Desi kahani, antarvasna: कॉलेज का मेरा पहला वर्ष था और पहले ही वर्ष में जब मुझे दीपाली मिली तो दीपाली और मैं एक दूसरे को प्यार करने लगे। हम दोनों एक दूसरे को बहुत ज्यादा प्यार करने लगे थे लेकिन दीपाली के पापा का बहुत बड़ा बिजनेस है जिस वजह से वह चाहते थे की दीपाली की शादी किसी अच्छे घराने में हो जाए। अब हम दोनों का कॉलेज भी पूरा हो चुका था और मैं अपनी कॉलेज की पढ़ाई पूरी हो जाने के बाद अपनी जॉब पर पूरी तरीके से ध्यान दे रहा था।
मैं काफी खुश था कि मैं एक अच्छी कंपनी में जॉब कर पा रहा हूं लेकिन दीपावली की शादी उसके पापा ने कहीं और ही तय कर दी और उसकी शादी हो जाने के बाद मैं पूरी तरीके से टूट चुका था। मेरी जिंदगी में अब कोई भी ऐसा नहीं था जो कि मेरा साथ दे पाता और जिससे मैं अपनी फीलिंग शेयर कर पाता इसलिए मैं बहुत ज्यादा परेशान रहने लगा था। पापा और मम्मी भी मुझे कई बार कहते कि बेटा तुम बहुत ज्यादा परेशान रहते हो तुम्हें अब शादी कर लेनी चाहिए।
मैंने भी उम्र के 28वे वर्ष में कदम रखा और मेरी भी शादी तय हो गई। मेरी शादी निकिता से तय हो गई निकिता से जब मैं पहली बार मिला तो निकिता से मिलकर मुझे बहुत अच्छा लगा और उसे भी मुझसे मिलकर बहुत ही अच्छा लगा। अब हम दोनों के बीच काफी ज्यादा नजदीकियां बढ़ चुकी थी और हम दोनों ने एक दूसरे को पसंद भी कर लिया था। हम दोनों के परिवार पहले से ही एक दूसरे को जानते थे जिस कारण निकिता और मैंने एक दूसरे से शादी करने का फैसला कर लिया था और अब हम दोनों की शादी तय हो चुकी थी।
मैं भी निकिता को कहीं ना कहीं पसंद करने लगा था और निकिता को भी मेरा साथ अच्छा लगने लगा तो हम दोनों की शादी हो गई और निकिता मेरी पत्नी बन चुकी थी। जब निकिता मेरी पत्नी बनी तो उसके बाद मेरे जीवन में काफी बदलाव आने लगे थे मैं ज्यादातर समय निकिता के साथ ही बिताया करता और उसे भी मेरे साथ बहुत ही अच्छा लगता जब भी हम दोनों साथ में होते हैं। हम दोनों के बीच प्यार काफी ज्यादा बढ़ता जा रहा था और अब हम दोनों बहुत ही ज्यादा करीब आ चुके थे। एक समय ऐसा आया जब निकिता और मुझे कुछ समय के लिए अलग होना पड़ा क्योंकि मैं अपने ऑफिस के काम के सिलसिले में कुछ दिनों के लिए बाहर गया हुआ था जिस कारण मैं और निकिता एक दूसरे के लिए बहुत ज्यादा तड़प रहे थे मैं निकिता को बहुत ज्यादा मिस कर रहा था।
जब मैं अपने घर लौटा तो उस दिन निकिता और मैंने साथ में समय बिताने का फैसला कर लिया और हम दोनों ने साथ में काफी अच्छा समय बिताया। हम दोनों बहुत ही ज्यादा खुश थे जिस तरीके से हम दोनों ने उसके साथ में समय बिताया। मुझे तो निकिता के साथ हमेशा ही अच्छा लगता है। निकिता कुछ दिनों के लिए अपने मायके जाना चाहती थी और उसने मुझे कहा कि मैं कुछ दिनों के लिए अपने मायके जाना चाहती हूं मैंने निकिता को कहा कि ठीक है तुम कुछ दिनों के लिए पापा मम्मी से मिल आओ।
