चाची काँपति हुई-- राज बेटा तू मूज़े, अपनी चाची के साथ भी ज़बरदस्ती कर जाएगा. कुछ तो इज़्ज़त रहने दे अपनी चाची की. राज ने अपने सोए हुए लंड को चाची की छूट पर रगड़ा.. चाची कसमसने लगी.
राज--- कसम से चाची आपका ये गड्राया हुआ जिस्म मुझे चैन से सोने नही देता. आप क्या जानो चाची आज भी आपका ये जिस्म कितना सेक्सी हा. राज की बात प्र चाची की साँस तेज़ होने लगी.
चाची--- राज बेटा छ्चोड़ दे मूज़े कोई आ जाएग... चाची को टा था जल्दी कोई नही आएगा. फिर भी वो राज से जान च्छुड़ाए के लिए ऐसा बोली
राज ने चाची की गाल पर उंगली चलानी शुरू कर दी. टा हा चाची मूज़े, इतनी जल्दी कोई नही आने वाला. मे तो कहता हों चाची यही पर तोड़ा से मज़े ना कर लें. चाची सर्दी मे भी पसीना छ्चोड़ने लगी थी. राज हरमियो का हरामी था. चाची जानती थी.
चाची ने ज़ोर लगा कर खुद को राज से च्छुडवाया और भागने लगी. राज ने चाची के एक हाथ को पकड़ लिया.. चाची ने मूड कर राज को देखा. और आँखों से कहने वाली. छ्चोड़ दे मूज़े राज बेटा. क्यू इस उमर मे मुझे गंदा क्रना चाहते हो. राज ने हेस्ट हुए चाची को खेंचा और फिरसे अपनी बहुँ मे भर लिया.
राज --- चाची कसम से इतनी सर्दी मे भी आपके जिस्म की गर्मी ने मुझे पागल करना शुरू कर दिया हा. आज छ्चोड़ रहा हों चाची. जल्दी ही मुझे आपको अपनी छूट देनी पड़ेगी चाची. वरना.. इतना बोल कर राज चाची को छ्चोड़ कर निकल गया.
चाची राज के जाने के बाद अपनी छूट को मसालने लगी. जिसमे पानी आने लगा था. राज किसी को च्छेदे और वो गीली ना हो ये हो नही सकता था. चाची कभी राज को गलियाँ देती तो कभी अपनी रसीली छूट के पानी को कपड़े के उपर से मसल के मज़े लेने लगती.
मॅन तो चाची का भी खराब होने लगा था इतने सालों की राज की च्छेद च्छाद से. पर वो आयेज नही बढ़ना चाहती थी. अपने पति के सिवा कभी किसी के सामने वो नंगी भी तो नही हुई थी..
राज घर पोनचा तो घर का डोर खुला हुआ मिला. राज का घर बोहुत खुला था. पहले वाला हिस्से मे जानवर बँधे हुए थे. वहाँ दो नौकर भेँसो का दूध निकालने मे लगे हुए थे.. राज दोनो से मिलकर अंदर जाने लगा.. अंदर का दरवाज़ा भी खुला हुआ था.
अंदर गया तो उसकी मा और गाओं की एक औरत बेती बातें कर रही थी. राज जेया के उस औरत के पास जा बैठा.. राज को आते देख कर वो औरत घबरा कर उठ खड़ी हुई.. राज ने उसका हाथ पकड़ कर उसे अपनी गोद मे बिता लिया.. वो हल्की आवाज़ मे चीख पड़ी. आराधान हस्सने लगी. वो औरत आराधना को देख कर बोली
औरत--- आराधना कितनी बड़ी भूल हुई मुझसे, जो इस हरामी को भूल कर मे यहाँ चली आई.. आराधना हासणे लगी. राज ने औरत को अपनी गोद मे बिता कर उसकी गर्दन पर उंगली फेरनी शुरू कर दिया. औरत ने जुर्सी पहनी हुई थी. उसके बड़े बड़े दूध उसे जुर्सी मे च्छूपे हुए थे. आराधना को पता था राज अब क्या करेगा.. वो हस्ती हुई उठ खड़ी हुई, औरत आराधना को जाते हुए देख कर बोली
औरत---- हटा ले अपने इस हरामी बेटे को आराधना.. ओइइ मा.. देख ने कैसा हरामीपन कर रहा हा ये मेरे साथ
आराधना स्सटे हुए--- दीदी आपने भी इसे बिगड़ने मे कोई कसर नही छ्चोड़ी. अब मे कुछ नही कर सकती. वरना ये मेरे पीछे पद जाएगा.. आराधना हेस्ट हुए दूसरे कमरे मे चली गई और राज ने औरत के ग्रेबान मे हाथ दल कर उसका एक चुचा पकड़ लिया.
