चूत की रंगीन मस्ती

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Desi kahani, antarvasna: मैं दीदी से मिलने के लिए गया हुआ था काफी दिन हो गए थे दीदी से मुलाकात भी नहीं हुई थी तो सोचा कि दीदी से मुलाकात कर आता हूं। मैं जब दीदी से मिला तो मुझे काफी ज्यादा अच्छा लगा और दीदी को भी बहुत अच्छा लगा उसके बाद मैं अपने घर लौट आया था। जब मैं घर लौटा तो उसके बाद मेरे दिमाग में सिर्फ एक ही बात चल रही थी कि अभी तक मेरी नौकरी नहीं लग पाई है जिस वजह से घर में कई बार मेरी पापा और मम्मी से इस बात को लेकर बहस हो जाया करती थी। मेरे कॉलेज को पूरा हुए काफी समय हो चुका था लेकिन अभी तक मेरी नौकरी नहीं लगी थी। मैं काफी ज्यादा परेशान होने लगा था की आखिर मुझे क्या करना चाहिए ऐसी स्थिति में मुझे कुछ भी नहीं समझ आ रहा था। एक दिन मैंने इस बारे में अपने मामा जी से बात की मामा जी मेरे बहुत ही करीब है और वह मुझे हमेशा ही समझाते रहते थे। मैंने उनसे उस दिन बात की तो उन्होंने मेरी मदद की और कहा कि रजत बेटा मैं तुम्हारी मदद कर देता हूं। उन्होंने अपने दोस्त से कहकर मेरी नौकरी उनके ऑफिस में लगवा दी मैं अब मन लगाकर काम करने लगा था और पापा मम्मी भी इस बात से खुश थे कि मेरी नौकरी लग चुकी है।

हालांकि यह सब मामा जी की वजह से ही हो पाया था अगर वह मेरी मदद नहीं करते तो शायद मेरी नौकरी भी नहीं लग पाती। अब मैं अपने काम पर पूरी तरीके से ध्यान दे रहा था और मैं बड़ा खुश भी था जिस तरीके से मैं अपने काम पर ध्यान दे रहा था। सब कुछ मेरी जिंदगी में अच्छे से चल रहा था लेकिन जब मेरी जिंदगी में महिमा आई तो उसके बाद मेरी लाइफ में और भी खुशियां आने लगी थी। महिमा मुझे पहली बार एक पार्टी में मिली थी और जब वह मुझे मिली तो मुझे उससे मिलकर बड़ा ही अच्छा लगा। महिमा और मैं एक दूसरे के लिए बहुत ही ज्यादा सीरियस हो गए थे हम दोनों एक दूसरे को इतना ज्यादा प्यार करने लगे थे कि हम दोनों एक दूसरे के बिना अपने आप को हमेशा ही अधूरा महसूस करते। मैं जब भी महिमा से नहीं मिलता तो मुझे ऐसा लगता कि जैसे मेरा दिन अधूरा रह गया हो। मैं महिमा से फोन पर काफी बातें किया करता था हम दोनों की फोन पर बहुत बातें होने लगी थी और हम दोनों बहुत खुश भी थे जिस तरीके से हम दोनों फोन पर एक दूसरे से बातें किया करते थे। एक दिन मैं और महिमा साथ में बैठे हुए थे जब मैं और महिमा साथ में समय बिता रहे थे तो मुझे उस दिन महिमा से बात कर के बड़ा अच्छा लग रहा था।

महिमा ने मुझे कहा कि रजत मैं कुछ दिनों के लिए अपने पापा और मम्मी के साथ दिल्ली जा रही हूं। मैंने महिमा से कहा कि वहां क्या कोई जरूरी काम है तो वह मुझे कहने लगी कि हां वहां पर हमारे किसी रिलेटिव की शादी है। मैंने महिमा से कहा कि चलो तो फिर तुम वहां से वापस कब लौटोगी तो महिमा मुझे कहने लगी कि मैं वहां से जल्द ही वापस लौट आऊंगी। महिमा से मेरी फोन पर तो बातें हो रही थी लेकिन उसे मैं बहुत ज्यादा मिस कर रहा था मैं चाहता था कि उससे मैं मुलाकात करूं। वह कुछ दिनों तक वहीं पर रही। करीब एक हफ्ते के बाद जब महिमा की फैमिली वापस आई तो मेरी महिमा से मुलाकात हो गई। मैं महिमा के बिना एक दिन भी काट नहीं पाता था क्योंकि महिमा मेरे लिए बहुत ही ज्यादा जरूरी थी और मेरे जीवन में उसकी एक महत्वपूर्ण भूमिका थी। मैं बहुत ही ज्यादा खुश था जिस तरीके से महिमा और मैं साथ में समय बिताया करते हैं हम दोनों का रिलेशन और भी ज्यादा गहरा होता जा रहा था और हम दोनों के प्यार की गहराई भी बढ़ती जा रही थी। समय के साथ साथ हम दोनों एक दूसरे को और भी ज्यादा प्यार करने लगे थे मैं और महिमा एक दूसरे को अच्छे से समझने लगे थे और हम दोनों एक दूसरे को बहुत ही ज्यादा प्यार करने लगे थे।

