Tuition wali aunty ki chudai - Hindi sex kahani
हेलो फ्रेंड्स, माय नेम इज आदि और मैं आज आपसे अपनी टूशन वाली आंटी के साथ की चुदाई कहानी शेयर कर रहा हु. ये चुदाई की कहानी सुनाने से पहले मैं आप को अपनी टूशन वाली आंटी के बारे में बताता हु. उनकी एज कोई ३४ साल होगी और उनकी हाइट ५.९ फिट है. उनका रंग एकदम गोरा है. उनके बूब्स एकदम टाइट है और गांड मस्त सेक्सी. जो भी उनकी मस्त भरी हुई फिगर को देख ले, वो उनका दीवाना ही हो जाए. अब मैं सीधे स्टोरी पर आता हु.
ये बात उस टाइम की है, जब मैं 12थ क्लास में था और मैं उन दिनों चूत के पीछे दीवाना था. मुझे चूत की बहुत गन्दी लत लगी हुई थी. तभी एक दिन नेहा आंटी घर पर आई और मेरी गन्दी नजर उन पर पड़ी. उस टाइम वो ब्लू सूट में थी, जोकि बहुत ही टाइट था और फुल फिटिंग का था. देखते ही मेरा लण्ड एकदम से खड़ा हो गया. तभी मम्मी ने पढाई की बातें बोल दी, कि आज कल ये पढाई नहीं करता है. टाइम ख़राब करता रहता है बस नेहा.. ये है और वो है.
तभी आंटी ने कहा, कि आप इसको मेरे पास भेज दो. मैं इसको अच्छे से पढाई करवा दूंगी. वैसे भी मैं दोपहर के बाद फ्री हो जाती हु.
तो मम्मी ने मुझसे पूछा, तू पढ़ेगा, नेहा आंटी से? मेरा जवाब तो हाँ में ही होना था. मैंने ख़ुशी से हाँ बोल दिया और फिर मैं अपने रूम में आ गया. आंटी को मैं भूल नहीं पा रहा था. उनको अपने खयालो में सोच कर मैंने अपने लण्ड को हिलाना शुरू किया. वास्तव में मजा आ गया. नेक्स्ट डे जब मैं स्कूल से वापस आया, तो मम्मी ने मुझे लंच दिया और बोली, आज तुझे नेहा आंटी के यहाँ पढाई करने जाना है? मैंने जल्दी से लंच खत्म किया और तैयार हो कर नेहा आंटी के घर चला गया. नेहा आंटी के घर के नेक्स्ट वाली बिल्डिंग में एक फ्लैट में रह रही थी. जब मैं उनके घर पंहुचा, तो वो अपनी बच्ची को खिला रही थी. उनकी एक ५ साल की बच्ची है और उनके पति ऑफिस को रात के ९ बजे तक ही घर वापस आते है.
मुझे पता था, कि अगर सेट कर लिया, तो टाइम ही टाइम मिलेगा चोदने के लिए.
जैसे ही आंटी ने मुझे देखा, वो मुस्कुराकर बोली - आ जाओ. बैठो और मेरे लिए पानी ले आई. उस समय उन्होंने ब्लैक कलर की नाइटी पहनी हुई थी. कसम से किसी क़यामत से कम नहीं लग रही थी वो. टाइट नाइटी में उनका कसा हुआ बदन एकदम जबरदस्त लग रहा था. फिर आंटी ने मुझको कहा, कि अगर मैं तुमको इन्ही कपड़ो में पढ़ाऊ; तो तुम्हे कोई प्रॉब्लम तो नहीं है. मैंने कहा, नहीं. फिर आंटी ने मुझे बुक निकालने को कहा. मेरा धयान पढाई में कतई नहीं था. मैंने तो मन ही मन में अपनी निगाहो से आंटी के सेक्सी बदन को घूर रहा है. इस तरह से १ हफ्ता निकल गया. मैं परेशान हो गया, कि रोज़ इन सेक्सी कपड़ो में आंटी देख के मुझ से अब रुका नहीं जा रहा था. मुझे अब किसी भी हालत में उसकी चुदाई करनी ही थी. मुझे एक आईडिया सुझा. मैंने अपनी किताब के बीच में एक एडल्ट किताब रख दी. मैं किताब आंटी को दे कर जान कर टॉयलेट का बहाना कर के चला गया. आंटी ने किताब खोली और देखा, की उसमे हिंदी सेक्स कहानी की किताब थी और कुछ नंगी पिक्स भी थी उसमे. वो उसको देखने लगी. जैसे ही मैं वापस आया, वो थोड़ा डर सी गयी और मुझे गुस्से से बोली - ये सब क्या है? मैंने भोलेपन से कहा - सॉरी आंटी. लेकिन आंटी समझ गयी मेरी शरारती मुस्कान को देख कर, कि मुझे चूत की हवस है. आंटी ने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे बैठाया और कहा, कि सिर्फ देखते ही हो? या... मैंने कहा - आंटी मुझे ये देखना अच्छा लगता है. आंटी ने कहा - देख कर क्या करते हो? मैंने कहा - कुछ नहीं आंटी.