राज----- साली तू अंदर से कितनी गरम हा, तेरे ये चुचे कभी ठंडे नही होंगे क्या.
राज उस औरत के निपल कस कस के मसालने लगा था. जल्द ही वो औरत भी गर्म होने लगी. वो औरत राज की हंसाई थी, राज का लंड सबसे पहले उसी की छूट और गंद मे गया था. वो तो उपर उपर से आराधान के सामने ऐसा बोलती थी वरना तो वो राज के लंड की दीवानी थी.
अरुआत---- राज बेटा तेरे जैसा लंड जो औरत ले ले. फिर उसकी छूट, गंद या चूचु की गर्मी कम केसे हो सकती हा. चल ना लगा ना कुण्डी और कर दे मेरी अंदर की गर्मी को ख़तम.. वो भी मूड मे आते हुए बोली.
राज नंदानी को जाम कर छोड़ चुका था अभी उसका मूड नही था. पर वो औरत उसकी सेक्स गुरु भी थी. राज को उसकी माननी ही थी. राज ने जल्दी से उठ कर डोर को अंदर से बंद किया और फिर नंगा हो गया.. वो साली छिननल औरत भी बिना देरी के नंगी हो कर राज के लंड के चूपए लगाने लगी. राज उसके बालों को पकड़ कर उसके मोह्न को छोड़ने लगा. वो भी मज़े से राज से लंड से अपने मोह्न को छुड़वाने लगी. बड़ी भरे भरे जिस्म की मलिक थी वो औरत.. बड़े बड़े चुचे राज ने बोहुत बार निच्चोड़े थे.
कुछ देर मे वो राज को खट्टिया पर लिया कर उसके उपर आई और लंड लेकर चूड़ने लगी.. राज भी उसे थप्पड़ मारते हुए छोड़ने लगा..
20 मिंट की चली छुदाई मे औरत के अंदर की सारी गर्मी निकल गई. वो खुश हो गई. आज 2 महीने बाद वो राज के लंड से चूड़ी थी. दोनो कपड़े पह्न कर कमरे से बाहर निकले. वो औरत फिर वही नही रुकी, वो अपने घर चली गई. राज अपने कमरे मे जाने लगा, उसकी गंद पर बड़े ज़ोर का डंडा पड़ा.. राज चीखता हुआ पीछे मुरा तो दीपिका हाथ मे एक डंडा लिए खड़ी थी. उसकी आँखें घुस्से से लाल थी. साथ भावना भी थी.
दीपिका ----- हरामी सेयेल कुत्ते रत तुझे इसी लिए घर से भगाया था, सुबह आते ही उस हरमिजदी के साथ मोह्न काला कर लेगा.
भावना ----- हरामी कुछ तो हमारा भी ख़याल कर लिया कर.
राज धिताई से बोला-- वही तो कई सालों से करने की कोशिश कर रहा हों. आप हाँ कह मेरी सिवा पर मुझे मरने लगती हा. भावना और दीपिका को घुस्सा आने लगा तो वो राज को फिरसे पीटने लगी. राज ने दीपिका को एक टाइम पर अपने शिकंजे मे कस्स लिया. भावना दीपिका को बचाती उससे पहले ही राज ने दीपिका को उठाया और अपने कमरे मे ले जा कर डोर अंदर से बंद कर दिया.
दीपिका घबरा गई.. भावना चीख पड़ी. अंजलि, आरती और आराधना भावना से पूछने लगी "क्या हुआ"
भावना ---- राज दीपिका को उठा कर ले गया हा
अंजलि, आरती -- क्य्ाआआआआअ?
