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हिंदी चुदाई कहानी- मेरी कामवाली बाई

हैलो दोस्तों, मेरा नाम मनोज है और मेरी उम्र २४ साल की है। मैं मुम्बई में नौकरी करता हूँ और रहने वाला इन्दौर का हूँ। अब मैं आपको अपनी हिंदी चुदाई कहानी सुनाता हूँ।

आज से तीन साल पहले मैं मुम्बई नौकरी करने आया था। तब मुम्बई मेरे लिए अजनबी शहर था, इसलिए मुझे मेरा अकेलापन खलता था, मुझे भी एक अच्छी दोस्त की ज़रूरत थी, ताकि मेरा समय भी कट सके और मेरी काम-इच्छा भी पूरी हो सके।

मेरी नायिका

तो मैंने आख़िर में एक मध्यम-वर्गीय लड़की जो दूसरों के घरों में काम करने जाती थी, उसको अपनी नौकरी और पैसे की झलक दिखलाकर पटा लिया। और वही मेरी हिंदी चुदाई कहानी की नायिका बनी. मेरी उससे फोन पर बातचीत भी शुरु हो गई। एक दिन शाम को मैंने उसे अपने घर बुलाया यह कह कर कि मेरी तबीयत ख़राब है और मेरे सभी दोस्त घर गए हैं। तुम मेरे लिए खाना बना दो, वरना मुझे भूखा ही सोना पड़ेगा। मेरी तबीयत ख़राब है, यह सोचकर वो मेरे लिए खाना बनाने मेरे फ्लैट में आ गई।

मैं कई दिनों से इसी ताक में था कि कब मेरे दोस्त लोग फ्लैट पर ना हों और मैं उस कामवाली को चोद दूँ। उस दिन जब वो मेरे फ्लैट में आई तो मैं खुश हो गया। मैंने उसे किचन दिखा दिया, जब वो खाना बनाने की तैयारी कर रही थी, तो मैंने धीरे से उसके पीछे जाकर थोड़ा सा चिपक कर खड़ा हो गया।

वह अचानक मुझे पीछे देखकर घबरा सी गई और बोली, "आपकी तबीयत ख़राब है, आप जाकर आराम कीजिए. मैं खाना बना दूँगी."

मैं उसकी बात सुनकर उससे थोड़ा और चिपक गया। इससे पहले कि वो कुछ कहती मैं उसकी दोनों चूचियों को एक बार ज़ोर से दबा दिया और फिर सहलाने लगा। पहले तो उसे बहुत डर लगा, लेकिन बाद में धीरे-धीरे सहलाने से उसे मज़ा आने लगा और वो आँखें बन्द कर मज़े लेने लगी।

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सेक्स की मदहोशी

मैंने लोहा गरम होते देख उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उसे चूमने लगा। मैंने धीरे से अपना हाथ उसकी पैन्टी में डाल दिया और उससे पहले कि वह कुछ विरोध कर, मैंने उसकी चूत में उँगली डाल दी, और ज़ोर-ज़ोर से आगे-पीछे करने लगा। वो अब सब कुछ भूल कर मदहोश होने लगी।

मैं उसे किचन में ही नंगा करने लगा और वो कुछ नहीं बोली। थोड़ी ही देर में वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी। उसके शरीर पर एक भी तिनका कपड़ा का नहीं बचा था। उसे इस तरह देखकर मेरा लण्ड तुरन्त खड़ा हो गया। अब वो भी जोश में आकर मेरे कपड़े उतारने लगी और मैं भी उसकी मदद करते हुए जल्दी से पूरा नंगा हो गया। ये हिंदी चुदाई कहानी आप सकसेक्स.कॉम पर पढ़ रहे हैं.

मैंने अब अपना लंड उसके मुँह में डालना चाहा तो शर्म के मारे उसने मना कर दिया। फिर मैंने दूसरा तरीका अपनाया। मैंने अब उसे ज़मीन पर सुला कर उसकी चूत पर अपना मुँह रख दिया और उसकी चूत को ज़ोरों से चाटने लगा। अब उसने मस्ती और मदहोशी में चूर होकर अपनी आँखें बन्द कर लीं।

मैंने इसी बात का फ़ायदा उठा कर उसकी चूत चाटते-चाटते ही 69 की मुद्रा में आ गया और मेरा लण्ड उसके होंठों पर रख दिया। पर इस बार भी उसने मना कर दिया। मैं नाराज़ होने का नाटक करने लगा और कपड़े पहनने लगा।