वो बोली - शर्माओ मत मुझसे. मुझे खुल कर बताओ.
थोड़ा इसको आराम दे देता हु हिला कर और वो हसने लगी. फिर वो मुझसे बोली - आर यू वर्जिन? मैंने कहा - हाँ. आंटी बोली - ओके और बुक को अपने पास रख लिया. वो सेक्सी बुक पढ़ रही थी और उन्होंने मुझे घर वापस भेज दिया. मेरा मूड बहुत ख़राब हो चूका था. आंटी के नाम की २ बार मुठ मार कर अपने लण्ड को शांत किया. नेक्स्ट डे जब उनके घर पंहुचा, तो नेहा आंटी सो रही थी. मैंने सोचा, चलो मौका अच्छा है कुछ करने का. मैं उनके पास जा कर लेट गया और उनके गाल पर किस करने लगा. थोड़ी देर तक किस करने के बाद मुझसे रहा नहीं गया और मैं सीधा उनके ऊपर चढ़ गया और उनके होठो को चूसने लगा. आंटी एकदम से जाग गयी और बोली - ये क्या बदतिमिजी है? यार मेरी तो फट गयी एकदम से. मैंने आंटी को कस कर जकड लिया और बोल - नेहा आंटी, बहुत प्यार दूंगा आप को मैं. एक बार मेरे साथ सेक्स करलो ना. फिर मैंने उसके होठो पर किस कर दिया.
उन्होंने कहा, बेटा ये गलत है. मैं नहीं कर सकती हु. मैंने बोल, किसी को कुछ भी पता नहीं चलेगा. कोई भी नहीं आता है आप के यहाँ पर. बस एक बार आंटी. आंटी ने तरफ देखा और लण्ड हाथ में लिया और बोली, चल दिखा जरा कितना बड़ा है? मैंने झट से अंडरवियर उतार दिया और लण्ड आंटी के हाथ में पकड़ा दिया. आंटी को जैसे नशा ही आ गया हो. उन्होंने एकदम से मुझे अपनी तरफ खींच लिया और मेरे ऊपर चढ़ गयी और पागलो की तरह से मेरे पुरे बदन पर किस कर रही थी. मैं भी गरम हो चूका था और मेरे सबर का बांध टूटने लगा था. मैंने अपने कपडे खोल दिए और पूरा नंगा हो गया और आंटी ने भी नाइटी उतार दी. मैंने देखा, कि उन्होंने रीड कलर की ब्रा पहनी थी और उनका गोरा बदन ब्रा से साफ़ दिख रहा था. उनकी ब्लैक कलर की पैंटी में उनकी हसीं चूत छिपी हुई थी. मैं तो उनको देख कर पागल सा ही हो गया और मैंने आंटी की ब्रा एकदम से खींच कर उतार दी और टूट पड़ा उनके बूब्स पर. पागलो की तरह से मैं उनके बूब्स को चूस रहा था और काट रहा था.. आंटी एकदम से चिल्ला उठी.
