राज बस मे गौरी के पीछे लग कर कहदा हो गया. पिंकी की पीठ अपनी मा की र थी. पिंकी नही जानती थी उसकी मा पर क्या मुसीबत नज़िल हुई हा.
राज ने अपने लंड को अंडरवेर से निकल क्र साइड कर दिया था. राज का लंड गौरी की गंद से लगते ही खड़ा हो गया. गॉडी पसीने भरे से चेहरे से मूड कर राज को देखने लगी. राज हरमीों वाली स्माइल देने लगा. गौरी जानती थी राज से कुछ भी कहे गी तो राज नही सुनेगा. सर्दी के कारण सब ने कुछ ना कुछ पहना हुआ था. राज और गौरी के नीचे वाला एरिया नही दिख रहा था.
राज ने अपना हाथ आयेज बढ़ा क्र गौरी की कमीज़ को साइड मे करके गौरी की छूट पर रख दिया. गौरी ने अपने होंटो को दबा कर अपनी सिसकी रोकी.
राज ने मोह्न गौरी के कान से लगा कर कहा.. साली तेरी छूट भी पानी छ्चोड़ रही हा. फिर भी तू मुजसे डोर भागती हा.... गौरी कामपति हुई धीरे से बोली
गौरी--- राज बेटा देख मे तेरी मा बारबर हों, मुजपर तू दया कर..
राज--- नही कर सकता मेरी जान, तेरी छूट ने मूज़े दीवाना बना दिया हा. एक अब्र तो तुझे मेरा लंड लेना ही पड़ेगा. सर्दी मे भी गौरी का पसीना कम नही हो रहा था.
पिंकी ने मूड क्र देखा तू अपनी मा के चेहरे को पसीने से बहरा देख कर वो बोली..
पिंकी---- मा इतनी सर्दी मे आपको पसीना आने लगा हा, तबीआट तो ठीक हा ना
गौरी क्या बोलती राज बोल पड़ा. जिसका चेहरा गौरी के चेरहे के बारबर ही था.
राज----- पिंकी तेरी मा की हालत सही नही हा. तू क्यू इसे लेकर निकल पड़ी.. पिंकी राज की बात सुनक्र प्रेशन हो गई.
गौरी----- नही नही मे ठीक हों पिंकी बेटी. तू सामने देख. राज का हाथ गौरी की पनटी की साइड से गौरी की छूट के लिप्स मे घुस कर हरकत कर रहा था. गौरी बड़ी मुश्किल से अपनी सिसकियाँ दबाए हुए थी. पिंकी फिरसे मोह्न सामने कर गई..
पूरे रास्ते राज का हाथ नही रुका.. गौरी की छूट मे मची हुलचल से गौरी भी मज़े लेने पर मजबूर हो गई.. आज राज की वजा से तीसरी बार वो झड़ी थी. कुछ कर भी नही स्काती थी. वो संकारों वाली थी. राज के साथ आयेज बढ़ नही सकती थी. पर उसे भी राज के ऐसे करने से मज़ा मिलने लगा था. प्र गौरी और टाइप की थी, राज को हर बार देख कर वो घबरा जया करती थी. उसकी इतनी हिम्मत नही होती थी, वो राज से साथ आयेज बढ़ सके. राज अपने लंड को हल्के हल्के गौरी की गंद पर पूरे रास्ते दबाता रहा था.. गौरी की हालत राज ने बोहुत खराब कर दी थी.
शहर आया तो राज ने रश का फ़यद उठा कर गौरी के गाल को चूम लिया. गौरी एक बार तो हिल ही गई थी. वो इधर उधर देखने लगी. कहीं किसी ने देख तो नही लिया. प्र किसी की नज़र नही पड़ी थी. गौरी ने सुख की साँस ली.. अब उसे बस से उतार कर अपनी छूट को सॉफ क्रना था. जिसका पानी रिस्ता हुआ उसकी जांगों तक पोनच गया था. बड़ी उलझन होने लगी थी गौरी को अपनी छूट के पानी से.
बस से उतरे तो चारों हरामी एक साथ एक साइड मे बढ़ने लगे
बिन्नु --- सेयेल निम्मी को छोड़ क्र आया हा तू फिर भी तूने गौरी के साथ इतनी मस्ती कर ली.
राज---- मस्ती नही करी हा बहेनचोड़.. आज फिरसे उसकी छूट का पानी निकाला हा मैने. देखना 2-4 दिन मे ही वो मेरे लंड के लिए मचलने लगेगी.
विक्की---- नही राज गौरी तेरे नीचे नही आएगी.. देखा नही था केसे वो तुझसे दर गई थी.
जूरी----- गौरी मे हिम्मत नही हा राज. वो कभी तेरे साथ कहीं अकेले न्ही जाएगी. बोहुत डरती हा वो.
राज---- एक बार मेरा लंड उसकी छूट मे चला गया ना तो सारा दर निकल जाएगा उसका. राज हस्ता हुआ बोला.. टेनो हरामी भी हासणे लगे. चारों फिर मिलकर शहर मे घूमने लगे. राज ने अपने लंड को फिरसे अंडरवेर मे कर लिया था.
