तलाकशुदा की वासना | Hindi Sex Stories

तलाकशुदा की वासना

Discussion in 'Hindi Sex Stories' started by sexstories, Feb 25, 2018.

  1. sexstories

    sexstories Administrator Staff Member

    वैसे भी मुझे सिर्फ सेक्स से मतलब था. दोस्तों, और यदि सेक्स पूरे मूड और आनंद के साथ किया जाये और अगर सेक्स के लिए आप के पास दीवानगी और प्यास हो तो इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप का पार्टनर कैसा है…

    अन्तर्वासना के सभी पाठकों और पाठिकाओं को मेरा प्यार भरा सादर नमस्कार! दोस्तों, अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली कहानी है और यह घटना अभी – अभी मेरे साथ घटी है तो मैंने सोचा कि आप सभी साथियों के साथ इस घटना को साझा करना चाहिए, इसलिए मैं अपने साथ घटी इस घटना को कहानी के रूप में आप सब के सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ.

    सबसे पहले मैं अपना परिचय देना चाहता हूँ. मैं मध्य प्रदेश के इंदौर शहर से हूँ. मैं 23 वर्षीय युवक हूँ और एक सभ्रांत परिवार से ताल्लुक रखने वाला लड़का हूँ और अलग से एक रूम ले कर अपनी पढाई कर रहा हूँ. मैं 5 फुट और 8 इंच का औसत कद – काठी का एक सामान्य लड़का हूँ, लेकिन अगर मेरे लिंग की बात की जाये तो वो किसी की भी प्यास बुझाने के लिए काफी है.

    अब मैं आप लोगों का ज्यादा टाइम ना लेते हुए सीधे अपनी कहानी पर आता हूँ. बचपन से ही सेक्स के प्रति मेरी विशेष रूचि रही है और अभी तक मैंने कई लड़कियों और भाभियों के साथ सेक्स किया है लेकिन मैंने जितनी भी लड़कियों और भाभियों के साथ सेक्स किया है वे सब उम्र में मुझसे बड़ी ही थीं.

    ये जिस बार की कहानी मैं आप लोगों को बता रहा हूँ इस बार तो मुझे एक बच्चे की माँ के साथ ऐसा कुछ करने का मौका मिल गया था. वैसे देखने में तो वो कुछ खास नहीं थी और काफी मोटी भी थी पर सेक्स को लेकर वो बहुत प्यासी थी.

    दरअसल वो एक तलाकशुदा औरत थी. जो अपने पति से तलाक़ लेकर अब अपने भाई और माता – पिता के साथ रह रही थी. मेरी नजर जब उससे मिली उस समय वो बाहर धूप सेकने के लिए खड़ी थी. मैंने फिर देखा कि अब उसने मेरी तरफ बार – बार देखना चालू कर दिया तो मैंने भी अपनी तरफ से लाइन क्लियर करनी शुरू कर दी.

    वैसे भी मुझे सिर्फ सेक्स से मतलब था. दोस्तों, और यदि सेक्स पूरे मूड और आनंद के साथ किया जाये और अगर सेक्स के लिए आप के पास दीवानगी और प्यास हो तो इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप का पार्टनर कैसा है.

    वैसे भी अपने लास्ट ब्रेकअप के बाद से मेरी सेक्स की प्यास बहुत बढ़ चुकी थी और इस समय मुझे किसी साथी की तलाश थी और आज अपनी यह तलाश मुझे उसमें दिखाई दे रही थी.

    खैर, सारे दिन की मेहनत और लाइन मारने के बाद शाम को आखिर मेरी मेहनत तब रंग लाई, जब उसने सामने से मुझे हाथ का इशारा किया. अब तो मेरी निकल पड़ी थी. दोस्तों, सच में वो मोटी जरूर थी पर मोटे जिस्म का भी अपना एक अलग ही मजा होता है.

    खैर, अगले दिन रात में जब वो बाहर टहल रही थी तो मैंने अपना मोबाइल नंबर लिख कर एक चिट्ठी उसके पास फेकी. उसने उसे उठा लिया. आखिरकर तीन दिनों के बाद उसका कॉल आया. फिर हमने बातें शुरू की. बातों के दौरान उसने मुझसे ये भी कहा कि, ‘आपकी आँखें बहुत नशीली हैं और ये मुझे बहुत पसंद आईं.”

    फिर मैंने भी उसकी तारीफ की और फिर ऐसे ही हमारी बातें होने लगी. फिर अचानक उसने कहा कि, “मैं आप से मिलना चाहती हूँ.” मेरे तो दिल की मुराद ही पूरी हो गई. फिर भी मैंने पूछा – मिल कर क्या करेगें?

    तब उसने कहा – शादी के बाद जो सब करते हैं, मैं वही सब करना चाहती हूँ.

    खैर, हमारा मिलने का प्रोग्राम तय हुआ और मैं सही समय और सही जगह पर उससे मिलने के लिए पहुंच गया. सच में दोस्तों, आज वो बहुत खूबसूरत लग रही थी. फिर मैंने उसे अपनी गाड़ी पर बैठाया और अपने दोस्त के रूम पर पंहुच गया. अपने उस दोस्त से मैंने पहले ही बात कर रखी थी. क्योंकि वो मेरे रूम के सामने ही रहती थी, इसलिए मेरे रूम पर तो मिलना पॉसिबल ही नहीं था.