आराधना हासणे लगी-- वो उठा के घर मे ही ले गया हा कहीं बाहर नही.. और उठा कर, भगा कर कोई शादी नही करने वाला मेरा राज दीपिका से.. हहेहहे आराधान बड़े खुल कर हासणे लगी थी. तीनो अपने माथे पर हाथ मारने लगी अपनी मा को हेस्ट देख कर
दीपिका को भी लगा आज वो बुरी फाँसी राज के शिकंजे मे.. वो बुरी तरह से घबरा गई थी पर उपर उपर से वो राज को घुसा दिखाने लगी.
दीपिका ---- छ्चोड़ मुझे हरामी सेयेल कुत्ते
राज ने दीपिका को बेड पर पटका और दीपिका के उपर आ कर दीपिका के होंटो पर एक हल्की सी किस करदी. दीपिका तो अंदर तक हिल गई थी. दर उसकी आँखों मे दिखने लगा था. पर वो राज को शो नही करवाना चाहती थी. राज भी हरमियो का हरामी था. वो कोई बच्चा तो था नही जो सब ना साँझ सकता. वो स्माइल करने लगा. उसकी स्माइल देख कर दीपिका के होश उड़ने लगे.
राज ---- दीदी हरामी हों तो हरामी बन के दिखाओगा. एक हरामी क्या कुछ कर सकता हा. ये भी आपको अच्छे से पता होगा. परसो रात आपकी छूट मे उंगली सही से नही कर सका था मे.. आज करूँगा. बोहुत दीनो से आपकी छूट भी नही देखी, वो भी देखोंगा. ज़िंदगी मे कभी आपकी छूट मे जीब नही डाली, आज वो भी डाल के आअपकी रसीली चूत को टेस्ट करूँगा.. राज की घिनोनी बातें सुनकर दीपिका की साँस अटकने लगी.. डोर बाहर से कोई खटखटा रहा था. पर राज ने खोलने का मॅन बदल दिया था. दीपिका भी चाह कर खुद को बचा नही सकती थी. क्यूँ की राज हरामी होने के साथ साथ बोहुत ताक़तवर और वज़नी था. दीपिका को आज अपना बोहुत कुछ बिगड़ता हुआ महसूस होने लगा था. उसके चेहरे पर आने वाली पसीने की बूँदेवन मे इज़ाफ़ा होने लगा.
राज--- कसम से चाची आपका ये गड्राया हुआ जिस्म मुझे चैन से सोने नही देता. आप क्या जानो चाची आज भी आपका ये जिस्म कितना सेक्सी हा. राज की बात प्र चाची की साँस तेज़ होने लगी.
चाची--- राज बेटा छ्चोड़ दे मूज़े कोई आ जाएग... चाची को टा था जल्दी कोई नही आएगा. फिर भी वो राज से जान च्छुड़ाए के लिए ऐसा बोली
राज ने चाची की गाल पर उंगली चलानी शुरू कर दी. टा हा चाची मूज़े, इतनी जल्दी कोई नही आने वाला. मे तो कहता हों चाची यही पर तोड़ा से मज़े ना कर लें. चाची सर्दी मे भी पसीना छ्चोड़ने लगी थी. राज हरमियो का हरामी था. चाची जानती थी.
चाची ने ज़ोर लगा कर खुद को राज से च्छुडवाया और भागने लगी. राज ने चाची के एक हाथ को पकड़ लिया.. चाची ने मूड कर राज को देखा. और आँखों से कहने वाली. छ्चोड़ दे मूज़े राज बेटा. क्यू इस उमर मे मुझे गंदा क्रना चाहते हो. राज ने हेस्ट हुए चाची को खेंचा और फिरसे अपनी बहुँ मे भर लिया.
राज --- चाची कसम से इतनी सर्दी मे भी आपके जिस्म की गर्मी ने मुझे पागल करना शुरू कर दिया हा. आज छ्चोड़ रहा हों चाची. जल्दी ही मुझे आपको अपनी छूट देनी पड़ेगी चाची. वरना.. इतना बोल कर राज चाची को छ्चोड़ कर निकल गया.
चाची राज के जाने के बाद अपनी छूट को मसालने लगी. जिसमे पानी आने लगा था. राज किसी को च्छेदे और वो गीली ना हो ये हो नही सकता था. चाची कभी राज को गलियाँ देती तो कभी अपनी रसीली छूट के पानी को कपड़े के उपर से मसल के मज़े लेने लगती.