राज चारों मे सबसे अलग दिखता था. तीनो राज के साथ चलते हुए औतोमटल्ली राज को ही अपना गुरु मान कर चलते थे, और राज साला भी सब के बीच सबसे अलग तौर के साथ चलता था. हरमियों वाली सारी खूबियाँ राज मे फेस प्र दिखती थी.
बिन्नी --- राज चल ना आज किसी लड़कियों के स्कूल के पास चलते हाँ
विक्की----- तेरा बड़ा मान है शहर की चिकनी लड़कियो को देखने का
जूरी----- सही कहा तूने बिन्नी, साला शहर की लड़कियाँ स्कूल की वर्दी की कितनी गाज़ाब की दिखती हाँ
राज----- हस्ता हुआ, तेरी बहें से तो कम ही दिखेंगी.. सब हासणे लगे... च्छुटी होने वाली होगी तब किसी स्चोल की र चलेंगे
चारों शहर घूमने लगे. चारों शहर की हर लड़की हर औरत को बड़े घोर से देखते, उनको देख कर एक दूसरे से बातें करते, लड़कियों के फिगर को डिसकस करते.. एक राज ही था जिसमे हिम्मत थी. राज का मॅन होता तो शहर की किसी भी लड़की या और्त के पास जा कर पास कर लेता था. मॅन होता तो मोका देख कर हाथ भी लगा जया करता था.राज को ऐसा सब करने मे बड़ा मज़ा आता था.
एक बेज़ार दिखा तो राज सबको लेकर बेज़ार मे घुस गया. अंदर बड़ा रश था, लड़कियाँ और औरतों की मंदी लगी हुई थी. राज सब को देख कर कखुश हो गया. राज ने एक बार अपने लंड को मसला, फिर सब के साथ बेज़ार मे परवेश कर गया.
बिन्नी, बिककी और जूरी गरम जवानियों को देख क्र ललचाने लगे. राज तीनो को देख कर हासणे लगता.
बिन्नी------ राज आज तो मे भी किसी की गंद मे उंगली ज़रूर करूँगा
विक्की----- और मे भी.
जूरी----- सेयेल पिच्छली बार भी ऐसा किया था तुम दोनो ने.
राज----- और बड़ी मुश्किल से भाग कर जान बचाई थी. राज हस्ता हुआ बोला.. सालों तुम मे इतनी हिम्मत नही हा तो ना किया करो ऐसा सब. डोर से देख कर ही मज़े ले लिया करो. और फिर तुम सब के फेस भी ऐसे हाँ कोई भी देख कर घुस्सा करेगी. सेयेल टपोरी कहीं के.
27- 28 साला एक लड़की को देख कर राज आयेज बढ़ा.. तीनो उसे देख कर कुछ पीछे हट गये. वो जानते थे राज अपने माल को हाथ से निकलता हुआ नही देख सकता. उस लड़की के हाथों मे एक बेबी था, साथ एक बूढ़ी औरत भी थी. राज उस लड़की के पास पोनचा.
राज ------- दीदी मूज़े आपकी हेल्प करने को मॅन हा.. राज के चेहरे पर हरमियो वेल सारे भाव ख़तम होकर मासूमो वेल बन गये थे. राज की आँखों मे भी मासूमियत आ गई थी. लड़की और बूढ़ी औरत राज को देख कर खुश हो गई.
बूढ़ी--- श्क्रिया बेटा, आज कल कों किसी के काम आता हा.
लड़की ---- शुक्रिया भाई मूज़े ज़रूरत नही हा..
राज------ नही दीदी आपके पास बेबी भी हा और एक हाथ मे बाग बी. मूज़े अच्छा नही लगेगा. प्ल्ज़ दीदी मूज़े आपकी हेल्प करने दे ना... लड़की ने बाग नही दिया राज को कहीं लेकर भाग ही ना जाए. हाँ अपना बेबी उसने राज को पकड़ने को बोल दिया. राज ने बेबी पकड़ने के बहाने अच्छे से लड़की के चुचे दबा दिए.. लड़की ने चोंक क्र राज को देखा, पर राज के तो चेहरे पर मासूमियत का तठें मारता समंदर था. लड़की नॉर्मल हो गई. बूढ़ी भी खुशी हो गई. राज लड़की और बूढ़ी के बीच चलने लगा.
बिन्नी--- सेयेल को देखो, कितनी जल्दी दोनो मा बेटी पर अपना विश्वास बना लिया.
विक्की--- पता नही हुममे कब आएगी ऐसी कला
जूरी----- मूज़े तो लगता हा जिस दिन हुँने अपने अपने घर की छूट मार ली ना, उसी दिन हम भी मास्टर बन जाएँगे... जूरी हेस्ट हुए बोला तो बिन्नी और बिककी भी हासणे लगे.