सब कुछ हमारी जिंदगी में अच्छे से चल रहा था। एक दिन मैं और महिमा मूवी देखने के लिए साथ में गए उस दिन हम दोनों साथ में ही बैठे हुए थे। हम दोनों जब मूवी देखने के लिए थिएटर में गए तो वहां पर महिमा के जानने वाले मिल गए। महिमा को भी शायद इस बात का कोई अंदाजा नहीं था कि वह महिमा के घर में इस बारे में बता देंगे और उन्होंने मेरे और महिमा के बारे में महिमा के पापा मम्मी को बता दिया। महिमा के पापा इस बात से बड़े नाराज हुए और उन्होंने महिमा का मुझसे मिलना भी बंद करवा दिया और मेरी महिमा से काफी समय तक कोई बात भी नहीं हो पाई। मैं बहुत ज्यादा परेशान हो गया था कि मैं महिमा से किस तरीके से संपर्क करुं लेकिन महिमा से मेरा कोई भी संपर्क नहीं हो पाया था। ना तो महिमा से मेरी बात हो पाई थी और ना ही हम दोनों मिल पा रहे थे। काफी समय के बाद महिमा ने चोरी छुपे मुझे फोन किया और कहा कि मैं तुम्हारे बिना बिल्कुल भी नहीं रह सकती हूं। मैंने महिमा को कहा कि मैं भी तो तुम्हारे बिना अधूरा हूं और मैं तुमसे मिलना चाहता हूं। महिमा को मैंने घर पर मिलने के लिए बुलाया तो महिमा कहने लगी कि मैं किस तरीके से आऊं लेकिन मैंने महिमा को समझाया और कहा कि महिमा तुम मुझसे मिलने के लिए आ जाओ। महिमा ने उस दिन किसी तरीके से चोरी छुपे घर पर बहाना बनाकर मुझसे मिलने के लिए घर पर आ गई और मैं महिमा से मिलकर बड़ा खुश था।

महिमा मुझे कहने लगी कि मैं तुमसे शादी करना चाहती हूं और जल्द से जल्द तुम मुझसे शादी कर के अपने घर ले आओ। मैं भी अब इस बात को लेकर बहुत सोचने लगा था। उस दिन तो महिमा जा चुकी थी लेकिन मुझे अब जल्द से जल्द कुछ करना था जिससे की महिमा और मेरी शादी हो सके। मैंने भी ठान लिया था कि मैं महिमा से शादी करूंगा। मैंने महिमा के बारे में जब घर पर बात की तो सब लोगों को महिमा काफी पसंद आई और फिर पापा ने महिमा के पापा से हमारे रिश्ते की बात की। जब महिमा के पापा से मेरे पापा ने बात की तो वह लोग पहले तो इस बात के लिए तैयार नहीं थे लेकिन किसी तरीके से पापा ने उन्हें मना लिया और फिर वह लोग हम दोनों की शादी करवाने के लिए तैयार हो गए। यह सब पापा की वजह से ही हो पाया था मैंने पापा को कहा कि पापा अगर आप मेरा साथ नहीं देते तो शायद मैं महिमा से कभी शादी करने के बारे में सोच भी नहीं सकता था। अब महिमा से मेरी शादी होने वाली थी और मैं इस बात से बड़ा खुश था की महिमा मेरी पत्नी बनने वाली है। महिमा मेरी पत्नी बन चुकी थी मैं बहुत ही ज्यादा खुश था। मैं इतना खुश था हम दोनों एक दूसरे से बैठकर अपनी सुहागरात की रात बात कर रहे थे हालांकि उस दिन हम दोनों के बीच कुछ नहीं हुआ लेकिन अगले दिन सुबह जब मैंने महिमा के होठों को किस करना शुरू किया तो महिमा भी गर्म होने लगी और वह भी मेरे होठों को किस करने लगी।

