिंदी कहानी पढीं पर कोई फ़ायदा न हुआ। इस बात को ध्यान में रखते हुए मैं कुछ सेक्स एडवेंचर के बारे में सोच ही रही थी कि मेरे प्रेमी का चेहरा मेरे आंखों के साम्ने नाच जाता। आगे देखिए इस हिंदी कहानी में क्या होता है।

बे इंतहां मुहब्ब्त करता था वो मुझसे। मैं उसे चीट नहीं कर सकती थी वो भी जान बूझ कर तो बिल्कुल नहीं इसलिये मेरी कल्पनाओं में आने वाले ख्याल कुछ ऐसे होते थे, जैसे कि कोई अचानक से आकर अजनबी तरीके से मुझे चोद गया हो। मैं हल्का विरोध करुं और फ़िर वो मुझे इतना उत्तेजित कर दे कि मैं उसके आगे समर्पण कर दूं। इस तरह के खयाल मुझे काफ़ी राहत और उत्तेजना देते थे। अक्सर अपने प्रेमी के साथ बेड में भी मैं इस तरह के फ़ैंटेसीज को सोचती और फ़िर आंखो को बंद करके चुदवाती। लेकिन एक रोज जो हुआ वह दर्दनाक भी था और मेरे सेक्स लाईफ़ में एक नया मोड लाने वाला था। उस रोज मैं देल्ही से वापस पटना आ रही थी। रात के दस बजे थे, ट्रेन से उतरने के बाद मैंने आटो रिजर्व किया और वो मुझे मेरे मुहल्ले ले जाने लगा। रात सुनसान थी, रोड खाली मुझे हल्का डर लग रहा था और तब तक आटो वाले ने गाड़ी रोक दी। मैने पूछा क्या हुआ तो बोला थोड़ी खराब है अभी चल देगी। ठडियों के दिन थे, और कुहासा छाया हुआ था। मैने ध्यान से ड्राइवर को देखा तो वो एक गबरु जवान था और हैंडसम था। मेरी हिंदी कहानी आप अनजान सेक्स के तौर पर पढ रहे हैं। वो मुझे घूर रहा था। मैं आज भी सेक्सी दिखती हूं। मैंने उसे देख कर मुस्करा दिया। मेरे जगली खयाल सुलगने लगे थे। रिक्शे वाले ने हिम्मत करके मेरा हाथ थाम लिया और मै उससे चिपक गयी। हम दोनों अंदर आटो में आकर एक दूसरे को बेतहाशा छूने रगड़ने और चाटने लगे, हम दोनों ने ठंड के कपड़े उतार फ़ेंके। मैं उसके लंड को चाटने लगी और वह खड़ा हो गया। यह लंड कहीं ज्यादा दमदार और मोटा था, इसकी लंबाई मुझे नये अनदेखे कोने को छूने वाली थी। मैं उसके लंड पर बैठ गयी और वह मुझे सामने से मेरे चूंचे मसलते हुए धक्के मारने लगा। मैं उसके होटों को काट रही थी और चबा रही थी। आधे घंटे तक चोदने के बाद मैंने आटो डराइवर को अपनी गांड भी परोस दी। उसने अपना वीर्य मेरे गाँड से लंड निकालने के बाद मेरे मुह में दे दिया। मैं इस रोमांचक यात्रा को नहीं भूल पायी पर मेरे सेक्स लाईफ़ की गाड़ी निकल पड़ी। मेरी हिंदी कहानी कैसी लगी आपको ये जरुर बतायें और अपनी हिंदी कहानी जरुर कमेंट में पोस्ट करें
 
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