अंडकोषो ने पानी छोड दिया था

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Hindi sex stories, Antarvasna: मैं और महिमा साथ में ही पढ़ा करते थे जब महिमा मेरे साथ कॉलेज में पढ़ती थी तो मैं उससे प्यार करने लगा था मैंने महिमा को अपने दिल की बात कही। महिमा ने मेरे प्रपोज को स्वीकार करने में बहुत समय लगाया लेकिन मैंने भी हिम्मत नहीं हारी और थोड़े समय बाद महिमा और मेरे बीच में रिलेशन चलने लगा। कॉलेज का आखिरी दिन था उस दिन मैं और महिमा साथ में काफी देर तक बैठे रहे मैंने महिमा से कहा कि कॉलेज अब खत्म हो चुका है और अब जॉब की बहुत ही ज्यादा टेंशन हो रही है पता नहीं आगे क्या होगा। महिमा मुझे कहने लगी कि रोहन सब कुछ ठीक हो जाएगा तुम चिंता मत करो, जब महिमा ने मुझसे ऐसा कहा तो मुझे काफी अच्छा लगा उस दिन हम दोनों अपने अपने घर चले गए। कुछ समय बाद मैं जॉब करने लगा मेरी एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब लग गई और मैं काफी खुश था। मैंने यह बात महिमा को बताई तो महिमा मुझे कहने लगी कि मैंने तुम्हें कहा नही था की तुम्हारी जॉब लग जाएगी देखो तुम्हारी जॉब लग गई मैंने महिमा को कहा हां महिमा तुम बिल्कुल ठीक कह रही हो।

मैंने महिमा से काफी देर तक बात की मैंने महिमा को कहा कि महिमा तुम आगे क्या करने वाली हो तो महिमा कहने लगी कि मैं भी नौकरी की तलाश में हूं। मैंने महिमा को कहा कि तुम मेरी कंपनी में क्यों ट्राई नहीं कर लेती, मैंने महिमा को कहा कि तुम मुझे कल अपना रिज्यूम भेज देना तो महिमा कहने लगी कि ठीक है मैं कल तुम्हें अपना रिज्यूम भेज दूंगी। महिमा ने मुझे मेरी मेल आईडी पर रिज्यूम भेज दिया महिमा का रिज्यूम मुझे मिल चुका था। मुझे ऑफिस में काम करते हुए करीब 6 महीने हो चुके थे इसलिए अब मेरी सबसे पहचान होने लगी थी और मेरी वजह से महिमा को हमारी ही कंपनी में जॉब मिल गई। महिमा और मैं अब साथ में जॉब करने लगे थे मेरी तनख्वाह 25 हजार महीना थी और मैं बहुत खुश था महिमा भी अपनी जॉब से काफी खुश थी। महिमा और मेरे बीच तो प्यार था ही और हम दोनों एक दूसरे को बहुत अच्छे से समझते भी थे।

