अनीता ने पैरों को चौड़ा कर लिया

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Antarvasna, hindi sex story: मैं लखनऊ का रहने वाला हूं। पापा जल्द ही रिटायर होने वाले थे और घर में काफी खुशी का माहौल था लेकिन यह खुशी का माहौल कहीं ना कहीं परेशानी में तब्दील हो चुका था। भैया और भाभी के बीच बिल्कुल भी नहीं बनती थी जिस वजह से भाभी ने भैया को डिवोर्स देने का फैसला कर लिया था और भाभी अपने मायके चली गई थी। भाभी को सब लोगों ने काफी समझाया लेकिन भैया का रिश्ता बचा पाना मुश्किल ही था और भैया और भाभी के बीच डिवोर्स हो गया जिसके बाद घर में काफी ज्यादा परेशानियां बढ़ने लगी थी। भैया का डिवोर्स हो जाने के बाद भैया काफी ज्यादा तनाव में रहने लगे थे और वह घर में किसी से भी बातें नहीं किया करते। मुझे भी लगा कि मुझे भैया से बातें करनी चाहिए और मैंने भैया को इस बारे में समझाने की कोशिश भी की लेकिन भैया कहीं ना कहीं बहुत ज्यादा परेशान हो चुके थे और वह बहुत तनाव में रहने लगे थे।

उसी बीच मुझे दिल्ली से नौकरी का ऑफर आया और मैं दिल्ली जाना चाहता था क्योंकि मुझे भी लगने लगा था कि दिल्ली में ही मेरा भविष्य है। मुझे एक अच्छी कंपनी से जॉब का ऑफर आया था और मैंने दिल्ली जाने का फैसला कर लिया था और मैं दिल्ली चला आया। जब मैं दिल्ली आया तो मैं कुछ दिन अपने दोस्त रोहित के घर पर रहा और उसके बाद मैंने किराए का एक रूम ले लिया और मैं वहां पर रहने लगा। मैं काफी खुश था जिस तरीके से मेरी जॉब चल रही थी लेकिन कहीं ना कहीं मैं भैया को लेकर बहुत ज्यादा परेशान रहता और अक्सर ना चाहते हुए भी मैं भैया के बारे में पूछ ही लिया करता। भैया की जिंदगी में तो कुछ भी ठीक नहीं चल रहा था लेकिन मैं चाहता था कि भैया की जिंदगी में सब कुछ ठीक हो जाए और पापा मम्मी भी यही चाहते थे कि भैया की जिंदगी में सब कुछ पहले की तरह ही हो जाए लेकिन यह सब इतना आसान नहीं था। मैं अपनी जॉब में ही ज्यादातर बिजी रहता। मेरे ही ऑफिस में जॉब करने वाली अनीता के साथ मेरा प्रेम प्रसंग चलने लगा था।

अनीता मुझे काफी अच्छे से समझती है और मुझे इस बात की बड़ी खुशी है कि अनीता और मैं एक दूसरे को अच्छे से समझते हैं और हम दोनों एक दूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की कोशिश भी किया करते। हम दोनों जब भी ऑफिस में साथ में होते तो हम दोनों को बड़ा ही अच्छा लगता और अनीता भी बहुत खुश होती जब वह मेरे साथ होती है। अनीता और मैं एक दूसरे के साथ काफी समय से रिलेशन में है और अनीता मुझे बड़ी अच्छी तरीके से समझती है। अनीता को एक दिन मैंने कहा कि क्या वह मेरे साथ शादी करने के लिए तैयार है तो अनीता ने भी मुझे कहा कि हां मैं तुम्हारे साथ शादी करने के लिए तैयार हूं। अनीता को कोई भी ऐतराज नहीं था और अनीता अपनी फैमिली से भी इस बारे में बात करना चाहती थी। जब अनीता ने अपनी फैमिली से इस बारे में बात की तो सब लोग इस बात के लिए तैयार हो चुके थे और मैं भी बड़ा खुश था कि अनीता की फैमिली मेरे साथ अनीता का रिश्ता करवाने के लिए मान चुकी है।

मैंने जब अनीता के बारे में पापा और मम्मी को बताया तो वह लोग भी खुश थे और वह अनीता से मिलना चाहते थे लेकिन अनीता से वह लोग मिल नहीं पाए थे। एक दिन जब मैंने पापा और मम्मी को दिल्ली आने के लिए कहा तो वह लोग मेरी बात मान गए और वह लोग दिल्ली आ गए। जब वह लोग दिल्ली आए तो मैंने उन्हें अनीता से मिलवाया वह लोग अनीता से मिलकर बड़े ही खुश थे और उन्होंने मुझे कहा कि बेटा अनीता तो बहुत ही अच्छी लड़की है। वह लोग अनीता की काफी तारीफ करने लगे हालांकि वह लोग अनीता से पहली बार ही मिले थे लेकिन अनीता के व्यवहार से वह लोग बड़े ही प्रभावित हुए और सब लोग हम दोनों की शादी करवाने के लिए मान चुके थे। मैं भी इस बात से बड़ा ही खुश था जिस तरीके से हम दोनों का रिलेशन चल रहा था और अब हम दोनों की सगाई भी हो चुकी थी।