अहहहह क्या कर रहा है? आराम से कर. आराम से चूस ना. मैं भी जोश में आ गया और उनके चुचो को और भी जोर से दबाने लगा. तभी आंटी ने मेरे लण्ड को अपने मुंह में लेना चाहा. मैंने निचे हाथ कर के उनकी पैंटी उतार दी और उनकी चूत में ऊँगली करने लगा. वो बहुत तेज - तेज बोलने लगी. कुछ ही देर में आंटी में झड़ गयी और मैंने फिर गीली ऊँगली निकाल कर चूस ली और अपना मुंह उनकी चूत पर लगा दिया. मैंने उनकी चूत को चाट कर साफ़ कर दिया. फिर मैंने अपना लण्ड उनकी चूत पर टिकाया. आंटी बहुत रिलैक्स फील कर रही थी. वो बोली - आओ डाल दो मेरी चूत में अपने लण्ड को. मैंने एक झटका मार कर अपना लण्ड उनकी चूत में डाल दिया. मेरा लण्ड एकदम से पूरा अंदर चले गया.
करीब ५ मिनट तक मैंने झटके मारे और फिर आंटी लण्ड को चूमने लगी और जोर - जोर से चूसने लगी. अब मुझे पहले से भी ज्यादा मजा आ रहा था और मैंने अपनी आँखे बंद कर ली. बस मदहोश पड़ा हुआ था. तभी मुझे लगा, कि मेरा माल झड़ने वाला है. मैंने आंटी को बोला, मेरा आने वाला है. तो उन्होंने लण्ड मुंह से बाहर निकाल लिया और अपने बूब्स के पास ले गयी और मेरे लण्ड को हाथ से हिलाना शुरू कर दिया. मेरा माल झड़ गया और सार माल उनके बूब्स पर गिर गया. फिर हम ने एक लम्बी स्मूच की और फिर ३ बार और चुदाई की. अब तो मैं आंटी को रोज़ाना चोदता हु और जब उनके पति रात में नहीं होते है, तो पूरी रात उनका बिस्तर गरम करता हु.
हेलो फ्रेंड्स, माय नेम इज आदि और मैं आज आपसे अपनी टूशन वाली आंटी के साथ की चुदाई कहानी शेयर कर रहा हु. ये चुदाई की कहानी सुनाने से पहले मैं आप को अपनी टूशन वाली आंटी के बारे में बताता हु. उनकी एज कोई ३४ साल होगी और उनकी हाइट ५.९ फिट है. उनका रंग एकदम गोरा है. उनके बूब्स एकदम टाइट है और गांड मस्त सेक्सी. जो भी उनकी मस्त भरी हुई फिगर को देख ले, वो उनका दीवाना ही हो जाए. अब मैं सीधे स्टोरी पर आता हु.
ये बात उस टाइम की है, जब मैं 12थ क्लास में था और मैं उन दिनों चूत के पीछे दीवाना था. मुझे चूत की बहुत गन्दी लत लगी हुई थी. तभी एक दिन नेहा आंटी घर पर आई और मेरी गन्दी नजर उन पर पड़ी. उस टाइम वो ब्लू सूट में थी, जोकि बहुत ही टाइट था और फुल फिटिंग का था. देखते ही मेरा लण्ड एकदम से खड़ा हो गया. तभी मम्मी ने पढाई की बातें बोल दी, कि आज कल ये पढाई नहीं करता है. टाइम ख़राब करता रहता है बस नेहा.. ये है और वो है.
तभी आंटी ने कहा, कि आप इसको मेरे पास भेज दो. मैं इसको अच्छे से पढाई करवा दूंगी. वैसे भी मैं दोपहर के बाद फ्री हो जाती हु.
