मेरा नाम विक्रम सिंह है और मैं अम्बाला सिटी से एक गांव से हूँ। मेरी उम्र लगभग 20 साल की है और मेरे लंड का साइज भी आम हिन्दुस्तानी लौंडे से बड़ा है। वैसे तो मैं सीधा-साधा हूँ.. पर न्यूड वीडियो देख कर और अन्तर्वासना की हिंदी सेक्स स्टोरी पढ़ कर चुदाई का चस्का लग गया। मैं इस साइट का नियमित पाठक हूँ।
पड़ोस की सेक्सी देसी गर्ल
बात लगभग एक साल पहले की है। मेरे गाँव में हमारे घर से कुछ दूर एक लड़की रहती थी.. जिसका नाम ऋतु (बदला हुआ) है। उसकी उम्र भी मेरी जितनी ही है।
मैं जब भी कुछ काम से उनकी गली से गुजरता.. और यदि वो मुझे देखती तो मैं और वो बहुत खुश होते थे।
ऐसे ही कुछ दिन कुछ महीने बीत गए लेकिन कुछ नहीं हुआ।
फिर एक दिन मैंने उसे प्रपोज़ किया.. तो वो बिना कुछ बोले वहाँ से चली गई। मैं भी अपने घर को आ गया। थोड़े दिनों बाद उसका रिश्ता पक्का हो गया जिसका मुझे बाद में पता चला।
तब मुझे लगा कि अब उससे मेरी बात बनना मुश्किल है.. लेकिन ऊपर वाले को कुछ और ही मंजूर था।
फिर कुछ दिनों बाद उसकी शादी हो गई और दिन ऐसे ही कटते रहे। थोड़े दिनों बाद कुछ ऐसा हुआ जिसका मुझे यकीन नहीं था।
हुआ यूँ कि वो आपने मायके यानि हमारे गाँव आई हुई थी। मैं भी उसके घर के सामने से गुजर रहा था कि तभी मेरी नजर उस पर पड़ी, वो मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी।
इसी तरह दूसरे दिन भी हुआ तो उस दिन उसने मुझे रोका और घर आने को कहा।
विलेज गर्ल ने खुद चुदाई के लिये कहा
मैं उसके घर चला गया.. तो उसने मुझे अपने कमरे में बिठाया और बात करने लगी।
उसने कहा- मैं तुमसे प्यार करती हूँ।
मुझे तो जैसे यकीन ही नहीं हुआ लेकिन मैंने उससे कहा- लेकिन तुम्हारी तो शादी हो गई है.. अब इन सब बातों से क्या फायदा?
वो कहने लगी- मैं इस शादी से खुश नहीं हूँ और मैं तुमसे प्यार पाना चाहती हूँ।
बस फिर क्या था.. मैंने उसे गले से लगा लिया।
कुछ देर बैठने के बाद हम दोनों ने एक-दूसरे के फोन नम्बर ले कर विदा ली। अब कभी-कभी हमारी फ़ोन पर बातें होने लगीं। वो मुझसे रोज बात इसलिए नहीं करती थी क्योंकि वो शादी-शुदा थी तो उसे इस बात से डर भी था कि किसी को पता न चल जाए।
एक दिन उसका शाम को कॉल आया कि वो मुझसे मिलना चाहती है।
तो मैंने पूछा- ओके.. पर कैसे मिलोगी?
उसने कहा- मैं रात को दूध में नींद की गोलियां मिला कर पिला दूँगी.. और तुमको फोन कर दूँगी तो तुम आ जाना।
मैंने ‘ओके’ कह कर फ़ोन काट दिया।
जिस समय मुझे उससे मिलने जाना था उस वक्त मुझसे इन्तजार ही नहीं हो रहा था। मैं बार-बार घड़ी की तरफ देख रहा था और समय काटना मुश्किल सा हो गया था।
मैंने रात का खाना खाया और अपने कमरे में चला गया। तभी थोड़ी देर बाद उसका फ़ोन आया। उसने कहा- प्रोग्राम सैट हो गया है.. तुम तैयार रहना और दस मिनट बाद आ जाना।
मैंने- ओके!
अब मैंने माँ से कहा- मैं दोस्तों के साथ घूमने जा रहा हूँ.. रात को लेट हो जाऊँगा।
माँ ने कहा- जल्दी आना।
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बात लगभग एक साल पहले की है। मेरे गाँव में हमारे घर से कुछ दूर एक लड़की रहती थी.. जिसका नाम ऋतु (बदला हुआ) है। उसकी उम्र भी मेरी जितनी ही है।
मैं जब भी कुछ काम से उनकी गली से गुजरता.. और यदि वो मुझे देखती तो मैं और वो बहुत खुश होते थे।
ऐसे ही कुछ दिन कुछ महीने बीत गए लेकिन कुछ नहीं हुआ।
फिर एक दिन मैंने उसे प्रपोज़ किया.. तो वो बिना कुछ बोले वहाँ से चली गई। मैं भी अपने घर को आ गया। थोड़े दिनों बाद उसका रिश्ता पक्का हो गया जिसका मुझे बाद में पता चला।
तब मुझे लगा कि अब उससे मेरी बात बनना मुश्किल है.. लेकिन ऊपर वाले को कुछ और ही मंजूर था।
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मुझे तो जैसे यकीन ही नहीं हुआ लेकिन मैंने उससे कहा- लेकिन तुम्हारी तो शादी हो गई है.. अब इन सब बातों से क्या फायदा?
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तो मैंने पूछा- ओके.. पर कैसे मिलोगी?
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जिस समय मुझे उससे मिलने जाना था उस वक्त मुझसे इन्तजार ही नहीं हो रहा था। मैं बार-बार घड़ी की तरफ देख रहा था और समय काटना मुश्किल सा हो गया था।
मैंने रात का खाना खाया और अपने कमरे में चला गया। तभी थोड़ी देर बाद उसका फ़ोन आया। उसने कहा- प्रोग्राम सैट हो गया है.. तुम तैयार रहना और दस मिनट बाद आ जाना।
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माँ ने कहा- जल्दी आना।