    आज उसने साड़ी पहन रखा था. जैसे ही हम रूम के अंदर हुए मैंने उसे गले लगा लिया और फिर उसकी गोद में सर रख कर उसकी तारीफ करने लगा. फिर धीरे से वो लेट गई. अब मैंने उसके माथे पर बड़े ही प्यार से पहली किस की और फिर आँखों पर और फिर होंठों से होते हुए उसके गले और गर्दन पर जीभ फिरने लगा.

    अब उसकी सांसें तेज हो गईं थी. फिर धीरे से मैने उसका ब्लाउज और ब्रा दोनों को ही निकाल दिया. क्या मस्त चूचे थे यार उसके! कसम से दोस्तों, उसके चूचक भी ज्यादा बड़े नहीं थे. कारण पूछने पर उसने बताया कि वो अपने बच्चे को ठीक से दूध नहीं पिला सकती थी, इसीलिए उसके निप्पल्स किसी कुंवारी लड़की की तरह थे.

    सच बात तो यह थी कि मैं उसकी सही उम्र का अंदाजा ही नहीं लगा पा रहा था. पूछने पर उसने बताया कि वो 32 साल की है. खैर, इस बात से मुझे कोई मतलब नहीं था. लेकिन जैसे ही मैं उसकी साड़ी को खोलने लगा उसने मना कर दिया और कहा – टाइम कम है और साड़ी को पहनने में काफी टाइम लग जायेगा.

    मैंने भी इस बात ठीक समझा और वापस उसे किस करना स्टार्ट कर दिया. अब मैं धीरे – धीरे उसके पेट से होते हुए कमर की ओर बढ़ रहा था. फिर मैंने उसकी साड़ी को ऊपर उठा कर उसे उलटा लेटने के लिए कहा. जैसे ही उसने पलटी मारी उसका पिछवाड़ा मेरे सामने आ गया. कसम से दोस्तों कमाल की थी वो!

    अब मैंने उसे फिर से किस करना स्टार्ट किया और फिर मैंने हाथ को नीचे ले जाकर धीरे से उसकी योनि पर उंगली घुमाई. इससे वो एक दम मचल उठी. मैंने देखा कि उसकी चूत बहुत गीली थी. उसकी चूत के गीले पन से मेरे मुंह में भी पानी आ चुका था.

    चूँकि वो बहुत मोटी थी इसलिए पहले मैंने उसे वापस सीधा होने के लिए कहा और फिर उसकी योनि पर किस करना स्टार्ट कर दिया. जिससे वो पागल हुई जा रही थी और अपने हाथों से मेरे सर को सहला रही थी. उसकी रस से भरी हुई और मोटे – मोटे फांकों वाली चूत को चाटने में मुझे बहुत ही मजा आ रहा था और मुझ पर दीवानगी सी छा रही थी.

    फिर अचानक ही वो अपनी कमर हिलाने लगी और मेरे सर को जोरों से दबाने लगी. उसका रस निकल चुका था. फिर मैं उसके साथ लेट कर उसके चूचों को पीने लगा और साथ ही साथ अपनी उंगलियों का कमाल उसकी योनि पर दिखाने लगा. जल्द ही वो फिर से गर्म हो गई और मुझे अपने ऊपर खींचने लगी.

    अब मैंने भी देर न करते हुए कंडोम पहन कर उसकी योनि से अपने लिंग को भिड़ा दिया और धीरे – धीरे अंदर धकेलने लगा. मुझे उसकी चूत बड़ी ही टाइट लग रही थी. पूछने पर उसने बताया कि वह 8 सालों के बाद पहली बार काम में आ रही है. मेरे ऐसा करने से उसकी योनि में हल्का दर्द भी हो रहा था. जो उसके चेहरे पर झलक रहा था.

    करीब 10 – 15 मिनट की प्यारी सी चुदाई के बाद हम दोनों साथ ही स्खलित हो गए. फिर एक – दूसरे की बाहों में बाहें दाल कर बातें करने लगे. बातों ही बातों में उसने मुझे बताया कि ये उसकी जिन्दगी की सबसे प्यारी चुदाई रही.

    धीरे – धीरे अब मेरा फिर से मूड बन गया और हमने एक बार फिर से वही खेल खेला. अब की बार यह खेल लगभग 25 मिनट तक चला. फिर कपड़े ठीक कर के मैंने उसे वापस वहीं पर छोड़ दिया जहां से उसे रिसीव किया था. वहां से वो ऑटो ले कर घर चली गई.

    अब तो अक्सर हमारी प्रेम लीला चलती रहती है. लेकिन अब फिर से उसकी शादी फिक्स हो गई है. मैं इस बात से खुश हूँ पर मुझे अब फिर से किसी और साथी की तलाश है.

    दोस्तों ये मेरी पहली कहानी थी. आप सब को कैसी लगी जरुर बताइयेगा? मेरी मेल आईडी
     
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