कुंवारी सहकर्मी को दोस्त के रूम ले जाकर चोदा

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इस पर मैंने उसे बताया कि वो 2 घंटे से पहले नहीं आएगा. मैंने फिर से उसे चूमना शुरू कर दिया और वो भी मेरे चुम्बन का जवाब देने लगी. फिर मैंने उसका टॉप उतार दिया. व्हाइट ब्रा में उसके बूब्स मस्त लग रहे थे. इसके बाद मैंने उसके बूब्स को ब्रा के ऊपर से ही दबाना शुरू कर दिया…

आप लोगों का ज्यादा टाइम न लेते हुए मैं सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ. दोस्तों, मैं 22 साल का नवजवान युवक हूँ और दिखने में भी ठीक – ठाक हूँ. मेरी लम्बाई 6 फुट है. दोस्तों, कहने को तो मेरे लण्ड का साइज़ 6 इंच मगर इससे फरक नहीं पड़ता.

मैं पिछले काफी टाइम से फरीदाबाद में रह रहा था और एक कंपनी में काम कर रहा था. वहां पर मेरे ही साथ एक लड़की काम करती थी. जिसका नाम था नीतू था और उसकी उम्र उस वक्त तक कोई 19 साल रही होगी.

वो देखने में काफी सुन्दर, अच्छी लम्बाई, गोरा रंग और कटीली आँखों वाली बहुत ही मस्त लड़की थी. उसकी खूबसूरती के क्या कहने! दोस्तों, जो भी उसको देखे देखता ही रह जाए. वो भी मेरे साथ ही काम करती थी. मैं उसको बहुत पसंद करने लगा था. अब बिना उसको देखे मेरा मन कहीं भी लगता ही नहीं था.

एक दिन जब वो वापस घर जा रही थी तो मैंने अपनी बाइक उसके बराबर लगाई और उसको ड्राप करने को कहा. इसपर उसने भी हां कर दी और मेरे साथ बाइक पर बैठ गयी. उसके बैठने से मेरी तो मुंह मांगी मुराद पूरी हो गयी थी. मैंने उसको उसके घर पर छोड़ा और जाने लगा. इसपर वो मुझसे रुकने को कहने लगी. सच बताऊँ दोस्तों, मन तो मेरा भी बहुत था रुकने का पर मैं रुका नहीं और फिर वहां से वापस आ गया.

अगले दिन जब वो ऑफिस आई तो मेरे पास आकर बैठ गई और मुझसे बात करने लगी. उस दिन वो व्हाइट टी शर्ट और ब्लैक जीन्स में पूरी क़यामत लग रही थी. मैं तो उसे देखता ही रह गया. उस दिन बातों ही बातों में मैंने उसका मोबाइल नंबर ले लिया. उसके बाद तो अब हम रोज फोन पर बात करने लगे.

धीर – धीरे फोन पर हमारे बीच काफी बातें होने लगीं थी. एक दिन मैंने उसको कहीं घूमने चलाने के लिए बोला तो उसने भी टाल मटोल किए बिना ही हां कर दी. अगले दिन मैं उसको लेकर घूमने चल दिया. उस दिन वो पिंक टॉप और व्हाइट जीन्स में बहुत प्यारी लग रही थी. उस दिन जब मैंने उसको देखा तो उसको देखता ही रहा. मुझे और कुछ ध्यान ही नहीं रहा. तभी वो मेरा बाजू पकड़ कर हिलाते हुए बोली – क्या हुआ?

मैं चौंक कर बोला – कुछ नहीं, बस तुम्हारे ख्यालों में खो गया था.

इस पर वो शर्मा कर बोली – धत्त, अब चलो तुम.

इतना कह कर वो तुरन्त ही बाइक पर बैठ गयी. फिर मैं उसको लेकर एक पार्क में आ गया. वहां पार्क में एक एकांत जगह देख कर हम बैठ गए. मैं उसकी गोद में सर रख कर लेट गया और फिर हम बातें करने लगे.

