कच्ची कली बनी घरवाली

sexstories

Administrator
Staff member
Antarvasna, hindi sex story: मेरे और कार्तिक के बीच बड़े ही अच्छी दोस्ती के संबंध थे हम लोग एक दूसरे से बहुत कम मिला करते थे लेकिन उसके बावजूद भी कार्तिक से जब भी मैं मिलता तो कार्तिक और मैं एक दूसरे को हमेशा ही खुशी से मिला करते थे। कार्तिक से मेरी मुलाकात एक दिन हमारे घर के पास ही एक डिपार्टमेंटल स्टोर पर हुई जब मैं सामान खरीद रहा था तो उस वक्त मेरी जेब से मेरा बटवा गिर गया और मुझे ध्यान नहीं रहा। मुझे उस वक्त मेरे पर्स का ध्यान आया जब मैं बिल काउंटर पर बिल कटा रहा था लेकिन जब मैंने देखा कि मेरी जेब में बटवा नहीं है तभी पीछे से मेरे कंधे पर किसी ने हाथ रखा और कहा दोस्त तुम्हारा पटवा नीचे गिर गया था। मैंने उससे कहा कि तुम्हारा बहुत धन्यवाद वह मुझे कहने लगा कि जब आपका बटवा आपकी जेब से गिरा तो मैंने उस वक्त देख लिया था लेकिन मुझे यह नहीं मालूम था कि आप कहां चले गए मैंने इधर उधर नजर दौड़ाई तो मैंने आपको देखा कि आप तो बिल कटवा रहे हैं। मैंने हाथ मिलाते हुए उसे अपना परिचय दिया और सामने से कार्तिक ने भी हाथ मिलाया कार्तिक ने भी अपने बारे में बहुत कुछ जानकारी मुझे पहले ही मुलाकात में दे दी थी।

मैं और कार्तिक उसके बाद अक्सर एक दूसरे को मिला करते क्योंकि मेरा और कार्तिक का काम बिलकुल एक जैसा ही था। हम दोनों जैसे एक ही काम है के दो पहलू थे कार्तिक एक कंपनी के लिए मार्केटिंग का काम करता है कार्तिक मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव है और मेरा भी एक मेडिकल स्टोर है। जब मुझे यह बात पता चली तो मैंने कार्तिक से कहा कि तुम भी कुछ दवाइयों के सैंपल मेरे पास ले आना मैं भी अपनी दुकान में तुम्हारा सामान रखवा लूंगा। मैं कार्तिक का सामान रखवा दिया करता था जिससे कि कार्तिक और मैं अच्छे दोस्त बन गए और उसके बाद तो हमारी दोस्ती इतनी गहरी हो गई कि हम दोनों एक दूसरे के परिवार से भी मिलने लगे। कार्तिक की बड़ी बहन सोनिया के लिए उसकी मां रिश्ता ढूंढ रही थी लेकिन उन्हें कोई अच्छा रिश्ता मिल ही नहीं रहा था मैंने जब अपने भाई का नाम उन्हें बताया तो वह लोग खुश हो गए। मैंने जब अपने भाई को सोनिया से मिलवाया तो उन दोनों की जोड़ी जैसे बन गई और जल्द ही उन दोनों की सगाई हो गई।

