Kamwali ka interview lund se liya - Indian Hindi sex kahani
दोस्तों मेरा नाम अंजन हैं और मैं बरेली का रहनेवाला हूँ. मेरी हाईट ५ फिट ८ इंच हैं और मेरी उम्र ३२ साल हैं. मेरी शादी पूनम से हुई हैं जो एक वर्किंग लेडी हैं. पूनम एक नम्बर की चुदासी औरत हैं और हम दोनों खूब चुदाई करते हैं. लेकिन पूनम को यह पता नहीं हैं की मेरी असली फेंत्सी क्या हैं. मुझे कामवालियों के साथ चुदाई करने की जबरदस्त सनक हैं. हमारे घर में जो लास्ट कामवाली थी उसका नाम उमा था और वो ४४ साल की थी जिसे मैं खूब चुदाई करता था. लेकिन उसे घुटनों के दर्द की प्रोब्लम हो गई और उसने काम छोड़ दिया. १०-१२ दिन मेरी वाइफ ने काम करने का प्रयास किया लेकिन वो अपनी जॉब के साथ वो घर का काम एडजस्ट नहीं कर पाती थी. इस वजह से मैंने न्यूज़पेपर में एड दिया और कामवाली के लिए तलाश जारी कर दी. साथ ही में मैंने एजंसी वालो को भी बोल दिया.
दो दिन के बाद एक लोकल एजंसी वाले ने कॉल किया और मुझे बताया की एक कामवाली आप के पास इंटरव्यू के लिए आएगी. मैंने कहा ठीक हैं शाम को भेज देना मेरी वाइफ जॉब पर से आ जायेगी. तो एजंसी वाले ने कहा नहीं अभी एक घंटे में ही प्लीज़ इंटरव्यू देख ले क्यूंकि इस कामवाली को यहाँ से ३४ किलोमीटर दूर एक और जगह भी भेजना हैं. मैंने कहा ठीक हैं मैं अपनी वाइफ से कन्फर्म करता हूँ.
मैंने पूनम से पूछा तो पूनम ने कहा की आप देख लेना काम सब करती हैं या नहीं वो पूछ लेना. और सेलरी वगेरह के लिए भी उसने मुझे कह दिया की ज्यादा से ज्यादा ४५०० तक देना हैं हमें.
मैंने कहा की ठीक हैं. दोस्तों तभी से मेरे मन में जैसे गुदगुदी हो रही थी. मैं चाहता था की यह कामवाली एकदम हॉट हो और पहली मुलाक़ात में ही वो मुझसे चुदवा ले. शायद किस्मत जोरों पर थी इसलिए आज उसका इंटरव्यू भी मेरे हाथो ही होना था.
मैंने एजंसी वालो को कहा की मैं घर पर ही हूँ आप लोग भेज दें उसे.
पा घंटे के भीतर ही दरवाजे की घंटी बजी. मैंने दरवाजा खोला तो एक इक्कीस बाईस साल की उम्र की लड़की थी, सांवली, घहरे बाल, नाक में बड़ी नथनी, सस्ते कपडे के टॉप और निचे चौड़ी सलवार थी जो टॉप से कतई मेच नहीं हो रही थी. लड़की के बूब्स एकदम बड़े थे और टॉप के अन्दर से झाँक से रहे थे, शायद उसने ब्रा नहीं पहनी थी अन्दर. मैंने एक मिनिट के अन्दर अन्दर ही यह सब स्कैन कर लिया और उसने कहा मेमसाब नहीं हैं साहब, मैं काम के लिए आई हूँ एजंसी से?
मैंने कहा, अन्दर आ जाओ, मुझे ही इंटरव्यू लेना हैं.
वो अन्दर आई और अपने हाथ में पकड़ी हुई कपडे की थैली को उसने निचे फर्श पर रख दिया. हॉल में ही मैं चेयर पर बैठा और उसे ऊपर से निचे तक देखा. इस लड़की का सब से कमाल का फीचर उसकी बड़ी फैली हुई जांघे थी. मैं उसे देख ही रहा था की वो बोली, साहब हमें सब काम का अनुभव हैं.