राज चलता हुआ बेज़ार के दूसरे रास्ते से बाहर निकल गया. लड़की और बूढ़ी शॉपिंग करके फ्री हो चुकी थी.. वहाँ पास मे ही एक रिक्कशे वेल को देख क्र बूढ़ी बोली
बूढ़ी----- थॅंक्स बेटा, तुम ने बड़ा मान दिया मूज़े और मेरे बहू को. तू ना भी होते तो हम आ जाते. पर तुम्हे देख कर मॅन को बड़ी ख़ुसी मिली हा बेटा.
राज--- आप भी तो मेरी मा ही हा ना मा जी. और दीदी मेरी दीदी. केसे मे आपकी हेल्प ना करता.. अपनू की हेल्प करके तो दिल खुश हो जाता हा..
दीदी----- अच्छा लगा तुमसे मिलके भी भाई.
बूढ़ी---- अच्छा बेटा अब हम चलते हाँ. फिर मिलेंगे..
राज ने बेबी लड़की को वापिस कर दिया. एक बार फिरसे राज ने लकड़ी के चुचे को पकड़ कर कस्स के दबा दिया.. लड़की फिर राज को देखने लगी. राज बेबी को देख कर बेबी के साथ खेलते हुए लड़की के चुचे दबाने लगा.. लड़की अब समझी कह लड़का कैसा हरामी लड़का हा. अपनी सास के सामने वो बोल भी नही सकती थी. वरना उसकी सास हर किसी को ग़लत मानती.. कुछ देर तक राज लड़की के चुचे दबाता रहा. लड़की की मुन्निया भी नीचे से गीली होने लगी थी. वो राज को देखती रही.फिर राज ने लड़की की आँखों मे देख एक स्माइल दी और झट से लड़की के गाल पर किस कर दी.. लड़की शॉक्ड हो कर देखने लगी.
राज मुड़ा और लड़की की सास को देख कर बोला.
राज------ मा जी एक भाई अपनी दीदी को किस भी नही कर सकता क्या
सास---- क्यूँ नही बेटा, ये बुरी बात थोड़ी हा, ये भी तो प्रेम हा..
राज बूढ़ी के गले लग गया... वो सब रिक्कशे की साइड मे थे. तीनो हरामी दोस्तो के सिवा किसी की नज़र नही पद सकती थी. राज बूढ़ी के गले लग के.
राज----- मा जी, एक मा के साथ गले मिलके अपनी मा का एहसास होता हा..
लड़की सास-- क्यूँ बेटा, तुम भी तो मेरे बेटे हो. एक मा और बेटा तो गले मिलते ही रहते हाँ... राज ने और भी कस्स लिया बूढ़ी को.. लड़की राज को बड़े ढयन से देखने लगी.
राज लड़की की सास को गले लगते हुए सास की टाँगों के बीच मे हाथ ले आया और बिना देरी के, बिना डरे राज सुकून से बूढ़ी की पनटी की साइड से बूढ़ी की छूट मे उंगली करने लगा.. बूढ़ी को झटका लगा.. लड़की को भी ये देख कर झटका लगा था. लड़की कुछ बोली या ही लड़की की सास.. दोनो तो शॉक्ड रह गई थी..
राज सुकून से बूढ़ी के गले से लगे हुए उससे प्यार भारी बातें करते हुवे उसकी छूट मे उंगली करने लगा. देर नही लगी और बूढ़ी की छूट मे पानी आने लगा.. राज तो फुल्ली एक्सपर्ट था. ऐसी उंगली चाली कह बूढ़ी भी तर तर काँपते हुए पानी छ्चोड़ने लगी. उसे मज़ा आने लगा था. वो राज को रोक नही पाई. वो तेज़ साँस लेते हुए अपना सर राज के सर पर गिरा गई. लड़की अपने मोह्न पर हाथ रख कर राज को देखने लगी.
कुछ देर मे राज ने बूढ़ी की छूट से पानी निकल दिया. फिर बूढ़ी को छ्चोड़ दिया.. एक किस करके राज वहाँ से चल दिया. बूढ़ी ने रिक्कशे को पकड़ कर खुद को गिरने से बचाया.
बूढ़ी अपनी बहू को देख कर नज़रें चुराने लगी. लड़की मॅन मे हरामी साला कुत्ता कितना मासूम दिख रहा था. मेरे साथ और मेरी सास के साथ कितना कुछ कर गया..
बूढ़ी सोचने लगी.. उफ़फ्फ़ हरमाई ने तो मुझे भी इस उमर मे जन्नत दिखा दी.. हाए कितने बरसों बाद मेरी छूट ने पानी छ्चोड़ा.. हाए कितने सुकून से हो गई हों मई.
दोनो रिक्कशे मे बैठी और अपने घर जाने लगी. राज अपने दोस्तों के साथ बेज़ार से निकल कर शहर मे घूमने लगा.. तीनो राज को देख कर हेरान थे, आज तो राज ने 100 ही मार दी थी. इतना तो राज ने पहले कभी नही किया था.
राज बस तीनो को देख कर हस्स रहा था.