हम दोनों की सगाई हो जाने के बाद मैं चाहता था कि हम लोग जल्द से जल्द शादी कर लें। मैंने अनीता से कहा कि हम लोगों को जल्द ही शादी कर लेनी चाहिए लेकिन अनीता की फैमिली चाहती थी कि हम लोग थोड़ा रुक कर शादी करें क्योंकि अनीता के पापा की तबीयत ठीक नहीं थी जिस वजह से अनीता का परिवार चाहता था कि हम लोग थोड़ा रुक कर शादी करें। हम लोगों ने अपनी शादी का तो फिलहाल अपने दिमाग से ख्याल निकाल दिया था लेकिन हम दोनों एक दूसरे के साथ में बड़े ही खुश हैं। जिस तरीके से हम दोनों एक दूसरे के साथ रिलेशन में है उससे हम दोनों को बड़ा ही अच्छा लगता है और हम दोनों एक दूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की कोशिश किया करते हैं। हम एक दूसरे को बहुत ज्यादा प्यार करते हैं मैं और अनीता बहुत ही ज्यादा खुश हैं। जिस तरीके से अनीता और मैं एक दूसरे के साथ रिलेशन में है उससे हम दोनों को बड़ा ही अच्छा लगता है और हम दोनों एक दूसरे को बहुत ही अच्छे से समझते हैं।

यही वजह है कि हम दोनों एक दूसरे के साथ में ज्यादा समय बिताया करते हैं। अब हम दोनों की शादी का दिन भी नजदीक आ चुका था हम दोनों के रिलेशन को काफी लंबा समय हो चुका है और हमारी सगाई को भी काफी टाइम हो चुका था। अब हम दोनों की शादी होने वाली थी और जल्द ही हम दोनों की शादी हो गई तो हम दोनों बड़े ही खुश थे। अब अनीता मेरी पत्नी बन चुकी थी और अनीता मेरे साथ बहुत ही खुश है हम दोनों एक दूसरे के साथ बड़े ही खुश हैं। जिस तरीके से अनीता और मैं एक दूसरे के साथ होते हैं उससे हम दोनों को बड़ा ही अच्छा लगता है। हम दोनों की शादी को अभी एक महीना ही हुआ था और हम लोग चाहते थे कि हम दोनों कहीं घूमने के लिए जाएं। मैंने जब इस बारे में अनीता से बात की तो अनीता ने मुझे कहा कि हां हम लोगों को कहीं घूमने के लिए जाना चाहिए और हम दोनों ने मनाली जाने का प्रोग्राम बनाया।

हम दोनों मनाली जाने की तैयारी में थे जब हम मनाली गए तो हम बड़े ही खुश थे मनाली का मौसम भी काफी सुहाना था और हम दोनों को बड़ा ही अच्छा लगा जिस तरीके से हम दोनों ने उस दिन काफी इंजॉय किया। हम लोगों को मनाली में आए हुए सिर्फ एक ही दिन हुआ था और हम लोग 3 दिन और मालानी में रुकने वाले थे। 3 दिन हम लोग मनाली में रुके मनाली में हम दोनों ने काफी इंजॉय किया उसके बाद हम दोनों घर वापस लौट आए थे। मैं और अनीता एक दूसरे के साथ अक्सर सेक्स संबध बनाया करते थे। जब भी हम दोनो एक दूसरे के साथ सेक्स करते तो हम दोनो को ही मजा आता। मैं अनीता की चूत मारने को तडप रहा था। जब मैंने और अनीता ने एक रात सेक्स करने के बारे मे सोचा तो हम दोनो ही तडप रहे थे।

मैंने अनीता के कपडे खोले और अनीता ने मुझे कहा मुझसे रहा नही जा रहा है। मैंने अनीता के होंठो को चूमना शुरू किया। जब मैंने अनीता के होंठो को चूमना शुरू किया तो वह मचलने लगी थी। मैंने अनीता के होंठो को बहुत देर तक चूमा और अब उसके स्तनो को मैंने दबाना शुरु किया। जब मैंने अनीता के स्तनो को दबाना शुरू किया तो मुझे मजा आने लगा था। जब मैं और अनीता एक दूसरे की गर्मी को बढा रहे थे तो मैंने अनीता से कहा मैं तुम्हारी चूत मे लंड डालना चाहता हूं। मैं और अनीता अब रह नही पा रहे थे। जब मैंने अनीता के पैरो को खोला तो वह मचल रही थी और मैं भी गरम हो चुका था। अब मैंने अनीता की चूत पर अपने लंड को लगाया और उसे तेजी से चोदने लगा। जब मैं अनीता की चूत के अंदर बाहर अपने लंड को कर रहा था तो मुझे बडा मजा आ रहा था और वह अपनी मादक आवाज मे सिसकारियां ले रही थी।

वह मेरा पूरा साथ दे रही थी। अनीता ने अपने पैरो को चौडा कर लिया था अब मेरा लंड बडी ही आसानी से अनीता की चूत मे जा रहा था। मैं अपने लंड को तेजी से अनीता की चूत के अंदर बाहर किए जा रहा था और अनीता भी गरम सिसकारियां लेकर मेरी आग को दो गुना बढा रही थी। अब हम दोनो ही रह नहीं पाए। मैंने अपने माल को अनीता की चूत के अंदर डाल दिया था। अब वह घोडी बन मेरे सामने थी और उसकी चूत से मेरा माल बाहर निकल रहा था। मैंने भी अनीता की चूत मे अपने लंड को डाल दिया और उसे तेजी से धक्के मारने लगा। वह भी गरम थी मैं उसे तेजी से चोदने लगा था और अपने लंड को उसकी चूत मे किए जा रहा था। अनीता की चूतडे लाल हो चुकी थी। जब वह अपनी चूत को मेरे लंड से मिलाती तो एक अलग ही आग पैदा होती और वह मेरा साथ बडे ही अच्छे से दे रही थी। जब मैंने अनीता की चूत के अंदर अपने माल को गिराया तो वह खुश हो चुकी थी। उसके बाद भी हम दोनो ने दो बार और सेक्स का मजा लिया जिस से मै और अनीता बड़ी ही खुश थे।
 
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