अनीता की टाइट चूत का मजा

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Hindi sex kahani, antarvasna: मैं दिल्ली से बस में वापस लौट रहा था रात काफी ज्यादा हो चुकी थी और मैं काफी ज्यादा थका भी था इसलिए मुझे बस में नींद आ गई। मैं जब सुबह उठा तो मैं जयपुर पहुंच चुका था और मैं वहां से अपने घर लौट आया। जब मैं अपने घर पर पहुंचा तो उस दिन दीदी घर पर आई हुई थी। दीदी जिनकी शादी अभी दो वर्ष पहले ही हुई है वह उस दिन घर पर आई हुई थी। मुझे बड़ा ही अच्छा लगा जब मैं उस दिन दीदी से मिला काफी समय हो गया था मैं दीदी से मिल भी नहीं पाया था और दीदी से मिलकर मुझे बड़ा ही अच्छा लगा था। दीदी भी बहुत ज्यादा खुश थी और वह मुझे कहने लगी कि राजेश क्या तुम अपने काम से दिल्ली गए हुए थे। मैंने दीदी से कहा कि हां दीदी मुझे कुछ जरूरी काम था इसीलिए मैं दिल्ली गया हुआ था।

दीदी कुछ दिनों के लिए घर पर ही रुकने वाली थी। मुझे दो दिनों के बाद अपने ऑफिस जाना था और जब मैं अपने ऑफिस गया तो उस दिन मेरे ऑफिस में काम करने वाले रोहन ने मुझे कहा कि वह ऑफिस से रिजाइन दे रहा है। मैंने जब रोहन से पूछा कि आखिर तुम ऑफिस से रिजाइन क्यों दे रहे हो तुम उसने मुझे बताया कि उसके मामा जी ने नया बिजनेस शुरू किया है और वह अपने मामा जी के साथ ही अब काम करना चाहता है। मैंने रोहन से कहा कि चलो यह तो बड़ी अच्छी बात है कि तुम अपने मामा जी के साथ अब काम करना चाहते हो। रोहन और मेरे बीच में काफी अच्छी दोस्ती है हम दोनों एक दूसरे को काफी समय से जानते भी हैं। रोहन पिछले 5 सालों से मेरे साथ ऑफिस में जॉब कर रहा था और अब रोहन ने ऑफिस से रिजाइन देने के बारे में सोच लिया था। थोड़े ही समय बाद रोहन ने ऑफिस से रिजाइन दे दिया था काफी दिनों से मैं रोहन को मिला नहीं था। एक दिन मेरे ऑफिस की छुट्टी थी तो उस दिन मैंने सोचा कि क्यों ना मैं आज रोहन से मुलाकात कर लूँ और उस दिन मैंने रोहन से मुलाकात करने का फैसला किया।

जब उस दिन मेरी रोहन से मुलाकात हुई तो मुझे रोहन से मिलकर काफी अच्छा लगा और रोहन भी बहुत ज्यादा खुश था। काफी लंबे समय के बाद हम दोनों एक दूसरे को मिले थे और मुझे बड़ा ही अच्छा लगा जब रोहन और मेरी मुलाकात हुई। मैंने रोहन से उसका हालचाल पूछा तो रोहन भी बड़ा खुश था और वह मुझे कहने लगा कि मैं कुछ समय के बाद शादी करने वाला हूं। मैंने रोहन से कहा कि चलो यह तो बड़ी अच्छी बात है और रोहन के साथ उस दिन मैं काफी लंबे समय तक बैठा रहा और उसके बाद मैं वापस अपने घर लौट आया था। रोहन से मिलकर मुझे बड़ा अच्छा लगा था काफी समय के बाद मेरी उससे मुलाकात हो पाई थी और मुझे बहुत ही खुशी थी जिस तरीके से मैं और रोहन एक दूसरे को मिले थे।

जब रोहन की इंगेजमेंट हुई तो रोहन ने मुझे अपनी इंगेजमेंट में भी इनवाइट किया था और रोहन की इंगेजमेंट में मेरे ऑफिस के कुछ और पुराने दोस्त भी आए हुए थे जो कि मुझे काफी लंबे समय के बाद मिले थे मुझे उनसे मिलकर बड़ा अच्छा लगा था। एक दिन मैं और रोहन फोन पर बातें कर रहे थे क्योंकि रोहन और मेरी बहुत ज्यादा बनती है रोहन ने मुझे कहा कि मुझे तुमसे मिलना था। मैंने रोहन को कहा कि ठीक है मैं तुमसे मिलने के लिए आता हूं। मैं उस दिन अपने ऑफिस खत्म होने के बाद रोहन को मिलने के लिए गया तो रोहन ने मुझे बताया कि उसे मेरी मदद की जरूरत है। मैंने रोहन को कहा कि आखिर तुम्हें मेरी मदद की क्या जरूरत है तो रोहन ने मुझे कहा की उसके जीवन में कुछ भी अच्छा नहीं चल रहा है।

