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नमस्कार दोस्तों,

आज मैं आपकी प्रियांश की नशीली चुत की कहानी सुनाने जा रहा हूँ | प्रियांश मेरे बाजु वाले माकन की ही लड़की थी ओर कभी - कभार मेरे घर पर भी आ जाया करती थी | मुझे उसके पिलपिले स्तन को चूसने का बड़ा ही चस्का था और वो मुझे कभी भी भाव ना देती थी | दोस्तों उसकी चुत को याद करते करते तो अब मैं भी लंड हिला हिला कर बिलकुल हिल चूका था | मैं एक दिन अपने घर नशीली दवाई लायी जिसे मैं अब प्रियांश को खिलाने वाला था | जब मैं उसे घर पर किसी बहाने बुलाया तो वो मुझसे अपने गुलाबी होठों को फेरते हुए बात करनी लगी | कुछ देर बात मैं उससे कुछ इधर - उधर के सवाल जवाब करते हुए पानी मिला दिया जिसमें मैंने पहले से वो नशीली दवाई मिलायी हुई थी |

दवाई को पीते ही कुछ १० मिनट बाद प्रियांश की चेहरा मनो अब टेंशन में आ गया और वो हल्की - हल्की बेहोश सी होने लगी | उसके नशे में आते ही मैं उसके करीब गया और उसके स्तनों को पकड़ते हुए उसके रसीले होठों को चूसने लगा | मैंने कुछ देर में उसे अपने बिछोने पर लिटाते हुए उसके सारे कपड़े उतार दिए | मैं उसके गोरे अंगों को चुमते - चूसते हुए उसके चुचों को दबाने लगा साथ ही उसके चुचकों को अपनी जीभ से इतराने लगा | अब जब मैंने उसकी पैंटी को उतारा तो उसकी पूरी देई अकड गयी क्यूंकि उसका अंदरूनी तन भी अब जान चूका था की वो चुदने वाली वाली है | मैं अब उसकी चुत को अपनी हथेली से मसलते हुए उसकी चुत मेंजीभ डालने लगा |

अब जैसे ही कुछ देर बाद मैंने अपने ल्भीम्के लंड को निकला तो वो भी अब हलके - हलके होश में आने लगी |वो अपने पूरे बदन को मेरे सामने नंगे देख परेह्सान तो थी ही पर जब मेरी उँगलियों की उसकी चुत में आवाजाही पर मज़ा आने लगा था उसने भी अब मुझसे चुदने का फैसला कर ही लिया और मेरा कोई विरोध नहीं किया | अब जब वो भी गरम होने लगी तो मेरे सुपाडे पर ऊँगली फिराते हुई मुझे और उत्तेजित करने लगी | मैं भी और जोश में आते हुए अपने सुपाडे को उसकी चुत में डालते हुए जोर का धक्का जिसपर उसकी चींख निकल पड़ी पर उसकी चुत में मेरा पूरा लंड जा चूका था | वो अब दर्द के मारे चींख रही थी पर मैं उसकी गुलाबी चुत को चीर देना चाहता था | मैंने उसके चुचों को भींचना भी ज़ारी रखा जिससे वो फिर से मेरे काबू में आते हुए नज़र आने लगी |

कुछ ही देर में जब मेरी रफ़्तार भी काफी तेज हो चली तो उसने भी अपनी चुत की फांकों को मसलते हुए अपनी गांड को मेरे लंड पर उछालना शुर कर दिया | हम एक दूसरे में खोये ही हुए थे के मेरे लंड ने जवाब दे दिया और बदले में उसकी चुत को अपने गाढे पीले वीर्ये से गीला कर दिया | वो अपनी चुत के उप्पर मेरे मुठ पर ही उंगलियां फिराती रही और मैं चुस्त होकर उसकी चुदाई की दूसरी पारी का इन्तेज़ार करने लगा |
 
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