चाची की पसीने से भीगे ब्लाउज में चुच्चिया देखा

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(Chachi Ki Pasine Se Bheege Blouse Mein Chuchiya Dekha)

हिंदी सेक्स स्टोरी, चुदाई की कहानी, चाची की चुदाई, मेरे माता पिता गांव मे रहते हैं और वह खेती पर ही निर्भर हैं, गांव में मेरे जितने भी रिश्तेदार हैं वह सब खेती पर ही निर्भर हैं, हमारे घर में हमारी जॉइंट फैमिली है लेकिन मेरे पिता जी का सपना था कि मैं किसी अच्छे कॉलेज में पढूं और उसके बाद किसी अच्छी जगह नौकरी करूं, मैंने अपनी कॉलेज की पढ़ाई तो अपने गांव से ही की। हमारे गांव से कुछ दूरी पर सूरत पड़ता है इसलिए मैंने अपनी पढ़ाई सूरत से की और जब मेरी कॉलेज की पढ़ाई पूरी हो गई तो उसके बाद मेरे पिताजी को लगा कि मैं पढ़ने में बहुत अच्छा हूं इसलिए उन्होंने सोचा कि मेरी पढ़ाई में कोई भी कमी ना हो इसके लिए उन्होंने मुझे पोस्ट ग्रेजुएशन करने के लिए पुणे में भेज दिया, मैं जब पुणे गया तो मैंने वहां एमबीए की पढ़ाई की और जब मेरी एमबीए की पढ़ाई पूरी हो गई तो मुझे कई कंपनियों से ऑफर आए लेकिन मैंने बंगलौर की एक कंपनी में जॉइनिंग की। Chachi Ki Pasine Se Bheege Blouse Mein Chuchiya Dekha.

मेरा पहला दिन ऑफिस का था मुझे बड़ा ही अच्छा लग रहा था क्योंकि मैं जब ऑफिस जा रहा था तो मुझे लग रहा था जैसे मेरा सपना पूरा हो रहा है, मैंने अपने पिताजी को फोन किया और कहा आज आपका सपना पूरा हो रहा है, मेरी एक अच्छी कंपनी में जॉब लगी है जिसमें काम करने कि शायद मैं सपने में भी कभी नहीं सोच सकता था लेकिन आपकी वजह से ही मेरी यहां नौकरी लगी है यदि आप मुझ पर भरोसा नहीं दिखाते तो शायद मैं आज इस मुकाम पर नहीं पहुंच पाता, मेरे पिताजी मुझे कहने लगे बेटा यह सब तुम्हारी मेहनत का ही नतीजा है हमने तुम्हारे ऊपर भरोसा तभी किया जब हमें तुम्हारे बारे में कुछ ऐसा लगा, वह कहने लगे बेटा हमे तुम पर बहुत ही गर्व है। पहले दिन मैंने अपने ऑफिस का काम बड़े ही अच्छे से किया और उसके बाद जैसे मैं बंगलौर के माहौल में पूरी तरीके से ढलता चला गया, मेरे बंगलौर में भी काफी दोस्त बन चुके थे और मैं एक छोटे से गांव का रहने वाला हूं और जब मैं अपने आप को कॉर्पोरेट माहौल में देखता हूं तो मुझे बहुत अच्छा लगता है।

मेरे जितने भी दोस्त हैं वह सब कहते हैं कि तुम बड़े ही मेहनती हो और तुमने अपनी मेहनत के बलबूते ही यह सब मुकाम हासिल किया है, मेरा लगातार प्रमोशन होता रहा, मेरा काम देखकर सब लोग बहुत खुश थे और मैंने उसके बाद भी कई कंपनियां जॉइन की, जहां कि मुझे अच्छी सैलरी मिल रही थी, मैं बीच-बीच में अपने गांव जाता रहता था लेकिन जब मैं पूरी तरीके से सेटल हो गया तो मैंने सोचा मुझे कुछ समय के लिए अपने गांव में रहना चाहिए क्योंकि काफी समय से मैं अपने माता पिता के साथ भी नहीं रह पाया था, मैंने जब अपने पिताजी को कहा कि मैं कुछ समय के लिए आप लोगों के साथ रहना चाहता हूं तो वह लोग बहुत खुश हो गए और कहने लगे तुम कब आ रहे हो, मैंने उन्हें कहा बस कुछ ही दिनों बाद मैं वापस आ जाऊंगा। "Chachi Ki Pasine Se"

