नमस्कार दोस्तो, मैं कमल राज सिंह आप का पुराना दोस्त एक बार फिर अपनी कहानी लेकर हाज़िर हूँ।
दोस्तो मेरी उम्र 27 वर्ष कद 5 फीट 10 इंच, सीना 44 इंच है मैं एक मज़बूत बदन का पंजाबी लड़का हूँ।
मैं मुंबई में अपने फ्लैट में ही रियल एस्टेट की एजेंसी चलाता हूँ और बहुत अच्छी कमाई कर लेता हूँ।
हमारी सोसाइटी में कुल 10 ब्लॉक्स हैं और हर ब्लॉक में 15 मंज़िलें और हर मंज़िल 4 फ्लैट हैं.. यानि सोसाइटी में कुल 600 फ्लैट हैं। मेरे कहने का मतलब है कि हर समय 3-4 फ्लैट किराए के लिए खाली होते रहते हैं और उनको किराए पर भरवाने काम मैं ही करता हूँ।
पिछले दो महीने से काम इतना ज्यादा हो गया कि हर समय मुझे ही ऑफिस और बाहर के काम के लिए भागना पड़ता था।
कुछ दिन पहले मेरा एक दोस्त गुलशन (गुल्लू) जो कुछ दिन पहले ही नागपुर से मुंबई ट्रांसफर होकर आया था.. मैंने ही उसे अपनी सोसाइटी में किराए पर फ्लैट दिलवाया था।
एक दिन उसे मैंने अपने घर खाने पर बुलाया, वो अपनी बीवी रिया के साथ आया।
हम दोनों बैठ बातें कर रहे थे। गुल्लू मुझे रिया के लिए नौकरी की तलाश के बारे में बता रहा था और मैं गुल्लू को अपने ज्यादा काम के बारे में बता रहा था।
इस काम का सुन कर रिया बोली- कमल जी आप कोई अस्सिटेंट क्यों नहीं रख लेते.. ताकि वो ऑफिस का काम संभाले और आप बाहर का काम देख सको।
‘हाँ रिया.. बात तो आपकी सही है, पर आपको तो मालूम है कि मेरा ऑफिस घर में ही है। आजकल ऐसा ईमानदार कहाँ मिलता है.. जिस पर मैं भरोसा कर सकूं। हाँ आप तो पढ़ी-लिखीं हैं और नौकरी भी ढूँढ रही हैं.. आप करेगी मेरे साथ काम? आपको टीचर की नौकरी से ज्यादा पैसा दूँगा।
‘लो.. यह तो कुंआ प्यासे के पास ही आ गया रिया..’ गुल्लू हँस कर बोला- तेरे लिए यह नौकरी बिल्कुल ठीक रहेगी। घर के पास भी है और ज्यादा मेहनत भी नहीं है।
‘हाँ यह तो है.. पर कमल जी पर मुझे आपके इस काम के बारे में कुछ मालूम नहीं है। आपको सब काम सिखाना पड़ेगा..’ चंचल चुलबुली मस्तमौला रिया मुस्करा कर बोली।
‘अरे रिया जी.. आप तो टीचर रह चुकी हैं आपके लिए यह काम क्या मुश्किल है। एक घंटे में सब सिखा दूँगा.. बस फ़ोन अटेंड करना है और कंप्यूटर पर कुछ पेपर टाइप करने हैं। बहुत आसान काम है.. लंच भी ऑफिस की तरफ से रहेगा। अब तो बस ‘हाँ’ कर दीजिए और अगर काम पसंद नहीं आया.. तो दूसरी नौकरी मैं आपको ढूंढ कर दूँगा।’
रिया हँस कर बोली- सच कमल जी.. फिर ठीक है मुझे यह नौकरी मंजूर है.. कब से शुरू करना है कमल सर?
मैं भी बहुत खुश था।
‘अब नेक काम में देर कैसी.. कल से ही शुरू कर देते हैं क्यों रिया जी.. ठीक है ना? बस दस से पांच का काम है.. जब मर्जी हो, लंच मंगा लें.. क्यों आपके लिए ठीक रहेगा ना?’