वह कुछ दिनों के लिए पापा मम्मी से मिलने चली गयी और कुछ दिन बाद वह घर वापस लौट आई थी। उसके बाद निकिता चाहती थी कि वह किसी कंपनी में जॉब करें लेकिन मैंने उसे मना कर दिया था फिर निकिता ने हमारे घर के पास ही एक प्राइवेट स्कूल है वहां पर उसने जॉब के ट्राई किया और उसकी जॉब वहां पर लग गई। अब वह स्कूल में पढ़ाने लगी थी और जब भी हम दोनों को समय मिलता तो हम दोनों साथ में काफी अच्छा समय बिताया करते हैं और हम दोनों एक दूसरे के साथ काफी खुश भी थे। एक दिन मैं और निकिता साथ में बैठे हुए थे उस दिन जब हम दोनों साथ में बैठकर बातें कर रहे थे तो निकिता ने मुझे कहा कल उसकी छोटी बहन रचना हमसे मिलने के लिए आ रही है। मैंने निकिता को कहा कि रचना तो मुंबई में जॉब कर रही थी क्या वह घर आ गई है तो वह मुझे कहने लगी कि हां वह कुछ दिनों के लिए घर आई हुई है इसीलिए तो कल वह हम लोगों से मिलने के लिए आने वाली है।
मैंने निकिता को कहा चलो यह तो बहुत अच्छी बात है कि रचना कुछ दिनों के लिए घर पर आ रही है और इस बहाने हमारी उससे मुलाकात भी हो जाएगी। निकिता की छोटी बहन रचना जो पढ़ने में बहुत ही अच्छी थी और उसका कॉलेज कैंपस प्लेसमेंट में सलेक्शन हुआ और वह मुंबई की एक बड़ी कंपनी में जॉब करने लगी। अगले दिन सुबह मैं अपने ऑफिस चला गया था ऑफिस में कुछ ज्यादा ही काम था इसलिए मुझे घर लौटने में उस दिन काफी ज्यादा देर हो गई थी।
जब मैं घर लौटा तो उस दिन रचना घर पहुंच चुकी थी मैंने रचना से कहा कि तुम्हारा सफर कैसा रहा तो वह कहने लगी कि जीजा जी मेरा सफर तो अच्छा रहा उसके बाद रचना और मैं कुछ देर साथ में बैठे रहे फिर मैं अपने रूम में चला गया। मैं अपने रूम में चला गया था और वहां पर मैं कपड़े चेंज करने लगा फिर मैं बाहर हॉल में आकर बैठा तो रचना और मैं एक दूसरे से बातें कर रहे थे। थोड़ी देर तक हम लोगों ने बातें की और फिर निकिता मुझसे कहने लगी कि आप खाना खा लीजिए। हम लोगों ने खाना खा लिया था और उसके बाद मैं सोने के लिए रूम में चला गया रचना और निकिता साथ में बैठकर बातें कर रहे थे। थोड़ी देर के बाद निकिता भी रूम में आ गई और वह मेरे बगल में आकर लेट गई। वह मेरे बगल में आकर लेटी तो मैंने उसकी छाती पर अपने हाथ को रखा वह मचलने लगी।
उसने मेरे लंड को पकड़ लिया वह मेरे साथ सेक्स करने के लिए तैयार थी। मैंने जब उसके स्तनों को चूसना शुरू किया तो उसे मज़ा आने लगा था मैंने उसके ब्लाउज को उतार फेंका था और उसके बाद मैं उसके स्तनों का रसपान कर रहा था। मैंने जब उसके स्तनों के बीच में अपने लंड को रगड़ना शुरू किया तो मै मजे मे आने लगा। मुझे बहुत मज़ा आने लगा था मैंने उसे कहा मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा है। अब वह मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर उसे सकिंग करने लगी। वह जिस तरीके से मेरे लंड को चूस रही थी उससे मुझे मज़ा आ रहा था वह उत्तेजित होती जा रही थी।
हम दोनों की गर्मी बढ़ रही थी अब हम दोनों इतने ज्यादा गरम हो चुके थे हम दोनों बिल्कुल भी रह नहीं पा रहे थे। मैंने निकिता की चूत में लंड को घुसा दिया उसकी चूत में मेरा लंड जाते ही उसकी सिसकारियां बढने लगी। वह मेरा साथ अच्छे से दे रही थी जिस तरीके से वह मेरा साथ दे रही थी उससे मेरे अंदर की गर्मी बढ़ रही थी वह बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो रही थी। वह मुझे कहने लगी मेरी गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ चुकी है अब हम दोनों ही पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुके थे मैंने उसकी चूत में अपने माल को गिरा दिया। मैं निकिता की इच्छा को पूरा कर चुका था वह सो चुकी थी। उसके अगले दिन रचना मेरे साथ बैठी हुई थी वह मुझसे बातें कर रही थी उसकी नजरों में कोई तो ऐसी बात थी वह मेरे साथ सेक्स करना चाहती थी। मैं उसके इशारे समझ चुका था जब मैंने उसकी जांघों को सहलाना शुरू किया तो उसे अब मजा आने लगा और वह बहुत ज्यादा उत्तेजित हो चुकी थी।