हम दोनों बहुत ज्यादा गरम हो गए थे। मैंने अपने लंड को महिमा के सामने किया तो महिमा ने मेरे लंड को अपने हाथों में ले लिया उसने मेरे लंड को हिलाना शुरू कर दिया। वह मेरे लंड को बडे अच्छे तरीके से हिलाए जा रही थी मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था जब वह ऐसा कर रही थी। मैंने महिमा से कहा मुझे बड़ा मजा आ रहा है मैं महिमा के होठों को किस कर रहा था और महिमा मेरे लंड को सकिंग करने के लिए तैयार थी। महिमा ने मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया वहां उसे अच्छे से चूसने लगी उसे बड़ा मजा आने लगा था जब वह मेरे लंड की गर्मी को बढ़ाए जा रही थी। महिमा ने मेरी गर्मी को बढा कर रख दिया था। लह मुझे कहने लगी मुझे अच्छा लग रहा है मैंने महिमा की चूत में लंड को लगा दिया और महिमा की चूत से निकलता हुआ पानी और भी ज्यादा बढने लगा था। महिमा मुझे कहने लगी मुझसे बिल्कुल भी नहीं रहा जाएगा। महिमा की चूत मे लंड नहीं जा रहा था इसलिए वह मेरी गर्मी को बढा रही थी। मेरी गर्मी काफी ज्यादा बढ गई थी। हम दोनो पूरी तरीके से गर्म होने लगे थे। मैंने महिमा की चूत मे लंड को घुसा दिया था महिमा की चूत में मेरा लंड जा चुका था वह बहुत जोर से चिल्लाने लगी। महिमा की चूत के अंदर बाहर मै अपने लंड को किए जा रहा था।

मैंने महिमा की योनि के अंदर से पानी निकल दिया था। मेरे अंदर की गर्मी और भी ज्यादा बढ़ने लगी थी मुझे अच्छा लगने लगा था मैं उसका साथ दे रहा था। मैं महिमा के चूत के अंदर अपने लंड को किए जा रहा था और उसकी योनि के अंदर काफी देर तक लंड को किया जिससे कि मेरा वीर्य महिमा की चूत मे ही गिर गया। महिमा की योनि में मेरा वीर्य गिर चुका था।

महिमा मेरे साथ दोबारा सेक्स संबंध बनाना चाहती थी उसने मेरे साथ दोबारा से सेक्स संबंध बनाने के बारे मे सोच लिया था। उसने मेरे लंड को चूसकर दोबारा से खड़ा कर दिया। मैंने महिमा को कहा तुम मेरे लंड के ऊपर से आ जाओ। महिमा मेरे लंड के ऊपर से बैठ गई। जब वह मेरे लंड के ऊपर से बैठी तो उसकी चूत में मेरा लंड घुस चुका था मैं उसको बड़ी तेज गति से चोदे जा रहा था। मैं महिमा को बहुत तेजी से धक्के मार रहा था वह पूरी तरीके से गरम होती जा रही थी। उसने मुझे कहा मुझे बड़ा अच्छा लग रहा है तुम मुझे बस धक्के मारते रहो। मैंने महिमा को बहुत देर तक ऐसे ही धक्के दिए।

जब मैं और महिमा एक दूसरे की गर्मी को झेल नहीं पा रहे थे तो महिमा ने अपनी चूतड़ों को मेरे लंड के ऊपर और भी तेजी से करना शुरू कर दिया।मैं महिमा के स्तनो को चूस रहा था उसे मैं तेजी से धक्के मारे जा रहा था। जब मेरे वीर्य की पिचकारी बाहर आ गई तो महिमा खुश हो गई थी। मैंने और महिमा ने एक दूसरे के साथ में जमकर सेक्स का मजा लिया और महिमा बड़ी खुश थी जिस तरीके से हम दोनों ने एक दूसरे का साथ दिया था। हम दोनों को ही बडा मजा आया जब मैंने और महिमा ने एक दूसरे के साथ में सेक्स किया।
 
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