झील सी आंखो में डूब गया

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Antarvasna, hindi sex stories: मैं जिस कंपनी में पहले जॉब करता था वहां पर मेरी मुलाकात आशा से हुई आशा और मेरे बीच सब कुछ बहुत अच्छे से चल रहा था हम दोनों की नजदीकियां बढ़ती जा रही थी। मेरे दिल में आशा के लिए बहुत ही प्यार था लेकिन मैं ना तो अपने प्यार का इजहार कर पाया था और ना ही आशा ने मुझसे कुछ कहा था लेकिन इसी बीच आशा की शादी तय हो गई। आशा ने मुझे जब यह बात बताई तो मुझे बहुत ही दुख हुआ और मैंने आशा से इस बारे में कुछ भी नहीं कहा क्योंकि हम दोनों के बीच ऐसा कुछ भी नहीं था। मेरे और आशा के बीच अब दूरियां बढ़ चुकी थी और उसी दौरान मैंने भी अपने ऑफिस से रिजाइन दे दिया और उसके बाद मैंने नया ऑफिस जॉइन कर लिया। मैं जब नए ऑफिस में आया तो मेरे ऑफिस में कई दोस्त बने उनमें से जो मेरे सबसे ज्यादा करीब है वह रोहन है।

रोहन और मेरी दोस्ती बहुत ही गहरी होती चली गई हम दोनों एक दूसरे के साथ बड़े अच्छे से रहते हम दोनों ऑफिस में सब लोगों के चहेते भी थे। एक दिन रोहन ने मुझे बताया कि उसके माता पिता चाहते हैं कि वह अब शादी कर ले मैंने रोहन को कहा हां तुम अब शादी कर लो वैसे भी अब तुम्हारी उम्र 30 वर्ष की तो हो ही चुकी है। रोहन कहने लगा हां संकेत तुम बिल्कुल ठीक कह रहे हो मैं भी इस बारे में सोच रहा हूं कि मुझे शादी कर लेनी चाहिए और आखिरकार रोहन ने शादी करने का फैसला कर ही लिया था। मैंने रोहन को कहा क्या तुमने कोई लड़की पसंद कर ली है तो वह मुझे कहने लगा कि नहीं संकेत अभी तो मैंने कोई लड़की देखी नहीं है लेकिन पापा और मम्मी ने मुझे कई लड़कियों की तस्वीरे दिखाई है उनमें से मैं अभी किसी लड़की को पसंद नहीं कर पाया हूं। कुछ दिनों बाद रोहन एक लड़की को देखने के लिए जाने वाला था रोहन ने मुझे कहा कि संकेत क्या तुम भी मेरे साथ चलोगे तो मैंने रोहन को कहा हां ठीक है मैं भी तुम्हारे साथ चलूंगा। मैंने रोहन से जब यह बात कही तो रोहन मुझे कहने लगा कि मुझे भी अच्छा लगेगा यदि तुम मेरे साथ चलो तो।

उस दिन रविवार था और हम लोग लड़की वालों के घर चले गए जब हम लोग उनके घर पर गए तो वहां उनके और भी रिश्तेदार आए हुए थे रोहन को वह लड़की भा गई और उन दोनों की सगाई हो गई। अब उन दोनों की सगाई हो चुकी थी सगाई के वक्त हमारे ऑफिस के स्टाफ के लोग भी आए हुए थे सब लोग बहुत खुश थे और सब लोगों ने रोहन को इस बात के लिए बधाई दी कि रोहन अब अपना नया जीवन शुरू करने जा रहा है। रोहन मुझे हर रोज मीनाक्षी के बारे में बताया करता और कहता कि मीनाक्षी बहुत ही अच्छी है मैं रोहन को कहता चलो अब तुम्हारी शादी तो होने ही वाली है। एक दिन रोहन ने मुझसे कहा कि संकेत तुम कब शादी कर रहे हो तो मैंने रोहन को कहा यार अभी तो मैंने इस बारे में कुछ भी नहीं सोचा है। रोहन को मेरे बारे में सब कुछ पता था रोहन को मैंने यह भी बता दिया था कि जिस ऑफिस में पहले मैं काम किया करता था वहां पर आशा नाम की लड़की से मैं प्यार करता था लेकिन हम दोनों का रिश्ता आगे ना बढ़ सका। रोहन ने मुझे कहा कि संकेत तुम भी अब शादी करने के बारे में सोच लो मैंने रोहन से कहा रोहन लेकिन मुझे अभी तक कोई ऐसी लड़की मिली नहीं है जिससे कि मैं शादी करने के बारे में सोचूं। रोहन मुझे कहने लगा कि देखो संकेत कभी ना कभी तो तुम्हें यह फैसला लेना ही पड़ेगा मैंने उसे कहा हां तुम बिल्कुल ठीक कह रहे हो कि मुझे यह फैसला तो लेना ही पड़ेगा लेकिन अभी मैंने फिलहाल इस बारे में कुछ भी नहीं सोचा है। मेरी बहन कुछ दिनों के लिए हमारे घर पर आई हुई थी और जब वह घर पर आई तो वह मुझसे कहने लगी कि भैया आपने अभी तक कोई लड़की नहीं देखी। सब लोग मेरी शादी के पीछे पड़े हुए थे मेरी उम्र 31 वर्ष की हो चुकी है और सब लोग शादी का दबाव मुझ पर बना रहे थे लेकिन मैं अभी शादी नहीं करना चाहता था शायद मैं शादी के लिए तैयार ही नहीं था परंतु मेरे माता-पिता की जिद के आगे मुझे भी शादी करने का फैसला करना ही पड़ा। मेरे माता पिता चाहते थे कि मैं जल्द से जल्द शादी कर लूँ और उन्होंने जब मुझे लड़की से मिलवाया तो मैंने भी कोई आपत्ति नहीं जताई और हम दोनों की सगाई हो ही गई। अब हम दोनों की सगाई हो चुकी थी और सगाई के कुछ समय बाद ही एक दिन रोहन ने मुझे कहा कि चलो हम लोग आज मीनाक्षी को मिल आते हैं।