अब कार्तिक का रिश्ता भी हमारे घर से जुड़ चुका था इसलिए वह हमारे घर पर अक्सर आया जाया करता था सोनिया हमारे घर की बहू बन चुकी थी और वह मेरी भाभी बन चुकी थी। मेरे बड़े भैया मुझसे उम्र में 2 वर्ष बड़े हैं लेकिन हम दोनों के बीच में ऐसा कुछ भी नहीं है कि हम दोनों एक दूसरे से कुछ छुपाए। भैया बड़े ही चुलबुले किस्म के हैं और सोनिया भी उनके मुताबिक एकदम ठीक थी कार्तिक की छोटी बहन शिखा जो कि बिल्कुल मेरी ही तरह थी लेकिन मुझे नहीं मालूम था कि शिखा का बॉयफ्रेंड है। जब मुझे इस बारे में पता चला तो मेरा दिल टूट गया मैंने शिखा को अपने दिल और दिमाग से निकाल दिया लेकिन फिर भी वह मेरे दिल और दिमाग में हमेशा आती रहती है उसका ख्याल मेरे दिमाग में आ ही जाता था। मैं जब भी शिखा के बारे में सोचता तो मुझे लगता कि काश कि मैं उससे शादी कर पाता लेकिन मैं शिखा के साथ कोई जबरदस्ती नहीं कर सकता था। शिखा की रजामंदी मेरे साथ शादी करने में बिल्कुल भी नहीं थी और ना ही वह मुझ से कोई रिश्ता रखना चाहती थी हम दोनों एक दूसरे से बहुत कम बातें किया करते थे। मैंने यह बात कभी भी कार्तिक को नहीं बताई थी और ना ही मैंने कार्तिक को कभी इस बारे में पता चलने दिया लेकिन जब कार्तिक को इस बारे में मालूम पड़ा तो वह मुझे कहने लगा अतुल तुमने मुझे कुछ क्यों नहीं बताया। मैंने कार्तिक से कहा देखो कार्तिक शिखा किसी और को चाहती है और मैं नहीं चाहता कि ऐसे ही मैं उसके साथ जोर जबस्ती करूं उसका जहां मन हो वह वहां खुश रह सकती है। मुझे भी इस बात की खुशी थी कि कार्तिक और मेरी बीच आज भी वही दोस्ती है कार्तिक भी चाहता था कि मेरी शादी शिखा के साथ हो जाए। शिखा तो शायद अपने प्यार में खोई हुई थी उसे मेरे बारे में सोचने के लिए फुर्सत ही कहां थी लेकिन उसे एहसास उस वक्त हुआ जब उसके प्रेमी ने उसे धोखा दे दिया और वह अपने दिल का धोखा खाए हुए घर पर ही बैठी थी।

उसने यह बात किसी को भी नहीं बताई और ना ही किसी को पता चलने दी लेकिन मुझे यह बात पता चल चुकी थी। कार्तिक ने मुझसे कहा था कि शिखा कुछ दिनों से घर पर ही है और वह बहुत ही ज्यादा दुखी है वह किसी से भी बात नहीं कर रही है उस वक्त मैंने शिखा के साथ बात की और तब शिखा को लगा कि जैसा वह मेरे बारे में सोचती थी मैं वैसा बिलकुल भी नहीं हूं। उसे अब इस बात का एहसास हो चुका था कि मैं उसकी सोच के बिल्कुल ही विपरीत हूं। शिखा और मैं एक साथ समय बिताने लगे थे यह बात हमारे घर पर भी पता चल चुकी थी क्योंकि सोनिया अब हमारे घर की बहुत थी और मेरी भाभी थी इसलिए उन्होंने भैया को यह बात बता दी और भैया ने पापा मम्मी को इस बारे में बता दिया। जब शिखा घर पर आई हुई थी तो मम्मी ने उसे कहा कि शिखा तुम्हारी और अतुल की जोड़ी बहुत जमेगी। शिखा मुस्कुराने लगी और कहने लगी आंटी यह तो आप ही सोचती है लेकिन क्या ऐसा कभी हो भी सकता है। मम्मी कहने लगी क्यों नहीं हो सकता तुम्हें क्या लगता है क्या तुम्हारी शादी अतुल के साथ नहीं हो सकती।