मैं जब गांव पहुंचा तो मैं अपने परिवार के लिए ढेर सारे गिफ्ट लेकर गया था, वह लोग मुझे अपने पास देख कर बहुत ही खुश हो गए, मेरे पिताजी भी बहुत खुश थे, उनके लिए भी मैं गिफ्ट लेकर आया था,जब मैंने उन्हें गिफ्ट दिया तो वह लोग बहुत ही खुश हो गए और कहने लगे बेटा तुम्हारी तरह की सोच से तो हम लोग बहुत ही खुश हैं और सब लोग हमें गांव में बडे ही सम्मान की दृष्टि से देखते हैं तुम्हारी वजह से हमारा सीना चौड़ा हो चुका है और हम लोग बहुत खुश भी हैं। मेरे चाचा चाची भी मुझसे उतना ही प्रेम करते हैं जितना कि मेरे माता-पिता करते हैं, उन्होंने मुझमें कभी कोई भेदभाव नहीं किया, मुझे गांव में कुछ दिन हो चुके थे। "Chachi Ki Pasine Se"

एक दिन मैंने भी सोचा कि मैं उनके साथ चले जाऊं, मैं जब उनके साथ खेत में गया तो मैंने सोचा आज ट्रैक्टर चला लिया जाए, मैं ट्रैक्टर से खेत जोतने लगा, जब और लोग मुझे देखते तो कहते कि बेटा तुम भी अब गांव में खेती करने के लिए वापस लौट चुके हो, मैं उनसे कहता कि नहीं चाचा ऐसी बात नहीं है मैं सुबह से अपने परिवार की मदद कर रहा हूं और खेती करना भी तो एक अच्छा काम है, उस दिन मुझे बहुत अच्छा लगा और जब मैं घर आ गया तो मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छी नींद आई, ऐसी नींद मुझे बंगलौर में कभी नहीं आई थी मुझे उस दिन लगा कि मैंने इतनी ज्यादा मेहनत की है और कई बरसों बाद मैंने अपने परिवार के साथ खेतों में काम किया था इसलिए मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।

मैं अगले दिन जब सुबह उठा तो मेरे पिताजी मुझे कहने लगे बेटा तुम्हें कल बहुत थकान हो गई होगी, मैंने उन्हें कहा नहीं पिताजी मुझे तो कल बहुत ही अच्छा लगा, कल मैं बहुत ही खुश था, चाचा और चाची तो मुझे कहने लगे आज भी तुम हमारे साथ चलना, मैंने उन्हें कहा क्यों नहीं चाचा बस अभी चलते हैं, मैं जल्दी से तैयार हो गया और अपने चाचा चाची के साथ खेतों में चला गया। उस दिन मेरे माता-पिता घर पर ही थे क्योंकि घर का भी काम था इसलिए वह लोग घर पर रुक गए और मैं चाचा चाची के साथ खेतों में चला गया, हम लोग खेतों में काम कर रहे थे, धूप भी बड़ी ही तेज हो रही थी मैं पूरा पसीना पसीना होने लगा, "Chachi Ki Pasine Se"

