ऋचा की जोरदार चुदाई का मजा

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Antarvasna, hindi sex kahani: ऋचा मेरे साथ ही कॉलेज में पढ़ाई करती थी और अब वह मुझसे काफी दूर हो चुकी है क्योंकि अब हम दोनों की मुलाकात हो ही नहीं पाती थी। ऋचा की फैमिली पुणे शिफ्ट हो गई थी जिस वजह से हम दोनों की मुलाकात हो पाना मुश्किल था लेकिन मेरे और ऋचा के बीच अब भी बातें होती रहती थी। कभी कबार हम लोग एक दूसरे से फेसबुक चैट या फिर व्हाट्सएप पर बातें कर लिया करते। जब भी हम दोनों की बातें होती तो हम दोनों को बड़ा अच्छा लगता था और ऋचा से बात कर के मैं बहुत खुश रहता लेकिन उससे काफी सालों से मैं मिल नहीं पाया था। मैं चाहता था कि मैं ऋचा को मिलने के लिए जाऊं लेकिन मैं ऋचा से अभी तक मिल नहीं पाया था। एक रात मेरी और ऋचा की व्हाट्सएप पर बात चल रही थी तो ऋचा ने मुझसे कहा कि सोहन हम लोगों को मुलाकात करनी चाहिए। मैं चाहता था कि मैं ऋचा को मिलने के लिए चला जाऊं और अगले दिन मैं ऋचा को मिलने के लिए चला गया। जब मैं ऋचा को मिलने के लिए गया तो हम दोनों बहुत खुश हुए क्योंकि काफी समय हो गया था मैं ऋचा को मिला भी नहीं था।

मैं जब पुणे गया तो पुणे में मेरा एक जरूरी काम भी था इस वजह से मैं ऋचा को भी मिलने के लिए भी गया था। ऋचा के साथ में एक अच्छा समय बिताना बहुत ही सुखद एहसास था वह बड़ी खुश थी। मैं और ऋचा जब भी साथ में होते तो हम दोनों को बड़ा अच्छा लगता था। हालांकि हम दोनों साथ में कम ही होते थे परंतु अब हम दोनों के बीच प्यार भी होने लगा था जिस वजह से मैं ऋचा के बिना एक पल भी रह नहीं सकता था। मैं चाहता था कि उससे मैं मुलाकात करूं लेकिन अब मैं अब जॉब करने लगा था जिस वजह से मैं ऋचा से मिल नहीं पाता था। मैं और ऋचा जब भी साथ में होते तो हम दोनों बहुत खुश रहते थे लेकिन एक दिन ऋचा ने मुझे बताया कि उसकी फैमिली उसकी शादी अपने ही किसी फैमिली फ्रेंड के लड़के से करवाना चाहते है। मैंने ऋचा से कहा कि क्या तुमने अभी तक हम दोनों के रिलेशन के बारे में किसी को नहीं बताया। ऋचा से जब मैंने यह बात पूछी तो ऋचा ने कहा कि नहीं सोहन मैंने आपने और तुम्हारे रिलेशन के बारे में किसी को कुछ नहीं बताया है।

मैंने ऋचा को समझाया और कहा कि तुम एक बार अपनी फैमिली से मेरे और अपने रिलेशन के बारे में बात करो तो ऋचा ने मुझे कहा कि हां मैं उन लोगों से इस बारे में बात करूंगी। जब ऋचा ने उन लोगों से बात की तो वह लोग भी मेरे और ऋचा के रिश्ते के लिए मान चुके थे और उन्हें मेरे और ऋचा के रिश्ते से कोई एतराज नहीं था। ऋचा अपने पापा मम्मी के बहुत ज्यादा करीब है इसी वजह से वह ऋचा कि हर एक बात को मानते हैं और ऋचा की खुशी पर वह बहुत ध्यान देते हैं। उन लोगों ने मेरी और ऋचा की सगाई करवाने का फैसला कर लिया था उसके बाद हम दोनों की सगाई हो चुकी थी और जब हम दोनों की सगाई हुई तो हम दोनों को ही बहुत अच्छा लगा। हम दोनों एक दूसरे के साथ इतने खुश थे कि अब जल्द से जल्द हम शादी भी करना चाहते थे। मैंने जब एक दिन ऋचा से कहा कि मैं कुछ दिनों के लिए अपने ऑफिस के टूर से जा रहा हूं तो ऋचा ने मुझे कहा कि तुम वहां से कब लौटोगे तो मैंने ऋचा को कहा कि मैं जल्द ही वहां से लौट आऊंगा। मैं कुछ समय के लिए अमेरिका जा रहा था जिस वजह से मैंने ऋचा को कहा था कि शायद हम लोगों की बात हो नहीं पाएगी तो ऋचा ने कहा कि ठीक है। ऋचा मेरी हर एक बात को माना करती थी जिससे कि मैं ऋचा की बहुत ही ज्यादा इज्जत करने लगा था।