मैंने जब उससे इस बारे में पूछा तो रोहन ने मुझे बताया कि उसने जिस लड़की से इंगेजमेंट की थी वह अब सगाई तोड़ना चाहती है और उन लोगों के बीच कुछ भी ठीक नहीं चल रहा था। शायद यही वजह थी कि रोहन ने मुझे मिलने के लिए बुलाया था और मैं रोहन के साथ काफी देर तक बैठा रहा। रोहन कहने लगा कि मुझे तुमसे मिलकर बड़ा ही अच्छा लगा। जिस तरीके से हम दोनों एक दूसरे से मिले उससे कहीं ना कहीं रोहन को अच्छा लगा और मुझे भी रोहन से मिलकर बड़ा ही अच्छा लगा था। हालांकि रोहन की सगाई कुछ समय बाद ही टूट चुकी थी लेकिन वह अब अपनी जिंदगी में आगे बढ़ चुका था। हमारे पड़ोस में अनीता रहती है अनीता को मैं काफी समय से जानता हूं अनीता को मैं बहुत पसंद भी करता हूं लेकिन उसे मैं कभी भी अपने दिल की बात बता नहीं पाया था। एक दिन जब मैं सुबह के वक्त मॉर्निंग वॉक के लिए पार्क में जा रहा था तो उस दिन मुझे अनीता मिली। अनीता से मुझे बात करना बहुत ही अच्छा लग रहा था यह पहली बार था जब हम दोनों एक दूसरे से इतनी खुलकर बातें कर रहे थे इससे पहले हम लोगों की कभी भी इतनी खुलकर बातें नहीं हुई थी।

मुझे अनीता से बातें करना बड़ा अच्छा लग रहा था और उस दिन मैंने अनीता से काफी देर तक बातें की। उस दिन के बाद तो जैसे हम दोनों एक दूसरे से हमेशा ही बात करने के लिए तड़पने लगे थे और मुझे अनीता से बातें कर के बड़ा अच्छा लगता। जब भी मैं अनीता से बातें किया करता तो मैं बहुत ही ज्यादा खुश होता और वह भी बहुत ज्यादा खुश होती। एक दिन मैं अपने ऑफिस से लौट रहा था तो मैंने अनीता से कहा कि मुझे तुमसे मिलना था और फिर मैं अनीता से मिलने चला गया। जब मैं अनीता को मिला तो मुझे उससे मिलकर बड़ा ही अच्छा लगा और हम लोग काफी देर तक एक दूसरे के साथ हमारी कॉलोनी के पार्क में ही बैठे रहे। अनीता ने मुझे उस दिन अपने रिलेशन के बारे में बताया। यह पहली बार था जब अनीता ने मुझसे अपने रिलेशन के बारे में डिस्कशन किया था।

मैं यह सुनकर थोड़ा परेशान जरूर था परंतु अब अनीता का रिलेशन कुछ ठीक नहीं चल रहा था शायद यही वजह थी कि वह अब अपने रिलेशन से दूर जाना चाहती थी। वह जिस लड़के से प्यार करती है उससे वह ब्रेकअप करना चाहती थी और उसके बाद अनीता मेरे नजदीक आती जा रही थी क्योंकि मैं अनीता को हमेशा से ही पसंद करता था। वह मेरे अब इतने नजदीक आ चुकी थी कि हम दोनों एक दूसरे के बिना बिल्कुल रह नहीं पाते थे। मैं अनीता से अपने दिल की बातों को शेयर कर लिया करता। मुझे अच्छा लगता जब भी मैं और अनीता एक दूसरे के साथ होते और हम दोनों एक दूसरे के साथ में अपने दिल की बातों को शेयर किया करते हैं। हम दोनों का रिलेशन दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा था क्योंकि अब मैं और अनीता एक दूसरे को अच्छे से समझने लगे थे इसलिए हम दोनों एक दूसरे के नजदीक आते चले गए और हम दोनों एक दूसरे को बहुत चाहने भी लगे थे। एक दिन मैं और अनीता साथ में बैठे हुए थे उस दिन मैंने अनीता से अपने प्यार का इजहार कर दिया।