मैंने पूछा, नाम क्या हैं तुम्हारा?
वो बोली, रवीना.
मैंने उसकी तरफ देख के कहा, क्या क्या कर लेती हो?
साहब, बर्तन, पोछा, झाड़ू, कपडे, खाना भी बना लुंगी आप कहेंगे तो.
और?
और तो आप जो कहें वो मैं कर लुंगी.
जो मैं कहूँ?
मतलब जो मेमसाब कहें.
तो मैं कहूँगा तो नहीं करोगी?
वो हंस पड़ी और बोली, क्या करवाना हैं आप को?
चलो यह माल भी चालू निकला और मेरा काम आसान सा होता लगा. मैंने अपने लंड को खुजा के कहा, मैं तो कभी कभी मसाज करवाता हूँ.
कर दूंगी तेल लगा के.
मैंने लंड को और जोर से खुजा के कहा, और कभी मेमसाब नहीं हुई तो स्पेशियल सर्विस करोगी, उसके पैसे अलग से मिलेंगे पगार से अलग.
वो मेरे लंड की तरफ ही देख रही थी, व कुछ नहीं बोली लेकिन मना भी नहीं किया उसने.
क्या हुआ?
कर लुंगी बाबु जी.
तो अभी मेमसाब नहीं हैं, एकबार दिखाओगे की तुम कर भी सकती हो या नहीं.
वो थोडा सा हिचकिचाई और मैंने अपनी जेब से ५०० की एक हरी पत्ती उसे दे दी. वो अब मेरे पास आई और मेरे घुटनों को पकड़ के निचे बैठ गई. मैं खुर्सी में एकदम आराम से लेट गया. उसने मेरी ज़िप खोली और मेरे लंड को बहार निकाला. मेरा कडक हो चूका था और उसके होल से पानी भी निकल पड़ा था. उसने मेरे लंड को अपने हाथ की मुठी में पकड के थोडा सा हिलाया और बोली, साहब आप का बहुत मोटा हैं.
मैंने पूछा, चुदवा चुकी हो पहले?
वो बोली, सब साहब आप जैसे ही होते हैं, सब को बहती नदी में लोटा देना होता हैं.
उसका मुहावरे का प्रयोग सुन के मैंने कहा, लोटे जैसा तो नहीं बना दिया न अपने बुर को?
वो बोली, न नदी जैसा हैं न लोटे जैसा हैं, आप चेक करेंगे ही वैसे कुछ देर में.
मैंने कहा, मुहं में ले लो न इसे.
वो कुछ नहीं बोली और उसने अपने माथे के आगे की लट को पकड़ के पीछे किया और कान के पीछे दबा दिया और फिर हौले से मुहं खोल के अपने मुहं में लंड को ले लिया. वाऊ, क्या चुस्सा दिया था उसने पहले ही चूस में. दिल जित लिया साली ने. मैंने आह कह दिया और उसने ऊपर देख के आँख मारी.
मैंने उसके माथे को पकड़ के लंड पर दबा दिया और पूरा लंड मुहं में चला गया. वो मस्त लंड चुस्ती रही और मैं खुर्सी के ऊपर ही सिसकीयाँ भर रहा था. रवीना ने लंड को गले तक भर लिया था और मुझे मस्त डीपथ्रोट का अनुभव दे रही थी. मैंने हाथ आगे बढ़ा के उसके चुन्चो को चेक किया. काफी बड़े मम्मे थे रवीना के और एकदम टाईट भी, मैंने निपल्स को पिंच किया तो उसने मोअन कर दिया. मैंने उसके टॉप के अन्दर हाथ डाल दिया और वन बाय वन दोनों बूब्स को दबाने लगा!