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सबसे पहले चूत चुसाई

अब तक तो वह इतनी गरम हो चुकी थी कि मुझसे चुदवाने के लिए कुछ भी करना पड़े तो वो कर सकती थी। उसने तुरन्त मेरे लण्ड को मुँह में भर लिया और उसे आईसक्रीम की तरह चूसने लगी। मेरी योजना सफल हो गई, मैं बहुत खुश हुआ। आज तो जैसे लकी ड्रा ही निकल आया था मेरे लिए, अब हम दोनों 69 की स्थिति में थे। मैं उसकी चूत चाट रहा था, और वह मेरा लंड चूस रही थी।

अब तक आग दोनों ओर भड़क चुकी थी। मैंने अपना लंड उसके मुँह से निकाला और अब उसकी चूत में डालने लगा, लेकिन उसकी चूत काफी तंग थी, अतः मैं असफल हो गया। उसकी सील शायद अभी तक नहीं तोड़ी गई थी। मैंने किचेन से तेल लेकर अपने लंड पर और थोड़ा तेल उसकी चूत पर भी लगा दिया और फिर से चूत में लंड डालने लगा। इस बार मैंने उसकी चूत में एक ज़ोर का झटका दिया और लंड दो इंच तक अन्दर घुसा दिया। इस झटके से वो तड़प उठी और ज़ोर से चिल्लाई।

मैंने उसका मुँह तुरन्त बन्द कर दिया, और साथ ही एक और झटका दिया तो उसकी आँखों से आँसू निकल आए। मैं डर गया तो मैंने उसके मुँह से हाथ हटा लिया। वो बहुत रोई, अब उसकी चूत से खून निकल रहा था। मैंने उससे धीरे-धीरे चोदने का वादा करके फिर से राजी किया। अब मैं अपनी कमर धीरे-धीरे चला रहा था और ऐसे ही धीरे-धीरे अपना ८ इंच लम्बा लंड उसकी चूत के अन्दर गाड़ ही दिया।

बढ़ती हुयी चूत चुदास

थोड़ी देर में दर्द कम होने की वज़ह से उसे भी मज़ा आने लगा और वो भी मेरा साथ अपनी चूत हिला-हिला कर देने लगी। अब उसे मज़ा आने लगा था और वो ख़ुद बोल रही थी. ज़ोर से चोदो मुझे, और ज़ोर से, फाड़ दे आज मेरी चूत, बुझा दे आज इसकी प्यास. फाड़ दे साली चूत को और ज़ोर से.

मैं भी उसकी बात सुनकर जोश में आकर ज़ोरों के झटके मारने लगा। थोड़ी देर बाद मैंने उसे कुतिया बना कर उसकी चुदाई की। लगभग २५ मिनटों की चुदाई के बाद वो झड़ गई, और उसके २ मिनट बाद मुझे भी लगा कि अब मैं झड़ने वाला हूँ तो मैंने अपना लंड निकाल कर उसके मुँह में चुदाई करनी शुरु कर दी। और अन्त में मैं भी उसके मुँह में झड़ गया। उसने फिर मेरे लण्ड का सारा पानी पी लिया और मेरे लण्ड को चाट-चाट कर साफ कर दिया।

उसके बाद हम दोनों किचन से निकल करक साथ में नहाने चले गए। नहाने के बाद मैंने उसे अपना मोबाईल देकर कहा कि अपने घर फोन करके कह दो कि आज तुम मैडम (जिसके घर वह काम करती थी) के यहाँ रुकोगी, क्योंकि उनके पति घर पर नहीं हैं, तो उन्होंने मुझे आज रात यहीं रुकने को कहा है। उसने घर पर यही बता दिया। उसके घर वालों को कोई आपत्ति नहीं थी।

हमने होटल से खाना मँगवा कर खाया। उसके बाद फिर दोनों नंगे ही बिस्तर पर सो गए। रात में मैंने उसकी चार बार चुदाई की और एक बार गाँड भी मारी। पर सबसे ज़्यादा मज़ा मुझे उसकी गाँड मारने में आया था. उस रात की चुदाई के बाद वो जब भी मुझसे बात करती तो यही कहती कि अब आपकी तबीयत कब ख़राब होगी???
दोस्तों ये थी हिंदी चुदाई कहानी।
 
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