मैंने उसकी जांघों को काफी देर तक सहलाया उसके बाद वह मुझे कहने लगी जीजाजी रूम में चलते हैं। अब हम दोनों रूम में आ गए मैं रचना के कपड़े उतार चुका था उसका गोरा बदन देखकर मेरा लंड एकदम से तन कर खड़ा हो चुका था मैं उसकी चूत में लंड घुसाने के लिए तैयार था। मैंने उसकी चूत पर अपने लंड को लगाया जैसे ही मैंने अपने लंड को उसकी योनि पर सटाया तो उसकी चूत से चिपचिपा पदार्थ निकलने लगा।
मैं उसके स्तनों का रसपान कर रहा था वह पूरी तरीके से गरम हो गई थी वह बहुत गर्म हो गई थी जिस से मैं अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रहा था मैंने और रचना ने सेक्स करने के बारे में सोच लिया था। मैंने उसकी योनि में अपने लंड को घुसा कर उसकी चूत के अंदर अपने लंड को घुसा दिया था वह चिल्लाकर मुझे बोली मुझे मजा आ गया। उसके बाद में उसकी इच्छा को अच्छे से पूरा करने लगा वह बहुत जोर से चिल्ला रही थी वह मुझे कहती मेरी इच्छा अच्छे से पूरी करते जाओ।
मैंने उसकी चूतड़ों को अपनी तरफ किया और उसके बाद मैंने उसकी चूत के अंदर अपने लंड को घुसा दिया। उसकी चूत से खून निकलने लगा था वह बहुत तेजी से चिल्ला रही थी। मैं उसे बड़ी ही तेज गति से धक्के मार रहा था उसे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था जिस तेज गति से मैं उसकी चूत में अपने लंड को घुसा रहा था। वह मेरा साथ दे रही थी हम दोनों ने काफी देर तक एक दूसरे का साथ दिया तब जाकर मैंने उसकी इच्छा को पूरा किया।
अब उसकी इच्छा पूरी हो चुकी थी वह बहुत ज्यादा खुश थी जिस तरीके से मैंने उसके साथ शारीरिक सुख का मजा लिया था। रचना चाहती थी वह मेरे साथ दोबारा से सेक्स करे। मैने उसके साथ दोबारा से शारीरिक सुख के मजे लिए और उसकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को किया तो वह खुश हो गई। वह मुझे बोली आज मुझे मजा आ गया जिस तरीके से आपने मेरे साथ सेक्स संबंध बनाए हैं। मैंने उसकी चूत के अंदर माल को गिरा दिया था वह बहुत ज्यादा खुश थी।
मैं काफी खुश था कि मैं एक अच्छी कंपनी में जॉब कर पा रहा हूं लेकिन दीपावली की शादी उसके पापा ने कहीं और ही तय कर दी और उसकी शादी हो जाने के बाद मैं पूरी तरीके से टूट चुका था। मेरी जिंदगी में अब कोई भी ऐसा नहीं था जो कि मेरा साथ दे पाता और जिससे मैं अपनी फीलिंग शेयर कर पाता इसलिए मैं बहुत ज्यादा परेशान रहने लगा था। पापा और मम्मी भी मुझे कई बार कहते कि बेटा तुम बहुत ज्यादा परेशान रहते हो तुम्हें अब शादी कर लेनी चाहिए।
मैंने भी उम्र के 28वे वर्ष में कदम रखा और मेरी भी शादी तय हो गई। मेरी शादी निकिता से तय हो गई निकिता से जब मैं पहली बार मिला तो निकिता से मिलकर मुझे बहुत अच्छा लगा और उसे भी मुझसे मिलकर बहुत ही अच्छा लगा। अब हम दोनों के बीच काफी ज्यादा नजदीकियां बढ़ चुकी थी और हम दोनों ने एक दूसरे को पसंद भी कर लिया था। हम दोनों के परिवार पहले से ही एक दूसरे को जानते थे जिस कारण निकिता और मैंने एक दूसरे से शादी करने का फैसला कर लिया था और अब हम दोनों की शादी तय हो चुकी थी।