उस दिन मैं और रोहन मीनाक्षी को मिलने के लिए चले गए हम लोगों की ऑफिस की छुट्टी थी और हम लोग घर पर ही थे इसलिए मैं और रोहन मीनाक्षी को मिलने के लिए गए। रोहन और मैं मीनाक्षी का इंतजार कर रहे थे लेकिन अभी तक मीनाक्षी आई नहीं थी जैसे ही मीनाक्षी आई तो उसके साथ उसकी एक सहेली भी थी जब उसकी सहेली आई तो मीनाक्षी ने उसका परिचय हम लोगों से करवाया उसकी सहेली का नाम आशा है लेकिन यह वह आशा नहीं थी जो मेरे साथ जॉब करती थी। आशा तो विदेश में नौकरी करती है और वह मीनाक्षी की बचपन की सहेली है आशा से बात कर के मुझे अच्छा लगा और मीनाक्षी और रोहन भी एक दूसरे से बात कर रहे थे हम लोग करीब आधे घंटे तक साथ में बैठे रहे फिर हम लोग घर लौट आए। मेरी भी अब सगाई हो चुकी थी और मेरी होने वाली पत्नी का नाम मोनिका है मोनिका से भी मैं अक्सर फोन पर बात कर लिया करता और हम दोनों की बातें फोन पर हमेशा होती रहती थी हम लोग भी एक दूसरे को मिलते थे।

मैं चाहता था कि मोनिका को भी मैं अच्छे से समझ सकूं मोनिका बहुत ही अच्छी लड़की है और उससे सगाई कर के मैं खुश था मुझे पता था कि वह मेरे परिवार वालों को खुश रखेगी और शायद इसी वजह से तो मैंने शादी के लिए हां कही थी। समय बड़ी तेजी से बीता जा रहा था और इसी बीच रोहन और मीनाक्षी की भी शादी का दिन तय हो गया उन दोनों की शादी होने वाली थी। रोहन ने मुझे कहा कि तुम्हें मेरे घर पर आना पड़ेगा मैंने उसे कहा ठीक है। मैं शादी से कुछ दिन पहले ही रोहन के घर पर चला गया था रोहन की शादी की तैयारी उसके पापा देख रहे थे और मैंने भी उन लोगों की काफी मदद की। जिस दिन रोहन की शादी थी उस दिन सब लोग बड़े ही खुश थे और मीनाक्षी जब दुल्हन बन कर आई तो वह बहुत सुंदर लग रही थी। रोहन और मीनाक्षी की जोड़ी बहुत अच्छी लग रही थी मैं उन दोनों को ही देख रहा था। मैं यह सोचने लगा कि थोड़े समय बाद मेरी भी शादी हो जाएगी। मै इसी सोच में डूबा हुआ था कि तभी मेरे कंधे पर आशा ने हाथ रखा और जैसे ही आशा ने मेरे कंधे पर हाथ रखा तो मैंने उसकी तरफ देखा और कहा अरे तुम कहां थी? आशा कहने लगी मैं तो यही थी तुम मुझे दिखाई नहीं दिए आशा मुझसे बात करने लगी आशा के इशारा मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहे थे क्योंकि वह बड़ी की बोल्ड और बिंदास है। उस दिन वह बहुत ज्यादा सुंदर लग रही थी मैंने उसे कहा तुम बहुत ही ज्यादा सुंदर लग रही हो। उसने मुझे कहा मै तो पहले से ही सुंदर हूं हम दोनों बात कर रहे थे मैंने आशा को कहा कहीं चलते हैं। हम लोग टेबल पर बैठ कर बात कर रहे थे लेकिन आशा का तो मन मेरे साथ सेक्स करने का था मै आशा को जब बाथरूम की तरफ ले गया तो वह मुझे कहने लगी कि आज तुम मेरी चूत के मजे ले लो। मैंने उसे कहा आज मै तुम्हारी चूत का भोसड़ा बना कर ही मानूंगा उसने मेरे सामने अपने बदन को समर्पित कर दिया था। मैंने जब अपने लंड को बाहर निकाला तो वह लपकती हुई मेरे लंड की तरफ आई और लंड को उसने अपने मुंह में ले लिया। जब वह अपने मुंह के अंदर मेरे लंड को लेकर सकिंग कर रही थी तो मुझे बहुत मजा आ रहा था और उसे भी मजा आ रहा था काफी देर तक उसने मेरे लंड के मजे लिए जिस प्रकार से वह मेरे लंड को चूस रही थी मै रह नही पा रहा था।