तो मम्मी ने मुझसे पूछा, तू पढ़ेगा, नेहा आंटी से? मेरा जवाब तो हाँ में ही होना था. मैंने ख़ुशी से हाँ बोल दिया और फिर मैं अपने रूम में आ गया. आंटी को मैं भूल नहीं पा रहा था. उनको अपने खयालो में सोच कर मैंने अपने लण्ड को हिलाना शुरू किया. वास्तव में मजा आ गया. नेक्स्ट डे जब मैं स्कूल से वापस आया, तो मम्मी ने मुझे लंच दिया और बोली, आज तुझे नेहा आंटी के यहाँ पढाई करने जाना है? मैंने जल्दी से लंच खत्म किया और तैयार हो कर नेहा आंटी के घर चला गया. नेहा आंटी के घर के नेक्स्ट वाली बिल्डिंग में एक फ्लैट में रह रही थी. जब मैं उनके घर पंहुचा, तो वो अपनी बच्ची को खिला रही थी. उनकी एक ५ साल की बच्ची है और उनके पति ऑफिस को रात के ९ बजे तक ही घर वापस आते है.
मुझे पता था, कि अगर सेट कर लिया, तो टाइम ही टाइम मिलेगा चोदने के लिए.
जैसे ही आंटी ने मुझे देखा, वो मुस्कुराकर बोली - आ जाओ. बैठो और मेरे लिए पानी ले आई. उस समय उन्होंने ब्लैक कलर की नाइटी पहनी हुई थी. कसम से किसी क़यामत से कम नहीं लग रही थी वो. टाइट नाइटी में उनका कसा हुआ बदन एकदम जबरदस्त लग रहा था. फिर आंटी ने मुझको कहा, कि अगर मैं तुमको इन्ही कपड़ो में पढ़ाऊ; तो तुम्हे कोई प्रॉब्लम तो नहीं है. मैंने कहा, नहीं. फिर आंटी ने मुझे बुक निकालने को कहा. मेरा धयान पढाई में कतई नहीं था. मैंने तो मन ही मन में अपनी निगाहो से आंटी के सेक्सी बदन को घूर रहा है. इस तरह से १ हफ्ता निकल गया. मैं परेशान हो गया, कि रोज़ इन सेक्सी कपड़ो में आंटी देख के मुझ से अब रुका नहीं जा रहा था. मुझे अब किसी भी हालत में उसकी चुदाई करनी ही थी. मुझे एक आईडिया सुझा. मैंने अपनी किताब के बीच में एक एडल्ट किताब रख दी. मैं किताब आंटी को दे कर जान कर टॉयलेट का बहाना कर के चला गया. आंटी ने किताब खोली और देखा, की उसमे हिंदी सेक्स कहानी की किताब थी और कुछ नंगी पिक्स भी थी उसमे. वो उसको देखने लगी. जैसे ही मैं वापस आया, वो थोड़ा डर सी गयी और मुझे गुस्से से बोली - ये सब क्या है? मैंने भोलेपन से कहा - सॉरी आंटी. लेकिन आंटी समझ गयी मेरी शरारती मुस्कान को देख कर, कि मुझे चूत की हवस है. आंटी ने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे बैठाया और कहा, कि सिर्फ देखते ही हो? या... मैंने कहा - आंटी मुझे ये देखना अच्छा लगता है. आंटी ने कहा - देख कर क्या करते हो? मैंने कहा - कुछ नहीं आंटी.
वो बोली - शर्माओ मत मुझसे. मुझे खुल कर बताओ.
थोड़ा इसको आराम दे देता हु हिला कर और वो हसने लगी. फिर वो मुझसे बोली - आर यू वर्जिन? मैंने कहा - हाँ. आंटी बोली - ओके और बुक को अपने पास रख लिया. वो सेक्सी बुक पढ़ रही थी और उन्होंने मुझे घर वापस भेज दिया. मेरा मूड बहुत ख़राब हो चूका था. आंटी के नाम की २ बार मुठ मार कर अपने लण्ड को शांत किया. नेक्स्ट डे जब उनके घर पंहुचा, तो नेहा आंटी सो रही थी. मैंने सोचा, चलो मौका अच्छा है कुछ करने का. मैं उनके पास जा कर लेट गया और उनके गाल पर किस करने लगा. थोड़ी देर तक किस करने के बाद मुझसे रहा नहीं गया और मैं सीधा उनके ऊपर चढ़ गया और उनके होठो को चूसने लगा. आंटी एकदम से जाग गयी और बोली - ये क्या बदतिमिजी है? यार मेरी तो फट गयी एकदम से. मैंने आंटी को कस कर जकड लिया और बोल - नेहा आंटी, बहुत प्यार दूंगा आप को मैं. एक बार मेरे साथ सेक्स करलो ना. फिर मैंने उसके होठो पर किस कर दिया.