एक दिन हमारे ही ऑफिस में काम करने वाले रितेश जो कि मुझसे सीनियर थे वह महिमा को कुछ गंदे तरीके से घूर रहे थे जो कि मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं आया। मैंने महिमा से इस बारे में कहा तो महिमा कहने लगी कि मुझे भी रितेश बिल्कुल अच्छे नहीं लगते उनका व्यवहार और उनके बात करने का तरीका मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं है इसलिए मैं उनसे दूर ही रहती हूं। हम दोनों का रिलेशन तो अच्छे से चल ही रहा था लेकिन मुझे क्या पता था कि एक दिन ऐसा भी आएगा जब मुझे महिमा के बारे में मेरे दोस्त से सुनने को मिलेगा। मेरे दोस्त ने मुझे बताया कि उसका और रितेश का रिलेशन चल रहा है मैं इस बात से बहुत ही गुस्सा हुआ मुझे तो पता ही नहीं चल रहा कि आखरी यह हो कैसे गया। मैंने महिमा से इस बारे में पूछा तो महिमा ने मुझे कहा कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है महिमा मुझे सफाई देने की कोशिश कर रही थी लेकिन मुझे यह बात अच्छे से पता चल चुकी थी की महिमा और रितेश सर के बीच में रिलेशन चलने लगा है मैंने उन दोनों को साथ में भी देखा था इसलिए मैंने महिमा से दूर रहने का फैसला कर लिया था। महिमा और मैं एक दूसरे से दूर हो चुके थे मैं महिमा से बात नहीं करता था, मैंने अपने ऑफिस से भी रिजाइन दे दिया था और मैंने दूसरा ऑफिस ज्वाइन कर लिया लेकिन महिमा की बेवफाई मुझे हर रोज परेशान करने पर मजबूर कर देती। मैं यह सोचता कि आखिर महिमा ने मेरे साथ ऐसा क्यों किया लेकिन मेरे पास किसी भी बात का कोई जवाब नहीं था और ना ही मुझे इस बात का कोई जवाब मिलने वाला था इसलिए मैं भी अब अपनी जिंदगी में आगे बढ़ता चला गया। मैंने दूसरी कंपनी ज्वाइन कर ली थी वहां पर मैं ज्यादा किसी से मतलब नहीं रखता था मैं सिर्फ अपनी जॉब पर ध्यान दे रहा था, मैं अपने ऑफिस सुबह चला जाता और शाम को घर लौटता मेरी जिंदगी बिल्कुल सामान्य तरीके से चल रही थी। एक दिन मुझे मेरे दोस्त ने बताया कि महिमा और रितेश सर की शादी तय हो गई है यह बात सुनकर मेरा दिल और भी ज्यादा बैठ गया और मैं उस दिन सो भी नहीं पाया मैं अपने और महिमा के बीच के पुराने दिनों को याद करने लगा लेकिन महिमा तो यह सब भूल चुकी थी और महिमा को इस बारे में कुछ भी याद नहीं था लेकिन मैं अब अपनी जिंदगी में आगे बढ़ चुका था। मेरी जिंदगी में जब सुहानी आई तो सुहानी के मेरी जिंदगी में आने से बदलाव आने लगा सुहानी को मैंने अपने बारे में सब कुछ बता दिया था इसलिए सुहानी भी मेरा साथ देने लगी। हालांकि सुहानी की जिंदगी में भी काफी बुरा हुआ था उसकी सगाई जिससे हुई थी वह बहुत लालची थे और उन्होंने सुहानी पिताजी से दहेज की मांग की परन्तु सुहानी को यह बिल्कुल मंजूर नहीं था इसलिए सुहानी और मेरे बीच के रिश्ते बढ़ते ही जा रहे थे।

हम दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करने लगे हम दोनों एक दूसरे को ज्यादा से ज्यादा समय देने की कोशिश करते थे। मैं काफी खुश था कि सुहानी के साथ मैं समय बिता पा रहा हूं सुहानी मुझे अच्छे से समझती थी और उसने मुझे कभी भी किसी चीज की कोई कमी महसूस होने नहीं दी। मैं सुहानी से अपनी हर एक बात शेयर कर लिया करता क्योंकि सुहानी और मेरे बीच में काफी समानताएं थी। हम दोनों एक दूसरे से प्यार तो करते ही थे लेकिन धीरे धीरे हमारे बीच में प्यार इतना ज्यादा बढ़ चुका था कि हम दोनों एक दूसरे के बिना रह भी नहीं पाते थे इसलिए मैं और सुहानी एक दूसरे के साथ बहुत ज्यादा खुश थे। हम दोनों का रिलेशन अच्छे से चल रहा था सुहानी और मेरे रिलेशन को काफी समय हो चुका था। एक दिन मुझे सुहानी ने कहा कि चलो आज हम लोग कहीं घूम आते हैं उस दिन हम दोनों साथ में मूवी देखने के लिए गए। जब हम लोग मूवी देखने के लिए गए तो वहां पर मुझे महिमा दिखी महिमा को भी अपनी गलती का शायद एहसास हो चुका था इसलिए उसने मुझसे माफी मांगी और कहा कि रोहन मैंने तुम्हारे साथ बहुत ही गलत किया मुझे तुम्हारे साथ ऐसा नहीं करना चाहिए था।