मॅन तो चाची का भी खराब होने लगा था इतने सालों की राज की च्छेद च्छाद से. पर वो आयेज नही बढ़ना चाहती थी. अपने पति के सिवा कभी किसी के सामने वो नंगी भी तो नही हुई थी..
राज घर पोनचा तो घर का डोर खुला हुआ मिला. राज का घर बोहुत खुला था. पहले वाला हिस्से मे जानवर बँधे हुए थे. वहाँ दो नौकर भेँसो का दूध निकालने मे लगे हुए थे.. राज दोनो से मिलकर अंदर जाने लगा.. अंदर का दरवाज़ा भी खुला हुआ था.
अंदर गया तो उसकी मा और गाओं की एक औरत बेती बातें कर रही थी. राज जेया के उस औरत के पास जा बैठा.. राज को आते देख कर वो औरत घबरा कर उठ खड़ी हुई.. राज ने उसका हाथ पकड़ कर उसे अपनी गोद मे बिता लिया.. वो हल्की आवाज़ मे चीख पड़ी. आराधान हस्सने लगी. वो औरत आराधना को देख कर बोली
औरत--- आराधना कितनी बड़ी भूल हुई मुझसे, जो इस हरामी को भूल कर मे यहाँ चली आई.. आराधना हासणे लगी. राज ने औरत को अपनी गोद मे बिता कर उसकी गर्दन पर उंगली फेरनी शुरू कर दिया. औरत ने जुर्सी पहनी हुई थी. उसके बड़े बड़े दूध उसे जुर्सी मे च्छूपे हुए थे. आराधना को पता था राज अब क्या करेगा.. वो हस्ती हुई उठ खड़ी हुई, औरत आराधना को जाते हुए देख कर बोली
औरत---- हटा ले अपने इस हरामी बेटे को आराधना.. ओइइ मा.. देख ने कैसा हरामीपन कर रहा हा ये मेरे साथ
आराधना स्सटे हुए--- दीदी आपने भी इसे बिगड़ने मे कोई कसर नही छ्चोड़ी. अब मे कुछ नही कर सकती. वरना ये मेरे पीछे पद जाएगा.. आराधना हेस्ट हुए दूसरे कमरे मे चली गई और राज ने औरत के ग्रेबान मे हाथ दल कर उसका एक चुचा पकड़ लिया.
राज----- साली तू अंदर से कितनी गरम हा, तेरे ये चुचे कभी ठंडे नही होंगे क्या.
राज उस औरत के निपल कस कस के मसालने लगा था. जल्द ही वो औरत भी गर्म होने लगी. वो औरत राज की हंसाई थी, राज का लंड सबसे पहले उसी की छूट और गंद मे गया था. वो तो उपर उपर से आराधान के सामने ऐसा बोलती थी वरना तो वो राज के लंड की दीवानी थी.
अरुआत---- राज बेटा तेरे जैसा लंड जो औरत ले ले. फिर उसकी छूट, गंद या चूचु की गर्मी कम केसे हो सकती हा. चल ना लगा ना कुण्डी और कर दे मेरी अंदर की गर्मी को ख़तम.. वो भी मूड मे आते हुए बोली.
राज नंदानी को जाम कर छोड़ चुका था अभी उसका मूड नही था. पर वो औरत उसकी सेक्स गुरु भी थी. राज को उसकी माननी ही थी. राज ने जल्दी से उठ कर डोर को अंदर से बंद किया और फिर नंगा हो गया.. वो साली छिननल औरत भी बिना देरी के नंगी हो कर राज के लंड के चूपए लगाने लगी. राज उसके बालों को पकड़ कर उसके मोह्न को छोड़ने लगा. वो भी मज़े से राज से लंड से अपने मोह्न को छुड़वाने लगी. बड़ी भरे भरे जिस्म की मलिक थी वो औरत.. बड़े बड़े चुचे राज ने बोहुत बार निच्चोड़े थे.
कुछ देर मे वो राज को खट्टिया पर लिया कर उसके उपर आई और लंड लेकर चूड़ने लगी.. राज भी उसे थप्पड़ मारते हुए छोड़ने लगा..