एक दिन मैं और ऋचा साथ में थे उस वक्त मैं अमेरिका से वापस लौट आया था और मैं ऋचा को मिलने के लिए पुणे गया हुआ था। ऋचा ने मुझसे कहा कि सोहन मैं तुमसे शादी करने के लिए तैयार हूं तो ऋचा और मैं जल्द से जल्द शादी करना चाहते थे। मैंने जब इस बारे में अपनी फैमिली को बताया तो वह लोग चाहते थे कि हम दोनों को कुछ समय के लिए रुकना चाहिए क्योंकि पापा की तबीयत भी ठीक नहीं थी और पापा अपने ऑफिस से रिटायर भी होने वाले थे जिस वजह से मां चाहती थी कि हम दोनों की शादी थोड़े समय बाद हो। मैंने ऋचा को जब यह बात बताई तो ऋचा मेरी बात मान गई और वह मुझे कहने लगी कि मुझे बहुत ही अच्छा लगता है जब मैं तुम्हारे साथ में होती हूँ। हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत खुश है जब भी मैं और ऋचा साथ में होते तो हम दोनों को अच्छा लगता है। मैंने भी अब अपना ट्रांसफर पुणे करवा लिया था जिसके बाद मैं पुणे में ही जॉब करने लगा। ऋचा और मैं एक दूसरे के साथ बड़े खुश थे जब हम दोनों एक दूसरे के साथ होते तो ऋचा को बहुत ही ज्यादा अच्छा लगता था। एक दिन मैंने ऋचा से जब इस बारे में बात की कि मैं तुमसे मिलना चाहता हूं तो ऋचा ने मेरी बात मान ली और कहने लगी की तुम्हें मिले हुए भी काफी दिन हो चुके हैं। हम दोनों जब मिले तो हम दोनों साथ में बैठे हुए थे काफी देर तक हम दोनों की बातें हुई करीब दो घंटे तक हम दोनों साथ में थे तो हम दोनों को बहुत ही अच्छा लगा था।

हमने साथ में काफी अच्छा समय बिताया। ऋचा और मैं एक दिन मिले। जब हम दोनों मिले तो उस दिन मैंने ऋचा को किस किया और उसके होठों को चूम कर मुझे अच्छा लगने लगा। मैं उसके होठों को चूम रहा था तो मुझे बहुत ही मजा आ रहा था और वह बहुत ज्यादा उत्तेजित होती जा रही थी। मैं ऋचा के होठों को चूम रहा था और वह मेरा पूरा साथ दे रही थी। मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था जब मैं और ऋचा एक दूसरे के होठों को चूम रहे थे। मैंने ऋचा के बदन को पूरी तरीके से गर्म कर दिया था। मैंने ऋचा के बदन से कपड़े उतारने शुरू कर दिए थे। मैं जब उसके बदन से कपड़े उतारने लगा था वह उत्तेजित होने लगी थी। मैं उसके स्तनों को दबाने लगा था उसे मजा आने लगा था। मुझे उसके स्तनों को दबाने में काफी आनंद आ रहा था मैंने उसके स्तनों को बहुत देर तक दबाया जिसके बाद मै उसके स्तनों को चूसने लगा। मुझे उसके स्तनो को चूसकर बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था और ऋचा ने भी मेरे लंड को बाहर निकाल लिया था। वह अब मेरे लंड को हिलाने लगी थी कुछ देर तक उसने मेरे लंड को हिलाया तो मेरा लंड पानी छोडने लगा था। उसने मेरे मुंह के अंदर लंड को ले लिया था। वह पहले मेरे आधे लंड को ही अपने मुंह में ले रही थी लेकिन फिर ऋचा ने मेरे पूरे लंड को अपने मुंह में लेकर उसका रसपान करना शुरू कर दिया था। मुझे बहुत ही मजा आने लगा था और उसे भी बड़ा मजा आने लगा था जिस तरीके से वह मेरे लंड को सकिंग कर रही थी। हम दोनों की गर्मी बहुत बढ़ती जा रही थी। मैंने ऋचा को कहा मुझसे रहा नहीं जा रहा है।

ऋचा मुझे कहने लगी मुझसे भी कहा रहा जा रहा जा रहा है। मैंने ऋचा के कपड़ों को उतारकर उसकी योनि को सहलाना शुरु किया जब उसकी चूत से पानी निकल रहा था तो वह गरम हो रही थी। जिस तरीके से मेरी उंगलियां उसकी चूत पर लग रही थी उसकी चूत से पानी निकलने लग था। मुझे बड़ा मजा आने लगा था जिस तरीके से हम दोनो एक दूसरे का साथ दे रहे थे। मैंने ऋचा की योनि को बड़े ही अच्छे से सहलाया था उसकी चूत को मैंने पूरी तरीके से गर्म कर दिया था। मैंने ऋचा की योनि के अंदर की गर्मी को इतना ज्यादा बढ़ा दिया था वह मेरे लंड को अपनी चूत मे लेने के लिए तैयार हो गई थी। मैंने उसकी चूत में अपने लंड को घुसाया तो वह मुझे बोली मेरी चूत मे दर्द होने लगा है।

उसकी चूत से निकलता हुआ पानी मेरी गर्मी को और भी ज्यादा बढ़ा रहा था। मै उसे तेजी से चोदता वह जिस तरीके से अपनी मादक आवाज में सिसकारियां ले रही थी उससे मुझे मज़ा आ रहा था। वह मुझे कहती मुझे और भी तेजी से चोदते जाओ। मैं उसे तेज गति से धक्के मार रहा था। मैं उसे जिस तेज गति से धक्के मारता मुझे मजा आता। वह सिसकारियां लेने लगी थी। मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा था। जब मेरे लंड से माल बाहर गिरने वाले था तो मैंने अपने माल को ऋचा की चूत में गिराकर उसकी इच्छा को पूरा कर दिया था और मेरी इच्छा भी पूरी हो चुकी थी। ऋचा को बड़ा मजा आ रहा था जिस तरीके से उसने मेरे साथ में सेक्स संबंध बनाए। हम दोनो एक दूसरे के साथ बहुत ज्यादा खुश है। हम दोनो जब भी मिलते तब मै और ऋचा एक दूसरे को चोदते।
 
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