दोस्तों चुदाई की यह कहानी आगे के भाग में हैं. दुसरे भाग को पढने के लिए क्लिक करे: नयी कामवाली नया काण्ड - [भाग 2]
दोस्तों मेरा नाम अंजन हैं और मैं बरेली का रहनेवाला हूँ. मेरी हाईट ५ फिट ८ इंच हैं और मेरी उम्र ३२ साल हैं. मेरी शादी पूनम से हुई हैं जो एक वर्किंग लेडी हैं. पूनम एक नम्बर की चुदासी औरत हैं और हम दोनों खूब चुदाई करते हैं. लेकिन पूनम को यह पता नहीं हैं की मेरी असली फेंत्सी क्या हैं. मुझे कामवालियों के साथ चुदाई करने की जबरदस्त सनक हैं. हमारे घर में जो लास्ट कामवाली थी उसका नाम उमा था और वो ४४ साल की थी जिसे मैं खूब चुदाई करता था. लेकिन उसे घुटनों के दर्द की प्रोब्लम हो गई और उसने काम छोड़ दिया. १०-१२ दिन मेरी वाइफ ने काम करने का प्रयास किया लेकिन वो अपनी जॉब के साथ वो घर का काम एडजस्ट नहीं कर पाती थी. इस वजह से मैंने न्यूज़पेपर में एड दिया और कामवाली के लिए तलाश जारी कर दी. साथ ही में मैंने एजंसी वालो को भी बोल दिया.
दो दिन के बाद एक लोकल एजंसी वाले ने कॉल किया और मुझे बताया की एक कामवाली आप के पास इंटरव्यू के लिए आएगी. मैंने कहा ठीक हैं शाम को भेज देना मेरी वाइफ जॉब पर से आ जायेगी. तो एजंसी वाले ने कहा नहीं अभी एक घंटे में ही प्लीज़ इंटरव्यू देख ले क्यूंकि इस कामवाली को यहाँ से ३४ किलोमीटर दूर एक और जगह भी भेजना हैं. मैंने कहा ठीक हैं मैं अपनी वाइफ से कन्फर्म करता हूँ.
मैंने पूनम से पूछा तो पूनम ने कहा की आप देख लेना काम सब करती हैं या नहीं वो पूछ लेना. और सेलरी वगेरह के लिए भी उसने मुझे कह दिया की ज्यादा से ज्यादा ४५०० तक देना हैं हमें.
मैंने कहा की ठीक हैं. दोस्तों तभी से मेरे मन में जैसे गुदगुदी हो रही थी. मैं चाहता था की यह कामवाली एकदम हॉट हो और पहली मुलाक़ात में ही वो मुझसे चुदवा ले. शायद किस्मत जोरों पर थी इसलिए आज उसका इंटरव्यू भी मेरे हाथो ही होना था.
मैंने एजंसी वालो को कहा की मैं घर पर ही हूँ आप लोग भेज दें उसे.
पा घंटे के भीतर ही दरवाजे की घंटी बजी. मैंने दरवाजा खोला तो एक इक्कीस बाईस साल की उम्र की लड़की थी, सांवली, घहरे बाल, नाक में बड़ी नथनी, सस्ते कपडे के टॉप और निचे चौड़ी सलवार थी जो टॉप से कतई मेच नहीं हो रही थी. लड़की के बूब्स एकदम बड़े थे और टॉप के अन्दर से झाँक से रहे थे, शायद उसने ब्रा नहीं पहनी थी अन्दर. मैंने एक मिनिट के अन्दर अन्दर ही यह सब स्कैन कर लिया और उसने कहा मेमसाब नहीं हैं साहब, मैं काम के लिए आई हूँ एजंसी से?
मैंने कहा, अन्दर आ जाओ, मुझे ही इंटरव्यू लेना हैं.
वो अन्दर आई और अपने हाथ में पकड़ी हुई कपडे की थैली को उसने निचे फर्श पर रख दिया. हॉल में ही मैं चेयर पर बैठा और उसे ऊपर से निचे तक देखा. इस लड़की का सब से कमाल का फीचर उसकी बड़ी फैली हुई जांघे थी. मैं उसे देख ही रहा था की वो बोली, साहब हमें सब काम का अनुभव हैं.
