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यह मेरे साथ घटित एक सच्ची घटना है, जिसे मै आपके सामने रखना चाहती हूं। इस एक घटना के बाद मेरी सेक्स बदलाव प्रति विचारधारा ही बदल गई। कैसे मुझे बॉस ने एक डील के लिए अनजान आदमी के पास भेज दिया, यह इस कहानी से जानिए।

मेरे दफ्तर में मेरे बॉस की नजर मुझ पर बहुत पहले से थी। शायद इसीलिए मेरे प्रोमोशन कुछ ज्यादा ही जल्दी होते चले गए। अब मै एक सीनियर थी, जो कि मेरी उम्र के हिसाब से बहुत बडी बात थी। मुझे मेरे बॉस का खयाल भी रखना पडता, लेकिन आज तक ना ही कभी उन्होंने अपनी हद से आगे आने की कोशिश की और न ही मै वैसा कुछ चाहती थी।

एक दिन सुबह दफ्तर जाने के बाद मुझे बॉस ने अपने केबिन में बुलाया। मेरे केबिन में जाते ही मैने नोटिस किया, आज वो कुछ नर्वस से लग रहे थे। तो मैने उनसे इसका कारण जानना चाहा।

तो बॉस ने कहा, "एक बहुत बडी डील हमे मिली है। लेकिन उसमें प्रॉब्लम यह है कि, उन्होंने जो समय हमे दिया है वह बहुत कम है। हमे किसी भी तरह दूसरी पार्टी से थोड़ा सा और समय चाहिए।"

मैने बॉस से कहा, "सर, आप दूसरी पार्टी से एक बार बात करके देखिए। मुझे लगता है वो मान जाएंगे।"

तो बॉस ने कहा, "रिया हमने सब तरीके आजमाकर देख लिए। वो कह रहे है अगर हम दिए गए समय मे डील नही कर सकते तो वो दूसरी कंपनी को यह डील ऑफर करेंगे।"

इस पर मैने कहा, "सर कोई तो तरीका होगा जिससे यह डील हमारे पास ही रहे और एक्स्ट्रा समय भी मिल जाए।"

यह कहते हुए मै बॉस के सामने टेबल पर थोडा सा झुक गई। जिससे बॉस की आंखे एकदम से चमक गई। और

उन्होंने कहा, "हां एक तरीका तो है। लेकिन अब वह तुम्हारे ऊपर है।"

अब तक मै भी समझ चुकी थी कि, बॉस मुझे उससे चुदवाकर उनसे थोडा समय लेना चाहते थे। लेकिन फिर भी मैने अनजान बनते हुए पूछा, "सर मुझसे जो भी हो पायेगा, मै करूंगी आप बताइए तो।"

तो बॉस ने मुझे एक कार्ड देते हुए कहा, "वह अधिकारी इस होटल के रूम नम्बर ३२ में रुका हुआ है। तुम वहां जाकर एक बार उससे बात करके देखो। और अगर तुमने यह कर दिखाया तो तुम्हारी सैलरी बढा दी जाएगी।"

मैने बॉस के हाथ से कार्ड ले लिया और उन्हें और समय दिलाने का आश्वासन देकर अपने केबिन में लौट कर आ गई। अपने केबिन में आकर मैने कार्ड देखा तो उस कार्ड के पीछे कल की तारीख और समय लिखा था। जो मेरे लिए इशारा था कि, उस समय पर मुझे होटल में जाना है।
उस दिन घर जाकर मैने अपने आप को अच्छे से साफ किया मतलब सारे बाल निकाल दिए। ऐसा नही था कि, मै पहले कभी चुदी नही थी। मेरे बॉयफ्रेंड ने मेरी बहुत बार जमकर चुदाई की है। और दफ्तर में बॉस को मैने न जाने कितनी बार ऊपरी मजा दिलाया है। लेकिन ऐसे किसी अनजान के साथ यह पहली बार था। और यह सब सोचकर ही मेरा रोम रोम मचल रहा था।

मुझे अगले दिन सुबह १० बजे दिए गए पते पर जाना था। रात में यह सब सोचते सोचते कब आंख लग गई पता ही नही चला।

सुबह मैने नहाने के बाद एक अच्छी मॉडल वाली ब्रा पैंटी पहन ली। सारी नाभि के थोडा सा नीचे बांध दी, जिससे सामने वाले को मेरा पेट आसानी से दिखे। और स्लीव लेस ब्लाउज पहनकर मै तैयार हो गई। ठीक समय पर मै दिए गए पते पर पहुंच गई। डोरबेल बजाने के दो मिनट के अंदर ही एक हट्टे कट्टे मर्द ने दरवाजा खोलकर मुझे कमरे में बुलाया। मेरे कमरे में आते ही उसने दरवाजा बंद कर दिया।

कमरे का दरवाजा बंद करते ही उसने मुझे पीछे से पकड लिया और मेरे उरोजों पर अपने हाथ चलाने लगा। अचानक हुए इस हमले से मै एकदम से घबराकर उससे दूर हटने की कोशिश करती रही, लेकिन उसकी मजबूत पकड से नही निकल सकी। मै उससे छूटना चाह रही थी, यह देखकर उसने कहा, "तुम यहां चुदवाने के लिए ही तो आई हो, तो अब इतने नखरे मत करो। और खुलकर चुदाई का मजा लो।"

उसके इस तरह से इतना खुलकर बात करने से मै उसे देखती रही। लेकिन उसे तो मुझसे कुछ और ही चाहिए था। और वो उसी के पीछे लगा हुआ था, उसे बाकी किसी और चीज से मतलब था ही नही।

