दीक्षा मेरी पत्नी बन गयी

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Antarvasna, desi kahani: कुछ दिन पहले मेरी जिंदगी में कुछ ऐसा हुआ जिससे मेरी जिंदगी बिखर गयी मुझे अब किसी के साथ भी अच्छा नहीं लगता और मैं काफी ज्यादा परेशान भी रहने लगा था लेकिन जब मेरी जिंदगी में दीक्षा आई तो मुझे दीक्षा का साथ बहुत ही अच्छा लगने लगा और दीक्षा को भी मेरा साथ काफी अच्छा लगने लगा था। दीक्षा और मेरे बीच अब रिलेशन चलने लगा था मैं और दीक्षा एक दूसरे को डेट कर रहे थे और हम दोनों अब एक दूसरे के साथ काफी समय बिताया करते। ऑफिस खत्म हो जाने के बाद हम दोनों साथ में ही ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की कोशिश करते हैं। एक दिन मैं अपने ऑफिस से घर लौट रहा था उस दिन मुझे दीक्षा ने फोन किया और दीक्षा ने मुझे कहा कि राजेश मुझे तुमसे मिलना है। मैंने दीक्षा से कहा कि अभी थोड़ी देर पहले ही तो हम लोग मिले थे और अब मैं घर पहुंच चुका हूं लेकिन दीक्षा चाहती थी कि वह मुझसे मिले।

मैं जब दीक्षा को मिलने के लिए गया तो दीक्षा ने मुझसे कहा कि राजेश मेरा तुमसे मिलने का मन था मैंने दीक्षा को कहा लेकिन ऐसा क्या हुआ जो तुम्हारा मुझसे मिलने का मन हो रहा था अभी तो हम लोग मिले थे। दीक्षा मुझे कहने लगी राजेश मैं चाहती हूं कि अब हम दोनों शादी कर ले मैंने दीक्षा को कहा कि दीक्षा तुम जानती तो हो कि मेरा डिवोर्स हो जाने के बाद मैं काफी ज्यादा अकेला हो चुका हूं लेकिन जब से तुमने मेरी जिंदगी में कदम रखा है तब से मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है और मैं काफी ज्यादा खुश हूं। मैंने दीक्षा को कहा कि तुम्हें मैं बहुत प्यार करता हूं और तुम तो जानती ही हो कि तुम्हारे बिना मैं एक पल भी रह नहीं सकता हूं लेकिन मुझे इसके लिए अपने पापा मम्मी से बात करनी होगी दीक्षा ने कहा कि ठीक है राजेश। उस दिन हम दोनों साथ में काफी देर तक बैठे हुए थे और जब मैं घर पहुंचा तो उस वक्त काफी ज्यादा रात हो चुकी थी मां ने मुझे कहा कि राजेश बेटा तुम कहां रह गए थे तो मैंने मां से कहा कि मां मैं ऑफिस में कुछ काम था इसलिए मुझे देरी हो गई। मैंने अभी तक दीक्षा के बारे में अपने घर में किसी से भी बात नहीं की थी मैं चाहता था कि मैं पापा मम्मी को इस बारे में बता दूं।

पापा मम्मी को मैंने अब दीक्षा के बारे में बता दिया था जब मैंने उन्हें दीक्षा के बारे में बताया तो वह लोग भी दीक्षा से मिलना चाहते थे। जब पहली बार मैंने दीक्षा को घर पर बुलाया तो पापा मम्मी काफी खुश हुए उन्होंने दीक्षा से काफी अच्छे से बात की और दीक्षा को भी उनके साथ काफी ज्यादा अच्छा लगा। पापा ने मेरे डिवोर्स के बारे में दीक्षा से बात की तो दीक्षा ने पापा से कहा कि मुझे राजेश ने सब कुछ बता दिया था और मुझे इस बात से कोई एतराज नहीं है। पापा और मम्मी दीक्षा से मिलकर काफी खुश थे और अब हम लोगों को दीक्षा के पापा मम्मी से बात करनी थी।

