कुली ने चोदी भिखारण की झांटो वाली चूत

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दोस्तों यह कहानी हैं एक भिखारण की चुदा की. जी हाँ झांटो वाली चूत वाली एक भिखारण जिसे अँधेरी स्टेशन के ऊपर एक भैयाजी ने 100 रूपये के बदले में चोदा था. तो अब पढ़े इस कहानी को आगे.!

मिथुन यादव ने पुराने अख़बार को शिराने से हटाया और वो प्लेटफोर्म के बांकड़े पर से उठ खड़ा हुआ. दूर बैठी एक भिखारण अपने कटोरे से सिक्के गिन रही थी जिसकी आवाज से मिथुन की नींद में खलल पड़ रही थी. अगली ट्रेन आने में अभी घंटा भर का समय था इसलिए उसने सोने का प्लान बनाया था लेकिन इस भिखारण की खलल से उसकी नींद की माँ चुद गई थी. वो उठ के उसके पास गया और बोला, "क्या मादरचोदपना कर रही है इतनी रात को.सुबह गिन लेती."

जैसे ही भिखारण ने अपना सर उपर किया मिथुन का लौड़ा जैसे सेल्यूट मारने लगा. 23 साल की भरी जवानी थी इस भिखारण के मुहं पे तो.. मिथुन सन्न रह गया क्यूंकि उसे लगा की कोई बुढ़िया होंगी. मिथुन को देख के वो भिखारण बोली, "क्यों रे तेरे बाप का क्या जाता हैं यहाँ पे."

मिथुन ने गुस्से को पीकर उसे कहा, "अरे रानी पैसा मैं दे दूंगा तुझे. सिक्के नहीं नोट दे सकता हु तुझे. बस मेरे साथ एक बार उस ट्रेन के डिब्बे में आजा. 10 मिनिट लगेंगे बस."

भिखारण ने सिक्को को बटोर के प्लास्टिक की थेली में रखा और बोली, "हवलदार तो नहीं आएगा ना यहाँ पे."

मिथुन बोला, "अरे आया तो मैं देख लूँगा."

लेकिन झांटो वाली चूत हैं मेरी तो

भिखारण: मेरी झांटो वाली चूत हैं लेकिन.

मिथुन ने अपने लंड को सहलाते हुए कहा, "अरे झांटो वाली चूत में बड़ा मजा होता हैं डार्लिंग."

भिखारण ने अपने गंदे झोले में थेली रखी और झोला कंधे के ऊपर तांगा. मिथुन आगे आगे चला और भिखारण उसके पीछे उस डिब्बे में चढ़ गई. यह डिब्बा एक पटरी से उतरी हुई एक ट्रेन का था. अंदर जाते ही मिथुन ने वहाँ पहले से सोये हुए एक भिखारी को कहा, "भाग भोसड़ी के हवलदार आया हैं. गांड में डंडा देगा."

बेचारा वो भिखारी अपनी जाने ले के भागा. क्यूंकि वैसे भी प्लेटफोर्म पे कुलियों का दबदबा रहता हैं. मिथुन इस भिखारण को ले के डिब्बे के अंदर की भाग में गया. उसने अंदर एक फटी हुई सिट के ऊपर पुराना अख़बार डाला. भिखारण ने अपनी झोली साइड में रखी और वो सिट के ऊपर अपनी गांड टिका के बैठ गई. मिथुन ने अपनी लाल पेंट से अपने लौड़े को बहार निकाला और उसने भिखारण के सामने उसे रख दिया. भिखारण ने पहले लंड को सहलाया और फिर धीरे ससे उसे अपने मुहं में लपक लिया. मिथुन की ख़ुशी का कोई ठिकाना ही नहीं रहा जैसे और उसकी आँखे एकदम से बंध हो गई. उसके मुहं से सिसकियाँ निकल रही थी और भिखारण उसके लौड़े को अपने मुहं में जोर जोर से चलाने लगी. मिथुन उसके मुहं में अब अपने लंड के झटके देने लगा. तभी भिखारण ने अपने घाघरे को उपर की तरफ उठाया; जैसे उसने कहा था झांटो वाली चूत थी.मिथुन ने अपने पाँव के अंगूठे को उस झांटो वाली चूत के पास रखा और वो धीरे धीरे चूत को सहलाने लगा. मिथुन के लंड के ऊपर भिखारण अभी भी वही प्यार से चाटना और चुसना जारी रखे हुए थी.

मिथुन ने अब अपने लंड को उसके मुहं से निकाला और उसकी इच्छा अब चूत में लंड डालने की हो चली थी. उसने भिखारण की जांघ को जैसे ही छुआ; भिखारण ने उसका हाथ पकड़ के दूर कर दिया. और वो बोली, "अबे चूत लेने से पहले पैसे दे मुझे. कितने लोग है तेरे जैसे जो चोद के भुत की तरह भाग जाते हैं."

हम तुम एक डिब्बे में बंध हो

मिथुन बोला, "अबे क्या 100 रूपये में जान खा रही हैं. ये ले." इतना कह के उसने अपनी जेब से 50 की दो नोट निकाल के उसे थमा दी. भिखारण ने अपने घाघरे को फिर से उठाया और अपनी झांटो वाली चूत का फाटक जैसे की मिथुन के लिए खोल दिया. मिथुन ने अपने लंड को अपने हाथ में पकड़ा और वो चूत के ऊपर अपने लंड को फिराने लगा. लंड के स्पर्श से जैसे की चूत में पानी का झरना फुट निकला. देखते ही देखते चूत एकदम से गीली हो गई; और चूत अब तैयार थी लंड अपने अंदर लेने के लिए.

भिखारण ने मिथुन की तरफ देख के कहा, "अरे डाल दे ना अंदर क्या 100 रूपये में इतना तड़पा रहा हैं मुझे."

मिथुन हंस पड़ा और उसने अपनी कमर हिला के एक झटका लगाया. भिखारण की झांटो वाली चूत के अंदर मिथुन का आधे से ज्यादा लंड बिना किसी रोक टोक के घुस गया. भिखारण ने एक आह निकाली और उसने अपनी झांटो वाली चूत को थोडा टाईट किया. मिथुन को भी यह देख के गुस्सा आ गया जैसे और उसने एक और झटका लगा दिया चूत के अंदर. आह आह की आवाज अब इस डिब्बे से गूंजने लगी और मिथुन झांटो वाली चूत के तंबू के अंदर अपना बम्बू गाड़ने लगा. भिखारण भी अपनी गांड को हिला हिला के चूत के अंदर लौड़े के दुगुने चोगुने मजे लेने लगी. भिखारण की गांड के ऊपर अपने हाथ रख के मिथुन ने उसे थोडा उपर उठाया और फिर तो चूत को जोर जोर से लेने लगा. आह आह आह अब और भी बढ़ गई क्यूंकि इस झांटो वाली चूत के अंदर लंड और भी अंदर तक घुस जो रहा था. मिथुन के कपाल से पसीना छूटने लगा था अब.

2-3 मिनिट की चुदाई के बाद मिथुन ने अपने लंड के झटके और भी तेज कर दिए और वो हांफने लगा था अब. तभी उसके लंड से वीर्य की पिचकारी निकली जिस से झांटो वाली चूत भर सी गई. मिथुन ने एक आह से अपना लंड चूत से बहार निकाल लिया. भिखारण को लगा के वो धीरे से कपडे पहनेगा और बात करेंगा. लेकिन मिथुन ने फट से अपनी पेंट पहनी और भागते हुए बोला, "अरे मेरी ट्रेन आने वाली हैं. मैं जाता हूँ...!"
 
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