गुरु से ली गुरु दक्षिणा

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Guru Se Li Guru Dakshina

हेलो फ्रेंड्स। मैंने इस कहानी में मेरे कॉलेज में हुई एक गरम मसाला लड़की की चुदाई के बारे में बताया है।

चुदाई करने वाले व्यक्ति थे हमारे क्लास टीचर श्री गुरु घंटाल नीलेश पांडे। जिस लड़की की उन्होंने गाँड़ उछाल-उछालकर ठुकाई की थी उसका नाम है रेवती नम्बिआर (उम्र २०) । मुझे कैसे मालुम पड़ा वह जानने के लिए आगे की कहानी पढ़े।

कॉलेज में हर सेमेस्टर के अंत में हमें प्रोजेक्ट प्रस्तुत करना होता है। मैंने भी अपना प्रोजेक्ट प्रस्तुत किया लेकिन देरी से। मेरा प्रोजेक्ट लेते वक़्त ही नीलेश सर ने मुझसे कहा था कि मुझे सिर्फ़ पासिंग मार्क्स मिलेंगे क्यूँकि मैंने प्रोजेक्ट देरी से लाकर दिया था।

मैं अकेला छात्र नहीं था जिसने प्रोजेक्ट देरी से लाकर दिया था। कई छात्र थे और उनमें से एक रेवती भी थी। सेमेस्टर समाप्त हुआ और रिजल्ट आने पर मैंने देखा कि मुझे वास्तव में सिर्फ़ पासिंग मार्क्स मिले थे।

मुझे इस बात का दुख तो नहीं हुआ लेकिन रेवती के मार्क्स देखकर मेरी गाँड़ जलने लगी थी। उसे तो प्रोजेक्ट के फुल मार्क्स मिले थे। मुझे जानना था कि उसने ऐसा क्या जादू चलाया था जिससे उसे फुल मार्क्स मिले थे।

अगले सेमेस्टर से मैं रेवती पर कॉलेज में नज़र रखने लगा था। कॉलेज ख़तम होने के बाद रेवती अपने दोस्तों के साथ कैंटीन में जाती थी। मैं भी मेरे दोस्तों को लेकर कैंटीन में जाकर बैठने लगा था।

एक दिन, कैंटीन में रेवती ठीक मेरे आगे बैठी हुई थी। तभी उसे किसीका फ़ोन आ गया। उसके मोबाइल की स्क्रीन पर ध्यान से देखने पर पता चला कि उसे किसी 'फ्री मार्क्स' का फ़ोन आया था। रेवती ने १५ सेकंड के अंदर बात करके फ़ोन रख दिया।

कॉल करने वाला कॉलेज में ही होगा इसलिए रेवती ने इतने कम समय में बात करके कॉल कट कर दिया था, इतना तो मैं जान गया था। रेवती अपने दोस्तों को "कल मिलते है" ऐसा कहकर कैंटीन से निकल गई।

मैं भी थोड़ी देर बाद कैंटीन से निकलकर उसका पीछा करने लगा। रेवती को लिफ्ट के अंदर जाते देख मैं सीढियाँ चढ़ने लगा। लिफ्ट तो कॉलेज के सबसे ऊपर के माले में जाकर रुक गई थी।

मैंने इधर-उधर देखा लेकिन मुझे कोई दिखा नहीं। तभी मैंने टेरेस की गेट खुलने की आवाज़ सुनी। मैं दबे पाँव एक माला और चढ़कर कॉलेज की टेरेस पर आ गया था। मैंने रेवती को पानी की टंकी के पास से जाता देखा और उसका पीछा करने लगा।

जब मैं पानी की टंकी के पास पहुँचा, तब मैंने देखा कि नीलेश सर वहाँ पर खड़े थे। रेवती नीलेश सर के पास जाकर खड़ी हो गई और दोनों जन इधर-उधर देखने लगे।