मैंने पूछा, नाम क्या हैं तुम्हारा?
वो बोली, रवीना.
मैंने उसकी तरफ देख के कहा, क्या क्या कर लेती हो?
साहब, बर्तन, पोछा, झाड़ू, कपडे, खाना भी बना लुंगी आप कहेंगे तो.
और?
और तो आप जो कहें वो मैं कर लुंगी.
जो मैं कहूँ?
मतलब जो मेमसाब कहें.
तो मैं कहूँगा तो नहीं करोगी?
वो हंस पड़ी और बोली, क्या करवाना हैं आप को?
चलो यह माल भी चालू निकला और मेरा काम आसान सा होता लगा. मैंने अपने लंड को खुजा के कहा, मैं तो कभी कभी मसाज करवाता हूँ.
कर दूंगी तेल लगा के.
मैंने लंड को और जोर से खुजा के कहा, और कभी मेमसाब नहीं हुई तो स्पेशियल सर्विस करोगी, उसके पैसे अलग से मिलेंगे पगार से अलग.
वो मेरे लंड की तरफ ही देख रही थी, व कुछ नहीं बोली लेकिन मना भी नहीं किया उसने.
क्या हुआ?
कर लुंगी बाबु जी.
तो अभी मेमसाब नहीं हैं, एकबार दिखाओगे की तुम कर भी सकती हो या नहीं.
वो थोडा सा हिचकिचाई और मैंने अपनी जेब से ५०० की एक हरी पत्ती उसे दे दी. वो अब मेरे पास आई और मेरे घुटनों को पकड़ के निचे बैठ गई. मैं खुर्सी में एकदम आराम से लेट गया. उसने मेरी ज़िप खोली और मेरे लंड को बहार निकाला. मेरा कडक हो चूका था और उसके होल से पानी भी निकल पड़ा था. उसने मेरे लंड को अपने हाथ की मुठी में पकड के थोडा सा हिलाया और बोली, साहब आप का बहुत मोटा हैं.
मैंने पूछा, चुदवा चुकी हो पहले?
वो बोली, सब साहब आप जैसे ही होते हैं, सब को बहती नदी में लोटा देना होता हैं.
उसका मुहावरे का प्रयोग सुन के मैंने कहा, लोटे जैसा तो नहीं बना दिया न अपने बुर को?
वो बोली, न नदी जैसा हैं न लोटे जैसा हैं, आप चेक करेंगे ही वैसे कुछ देर में.
मैंने कहा, मुहं में ले लो न इसे.
वो कुछ नहीं बोली और उसने अपने माथे के आगे की लट को पकड़ के पीछे किया और कान के पीछे दबा दिया और फिर हौले से मुहं खोल के अपने मुहं में लंड को ले लिया. वाऊ, क्या चुस्सा दिया था उसने पहले ही चूस में. दिल जित लिया साली ने. मैंने आह कह दिया और उसने ऊपर देख के आँख मारी.
मैंने उसके माथे को पकड़ के लंड पर दबा दिया और पूरा लंड मुहं में चला गया. वो मस्त लंड चुस्ती रही और मैं खुर्सी के ऊपर ही सिसकीयाँ भर रहा था. रवीना ने लंड को गले तक भर लिया था और मुझे मस्त डीपथ्रोट का अनुभव दे रही थी. मैंने हाथ आगे बढ़ा के उसके चुन्चो को चेक किया. काफी बड़े मम्मे थे रवीना के और एकदम टाईट भी, मैंने निपल्स को पिंच किया तो उसने मोअन कर दिया. मैंने उसके टॉप के अन्दर हाथ डाल दिया और वन बाय वन दोनों बूब्स को दबाने लगा!
दोस्तों चुदाई की यह कहानी आगे के भाग में हैं. दुसरे भाग को पढने के लिए क्लिक करे: नयी कामवाली नया काण्ड - [भाग 2]