तू मेरा हबी

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(Tu Mera Hubby)

प्रेषक : संजय खुराना

हाय दोस्तो, संजय का आप सबको प्यार भरा सलाम.

आज मैं आपको अपनी सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ। मैं लन्दन में रहता हूँ, मेरी उमर 22 साल है। मेरे मम्मी-पापा कोई भी नहीं है. मैं अपने मामा-मामी के साथ लन्दन में रहता हूँ। मेरे मामा बहुत बड़े ऑफ़ीसर थे और वो एक बड़ी सी कंपनी में काम करते थे तो उनको बहुत बार काम से बाहर जाना पड़ता था क्योंकि वो पूरे यूरोप का कारोबार संभालते थे.

मेरे मामा की उमर लगभग 45 साल थी और मामी की लगभग 38. मामी दिखने में बहुत ही अच्छी थी, मुझे बचपन से ही वो बहुत पसंद थी। मामा की हेल्थ प्राब्लम की वजह से उनको बच्चा भी नहीं था. वो दोनों ही बड़े बोर हो जाते थे..

मेरे मम्मी की डेथ हो जाने के बाद उन्होंने मुझे अपने पास लंदन में ही रहने को बुला लिया, फिर भी मामी मुझे अपने बच्चे जैसे नहीं मानती थी. मुझे इस बात का बड़ा दुख रहता था लेकिन मैं भी कुछ उम्मीद नहीं करता था।

ऐसे ही एक युरोप ट्रॅवेल में मेरे मामा की मौत हो गई और मामी और मैं ही बच गये। अब तो मैं बड़ा हो चुका था, हैण्डसम भी दिखता था और मेरी क्लास की व बहुत सी लंदन की भी लड़कियाँ मरती थी। और मैं भी उनके साथ मज़े मार लिया करता था, किस्सिंग, बोलिंग, लेकिन नो फक्किंग.

ऐसे कामों में तो अब माहिर बन गया था।

एक दिन मैं एक लड़की के साथ यही सब कुछ कर रहा था और मामी ने वो मुझे वैसे करते हुए पकड़ा। उन्होंने हम दोनों को बहुत डाँटा। खास कर मुझे क्यूँकि गोरे लोग तो वैसे भी सेक्स करते हैं।

लेकिन उस दिन मामी ने मुझे पहली बार पूरा नंगा देखा था और मैं उस लड़की से अपना कुंवारापन दूर कर रहा था।

लेकिन वो सब देख कर मामी की सेक्स की प्यास जागने लगी. मुझे डांटते समय भी उनका पूरा ध्यान मेरे लण्ड पर था। मामा को गुज़रे हुए दो साल हो गए थे और मामी को शायद कामसुख नहीं मिला था।

मुझे ही उस दिन बहुत बुरा लगा कि मामी ने मुझे वैसे देख लिया लेकिन मुझे क्या पता था कि मामी अब मुझसे संबंध बनाने की ताक में है।

मामी को भी मैंने 2-3 बार पूरा नंगी और मूठ मारते हुए देखा था।

उसके के बाद मामी बाहर चली गई और मैं घर में ही रह गया।

मामी ने रात को आठ बजे खाने के लिए आवाज़ दी और मैं चला गया। खाना ख़त्म होते ही मामी असली मुद्दे पर आ गई और सवाल पूछने लगी- उस लड़की को कब से जानते हो?

मैं- 2 साल से जानता हूँ।

मामी- मतलब तबसे उसे फक करता है?

मैं- नहीं मामी. मैं उसको जानता हूँ दो साल से..

मामी- तो यह खेल अब शुरू हुआ?

मैं- आज पहला ही दिन था.

मामी- झूठ.. सच सच बता दे नहीं तो मैं तुझे मारूँगी.

मैं- नहीं मामी, सच में आज पहला ही दिन था.

मामी- पहले ही दिन कोई भी लड़की चुदवाती नहीं है. मुझे सब कुछ सच सच बता.

मामी की आवाज़ में रौब था और मैं डर गया. मैंने तो रोना ही चालू कर दिया.

तब मामी भी थोड़ी सी घबरा गई और मेरे पास आकर बैठ गई.

मामी- रो मत मेरे संजू.

उन्होंने मुझे होंठों पर किस किया और बोली- मुझे बता, मैं कुछ नहीं करूँगी.

मैं- वो मेरी क्लास में है. और हम एक दूसरे की प्यास बुझाते हैं. पर आज हमारा सेक्स का पहला ही दिन था, हमने आज तक सिर्फ़ किस्सिंग, बोलिंग, और ओरल सेक्स ही किया है।

मामी- ओह. मतलब तुम्हारी आज सुहागरात थी और मैंने तुम्हें पकड़ लिया. आई एम सो सॉरी.

मैं तो चुप ही रहा।

मामी बोली- ठीक है. तो आज रात हम दोनों सुहागरात मनाते हैं.