जब दीक्षा ने मुझे अपने पापा से मिलवाया तो मुझे नहीं मालूम था कि दीक्षा के पापा को यह रिश्ता बिल्कुल भी मंजूर नहीं होगा, वह मेरे साथ दीक्षा की शादी करवाने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थे। दीक्षा को लगा था कि शायद उसके पापा मेरे साथ उसकी शादी करवाने के लिए तैयार हो जाएंगे लेकिन उन्होंने साफ तौर पर मना कर दिया था और कहा कि मैं दीक्षा की शादी तुमसे किसी भी सूरत में नहीं करवा सकता। उन्हें मेरे डिवोर्स के बारे में पता था इसलिए उन्होंने दीक्षा और मेरे रिश्ते को ठुकरा दिया। दीक्षा और मैं एक दूसरे से मिलते रहते थे दीक्षा हमेशा ही यह बात कहती कि पापा को ऐसा नहीं करना चाहिए था लेकिन दीक्षा के पास कोई और जवाब भी नहीं था और अब तो मेरे पास भी कोई जवाब नही था।

हम दोनों एक दूसरे को हर रोज मिलते और जब भी हम दोनों एक दूसरे को मिलते तो हम दोनों को ही बहुत अच्छा लगता था। दीक्षा ने अपनी जॉब से भी रिजाइन दे दिया था दीक्षा ने ऑफिस से रिजाइन देने के बाद ज्यादातर घर पर ही रहती थी और जब दीक्षा और मुझे एक दूसरे से मिलना होता तो मैं दीक्षा को फोन कर लेता और दीक्षा मुझसे मिलने के लिए आ जाया करती थी। हम दोनों एक दूसरे के साथ काफी ज्यादा खुश थे मैं दीक्षा के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की कोशिश किया करता दीक्षा को भी मेरा साथ काफी ज्यादा अच्छा लगता था। जब भी हम दोनों एक दूसरे के साथ होते तो हम दोनों को काफी अच्छा लगता समय के साथ दीक्षा के पापा भी हम दोनों के रिश्ते को मान चुके थे और वह चाहते थे कि हम दोनों जल्द से जल्द शादी कर ले। हम दोनों के रिलेशन को एक साल से ऊपर हो चुका था और अब हम दोनों की सगाई हो गयी जब हम दोनों की सगाई हो गई तो उसके बाद हम दोनों की शादी की तैयारियां भी होने लगी। जल्द ही हम दोनों की शादी भी हो गई दीक्षा मेरी पत्नी बन चुकी थी और मैं इस बात से काफी ज्यादा खुश था कि दीक्षा मेरी पत्नी बन चुकी है।

दीक्षा ने उसके बाद मेरा काफी साथ दिया और मेरी जिंदगी में दीक्षा के आने से बहुत सारी खुशियां लौट आई थी। दीक्षा पापा मम्मी की देखभाल भी अच्छे से करती और मेरे जीवन में भी सब कुछ अच्छे से चल रहा था मेरी जिंदगी अब बहुत ही ज्यादा खुशहाल हो चुकी थी क्योंकि दीक्षा मेरी जिंदगी में आ गई थी। जब भी मैं परेशान होता तो मैं दीक्षा से बात कर लेता हूं और मेरी परेशानी पल भर में ही दूर हो जाया करती। मेरी जीवन में हर चीज के लिए खुशी थी क्योंकि दीक्षा मेरी हर एक जरूरतों को पूरा करती।

जब भी मुझे दीक्षा की जरूरत होती तो दीक्षा हमेशा ही मेरे लिए हर वह चीज करने के लिए तैयार होती जो मुझे चाहिए होती थी। मैं जब भी थका हुआ घर आता तो दीक्षा मेरी थकान दूर कर दिया करती। एक दिन मै ऑफिस से काफी ज्यादा थका हुआ आया। दीक्षा और मै डिनर करने के बाद साथ में बैठे हुए बात कर रहे थे। मैंने दीक्षा से कहा आज मुझे काफी ज्यादा थकान महसूस हो रही है दीक्षा ने मुझे मुस्कुराते हुए कहा मैं आपकी थकान को अभी पल भर में दूर कर देती हूं। मैंने दीक्षा को कहा तुम मेरी थकान को पल भर में दूर कर दो। दीक्षा मुझे कहने लगी हां मैं आपकी थकान को बस अभी पल भर में दूर कर देती हूं और दीक्षा ने मेरे सामने अपने कपड़ों को उतारा। दीक्षा के बदन को देखकर मेरे अंदर की उत्तेजना जागने लगी।