20 मिंट की चली छुदाई मे औरत के अंदर की सारी गर्मी निकल गई. वो खुश हो गई. आज 2 महीने बाद वो राज के लंड से चूड़ी थी. दोनो कपड़े पह्न कर कमरे से बाहर निकले. वो औरत फिर वही नही रुकी, वो अपने घर चली गई. राज अपने कमरे मे जाने लगा, उसकी गंद पर बड़े ज़ोर का डंडा पड़ा.. राज चीखता हुआ पीछे मुरा तो दीपिका हाथ मे एक डंडा लिए खड़ी थी. उसकी आँखें घुस्से से लाल थी. साथ भावना भी थी.
दीपिका ----- हरामी सेयेल कुत्ते रत तुझे इसी लिए घर से भगाया था, सुबह आते ही उस हरमिजदी के साथ मोह्न काला कर लेगा.
भावना ----- हरामी कुछ तो हमारा भी ख़याल कर लिया कर.
राज धिताई से बोला-- वही तो कई सालों से करने की कोशिश कर रहा हों. आप हाँ कह मेरी सिवा पर मुझे मरने लगती हा. भावना और दीपिका को घुस्सा आने लगा तो वो राज को फिरसे पीटने लगी. राज ने दीपिका को एक टाइम पर अपने शिकंजे मे कस्स लिया. भावना दीपिका को बचाती उससे पहले ही राज ने दीपिका को उठाया और अपने कमरे मे ले जा कर डोर अंदर से बंद कर दिया.
दीपिका घबरा गई.. भावना चीख पड़ी. अंजलि, आरती और आराधना भावना से पूछने लगी "क्या हुआ"
भावना ---- राज दीपिका को उठा कर ले गया हा
अंजलि, आरती -- क्य्ाआआआआअ?
आराधना हासणे लगी-- वो उठा के घर मे ही ले गया हा कहीं बाहर नही.. और उठा कर, भगा कर कोई शादी नही करने वाला मेरा राज दीपिका से.. हहेहहे आराधान बड़े खुल कर हासणे लगी थी. तीनो अपने माथे पर हाथ मारने लगी अपनी मा को हेस्ट देख कर
दीपिका को भी लगा आज वो बुरी फाँसी राज के शिकंजे मे.. वो बुरी तरह से घबरा गई थी पर उपर उपर से वो राज को घुसा दिखाने लगी.
दीपिका ---- छ्चोड़ मुझे हरामी सेयेल कुत्ते
राज ने दीपिका को बेड पर पटका और दीपिका के उपर आ कर दीपिका के होंटो पर एक हल्की सी किस करदी. दीपिका तो अंदर तक हिल गई थी. दर उसकी आँखों मे दिखने लगा था. पर वो राज को शो नही करवाना चाहती थी. राज भी हरमियो का हरामी था. वो कोई बच्चा तो था नही जो सब ना साँझ सकता. वो स्माइल करने लगा. उसकी स्माइल देख कर दीपिका के होश उड़ने लगे.
राज ---- दीदी हरामी हों तो हरामी बन के दिखाओगा. एक हरामी क्या कुछ कर सकता हा. ये भी आपको अच्छे से पता होगा. परसो रात आपकी छूट मे उंगली सही से नही कर सका था मे.. आज करूँगा. बोहुत दीनो से आपकी छूट भी नही देखी, वो भी देखोंगा. ज़िंदगी मे कभी आपकी छूट मे जीब नही डाली, आज वो भी डाल के आअपकी रसीली चूत को टेस्ट करूँगा.. राज की घिनोनी बातें सुनकर दीपिका की साँस अटकने लगी.. डोर बाहर से कोई खटखटा रहा था. पर राज ने खोलने का मॅन बदल दिया था. दीपिका भी चाह कर खुद को बचा नही सकती थी. क्यूँ की राज हरामी होने के साथ साथ बोहुत ताक़तवर और वज़नी था. दीपिका को आज अपना बोहुत कुछ बिगड़ता हुआ महसूस होने लगा था. उसके चेहरे पर आने वाली पसीने की बूँदेवन मे इज़ाफ़ा होने लगा.