मैं तो चुप ही हो गया. और सोचने लगा कि मामी क्या बोल रही है. मामी ने मुझे इस बार फ़्रेन्च किस किया और बोली- दो साल से मैं प्यासी हूँ और तू बाहर क्यूँ जा रहा है. आज से तू ही मेरा हबी..

मैं- लेकिन आप तो मेरी मामी हो.. मैं आपका. ?

मामी ने मेरे होंठों को अपने मुँह में लिया था. और थोड़ी देर के बाद बोली- मैं 38 की हूँ. तू 18 का. ये यूके है.. किसको क्या पता हमारे बारे में. तेरी शादी की वक्त आने तक ही तू मेरा हबी. सब कुछ सिखा दूँगी तुझे तब तक.. फिर बीवी को खुश करना.

अब तो मेरा भी लंड उठने लगा था.

मामी ने बोला- मेरे कमरे में ठीक दस बजे आ जाना.

मेरा तो नसीब ही खुल गया था. अब तो घर में ही मज़े मिलने वाले थे.

मामी के साथ सुहागरात. अह्ह्हऽआहाआ. मैं तो खुशी के मारे पागल ही हुआ जा रहा था..

मैं ठीक रात दस बजे मामी के बेडरूम तक गया. मामी नहा-धोकर तैयार थी दूसरी सुहागरात के लिए. मामी ने अंदर सब तैयारी की थी सुहागरात की. दूध, शहद, फ़ीमेल कंडोम.

मामी ने नीले रंग की साड़ी पहनी थी.

मामी को देख कर ही मेरी हवस जाग गई और मैंने मामी को किस करना चालू किया. मामी भी मेरा जम कर साथ दे रही थी, वो तो मेमे दोनों होंठ ही अपने मुँह में ले रही थी. शेरनी बहुत भूखी थी. मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था. मामी मेरे ऊपर चढ़ने लगी थी, मैं भी उसका साथ देने लगा था.. बेचारी दो साल से भूखी थी.

फिर मामी ने मुझे नंगा करना चालू किया, पूरे कपड़े उतारे मेरे. फिर मेरे बदन को चूसने लगी. काट भी रही थी बीच बीच में. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. आख़िर में आ ही गई लंड के पास और बोली- क्या छोटा है रे लंड तेरा. बिल्कुल लोलीपोप.

और चूसने लगी.

मेरा तो कंट्रोल ही नहीं हो रहा था. मामी लोलीपोप बहुत अच्छे से खा-चाट रही थी.

मैं मामी को दो मिनट में ही बोला- मैं झड़ जाने वाला हूँ..

मामी तो सुनने के लिए तैयार ही नहीं थी. मेरा लोलोपोप बहुत ही पसंद आया मामी को.. और फिर लंड का रस पी गई. मुझे बहुत ही अच्छा लगा. मामी ने मेरा जूस पी लिया. मामी भी झड़ गई थी. उसकी भी चड्डी गीली हो चुकी थी..

फिर वो मेरे नीचे आ गई और बोली- आ जा मेरे लाल. मुझे रंगीन बना दे.

फिर मैं चालू हो गया. मामी की ब्रा खोल कर मैंने उनके बूब्स को मुँह में समा लिया. अय हय. आआहहह. कैसे निप्पल थे उनके. आअहह. मैंने निप्पल को काटना भी चालू किया. मैं तो स्वर्ग में था.

मामी- खा जा सालों को. बहुत दिन से कीसी ने नाश्ता नहींकिया इनका.. खा. मस्त खेल. काट.

और आवाज़ निकालने आगी. आहह. उऊहह. अओउूच.

वो आवाजें तो मुझे और बेकरार करने लगी. मैं उन्हे खाने लगा. लगभग बीस मिनट के बाद मामी तृप्त हुई और बोली- ये आज से तुम्हारे ही हैं. इन्हें बाद में भी खा सकते हो. पहले मुझे फक करो.

फिर मेरी नजर मामी की जांघों पर गई. और मैं उन्हें पागलों की तरह चाटने चूमने काटने लगा, मामी अब दूसरी बार झड़ने को आई थी. वो बोली- अरे संजू मुझे फक कर.. बाद में रात भर खेलते रहना इस बदन के साथ. फक मी. फक मी.

मुझे मामी की चूत चाटनी थी. लेकिन मामी ने मौका ही दिया नहीं. फक मी ! फक मी चिल्लाने लगी।

फिर मैंने मेरा लोलीपोप मामी के मुँह में दिया गीला करने के लिए. मामी ने लोलीपोप को दो बार चार्ज किया. अब मैं तैयार था.

मैंने मामी के ऊपर आकर मेरा लोलोपोप मामी की चूत में डाल ही दिया। यह कहानी आप HotSexStory.xyz पर पढ़ रहे हैं।

. आ. अ्ह्ह्ह.

पाँच मिनट तक हमारा धक्कमपेल चला. और मैं झड़ गया।

मामी बहुत खुश थी, बोली- कल से रोज रात मेरे साथ ही सोना और जब चाहे तब मुझे चोदते रहना !

आज भी मैं मेरे मामी को वो सुख देता हूँ और उन्हें खुश रखता हूँ।
 
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