तभी मैंने उसकी गर्दन पर हाथ रख के उसकी गर्दन को नीचे किया और उसके होठों को चूम लिया. वाह क्या मस्त होंठ थे उसके! बिलकुल मक्खन जैसे मुलायम थे. मज़ा आ गया था उसके होंठ चूम कर. मेरे चूमते ही वो तुरंत सीधा हो गयी और इधर – उधर देखने लगी और बोली – कोई देख लेता तो?

मैंने कहा – कोई देख लेता तो क्या होता. बस यही कहता कि दो प्रेमी प्यार कर रहे हैं और क्या.

इस पर वो मुस्करा दी. मैंने दोबारा अपने होंठ पर ऊँगली रख के इशारा किया तो वो खुद ही मुझे किस करने लगी. मैं तो जैसे जन्नत में पहुंच गया था. फिर मैंने अपने हाथ को उसके बूब्स पर लगाया और सहलाने लगा. उसने एक बार ऊपर हट कर मुझे देखा फिर हल्के से मुस्कराई और दोबारा किस करने लगी.

फिर मैंने अपने हाथ को उसके टॉप में डाल दिया और उसकी कमर और पेट को सहलाने लगा. वो मुझे किस करती रही. करीब 20 मिनट बाद वो सीधी हुई और बोली -अब मत करो.

मैं – क्या?

वो – यह जो कर रहे हो.

मैं – क्यों?

वो बोली – मुझे कुछ – कुछ हो रहा है. पता नहीं अजीब सा मन हो रहा है.

मैंने कहा – कहीं और चलें.

तो उसने हां में सर हिला दिया. मैंने तुरंत ही अपने एक दोस्त को फ़ोन किया और उसको रूम के लिए बोला. इस पर उसने कहा कि मेरे ही रूम पर ही आ जाओ. मैं उसको लेकर दोस्त के रूम पर गया.

वहां जाकर मैंने दोस्त को कुछ खाने के लिए लाने को बोला तो वो मार्केट से कुछ लाने का बहाना करके चला गया. मैंने तुरंत नीतू को अपनी तरफ खींच कर अपने ऊपर गिरा लिया. वो टूटे फूल की तरह मेरे ऊपर आ गिरी. फिर मैं उसे चूमने लगा, तो वो बोली – तुम्हारा दोस्त आ जायेगा.

इस पर मैंने उसे बताया कि वो 2 घंटे से पहले नहीं आएगा. मैंने फिर से उसे चूमना शुरू कर दिया और वो भी मेरे चुम्बन का जवाब देने लगी. फिर मैंने उसका टॉप उतार दिया. व्हाइट ब्रा में उसके बूब्स मस्त लग रहे थे. इसके बाद मैंने उसके बूब्स को ब्रा के ऊपर से ही दबाना शुरू कर दिया.

वो भी अब मेरा पूरा साथ दे रही थी. अब मैंने अपने हाथों को धीरे – धीरे उसके सारे शरीर पर घुमा रहा था और उसके होठों को अपने होंठों में लेकर चूस रहा रहा था.
अब मैंने उसकी जीन्स का बटन खोल दिया और अपना हाथ उसकी जीन्स के अंदर डाल दिया तो वो अपनी टाँगें भींचने लगी. फिर मैंने धीरे से उसको टाँगें खोलने को बोला तो उसने अपनी टाँगें खोल दी.

मैं अपने हाथ को उसकी चूत की जगह पर लगाया तो वहां पर मुझे गीला महसूस हुआ. उसकी चूत भी पानी छोड़ रही थी. फिर मैंने उसको खड़ा किया और उसको जीन्स उतरने के लिए बोला. इस पर उसने अपनी जीन्स उतार दी और मेरे सीने से आकर लग गयी. वो व्हाइट ब्रा और पैंटी में बहुत ही मस्त लग रही थी.

अब मैंने उसको बेड पर लिटाया और उसको चूमने लगा. तभी वो मेरे कान में धीरे से बोली – बाबू कुछ करो ना.

मैंने उसकी एक न सुनी और और अपना हाथ उसकी पैंटी में डाल दिया और धीरे से एक ऊँगली उसकी चूत के अंदर कर दिया. इससे वो तुरंत सिसकारी लेने लगी और मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली – कुछ करो न बाबू.