मैंने उसे कहा तुम अपना कपड़ों को उतारो? उसने अपने कपड़ों को उतारा मैने जब उसकी पैंटी को नीचा करते हुए मैंने उसकी चूत को देखा तो उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर रगडना शुरू किया तो उसकी चूत से पानी बाहर निकलने लगा मैं उसके स्तनों को दबा रहा था। मैं चाहता था कि उसकी चूत के अंदर मै अपने लंड को डाल दूं। मैंने पहले तो उसके स्तनों का रसपान बहुत अच्छे से किया मुझे बहुत ही मजा आ रहा था जिस प्रकार से मैंने उसके स्तनों को चूसा वह बहुत ज्यादा उत्तेजित हो चुकी थी। वह बिल्कुल भी अपने आपको रोक नहीं पा रही थी उसकी चूत से निकलता हुआ पानी इतना ज्यादा बढ़ गया था कि उसने मुझे कहा मैं अपने आपको रोक नहीं पा रही हूं तुम अपने लंड को मेरी चूत के अंदर प्रवेश करवा दो। मैंने भी अपने लंड को उसकी चूत के अंदर घुसा दिया जैसे ही मेरा लंड उसकी चूत के अंदर बाहर होने लगा तो उसे मजा आने लगा वह मुझे कहने लगी तुम्हारा लंड तो बहुत ही ज्यादा मोटा है।

मैंने उसे कहा तुम भी तो बड़ी गजब की माल हो मैंने उसकी चूतडो को कस कर पकड़ लिया मुझे उसे धक्के देने में बड़ा मजा आया मैं उसकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को कर रहा था जिससे कि उसकी चूतडो का रंग लाल होने लगा। वह मुझे कहने लगी मुझे लग रहा है कि मैं शायद ज्यादा देर तक तुम्हारा साथ नहीं दे पाऊंगी। मैंने उसे कहा लेकिन तुम्हारी चूत का मजा लेने मे तो मुझे मजा आ रहा है और ऐसा लग रहा है कि जैसे तुम्हें बस चोदता ही जाऊं, मै उसे धक्के मारता रहा। वह मुझे कहने लगी तुम मुझे ऐसे ही धक्के देते रहो मुझे बहुत खुशी हो रही है जिस प्रकार से तुम मुझे ऐसे धक्के मार रहे हो। जब मैंने उसे कहां कि मैं अपने माल को तुम्हारे मुंह मे गिराना चाहाता हूं। मैने लंड को उसकी चूत से बाहर निकाला और उसने मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर समाते हुए चूसना शुरू किया तो मुझे मजा आने लगा और बहुत देर तक वह मेरे लंड को चूसती रही। मैंने आपने माल को उसके मुंह के अंदर गिरा ही दिया वह बड़ी खुश थी वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आया मैं बहुत ज्यादा खुश हूं। हम दोनों बाथरूम से बाहर आ गए और उसके बाद आशा मुझे कभी नहीं मिली वह सिर्फ मुझे शादी में मिली थी। उसके बाद मेरी शादी हो गई लेकिन अभी तक आशा से मेरी मुलाकात नहीं हो पाई है।
 
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