‘जी हाँ सर.. बिलकुल ठीक है.. थैंक्यू कमल सर।’
अगले दिन से रिया ऑफिस में कमल के साथ काम करने लगी।
रिया 24 साल की 5 फुट 4 इंच कद वाली.. 36-28-36 की मस्त फिगर की सांवली सी.. चंचल चुलबुली मस्तमौला और काफी खुले विचारों वाली औरत थी। वो ऑफिस में जीन्स और टी-शर्ट में बहुत सुन्दर लग रही थी।
दोस्तो मेरी उम्र 27 वर्ष कद 5 फीट 10 इंच, सीना 44 इंच है मैं एक मज़बूत बदन का पंजाबी लड़का हूँ।
मैं मुंबई में अपने फ्लैट में ही रियल एस्टेट की एजेंसी चलाता हूँ और बहुत अच्छी कमाई कर लेता हूँ।
हमारी सोसाइटी में कुल 10 ब्लॉक्स हैं और हर ब्लॉक में 15 मंज़िलें और हर मंज़िल 4 फ्लैट हैं.. यानि सोसाइटी में कुल 600 फ्लैट हैं। मेरे कहने का मतलब है कि हर समय 3-4 फ्लैट किराए के लिए खाली होते रहते हैं और उनको किराए पर भरवाने काम मैं ही करता हूँ।
पिछले दो महीने से काम इतना ज्यादा हो गया कि हर समय मुझे ही ऑफिस और बाहर के काम के लिए भागना पड़ता था।
कुछ दिन पहले मेरा एक दोस्त गुलशन (गुल्लू) जो कुछ दिन पहले ही नागपुर से मुंबई ट्रांसफर होकर आया था.. मैंने ही उसे अपनी सोसाइटी में किराए पर फ्लैट दिलवाया था।
एक दिन उसे मैंने अपने घर खाने पर बुलाया, वो अपनी बीवी रिया के साथ आया।
हम दोनों बैठ बातें कर रहे थे। गुल्लू मुझे रिया के लिए नौकरी की तलाश के बारे में बता रहा था और मैं गुल्लू को अपने ज्यादा काम के बारे में बता रहा था।
इस काम का सुन कर रिया बोली- कमल जी आप कोई अस्सिटेंट क्यों नहीं रख लेते.. ताकि वो ऑफिस का काम संभाले और आप बाहर का काम देख सको।
‘हाँ रिया.. बात तो आपकी सही है, पर आपको तो मालूम है कि मेरा ऑफिस घर में ही है। आजकल ऐसा ईमानदार कहाँ मिलता है.. जिस पर मैं भरोसा कर सकूं। हाँ आप तो पढ़ी-लिखीं हैं और नौकरी भी ढूँढ रही हैं.. आप करेगी मेरे साथ काम? आपको टीचर की नौकरी से ज्यादा पैसा दूँगा।
‘लो.. यह तो कुंआ प्यासे के पास ही आ गया रिया..’ गुल्लू हँस कर बोला- तेरे लिए यह नौकरी बिल्कुल ठीक रहेगी। घर के पास भी है और ज्यादा मेहनत भी नहीं है।
‘हाँ यह तो है.. पर कमल जी पर मुझे आपके इस काम के बारे में कुछ मालूम नहीं है। आपको सब काम सिखाना पड़ेगा..’ चंचल चुलबुली मस्तमौला रिया मुस्करा कर बोली।
‘अरे रिया जी.. आप तो टीचर रह चुकी हैं आपके लिए यह काम क्या मुश्किल है। एक घंटे में सब सिखा दूँगा.. बस फ़ोन अटेंड करना है और कंप्यूटर पर कुछ पेपर टाइप करने हैं। बहुत आसान काम है.. लंच भी ऑफिस की तरफ से रहेगा। अब तो बस ‘हाँ’ कर दीजिए और अगर काम पसंद नहीं आया.. तो दूसरी नौकरी मैं आपको ढूंढ कर दूँगा।’
रिया हँस कर बोली- सच कमल जी.. फिर ठीक है मुझे यह नौकरी मंजूर है.. कब से शुरू करना है कमल सर?
मैं भी बहुत खुश था।
‘अब नेक काम में देर कैसी.. कल से ही शुरू कर देते हैं क्यों रिया जी.. ठीक है ना? बस दस से पांच का काम है.. जब मर्जी हो, लंच मंगा लें.. क्यों आपके लिए ठीक रहेगा ना?’
‘जी हाँ सर.. बिलकुल ठीक है.. थैंक्यू कमल सर।’
अगले दिन से रिया ऑफिस में कमल के साथ काम करने लगी।
रिया 24 साल की 5 फुट 4 इंच कद वाली.. 36-28-36 की मस्त फिगर की सांवली सी.. चंचल चुलबुली मस्तमौला और काफी खुले विचारों वाली औरत थी। वो ऑफिस में जीन्स और टी-शर्ट में बहुत सुन्दर लग रही थी।