मैंने भी अब देर करना सही नहीं समझा और अपने कपड़े उतार दिये. अब मैं सिर्फ अंडरवियर में था और उसमें मेरा लन्ड पूरा तम्बू बनाये हुए था. तभी मैंने अपना अंडरवियर भी उतार दिया. जिससे मेरा लन्ड फुफकार मार कर सामने आ गया. वो बड़े ध्यान से मेरे लन्ड को देख रही थी. तभी मैंने पूछा – कैसा लगा?

इस पर उसने मुस्करा कर आँखें बंद कर ली और मेरा हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींचने लगी. इससे मैं एक दम से उसके ऊपर लेट गया और उसके बूब्स को दबाते हुए उसके होंठों को चूसने लगा. फिर मैंने लन्ड को उसकी चूत पर सेट किया और धीरे – धीरे अंदर करने लगा.

जब लन्ड सैट हो गया तो मैंने एक जोरदार झटका मारा. झटके में मेरे लण्ड का ऊपरी हिस्सा टोपा ही अंदर गया. जिससे वो बोलने लगी कि दर्द हो रहा है, प्लीज बाहर निकाल लो. तो मैंने उसे समझाया और कहा – पहली बार में ऐसा होता ही है. थोड़ी देर तक दर्द होगा फिर सब नार्मल हो जायेगा.

इस पर उसने अपने होंठ अपने दांतो के बीच में दबा लिया मतलब साफ था, अब वो दर्द सहने को तैयार थी. फिर मैंने लन्ड को थोड़ा पीछे खींचा और एक दमदार शॉट लगा दिया. जिससे मेरा पूरा लन्ड एक बार में ही अंदर चला गया. उसने एक बार आह्ह्ह की और अपने होंठ को दांतों से दबा कर फिर से चुप हो गयी.

मैं वहीं रुक गया और उसके बदन और बूब्स को मसलने लगा. धीरे – धीरे उसका दर्द कम होने लगा और वो अब नीचे से अपनी गांड उठा कर लन्ड को अंदर लेने लगी. अब मैंने भी झटके देना शुरू कर दिया. धीरे – धीरे झटके देते हुए मैं उसके बूब्स भी चूसता जा रहा था. कुछ देर तक ऐसे ही चोदने के बाद मैंने उसे एक साइड में लिटाया और एक टांग अपने कंधे पर रख कर उसे चोदने लगा.

कुछ देर ऐसे ही चोदने के बाद मुझे लगा कि मेरा होने वाला है तो मैंने उसको कहा – मेरा होने वाला है, कहाँ निकालूँ?

इस पर वो बोली – मुझे नहीं पता.

इतना बोल कर फिर वो मेरे कमर को पकड़ कर अपनी तरफ भींचने लगी. मुझे लगा कि ये भी झड़ने वाली है तो मैंने भी अपने धक्के तेज कर दिए और 10-15 धक्कों में ही मेरा माल छूट गया और उसने भी अपना पानी छोड़ दिया.

उसके कुछ देर तक मैं उसके ऊपर यूं ही पड़ा रहा और फिर उठ गया और उसको भी खड़ा किया. तभी मैंने देखा कि उसकी जांघों पर खून के दाग लगे हुए थे. मैंने उसका रुमाल लेकर उन दागों को साफ़ किया और उसको कपड़े पहनने को बोला और खुद भी अपने कपड़े पहन लिए.

मैंने देखा कि अब उससे ठीक से चला भी नहीं जा रहा था. मैं सहारा देकर उसको साथ में बाथरूम लेकर गया. वो पेशाब करने को बोली. मैंने कहा कि मेरे सामने ही कर लो. इस पर उसने मुझे अचानक से धक्का देकर बाथरूम से बाहर जाने को कहा तो मैं बहार आ गया.

उसके बाद मैंने उसको बहुत बार चोदा पर वो सब कहानी फिर कभी. आज के लिए सिर्फ इतना ही काफी है. आपको मेरी कहानी कैसी लगी जरूर बताना. मुझे आपके जबाब का इंतजार रहेगा. मेरी मेल आईडी है
 
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