यह पहली बार था जब अनीता से मैंने अपने दिल की बात कही थी इससे पहले ना तो मैंने कभी भी अनीता को इस बारे में कुछ कहा था और ना हीं अनीता ने मुझसे इस बारे में कभी कुछ कहा था लेकिन अब हम दोनों एक दूसरे के प्यार में थे। हम दोनों को बड़ा ही अच्छा लगता जब भी हम दोनों साथ में होते और जब भी हम दोनों साथ में समय बिताया करते। अनीता और मेरे बीच अभी भी सेक्स संबंध नहीं बन पाए थे। हम दोनों चाहते थे हम दोनो एक दूसरे के साथ सेक्स करे। मैंने जब अनीता को पहली बार किस किया था तो मुझे बड़ा अच्छा लगा और अनीता भी बहुत खुश थी। एक दिन मैंने अनीता को घर पर बुलाया और अनीता घर आई। हम दोनो सेक्स के लिए तडप रहे थे। जब उस दिन अनीता और मैं एक दूसरे की बाहों में थे तो हम दोनों को बड़ा अच्छा लग रहा था और हम दोनो एक दूसरे के होंठो को चूमने लगे थे। मैं अनीता के होठों को चूमने लगा था वह बहुत ही ज्यादा तड़पने लगी थी। मैं अनीता के होंठों को चूमता जा रहा था जब मै उसके होठों को चूम रहा था उससे मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था और अनीता की गर्मी भी बढ चुकी थी।

अनीता ने मेरे लंड को बाहर निकाला और अनीता ने उसे अपने हाथों में ले लिया। अनीता अब मेरे लंड को हिलाने लगी थी वह मेरे लंड से पानी भी निकाल चुकी थी। अनीता ने मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया था जब उसने मेरे लंड को अपने मुंह में लिया तो मुझे मजा आने लगा था और अनीता को भी बहुत ज्यादा आनंद आ रहा था जिस तरीके से वह मेरे लंड को चूस रही थी। अब हम दोनो एक दूसरे का साथ अच्छे से दे रहे थे। अब हम दोनों की गर्मी बढने लगी थी मैं रह पा रहा था अनीता ने मेरे लंड को बहुत देर तक चूसा उसने मेरे लंड से माल को भी बाहर निकाल दिया था। मैंने अनीता की गुलाबी पैंटी को नीचे किया उसकी गुलाबी चूत को देखकर मैं बिल्कुल भी रह ना सका।

मैंने अनीता की चूत को चाटा जिससे वह बहुत ज्यादा गर्म होने लगी थी वह तड़पने भी लगी थी। अब हम दोनों पूरी तरीके से गर्म होते चले गए मेरी गर्मी बहुत ही ज्यादा बढ़ने लगी थी। अनीता की योनि से बहुत ज्यादा पानी बाहर की तरफ को निकल आया था मैंने उसकी योनि में अपने लंड को घुसा दिया था। वह जोर से चिल्लाई उसकी चूत से पानी निकल रहा था और मैं उसे तेजी से चोद रहा था। वह मुझे अपने पैरो के बीच मे जकडने लगी थी मेरा लंड उसकी योनि में जड तक घुस चुका था।

वह पूरी तरीके से गर्म हो चुकी थी मैं उसे बड़ी ही तेजी से चोदे जा रहा था। मैं उसे जिस तरीके से चोद रहा था उससे वह बहुत गर्म हो रही थी वह मुझे कहने लगी मुझे तुम ऐसे ही धक्के मारते जाओ। मैंने अनीता को बहुत देर तक चोदा। मैं अनीता की टाइट चूत का मजा ले नहीं पाया था मैंने अनीता की योनि में अपने माल को गिराने का फैसला कर लिया था। मैं उसे बड़ी ही तेजी से धक्के दिए जा रहा था अनीता की गर्म सिसकारियां बढ रही थी मेरी गर्मी बहुत ज्यादा बढ चुकी थी। मेरा वीर्य अब मेरे अंडकोष तक आ चुका था। जब मेरा वीर्य गिरा तो मुझे मजा आ गया था। हमने उसके बाद भी सेक्स किया और हम दोनो को मजा आया जिस तरह हमने एक दूसरे की गर्मी को शांत किया था।
 
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