नीलेश सर ने रेवती को पकड़कर अपनी बाहों में भर लिया और उसकी चुम्मियाँ लेने लगे। रेवती को उसकी गाँड़ से पकड़कर नीलेश सर ने उसे उठा लिया और उसके होठों को अपने मुँह में भरकर चुमना जारी रखा।

रेवती की जीन्स पैंट की वज़ह से नीलेश सर उसकी गाँड़ को सिर्फ़ दबा पा रहे थे, नाकि उसके चुत्तड़ को फैलाकर उसे मस्त कर सकें। रेवती ने अपनी शर्ट के बटन खोलकर अपनी चूचियों को नीलेश सर की छाती पर दबाने लगी।

थोड़ी देर बाद, नीलेश सर ने रेवती को निचे उतार दिया और अपनी पैंट की ज़िप खोलकर अपने लौड़े को बाहर निकाल दिया। रेवती नीलेश सर के लौड़े को पकड़कर हिलाने लगी।

जब उनका लौड़ा पूरी तरह तनकर खड़ा हो गया था, तब रेवती ने उसे अपने मुँह में ड़ालकर चूसना शुरू किया। वह पैरों के बल बैठकर नीलेश सर के लौड़े को चूस रही थी। नीलेश सर रेवती का चहरा पकड़कर उसके मुँह में अपना लौड़ा अंदर-बाहर घुसा रहे थे।

रेवती नीलेश सर की पैंट को थोड़ा निचे उतारकर उनकी गोटियों को चूसने लगी थी। नीलेश सर अपनी आँखें बंद करके मज़े ले रहे थे। उनको मज़े लेते देख मेरे दिमाग में एक विचार आया। मैंने अपने मोबाइल फ़ोन से उन दोनों का वीडियो निकालना शुरू कर दिया।

थोड़ी देर बाद, रेवती खड़ी हो गई और अपनी जीन्स पैंट उतारने लगी। लाल पैंटी में उसकी मोटी गाँड़ को देखकर नीलेश सर बावले हो गए थे। रेवती की गाँड़ को पकड़कर नीलेश सर ने उसे अपनी तरफ़ खींच लिया।

उसकी गाँड़ को दबाते हुए नीलेश सर उसकी चुम्मियाँ ले रहे थे। रेवती की गाँड़ की दरार में अपनी उँगली फसाकर नीलेश सर ने उसके चुत्तड़ को फैलाना शुरू किया।

कुछ देर तक उसकी गाँड़ की छेद में उँगली घुसाने के बाद, नीलेश सर ने रेवती को फिरसे उसकी गाँड़ से पकड़कर उठा लिया था। रेवती ने नीलेश सर का खड़ा हुआ लौड़ा पकड़ा और उसे अपनी चूत पर घिसना शुरू किया।

उसने लौड़े को अपनी चूत के अंदर धीरे से घुसा दिया और अपनी चूचियों को पकड़कर नीलेश सर के मुँह पर घिसने लगी।

नीलेश सर रेवती की गाँड़ पकड़कर उसे अपने लौड़े पर उछाल रहे थे।

उनका मोटा और लम्बा लौड़ा रेवती की चूत फाड़कर पूरा अंदर घुस गया था। उसकी गाँड़ में उँगली डालकर उसे भी अंदर-बाहर कर रहे थे। रेवती बारी-बारी से अपने चूचियों को नीलेश सर के मुँह में घुसाकर उन्हें चुसवा रही थी।

नीलेश सर रेवती को अपने लौड़े पर इतनी ज़ोर से पटककर उसकी चूत मार रहे थे कि 'फट-फट' आवाज़ भी वीडियो में रिकॉर्ड हो रही थी। रेवती सिसकियाँ लेकर नीलेश सर को उकसाह रही थी।

नीलेश सर तेज़ी से रेवती के चूत में अपना लौड़ा घुसाकर उसे ऊपर-निचे उछाल रहे थे। कुछ देर बाद, नीलेश सर ने अपना लौड़ा रेवती की चूत से निकाल दिया। रेवती अपनी उँगली चाटकर अपनी गाँड़ की छेद को चौड़ा कर रही थी।