मैंने दीक्षा से कहा मुझे बहुत ही मजा आ रहा है। दीक्षा मुझे बोली अच्छा तो मुझे भी बहुत लग रहा है। दीक्षा की चूत से पानी बाहर निकलने लगा था। वह बहुत ही ज्यादा तड़पने लगी थी। मैंने भी अपने लंड को बाहर निकाल लिया था। दीक्षा मेरे लंड को देखकर खुश थी। जब मैंने अपने लंड को बाहर निकाला था तो उसने मेरे लंड को हिलाना शुरू कर दिया था उसको बहुत मजा आ रहा था। वह अब मेरे लंड को देखकर खुश हो गई थी। मैंने जब दीक्षा को अपने लंड को सकिंग करने के लिए कहा तो वह खुश थी और उसने मेरे मोटे लंड को अपने मुंह में ले लिया। अब हम दोनों सेक्स करने के लिए तैयार थे। उसने मेरे लंड को चूसना शुरु कर दिया था और वह बहुत ही खुश थी। जब वह मेरे लंड को मुंह मे लिए जा रही थी। मै बहुत ही उत्साहित हो रहा था कि अब मै दीक्षा के साथ सेक्स करने वाला हूं। मैने दीक्षा की चूत को चाटकर उसकी चूत से पानी बाहर निकाल दिया था।

वह पूरी तरीके से मचलने लगी थी मै भी उत्तेजित हो गया था। मैने जब दीक्षा के बूब्स को दबाना शुरू किया तो मुझे मजा आ रहा था। जब मैं ऐसा करता तो मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था और दीक्षा को भी बड़ा मजा आ रहा था। मेरे अंदर की गर्मी अब बढ़ती ही जा रही थी मुझे बहुत मजा आने लगा था। मै दीक्षा की चूत की तरफ देख रहा था। वह मेरे लंड को चूत में लेना चाहती थी। मैंने दीक्षा की चूत को सहलाया, दीक्षा की चूत पर एक भी बाल नहीं था।

वह बहुत ही ज्यादा मचलने लगी थी। मैंने दीक्षा की चूत पर अपनी उंगली को डालने की कोशिश की तो वह जोर से चिल्लाई। मैंने अब उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया था। मैं जब दीक्षा की योनि को चाट रहा था तो मुझे बड़ा मजा आ रहा था और उसे भी बहुत ज्यादा मजा आने लगा था। दीक्षा बहुत ही उत्तेजित होने लगी थी अब वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही मजा आ रहा है तुम ऐसे ही मेरी चूत को चाटते रहो। वह मुझे अपने पैरो के बीच मे जकडने की कोशिश कर रही थी। मैंने दीक्षा से कहा मेरे अंदर की आग अब बढ़ने लगी है। अब हम दोनों ही तडपने लगे थे मैं अब अपने आपको ज्यादा देर तक रोक नहीं पाया। मैंने जब दीक्षा की चूत पर लंड को टच किया तो मुझे गर्मी का अहसास हो रहा था।

मैने अपने लंड को अंदर धकेलना शुरु किया तो वह बहुत ही जोर से चिल्लाई और बोली मेरी चूत फाड गई। मै हैरान था दीक्षा की चूत से खून निकल रहा है। मैंने देखा उसकी चूत से खून बह रहा था। दीक्षा को बड़ा ही मजा आ रहा था और मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था। मैं दीक्षा की चूत के अंदर बाहर अपने लंड को किए जा रहा था जिससे कि मुझे बहुत ज्यादा मजा आने लगा था। दीक्षा अब पूरी तरीके से उत्तेजित होने लगी थी। मैंने दीक्षा के दोनों पैरों को आपस में मिला लिया था।

दीक्षा के पैर आपस मे मिले हुए थे। उसके पैरों को आपस में मिलाने के बाद मै दीक्षा को तेजी से चोद रहा था दीक्षा बहुत उत्तेजित होती जा रही थी। दीक्षा की चूत मे माल गिराने के बाद मैने उसकी चूतड़ों को अपनी तरफ किया और उसकी चूत के अंदर अपने लंड को डाला तो वह जोर से चिल्लाई। अब उसकी चूतड़ों पर मुझे प्रहार करने मे मजा आ रहा था। दीक्षा की चूतड़ों का रंग भी लाल होने लगा था अब मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आने लगा था। हम दोनो को साथ मे संभोग करने मे मजा आ रहा था। दीक्षा की टाइट चूत अब और भी टाइट हो गई थी। मै समझ चुका था मेरा माल गिरने वाला है। मैंने अपने माल को दीक्षा की चूत पर गिरा दिया था। मेरा माल दीक्षा की चूत मे गिरने के बाद मैने दीक्षा को कस कर पकडा। हम दोनो अब एक दूसरे के साथ लेटे थे।
 
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