उन्होंने कहा, बेटा ये गलत है. मैं नहीं कर सकती हु. मैंने बोल, किसी को कुछ भी पता नहीं चलेगा. कोई भी नहीं आता है आप के यहाँ पर. बस एक बार आंटी. आंटी ने तरफ देखा और लण्ड हाथ में लिया और बोली, चल दिखा जरा कितना बड़ा है? मैंने झट से अंडरवियर उतार दिया और लण्ड आंटी के हाथ में पकड़ा दिया. आंटी को जैसे नशा ही आ गया हो. उन्होंने एकदम से मुझे अपनी तरफ खींच लिया और मेरे ऊपर चढ़ गयी और पागलो की तरह से मेरे पुरे बदन पर किस कर रही थी. मैं भी गरम हो चूका था और मेरे सबर का बांध टूटने लगा था. मैंने अपने कपडे खोल दिए और पूरा नंगा हो गया और आंटी ने भी नाइटी उतार दी. मैंने देखा, कि उन्होंने रीड कलर की ब्रा पहनी थी और उनका गोरा बदन ब्रा से साफ़ दिख रहा था. उनकी ब्लैक कलर की पैंटी में उनकी हसीं चूत छिपी हुई थी. मैं तो उनको देख कर पागल सा ही हो गया और मैंने आंटी की ब्रा एकदम से खींच कर उतार दी और टूट पड़ा उनके बूब्स पर. पागलो की तरह से मैं उनके बूब्स को चूस रहा था और काट रहा था.. आंटी एकदम से चिल्ला उठी.
अहहहह क्या कर रहा है? आराम से कर. आराम से चूस ना. मैं भी जोश में आ गया और उनके चुचो को और भी जोर से दबाने लगा. तभी आंटी ने मेरे लण्ड को अपने मुंह में लेना चाहा. मैंने निचे हाथ कर के उनकी पैंटी उतार दी और उनकी चूत में ऊँगली करने लगा. वो बहुत तेज - तेज बोलने लगी. कुछ ही देर में आंटी में झड़ गयी और मैंने फिर गीली ऊँगली निकाल कर चूस ली और अपना मुंह उनकी चूत पर लगा दिया. मैंने उनकी चूत को चाट कर साफ़ कर दिया. फिर मैंने अपना लण्ड उनकी चूत पर टिकाया. आंटी बहुत रिलैक्स फील कर रही थी. वो बोली - आओ डाल दो मेरी चूत में अपने लण्ड को. मैंने एक झटका मार कर अपना लण्ड उनकी चूत में डाल दिया. मेरा लण्ड एकदम से पूरा अंदर चले गया.
करीब ५ मिनट तक मैंने झटके मारे और फिर आंटी लण्ड को चूमने लगी और जोर - जोर से चूसने लगी. अब मुझे पहले से भी ज्यादा मजा आ रहा था और मैंने अपनी आँखे बंद कर ली. बस मदहोश पड़ा हुआ था. तभी मुझे लगा, कि मेरा माल झड़ने वाला है. मैंने आंटी को बोला, मेरा आने वाला है. तो उन्होंने लण्ड मुंह से बाहर निकाल लिया और अपने बूब्स के पास ले गयी और मेरे लण्ड को हाथ से हिलाना शुरू कर दिया. मेरा माल झड़ गया और सार माल उनके बूब्स पर गिर गया. फिर हम ने एक लम्बी स्मूच की और फिर ३ बार और चुदाई की. अब तो मैं आंटी को रोज़ाना चोदता हु और जब उनके पति रात में नहीं होते है, तो पूरी रात उनका बिस्तर गरम करता हु.