मेरी चाची कहने लगी बेटा तुम उस पेड़ के नीचे बैठ जाओ और वहीं पर आराम करो, मैंने सोचा चलो पेड़ के नीचे बैठकर ही आराम कर लिया जाए, मैं पेड़ के नीचे बैठकर आराम करने लगा, पेड़ की छांव इतनी ज्यादा ठंडी थी की उस छांव में मुझे नींद आने लगी और मैंने सोचा थोड़ी देर सो जाता हूं, मैं जैसे ही अपनी आंख बंद की तो मुझे नींद आ गई, जब मैं उठा तो मैंने पानी पिया और पानी से अपना मुंह धोया, मुझे ऐसा लगा कि ना जाने कितने देर से मैं सो रहा हूं लेकिन जब मैंने घड़ी में देखा तो सिर्फ मैं 10 मिनट ही सो पाया था। "Chachi Ki Pasine Se"

मैंने अपने चाचा चाची को देखा तो वह लोग कहीं दिखाई नहीं दे रहे थे मैं खेतो की तरफ गया तो मैंने देखा चाचा चाची की चूत मार रहे हैं मैं यह सब देखता रहा, चाचा ने चाची को काफी देर तक चोदा जब उन दोनों की इच्छा भर गई तो चाचा वहां से चले गए और चाची भी अपनी साड़ी के पल्लू को ठीक करने लगी। मेरा लंड उनको देखकर एकदम से तन कर खड़ा हो चुका था मैंने आज से पहले अपनी चाची को कभी नंगा नहीं देखा था लेकिन उसे दिन उनको देखकर मुझे बहुत अच्छा महसूस होने लगा। जब वह लोग मुझे मिले तो मैंने कहा चाचा मेरी आंख लग गई थी ना जाने कब नींद आ गई मुझे पता ही नहीं चला। चाचा कहने लगे तुम चाची के साथ थोड़ी देर यहां पर काम करो मैं अभी घर से हो आता हूं वह घर चले गए। मैं चाची के साथ काम करने लगा जब मैं उनके साथ बात कर रहा था तो मैंने उनसे कहां आज तो चाचा ने आपकी इच्छा को पूरा कर दिया।

वह कहने लगी तुम्हें कैसे पता मैंने कहा मैंने सब कुछ देख लिया था आज आपको नंगा देखा तो मैं अपने आपको नहीं रोक पा रहा हूं। चाची कहने लगी आज मैं तुम्हारी इच्छा पूरी कर देती हूं मैंने कहा लेकिन आप तो मेरी चाची है। वह कहने लगी कोई बात नहीं क्या मैं तुम्हारे लिए इतना भी नहीं कर सकती। उन्होंने मेरे सामने साड़ी को ऊपर कर दिया, मैंने उनकी चूत को देखा तो उनकी चूत पर हल्के भूरे रंग के बाल थे मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। मैंने उनकी चूत के अंदर अपनी उंगली को डाल दिया और उन्हें वही जमीन पर लेटाते हुए मैंने उनकी चिकनी चूत के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवा दिया। मेरा लंड उनकी चूत के अंदर प्रवेश हुआ तो उन्हे भी बहुत अच्छा लगने लगा, वह मुझे कहने लगी रोहित बेटा तुम्हारे लंड में बहुत दम है तुम ऐसे ही मुझे चोदते रहो।
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उन्होंने अपने दोनों पैरों को एकदम से चौडा कर लिया मैंने भी उन्हें तेजी से धक्के मारने शुरू कर दिए। हम दोनों का शरीर मिट्टी में पूरा भर चुका था लेकिन मुझे बहुत अच्छा लग रहा था मैं उन्हें लगातार तेज गति से प्रहार करता रहा। जब मेरा वीर्य बाहर निकलने वाला था तो मैंने अपने वीर्य को उनकी चूत के ऊपर गिरा दिया। वह मुझे कहन लगी बेटा आज तुमने मुझे बहुत ही अच्छे से चोदा मुझे बहुत अच्छा लगा जिस प्रकार से तुमने मेरी चूत की खुजली मिटाई मै बहुत ही खुश हूं। उसके बाद में जितने दिनो तक गांव में रहा मैंने चाची की चूत का रस पिया। "Chachi Ki Pasine Se"
 
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