मैं भी निकिता को कहीं ना कहीं पसंद करने लगा था और निकिता को भी मेरा साथ अच्छा लगने लगा तो हम दोनों की शादी हो गई और निकिता मेरी पत्नी बन चुकी थी। जब निकिता मेरी पत्नी बनी तो उसके बाद मेरे जीवन में काफी बदलाव आने लगे थे मैं ज्यादातर समय निकिता के साथ ही बिताया करता और उसे भी मेरे साथ बहुत ही अच्छा लगता जब भी हम दोनों साथ में होते हैं। हम दोनों के बीच प्यार काफी ज्यादा बढ़ता जा रहा था और अब हम दोनों बहुत ही ज्यादा करीब आ चुके थे। एक समय ऐसा आया जब निकिता और मुझे कुछ समय के लिए अलग होना पड़ा क्योंकि मैं अपने ऑफिस के काम के सिलसिले में कुछ दिनों के लिए बाहर गया हुआ था जिस कारण मैं और निकिता एक दूसरे के लिए बहुत ज्यादा तड़प रहे थे मैं निकिता को बहुत ज्यादा मिस कर रहा था।
जब मैं अपने घर लौटा तो उस दिन निकिता और मैंने साथ में समय बिताने का फैसला कर लिया और हम दोनों ने साथ में काफी अच्छा समय बिताया। हम दोनों बहुत ही ज्यादा खुश थे जिस तरीके से हम दोनों ने उसके साथ में समय बिताया। मुझे तो निकिता के साथ हमेशा ही अच्छा लगता है। निकिता कुछ दिनों के लिए अपने मायके जाना चाहती थी और उसने मुझे कहा कि मैं कुछ दिनों के लिए अपने मायके जाना चाहती हूं मैंने निकिता को कहा कि ठीक है तुम कुछ दिनों के लिए पापा मम्मी से मिल आओ।
वह कुछ दिनों के लिए पापा मम्मी से मिलने चली गयी और कुछ दिन बाद वह घर वापस लौट आई थी। उसके बाद निकिता चाहती थी कि वह किसी कंपनी में जॉब करें लेकिन मैंने उसे मना कर दिया था फिर निकिता ने हमारे घर के पास ही एक प्राइवेट स्कूल है वहां पर उसने जॉब के ट्राई किया और उसकी जॉब वहां पर लग गई। अब वह स्कूल में पढ़ाने लगी थी और जब भी हम दोनों को समय मिलता तो हम दोनों साथ में काफी अच्छा समय बिताया करते हैं और हम दोनों एक दूसरे के साथ काफी खुश भी थे। एक दिन मैं और निकिता साथ में बैठे हुए थे उस दिन जब हम दोनों साथ में बैठकर बातें कर रहे थे तो निकिता ने मुझे कहा कल उसकी छोटी बहन रचना हमसे मिलने के लिए आ रही है। मैंने निकिता को कहा कि रचना तो मुंबई में जॉब कर रही थी क्या वह घर आ गई है तो वह मुझे कहने लगी कि हां वह कुछ दिनों के लिए घर आई हुई है इसीलिए तो कल वह हम लोगों से मिलने के लिए आने वाली है।
मैंने निकिता को कहा चलो यह तो बहुत अच्छी बात है कि रचना कुछ दिनों के लिए घर पर आ रही है और इस बहाने हमारी उससे मुलाकात भी हो जाएगी। निकिता की छोटी बहन रचना जो पढ़ने में बहुत ही अच्छी थी और उसका कॉलेज कैंपस प्लेसमेंट में सलेक्शन हुआ और वह मुंबई की एक बड़ी कंपनी में जॉब करने लगी। अगले दिन सुबह मैं अपने ऑफिस चला गया था ऑफिस में कुछ ज्यादा ही काम था इसलिए मुझे घर लौटने में उस दिन काफी ज्यादा देर हो गई थी।