तो मैंने भी अब खुलकर मजे लेना ही ठीक समझा, और उससे कहा, "पहले कपडे निकालकर रख दे, तो ये खराब नही होंगे।"

इस पर उसने मुझे छोडा और जल्दी मुझे नंगी होने के लिए कहकर खुद भी नंगा होने लगा। उसका शरीर कसरती था, हर एक हिस्से में काफी कसावट थी। उसने जल्दी से अपने सारे कपडे उतार दिए और मेरे पास आकर मुझे फिर से गले लगाकर मेरे उरोजों को मसलने लगा। उरोजों को मसलते हुए उसने एक हाथ नीचे ले जाकर मेरी पैंटी में घुसा दिया। अब पहली बार उसने मेरे होठों पर अपने होठों को रखा और किस करने लगा। और मेरी पैंटी को भी उतारकर मेरे जिस्म से अलग कर दिया।

अब तक हम दोनों ही नग्नावस्था में आ चुके थे। उसके हाथ मेरे सारे शरीर पर चल रहे थे, जिससे मेरे बदन में आग लग रही थी। अब मै भी उसका साथ देने लगी। अनायास ही मेरे हाथ भी उसके लंड पर चले गए। जैसे ही मैने उसके लौडे को पकडा, उसने मुझे अलग करके बैठने के लिए कहा। उसके सामने बैठते ही उसका बडा सा काला लंड मेरे मुंह के सामने लहराने लगा। मै समझ चुकी थी, यह मुझसे लंड चुसवाना चाहता है।

तो मैने भी देर न करते हुए उसके लंड को अपने मुंह मे लेकर प्यार करने लगी। थोडी ही देर मे उसने मेरे सर को पकड लिया और मेरे मुंह को चोदने लगा। हर धक्के के साथ उसका लंड मेरे गले तक जा रहा था। उसने कुछ धक्कों के बाद अपना सारा वीर्य मेरे मुंह मे ही उगल दिया, जो मुझे जबरन पीना पडा।

उसके बाद उसने मुझे उठाया और मुंह साफ करके आने के लिए कहा। तो मै बाथरूम जाकर अपना मुंह साफ करके आ गई। वो बेडरूम में बेड पर बैठ कर मेरा इंतजार कर रहा था। मैने बेडरूम में जाते ही उसकी ओर देखकर आंख मारकर पूछा, "अब क्या इरादा है बॉस?"

तो उसने कहा, "अभी मुख्य काम पर आते है, तुम्हारी चुत चुदाई भी तो बाकी है।"

यह कहकर उसने मेरा हाथ पकडकर मुझे खींचते हुए अपनी जांघों पर बिठा लिया। मेरे बैठते ही उसने मेरे उरोजों को पहले तो हाथों से सहलाया फिर उनको अपने मुंह मे लेकर चूसने लगा। बीच बीच मे वो मेरी चुत से भी छेडछाड कर देता जिससे मेरी चुत भी गीली हो गई थी। थोडी ही देर मेरे स्तनों को मसलने के बाद और मेरी चुत से खेलकर उसके लंड में फिर से तनाव आने लगा।

उसका लंड फिर से पूरे जोश के साथ मेरे चुतड़ों में घुसने की कोशिश कर रहा था। तभी उसने मुझे उठाकर बेड पर लिटा दिया और खुद मेरे दोनों पैरों को फैलाकर उनके बीच मे आ गया। अब उसने नीचे झुककर पहले मेरी चुत पर एक चुम्मा जड दिया। फिर मेरी गांड के नीचे एक तकिया लगा दिया, जिससे मेरी योनि उभरकर उसके सामने आए। फिर वो अपने लंड को मेरी चुत के बाहरी होठों पर रगडने लगा, और साथ ही वह थोडा थोडा करके अपना दबाव भी बढ़ाए जा रहा था। जिस वजह से उसके लंड का टोपा मेरी योनि में प्रवेश कर चुका था।

उसके लंड का टोपा मेरी चुत में जाते ही उसने मेरी कमर को कसकर पकड लिया और एक जोर का धक्का दे मारा। उसका लंड बहुत लंबा था, इसीलिए वो सीधे जाकर मेरी बच्चेदानी तक टकरा रहा था। इसका लंड लम्बाई में मेरे बॉयफ्रेंड से अधिक था, लेकिन मोटाई में कम था। शुरू में मुझे थोडा दर्द तो हुआ, लेकिन फिर थोडी देर बाद दर्द की जगह मजे ने ले ली।

अब मै भी उसके हर धक्के का जवाब अपनी कमर उठाकर देने लगी थी।

हर धक्के के साथ उसकी गति भी बढती जा रही थी। कुछ देर बाद उसने मुझे घोडी बनने को कहा, और अब की बार पीछे से अपना लंड मेरी चुत में डाल दिया और लगा धक्के मारने। जिस तरह से वह मेरे उरोजों के साथ खेल रहा था, इस सबमे अब मुझे भी मजा आ रहा था। तो मै भी उसकी हर हरकत का आनंद ले रही थी। उसने थोडी देर धक्के लगाने के बाद अपना वीर्य मेरी चुत में ही छोड दिया।

उस दिन उसने अच्छे से मेरी चुदाई की। कुल चुदाई के तीन राउंड चले, जिसमे न जाने कितनी बार मै झडी। वो तो मेरी गांड भी मारना चाहता था, लेकिन मैने मना कर दिया। तो वो मेरी चुत की चुदाई करके ही खुश हो गया। और इस तरह मैने अपनी कंपनी के लिये उस डील के लिए थोडा सा और समय ले लिया।

आपको यह कहानी कैसी लगी, यह हमें कमेंट्स सेक्शन में जरूर बताइए। धन्यवाद।
 
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