नमस्कार, मैं रवि काफी समय बाद हाज़िर हो रहा हूँ। मैं अपने किसी व्यक्तिगत काम की वजह से आपसे नहीं मिल पाया।
दोस्तो, आपने मेरी कहानियों को बहुत पसंद किया और मुझे ढेर सारी ईमेल्स भी भेजीं.. काफी मेल्स अभी तक भी मिल रही हैं।
सभी दोस्तों के प्यार का धन्यवाद।
मेरी कहानियाँ पढ़कर जो पाठिकाएं अपनी चूत में उंगली करती हैं और जो लड़के लंड हिलाते हैं.. उनके इमेल्स भी आ रहे थे कि मैं अब नई कहानी कब ला रहा हूँ।
सो अब आपके पास में कुछ नई कहानियां ला रहा हूँ। जो एक-एक करके आपके रिस्पांस के बाद आपको मिलेंगी। अगर कहानी अच्छी हुई तो भी.. और अगर न अच्छी लगे तो भी.. उसका विश्लेषण मुझे मेल में भेज देना।
अब ज्यादा बातें न करता हुआ मैं सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ।
यह कहानी है मेरी दोस्त नीलू की, जिसकी सहमति से मैं यहाँ लिख रहा हूँ।
नीलू मेरी ऑनलाइन दोस्त थी, वो हर रोज़ मुझसे सेक्स चैट करती थी, परन्तु धीरे-धीरे वो मेरी ख़ास दोस्त बन गई।
नीलू का अपना खुद का कारोबार है, उसकी आयु 28 साल की ही है। वो दिखने में बहुत ही सुन्दर और सेक्सी है। भले ही वो मैरिड है परन्तु उसकी चूत एकदम टाइट और फिगर फिट है। उसके पति कनाडा में रहते हैं। उसके घर में किसी चीज़ की कमी नहीं है। कोई कमी है.. तो बस एक सेक्सी लंड की कमी है, जो अब मैंने पूरी कर दी है।
फिर हम कभी-कभी वक्त निकाल कर मिलते और खूब चुदाई करते और फन करते।
इस बार भी नीलू ने मुझे बताया- मैं इस शनिवार और रविवार को फ्री हूँ। अगर वक्त है तो तुम शनिवार रात को आ जाओ, हम रात को एन्जॉय करेंगे।
मैंने शनिवार को जाने का प्लान बनाया। मैं उसके कहे अनुसार रात को करीब 8 बजे उसके घर के सामने था।
उसने मुझे नार्मल तरीके से नमस्ते की और गेट के अन्दर ले गई।
उसने ब्लैक स्कर्ट और वाइट टॉप पहना था।
जैसे ही मैं ड्राइंग रूम में घुसा.. मैंने नीलू को अपनी गोद में उठा लिया और उसे किस करने लगा। वो भी साथ देती हुई मुझे किस कर रही थी। कुछ पल बाद वो नीचे उतरने के लिए छटपटाने लगी।
मैंने उसे छोड़ दिया, तभी वो मेन गेट लॉक करके आई और मुझे ड्राइंग रूम में ले गई।
अब वो बोली- ले जानू, अब कर ले जो मन करता है.. अब ये जान आपकी हुई। ये कहते हुए वो मेरी गोद में आ गई।
मैंने नीलू को गोद में उठाया और फिर से किस करते हुए उसके टॉप में हाथ डाल दिया। मैं साथ ही उसके होंठों को चूसता हुआ.. उसके कान तक किस भी कर रहा था, कभी होंठों को.. कभी कान.. कभी आँखें.. यानि सभी जगह पर कपड़ों के ऊपर से ही किस कर रहा था।
मेरी इस हरकत से नीलू थोड़ी गर्म हो गई थी।
बोली- साले तड़पा दिया था.. कहाँ रहे इतनी देर।
मैंने कहा- अब आ गया हूँ, अब कर देता हूँ तेरी तड़प दूर.. साली कुतिया..