मैंने मम्मी से कहा तुम भी मम्मी कहां की बातें कहां ले आती हो अब जाने भी दो। मम्मी कहने लगी लेकिन तुम दोनों की जोड़ी बड़ी शानदार लग रही थी और तुम दोनों बहुत अच्छे लग रहे थे। शिखा के साथ अब मैं घुलने मिलने लगा था और वह भी मुझसे बातें करने लगी थी। पहले तो वह मुझसे दूर थी परंतु अब वह मेरे नजदीक आ चुकी थी और सब लोग इस बात से खुश थे हम दोनों एक दूसरे के साथ अच्छा समय बिताया करते और मुझे भी बहुत खुशी होती मैं शिखा के साथ में एक अच्छा समय बिता पा रहा था। मैंने कभी सोचा नहीं था कि शिखा के साथ में अच्छा समय बिता पाऊंगा मुझे जब भी मौका मिलता तो मैं और शिखा साथ में मूवी देखने के लिए चले जाते हम लोग साथ में बैठकर बात ही कर लिया करते थे। मैं ज्यादा से ज्यादा समय शिखा को देने की कोशिश करता ताकि उसे मेरे प्यार का एहसास हो सके और कुछ ही समय बाद हम दोनों की सगाई तय हो गई। शिखा को भी इस बात से कोई आपत्ति नहीं थी मैं खुशी से झूम उठा था मुझे तो लग रहा था कि जैसे मेरा सपना पूरा हो गया हो। मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी मेरी मुराद पूरी हो जाएगी और शिखा के साथ मैं बहुत खुश था हम दोनों ही एक दूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने लगे थे। जब शिखा से उसका फिगर पूछा तो यह पहला ही मौका था जब मैंने शिखा से उसका फिगर पूछा था वह थोड़ा शर्मा जरूर रही थी लेकिन उसे अब भी यह बात मालूम थी कि हम दोनों की सगाई हो चुकी है इसलिए उसे भी इस चीज में अब कोई संकोच नहीं था। उसने मुझे कहा कि मैं तुम्हें अपने फिगर का साइज बता रही हूं उसने शरमाते हुए मुझे अपने मदमस्त फिगर का साइज बता दिया। वह गुलाब की कली मेरी होने वाली थी मैं कच्ची कली तोड़ने वाला था जल्द ही मैंने शिखा के नरम और गुलाबी होठों पर जब किस किया तो उसने मुझे कहा मुझे तुम्हारी बाहों में आना है। वह मेरी बाहों में आ गई उसे मैंने अपनी बाहों में भर लिया। जब मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया तो मुझे बहुत अच्छा लगा और उसे भी बड़ा मजा आ रहा था।

मैंने उसकी जांघ को सहलना शुरू किया तो उसके बदन की गर्मी बढ़ने लगी थी गर्मी बहुत बड चुकी थी और इसी के साथ जब मैंने अपने लंड को उसकी योनि पर लगाना शुरू किया तो वह मचलने लगी। उसकी योनि से पानी बाहर निकलने लगा था जब शिखा ने मेरे लंड को खड़ा किया तो मेरा लंड पूरी तरीके से तन कर खड़ा हो चुका था और मेरा लंड लंबा हो गया। मेरा लंड शिखा की कमसिन योनि के अंदर जाने के लिए बेताब था जब मैंने उसकी योनि मे अपने लंड को लगाया तो वह उत्तेजित हो गई। मैंने धीरे धीरे अपने लंड को अंदर प्रवेश करवा ही दिया जैसे ही मेरा मोटा लंड उसकी योनि के अंदर प्रवेश हुआ तो वह चिल्ला उठी। अब वह इतना ज्यादा चिल्ला उठी थी कि उसे लग रहा था कि शायद वह कुछ ज्यादा ही चिल्ला रही है इसलिए उसने अपने मुह पर अपने हाथ को रखा। वह अपनी मादक आवाज को रोक नहीं पा रही थी मैंने उसके पैरों को खोलकर धक्के देने शुरू कर दिए थे।

मेरे धक्को में अब इतनी तेजी आने लगी कि मैंने जब अपने लंड को उसकी चूतड़ों पर सटाया तो वह कहने लगी तुम लंड को अंदर की तरफ डाल दो। मैंने उसे घोड़ी बना दिया था और घोड़ी बनाकर मैंने उसकी योनि के अंदर अपने लंड को घुसाया तो वह चिल्ला उठी थी और मेरा लंड उसकी योनि के अंदर जाते ही उसके मुंह से इतनी तेजी चीख निकलने लगी। वह कहने लगी मुझसे रहा नहीं जा रहा है उसकी कमसिन चूत का एहसास मुझे हो रहा था उसकी योनि इतनी टाइट थी लेकिन मुझे तो उसे धक्के मारने थे। मैंने उसकी बड़ी चूतडो को पकडकर तेज गति से धक्के देने शुरू कर दिए। मैंने अपने लंड को तेजी से अंदर बाहर किया जिससे कि वह पूरी तरीके से मचल उठी थी और मैं भी खुश हो गया था। मेरी भी मन की मुराद पूरी हो चुकी थी और जैसे ही मैंने अपना वीर्य शिखा की योनि के अंदर प्रवेश करवाया तो वह कहने लगी तुमने यह क्या कर दिया। मैंने उसे कहा कोई बात नहीं हमारी शादी तो होने ही वाली है और इसमें कोई घबराने की बात नहीं है। कुछ समय बाद वह प्रेगनेंट हो गई थी लेकिन मुझे अब इस बात की कोई भी चिंता नहीं थी।
 
Back
Top