इतनी खूबसूरत माल लगी मेरे लंड के पल्ले

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नमस्ते दोस्तों,

आज मैं आपको गॉंव की एक रंडी की रात गर्म के बारे में बताना जा रहा हूँ | मैं अक्सर ही अपने गॉंव में जाते ही सबसे पहले अपनी दोस्तों के पास जाया करता था क्यूंकि वही मेरी उम्र के बहुत लौंडे लोग मिल जाया करते थे और हम कुब मस्ती किया करते थे | वैसे तो मैं कई सालों से लगातार जाता रहता था पर मैंने गॉंव की एक मशहूर रांड के बारे में कई बार चर्चा सुना था पर उसे चोदने का मौका मुझे एक साल पहले ही मिला | मेरे दोस्त लोगों ने आपस में बात करते हुए बाते की वो आज - कल कुछ पैसे में ही किसी को भी अपनी चुत का सैर - सपाटा करा देती जिनकी बातें सुन अब मेरे लंड में खुजली हहो चली | मैं अब वहीँ उनके धोरे लेटे हुए उस मशहूर रांड को चोदने के बारे में सपने संजोने लगा |

मैंने उसके बारे में कई किस्से सुने थे किस उसकी चुत का मज़ा तो जन्नत से बेहतर और उसकी चुत का पानी तो जैसे किसी अम्रत के समान | मैंने जब अपने दोस्तों से कुछ जुगाड लगाने की बात की तो उन्होंने मुझे पहली बार शाम को उसकी शकल - सूरत चुपके से दिखलाई जिसपर मैं मार ही गया | वो किसी पारी की तरह मालुम होती थी र उसकी गांड तो जैसे अलग ही हिल राइ थी | मैंने अपने वहीँ के गॉंव के छोरों को कुछ पैसे देकर भेजा और कहा की मेरी चुदाई का जुगाड लगा दे | कुछ देर बाद मेरा दोस्त भी मेरे लिए खुश - खबरी लाकर लौटा | मुझे उसने कहा की आज रात को ११ बजे उस रांड मुझे खेत के पिछवाड़े में बुलाया है वहीँ मैं उससे अपनी हसरत पूरी कर सकता हूँ | मैं रात को तय समय पर वहाँ पहुंचा तो वो अपनी चोली को घुमाती हुई मेरी राह तक रही थी |

ना जाने क्यूँ मैं उससे नज़रे नहीं मिला परा रहा था और वो कहने लगी की उसके पास समय बहुत काम है इसलिए जो भी करना चाहता हूँ ज़ल्दी ही कर लूँ | मैं अभी भी कुछ ना बोला और अपने चेहरे को उठाया तक नहीं जिसपर वो हंस पड़ी | अब उसने मेरा हाथ पकड़ा और नादर की तरफ ले जाते हू मेर एक हाथ को अपनी कमर पर रख दिया और अपने होठों मेरे होठों से मिला दिया | मैं अब अपने आप को इतने खुशी के माहौल में रोक नहीं पा रहा था और उसकी नीचले कपड़े को उतारते हुए उसके होठों को चूसने लगा | वो भी अपने उप्पर के चुचों को बहार निकालकर खुद बा खुद मसल रही थी जिन्हें मैं चूसते हुए उसकी चुत को खुजाने लगा | वो भी मेरे लंड को मसल रही थी और मुझे भी नंगा कर अपनी चुत को चुदवाना का इशार कर रही थी |

मेरा लंड अब बिलकुल तन चूका था और जैसे ही मैंने अपने लंड को उसकी चुत पर टिका तो वो बार - बार फिसल जाता जिसपर उसने अपने हाथ से अपनी चुत का मुख मुझे दिखला दिया | उसकी चुत अंदर से बिलकुल गुलाबी थी जिसमें अब मेरा भी लंड प्रवेश कर चूका था | मैं उन नरम फसलों के बीच उसकी चुत के उप्पर कूदते हुए चोदने शुरू कर दिया जिसपर उसकी आहें मुझे अपनी गति को बढाने पर मजबूर करने लगी | मैंने भी अपनी गति बढ़ाई और करीब उस पूरी रात उसकी चुत उसी मौहोल में दे - दना - दन चोदा | आखिर में जब वो मेरे लंड को मुंह में भर कर चूसने लगी तो मेरा लंड भी झड गया और मुझे नीद आ गयी | अगली सुबह मैं उठा तो मैंने अपने आप को वहीँ अकेला क्यूंकि वो मेरे झड़ने के बाद ही जा चुकी थी |
 
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