इसी के साथ ही मैंने उसे बेड पर बिठा दिया और ऊपर से उसका टॉप ऊपर करने लगा। उसने मेरा थोड़ा सहयोग किया और अपना टॉप अच्छे से ऊपर कर दिया।
उसने नीचे ब्रा नहीं पहनी थी, शायद उसने अपने मेरे लिए ऐसे खुले रखे हों। अब उसके दोनों कबूतर नंगे हो चुके थे। मैंने सबसे पहले दोनों मम्मों को किस किया ही था कि उसके मुँह से मजेदार सिसकारी निकली।
दोस्तो, आपने मेरी कहानियों को बहुत पसंद किया और मुझे ढेर सारी ईमेल्स भी भेजीं.. काफी मेल्स अभी तक भी मिल रही हैं।
सभी दोस्तों के प्यार का धन्यवाद।
मेरी कहानियाँ पढ़कर जो पाठिकाएं अपनी चूत में उंगली करती हैं और जो लड़के लंड हिलाते हैं.. उनके इमेल्स भी आ रहे थे कि मैं अब नई कहानी कब ला रहा हूँ।
सो अब आपके पास में कुछ नई कहानियां ला रहा हूँ। जो एक-एक करके आपके रिस्पांस के बाद आपको मिलेंगी। अगर कहानी अच्छी हुई तो भी.. और अगर न अच्छी लगे तो भी.. उसका विश्लेषण मुझे मेल में भेज देना।
अब ज्यादा बातें न करता हुआ मैं सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ।
यह कहानी है मेरी दोस्त नीलू की, जिसकी सहमति से मैं यहाँ लिख रहा हूँ।
नीलू मेरी ऑनलाइन दोस्त थी, वो हर रोज़ मुझसे सेक्स चैट करती थी, परन्तु धीरे-धीरे वो मेरी ख़ास दोस्त बन गई।
नीलू का अपना खुद का कारोबार है, उसकी आयु 28 साल की ही है। वो दिखने में बहुत ही सुन्दर और सेक्सी है। भले ही वो मैरिड है परन्तु उसकी चूत एकदम टाइट और फिगर फिट है। उसके पति कनाडा में रहते हैं। उसके घर में किसी चीज़ की कमी नहीं है। कोई कमी है.. तो बस एक सेक्सी लंड की कमी है, जो अब मैंने पूरी कर दी है।
फिर हम कभी-कभी वक्त निकाल कर मिलते और खूब चुदाई करते और फन करते।
इस बार भी नीलू ने मुझे बताया- मैं इस शनिवार और रविवार को फ्री हूँ। अगर वक्त है तो तुम शनिवार रात को आ जाओ, हम रात को एन्जॉय करेंगे।
मैंने शनिवार को जाने का प्लान बनाया। मैं उसके कहे अनुसार रात को करीब 8 बजे उसके घर के सामने था।
उसने मुझे नार्मल तरीके से नमस्ते की और गेट के अन्दर ले गई।
उसने ब्लैक स्कर्ट और वाइट टॉप पहना था।
जैसे ही मैं ड्राइंग रूम में घुसा.. मैंने नीलू को अपनी गोद में उठा लिया और उसे किस करने लगा। वो भी साथ देती हुई मुझे किस कर रही थी। कुछ पल बाद वो नीचे उतरने के लिए छटपटाने लगी।
मैंने उसे छोड़ दिया, तभी वो मेन गेट लॉक करके आई और मुझे ड्राइंग रूम में ले गई।
अब वो बोली- ले जानू, अब कर ले जो मन करता है.. अब ये जान आपकी हुई। ये कहते हुए वो मेरी गोद में आ गई।
मैंने नीलू को गोद में उठाया और फिर से किस करते हुए उसके टॉप में हाथ डाल दिया। मैं साथ ही उसके होंठों को चूसता हुआ.. उसके कान तक किस भी कर रहा था, कभी होंठों को.. कभी कान.. कभी आँखें.. यानि सभी जगह पर कपड़ों के ऊपर से ही किस कर रहा था।
मेरी इस हरकत से नीलू थोड़ी गर्म हो गई थी।
बोली- साले तड़पा दिया था.. कहाँ रहे इतनी देर।
मैंने कहा- अब आ गया हूँ, अब कर देता हूँ तेरी तड़प दूर.. साली कुतिया..
इसी के साथ ही मैंने उसे बेड पर बिठा दिया और ऊपर से उसका टॉप ऊपर करने लगा। उसने मेरा थोड़ा सहयोग किया और अपना टॉप अच्छे से ऊपर कर दिया।
उसने नीचे ब्रा नहीं पहनी थी, शायद उसने अपने मेरे लिए ऐसे खुले रखे हों। अब उसके दोनों कबूतर नंगे हो चुके थे। मैंने सबसे पहले दोनों मम्मों को किस किया ही था कि उसके मुँह से मजेदार सिसकारी निकली।