अँधेरे पार्क में खड़े खड़े चुदाई

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हाई दोस्तों,

मुझे नेट पे लोगो से चैट करने की अदद बहुत हे | एक दिन एक लड़की मिली जिसे मेने अपना नो. दिया और उसने मुझे भी | हम दोनों रात रात भर चैट करने लग गए फोन पे और कुछ ही महीनो में हम दोनों के बिच सेक्स चैट भी होने लग गयी | मैं उससे बात करते करते हिला भी लिया करता था | एक दिन हम दोनों ने मिलने का सोचा और हम मिले भी, हम दोनों एक ही शहर के थे इसीलिए मिलने में जादा तकलीफ नही हुई | हम दोनों एक बहुत ही अच्छे पार्क में मिले, उस पार्क की खासियत ये थी की वह आप शाम के बाद किसी लड़की को पेल भी सकते हो क्युकी वह झाडिय बहुत थी और शाम के बाद वह लाईट नही जलती थी | हम दोनों शाम के करीब ५ बजे मिले और फिर हम दोनों ने एक दूसरे को अच्छे से देखा और बहुत सारो बातें की हाथ पकड़ के और खाए पिए |

कुछ देर के बाद हम उठ के यहाँ वह घूमने लगे और मीठी मीठी बातें करने लग गए | धीरे धीरे वह अँधेरा छ गया और फिर हम एक ऐसे जगह पहुचे जहा बिलकुल अँधेरा था और कोई हमे या हम किसी को देख ही नही पा रहे थे, यहाँ तक की हम दोनों खुद एक दूसरे को ठीक से नही देख पा रहे थे | हम दोनों एक दूसरे के हाथ पकड़े हुए थे और एक दम मस्त मस्त प्यार भरे बातें कर रहे थे और हम धीरे धीरे एक दूसरे के एक दम करीब आके खड़े हुए और फिर मेने धीरे से उसके होठो पे अपने होठ रख दिया, वो कुछ न बोली और मेरा साथ देने लग गयी | मैं उसके होठो को चूसते चूसते उसके मामो पे हाथ फेरने लग गया और वो एक दम मुझसे चिपक गयी और मेरे होठो को कस कस के काटने लग गयी | मेने उसके टॉप के अंदर हाथ डाल दिया और देखा की उसने अंदर ब्रा नही पहना हुआ था, मैं एक दम से उसके चुचो को कस कस के मसलने लग गया |

वो एक दम से कसमसा उठी और फिर मेने उसके टॉप को उपर कर के उसके चुचो को चूसने लग गया और एक हाथ उसके चुत पे रख के सहलाने लग गया | दो मिनट के बाद उसने खुद ही अपनी जींस का बट्टन खोल दिया और मेरे हाथ को पकड़ के अपने पेंटी के अंदर डाल दी, मैं समझ गया की आज ये लंड लेने के मुड में हे | मेने उसकी पनटी को निचे सरका दिया और उसकी चुत पे मुह रख के उसकी चुत चाटने लग गया, वो एक दम मस्त होके मेरे सर को अपनी चुत में दबाने लग गयी | मैं उसकी चुत की पंखडियो को काटने लग गया तो वो चिल्लाने लग गयी | मेने अपने लंड को निकला और उसको चूसने को कहा तो वो झट से चूसने लग गयी, दस मिनट तक वो कस कस के चुसी और मैं तब तक हवा में था और फिर एक दम से उसके मुह में बाड आ गया और मेरा शारीर ढीला पड गया |

उसके बाड भी वो चुसी और मेरे लंड फिरसे खड़ा हो गया | मेने उसकी चुत को फिरसे चाटना शुरू कर दिया और फिर उसके बाड मेने उसको झुका दिया और उसके गांड पे लंड रगड़ने लग गया, मुझे काफी मजा आ रहा था और फिर उसके चुत पे लंड सेट कर के मेने धक्का दे दिया तो वो जोरसे चीख उठी | उसकी आवाज़ से किसी को न कुछ सुने दिया और न पता चला की कहा से आ रही हे | मेरा लंड आधा ही गया था और फिर मेने एक और धक्का दिया और पूरा अंदर सटा दिया | वो एक दम से दर्द से चीख उठी, मेने फिर लंड को बहार निकाला और फिरसे अंदर दे दिया | पाँच छह बर किया तो उसे मजा आने लग गया | वो आह्ह्ह्ह्ह्ह अआईई हम्म्म्म उफ्फ्फ करने लग गयी, मैं करीब बीस मिनट धक्के देता रहा और उसके चुचो को मसलता रहा और फिर उसके बाड मैं झड़ने लगा तो मेने लंड निकाल के उसके मुह एम् जल्दी से दे दिया और वो पिने लग गयी और अपनी चुत मसलने लग गयी और फिर वो भी झड गयी | हम दोनों ठीक हुए और फिर वह से चले गए और रात को हम अपनी चुदाई की बातें कर रहे थे |
 
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