महिमा को अपनी गलती का एहसास हो चुका था उसके और रितेश के बीच में कुछ ठीक नहीं चल रहा था वह दोनों एक दूसरे से अलग हो चुके थे, मैंने भी महिमा को माफ कर दिया था। मेरा रिलेशन सुहानी के साथ अच्छे से चल रहा था और हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत खुश थे। मेरे और सुहानी के बीच बहुत ही अच्छे से रिलेशन चल रहा था। हम दोनों एक दूसरे के लिए काफी समय निकाल लिया करते। मैंने एक दिन सुहानी से कहा हम लोग आज कहीं साथ में घूमने के लिए चलते हैं उस दिन हम दोनों साथ में घूमने के लिए गए। उस दिन हम दोनों ने साथ मे समय बिताया उस दिन मेरे अंदर एक अलग फीलिंग जागने लगी। मैंने सुहानी के होंठों को चूमना शुरू किया मैं जब सुहानी के होठों को चूम रहा था तो मुझे मजा आने लगा और सुहानी को भी बड़ा अच्छा महसूस होने लगा। अब हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स करने के लिए पूरी तरीके से तैयार हो चुके थे मैंने और सुहानी ने कही बाहर रूकने का फैसला किया। हम दोनों उस दिन साथ में रुके हम दोनों होटल मे चले गए वहां पर मैंने रुम लिया। रूम लेने के बाद मै और सुहानी एक ही बिस्तर पर थे मैं सुहानी को चूम रहा था। अब सुहानी भी अपने आपको रोक नहीं पा रही थी वह मेरे होठों को चूमने लगी मुझसे रहा नहीं जा रहा था। हम दोनो अब एक दूसरे के बदन को महसूस कर रहे थे। मैने अपने लंड को बाहर निकल कर हिलाना शुरू किया तो वह मेरे लंड को अपने मुंह में लेना चाहती थी। सुहानी ने मेरे लंड को बाहर निकालकर उसे चूसना शुरू किया मुझे बड़ा ही आनंद आने लगा। सुहानी मेरे लंड को बड़े अच्छे तरीके से चूस रही थी।

सुहानी ने मेरे लंड तब तक चूसा जब तक उस से पानी बाहर निकाल आया मेरे अंदर की गर्मी बढ चुकी थी। सुहानी की चूत से निकलता हुआ पानी भी अब बढ चुका था सुहानी ने मेरे सामने अपने कपडे उतारे अब वह मेरे सामने नंगी थी। मैने सुहानी को गोद मै बैठाया मेरा लंड सुहानी की गांड पर लग रहा था। मै सुहानी की चूत को चाटना चाहता था मै उसकी चूत को चाटने लगा। सुहानी की चूत को चाटकर मुझे अच्छा महसूस हो रहा था सुहानी की गुलाबी चूत को चाटकर चिकना बना दिया था। सुहानी की चूत से निकलता हुआ पानी बहुत ही ज्यादा होने लगा था। सुहानी मुझे कहने लगी मैं बिल्कुल रह नहीं पाऊंगी। मैंने सुहानी को कहा बस कुछ देर की बात है मुझसे भी बिल्कुल नहीं रहा जा रहा है। मैने अपने लंड को सुहानी की चूत पर लगाया मैंने जब सुहानी की चूत मे धक्का मारना शुरू किया तो मेरा लंड सुहानी की चूत के अंदर जा चुका था। जब मेरा मोटा लंड सुहानी की चूत के अंदर घुसा तो सुहानी की चूत से खून निकल आया था सुहानी को मजा आने लगा था।

जब मेरा लंड सुहानी की योनि में चला गया तो सुहानी को मजा आने लगा और मुझे भी बड़ा अच्छा लग रहा था। मैंने सुहानी के पैरों को चौड़ा किया मै जिस तरह उसे चोद रहा था उससे मुझे मजा आ रहा था और सुहानी के अंदर की गर्मी भी बढ़ती जा रही थी। सुहानी मुझे कहने लगी मुझे तुम ऐसे ही धक्के मारते रहो मैं उसे जिस तेजी से धक्के मार रहा था मुझे बड़ा मजा आने लगा था मेरे अंदर की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी। सुहानी सिसकियां ले रही थी सुहानी जिस तरह सिसकारियां ले रही थी उस से मुझे उसे चोदने मे मजा आ रहा था और मेरे लंड से पानी भी बाहर निकलने लगा था। मैंने सुहानी को तेज गति से धक्के मारने शुरू कर दिए थे। सुहानी का गदराया बदन जिस तरह से हिल रहा था उस से मेरे अंडकोषो से पानी निकलने लगा था। सुहानी की चूत से मेरे अंडकोष टकराते जा रहे थे तो मुझे और भी ज्यादा मजा आता। मेरे अंदर की आग बाहर आ चुकी थी मैंने सुहानी की चूत के अंदर अपने माल को गिराकर उसकी गर्मी को शांत कर दिया था।
 
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