जब मैं घर लौटा तो उस दिन रचना घर पहुंच चुकी थी मैंने रचना से कहा कि तुम्हारा सफर कैसा रहा तो वह कहने लगी कि जीजा जी मेरा सफर तो अच्छा रहा उसके बाद रचना और मैं कुछ देर साथ में बैठे रहे फिर मैं अपने रूम में चला गया। मैं अपने रूम में चला गया था और वहां पर मैं कपड़े चेंज करने लगा फिर मैं बाहर हॉल में आकर बैठा तो रचना और मैं एक दूसरे से बातें कर रहे थे। थोड़ी देर तक हम लोगों ने बातें की और फिर निकिता मुझसे कहने लगी कि आप खाना खा लीजिए। हम लोगों ने खाना खा लिया था और उसके बाद मैं सोने के लिए रूम में चला गया रचना और निकिता साथ में बैठकर बातें कर रहे थे। थोड़ी देर के बाद निकिता भी रूम में आ गई और वह मेरे बगल में आकर लेट गई। वह मेरे बगल में आकर लेटी तो मैंने उसकी छाती पर अपने हाथ को रखा वह मचलने लगी।
उसने मेरे लंड को पकड़ लिया वह मेरे साथ सेक्स करने के लिए तैयार थी। मैंने जब उसके स्तनों को चूसना शुरू किया तो उसे मज़ा आने लगा था मैंने उसके ब्लाउज को उतार फेंका था और उसके बाद मैं उसके स्तनों का रसपान कर रहा था। मैंने जब उसके स्तनों के बीच में अपने लंड को रगड़ना शुरू किया तो मै मजे मे आने लगा। मुझे बहुत मज़ा आने लगा था मैंने उसे कहा मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा है। अब वह मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर उसे सकिंग करने लगी। वह जिस तरीके से मेरे लंड को चूस रही थी उससे मुझे मज़ा आ रहा था वह उत्तेजित होती जा रही थी।
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मैंने उसकी जांघों को काफी देर तक सहलाया उसके बाद वह मुझे कहने लगी जीजाजी रूम में चलते हैं। अब हम दोनों रूम में आ गए मैं रचना के कपड़े उतार चुका था उसका गोरा बदन देखकर मेरा लंड एकदम से तन कर खड़ा हो चुका था मैं उसकी चूत में लंड घुसाने के लिए तैयार था। मैंने उसकी चूत पर अपने लंड को लगाया जैसे ही मैंने अपने लंड को उसकी योनि पर सटाया तो उसकी चूत से चिपचिपा पदार्थ निकलने लगा।
मैं उसके स्तनों का रसपान कर रहा था वह पूरी तरीके से गरम हो गई थी वह बहुत गर्म हो गई थी जिस से मैं अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रहा था मैंने और रचना ने सेक्स करने के बारे में सोच लिया था। मैंने उसकी योनि में अपने लंड को घुसा कर उसकी चूत के अंदर अपने लंड को घुसा दिया था वह चिल्लाकर मुझे बोली मुझे मजा आ गया। उसके बाद में उसकी इच्छा को अच्छे से पूरा करने लगा वह बहुत जोर से चिल्ला रही थी वह मुझे कहती मेरी इच्छा अच्छे से पूरी करते जाओ।
मैंने उसकी चूतड़ों को अपनी तरफ किया और उसके बाद मैंने उसकी चूत के अंदर अपने लंड को घुसा दिया। उसकी चूत से खून निकलने लगा था वह बहुत तेजी से चिल्ला रही थी। मैं उसे बड़ी ही तेज गति से धक्के मार रहा था उसे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था जिस तेज गति से मैं उसकी चूत में अपने लंड को घुसा रहा था। वह मेरा साथ दे रही थी हम दोनों ने काफी देर तक एक दूसरे का साथ दिया तब जाकर मैंने उसकी इच्छा को पूरा किया।
अब उसकी इच्छा पूरी हो चुकी थी वह बहुत ज्यादा खुश थी जिस तरीके से मैंने उसके साथ शारीरिक सुख का मजा लिया था। रचना चाहती थी वह मेरे साथ दोबारा से सेक्स करे। मैने उसके साथ दोबारा से शारीरिक सुख के मजे लिए और उसकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को किया तो वह खुश हो गई। वह मुझे बोली आज मुझे मजा आ गया जिस तरीके से आपने मेरे साथ सेक्स संबंध बनाए हैं। मैंने उसकी चूत के अंदर माल को गिरा दिया था वह बहुत ज्यादा खुश थी।