उसने नीलेश सर का लौड़ा पकड़कर उसकी नोक को अपनी गाँड़ की छेद पर रख दिया। धीरे-धीरे ज़ोर ड़ालते हुए, नीलेश सर ने अपना लौड़ा रेवती की गाँड़ में घुसा दिया।

अब नीलेश सर रेवती के चुत्तड़ फैलाकर उसकी गाँड़ की छेद में अपना लौड़ा अंदर-बाहर कर रहे थे। रेवती की हलकी-हलकी चीख़े निकलने लगी थी। कोई उसकी आवाज़ न सुन ले इसलिए नीलेश सर ने उसके होठों को अपने मुँह में भर दिया।

रेवती के होठों को चूसते हुए नीलेश सर ज़ोर-ज़ोर से उसकी गाँड़ की चुदाई करने लगे। कुछ देर बाद, नीलेश सर ने रेवती को अपने ऊपर से उतार दिया। रेवती पैरों के बल निचे बैठकर नीलेश सर के लौड़े को अपने मुँह में ड़ालकर चूसने लगी थी।

अपने हाथों से वह अपनी चूत को फैलाकर उसमें उँगली घुसाने लगी। कुछ देर तक उँगली घुसाने के बाद, रेवती ने पेशाब की धार छोड़ दी। पेशाब करने के बाद, रेवती पानी की दूसरी टंकी के लोहे की सीढ़ियों को पकड़कर खड़ी हो गई।

वह अपनी मोटी गाँड़ हिलाकर नीलेश सर को उकसाह रही थी। नीलेश सर ने रेवती की गाँड़ पर ४-५ थप्पड़ मारे और निचे झुककर उसकी गाँड़ को चाटने लगे। रेवती की गाँड़ की छेद को थूक लगाकर उसमें अपनी ज़ुबान घुसाने लगे।

उत्तेजना के मारे रेवती अपनी गाँड़ ज़ोर-ज़ोर से हिलाने लगी थी। नीलेश सर खड़े हो गए और अपने लौड़े की नोक को रेवती की गाँड़ की छेद के पास ले जाकर चिपका दिया।

रेवती की कमर पकड़कर नीलेश सर उसकी गाँड़ की छेड़ में अपना लौड़ा घुसाने लगे थे। ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारते हुए, नीलेश सर रेवती की मज़ेदार चुदाई कर रहे थे।

आगे से उसकी चूचियाँ पकड़कर उन्हें दबाने लगे जिसके कारण रेवती की चीख़ें निकलनी शुरू हो गई थी। नीलेश सर ने अपने हाथ को रेवती के मुँह पर रख दिया और ज़ोर-ज़ोर से उसकी गाँड़ में लौड़ा घुसाना जारी रखा।

थोड़ी देर और अपने लौड़े को रेवती की गाँड़ की छेड़ में घुसाते हुए दोनों लोग चुदाई के मज़े ले रहे थे। कुछ देर बाद, नीलेश सर ने अपने लौड़े को रेवती की गाँड़ के अंदर दबा दिया।

अपने लौड़े के माल को रेवती की गाँड़ की छेद के अंदर निकालकर नीलेश सर ने अपना लौड़ा बाहर निकाल लिया। फिर नीलेश सर निचे झुककर रेवती की गाँड़ की छेद के पास अपना मुँह रखकर बैठ गए।

रेवती ने ज़ोर लगाकर अपनी गाँड़ की छेद से लौड़े का माल नीलेश सर के मुँह में पाद मारकर निकाल दिया। दोनों जन एक दूसरे को कपड़े पहनाने लगे। मैंने भी वीडियो रिकॉर्डिंग बंद कर दी और वहाँ से चला गया।

अगले दिन, मैंने नीलेश सर को एक वीडियो भेजा जिसकी वज़ह से वह मुझे हर महीने अपनी पगार में से ५,००० रुपये देने लगे। फ्री मार्क्स की ज़रूरत मुझे नहीं थी।
 
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