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मेरे दोस्तों, मेरी मेरी रियल कहानी ५ साल पहले की है, जब मैं १८ साल का था. मेरी चाची मेरे से बहुत मजाक करती थी. चाची को २ बच्चे है. उसके घर में टोटल चार आदमी रहते थे. २ बच्चे और चाचा और चाची. ये उन दिन की बात है, जब मेरा चाचा दोनों बच्चो को लेकर किसी रिश्तेदार के यहाँ शादी में गया हुआ था. मैं उसे रास्ते से गुजर रहा था. तो चाची ने मुझे बुलाया और बोला - बेटा किधर जा रहा है? शाम का ५ बज रहा था. मैंने बोला - यहीं कुछ काम से जा रहा हु. चाची बोली - बेटा मिठाई खायेगा, तो आजा. मैं उसके घर में गया, तो उसने मुझे बैठाकर ४ मिठाई दी और साथ में १ ग्लास दूध भी दिया. मैं खा रहा था, कि बारिश होने लगी. बारिश बहुत तेजी से होने लगी, तो मैंने घर जाने के लिए बोला.

चाची बोली - बहुत बारिश है बेटा, रुक जा थोड़ी देर. मैं खाना बनाती हु. खाके निकल जाना. और अगर बारिश नहीं रुकी, तो यहीं सो जाना. मैंने भी बात को मान लिया. जब हम लोग खाना खा चुके, तो चाची फिर से मिठाई के २ टुकड़े लेकर आई. मैंने कहा - दूध किधर है? तो चाची हँसते हुए बोली, मेरी चूची में है; मुह लगाकर पीले. इतना बोलकर चाची चली गयी. तब हम लोग सोने के लिए बेड पर आ गये. चाची बोली - हम लोग साथ में ही सो जाते है. मेरी समझ में नहीं आ रहा था, कि चाची का इरादा क्या है? पहले उसने मुझे कहा - मेरी चूची से दूध पी ले और अब साथ में सोने के लिए कह रही है.

हम दोनों सो गये. थोड़ी देर बाद, मुझे अहसास हुआ. कि मेरी पीठ में कुछ स्पोंज की तरह चुभ रहा है. मैंने देखा, कि चाची ने अपने दोनों चुचे मेरी पीठ में सटा रखे थे और सोयी हुई थी. मैं चूची से दूर होने के लिए थोड़ा सा हटने की कोशिश की, तो चाची ने फिर से अपनी चुचियो को मुझसे सटा लिया. मैंने फिर देखा, कि चाची ने अपने ब्लाउज के बटन खोलकर चुचियो को बाहर निकाल दिया और बोली - दूध नहीं पिएगा? मैं बोला - किधर है दूध? वो बोली - ये ले पी ले, नहीं तो नीद नहीं आएगी. मैंने भी उसकी चूची को अपने मुह से लगा लिया. चाची बोली - बेटा, एक से दूध पी और दूसरी को पकड़कर दबा. चाची बोली - उसे चुसो. उसमे से तभी दूध बाहर आएगा. मैंने भी एक चूची को चुसना शुरू कर दिया और दुसरे को दबाने लगा. तब मैंने देखा, कि चाची मेरे लंड को हाथ में पकड़ रही थी. मैंने कहा - चाची, ये क्या कर रही हो. चाची बोली - तू आराम से दूध पी. मैं सब दिखाती हु. चाची का चूची बहुत मस्त था. बहुत मज़ा आ रहा था मुझे. फिर, मेरा लंड खड़ा हो गया, तो चाची बोली - बेटा, खाली तू ही पिएगा, मुझे नहीं पीने देगा. मैं बोला - मेरे पास तो दूध नहीं है. तो वो बोली - आज मैं तेरे लंड का दूध पीउंगी, मेरे राजा.

चाची ने मेरे लंड को अपने मुह में डालकर गपागप अन्दर गले तक ले लिया. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मैंने चाची से कहा - बहुत मज़ा आ रहा है. चाची बोली - बेटा, मज़ा तो अब आएगा. फिर चाची ने अपने कपड़े खोल दिए और बोली - एक काम कर तू. अपने लंड को मेरी चूत में घुसा दे. मैंने देखा, कि चाची की चूत में से पानी आ रहा था. मैं बोला - चाची इधर से पानी आ रहा है. चाची बोली - तू डाल दे बेटा. तेरा भी पानी निकलेगा. फिर मैंने चूत में अपना लंड पेल दिया. इतना गरम था, तो मैं घबरा गया. मैंने फटाक से बाहर निकाल लिया. चाची बोली - बेटा, क्या हुआ? मैंने कहा - चाची, अन्दर बहुत गरम है. बेटा तो इसे ठंडा कर दे. मैंने पुछा - कैसे ठंडा होगा? फिर चाची ने मेरा लंड पकड़कर अपनी चूत में डाला और मेरी कमर को पकड़कर जोर से हिलाया. मुझे बहुत मज़ा आया. अब मैं ही अन्दर - बाहर करने लगा. चाची सिसकिया भरने लगी थी और बोली - बेटा और जोर से पेल दे. आज सारी अकड़ निकाल दे. मैं भी दोनों चूची पकड़ कर चूत में लंड डालकर चाची के ऊपर मज़ा ले रहा था.

लेकिन, मेरी चाची का चूची बहुत मस्त था. गोल - गोल. बाद में, जब भी मौका मिलता, तो चाची बोलती थी, बेटा मिठाई और दूध नहीं खायेगा? तो मैं समझ जाता था और जाकर चाची को चोदता था. पहले मैं चाची के मुह में और चूत में ही चोदता था और अब उनकी गांड में भी चोदता हु. अब उस दिन चाची नीचे झुक गयी और मुझे पीछे से आकर उनकी चूत में लंड डालने को बोला. फिर उन्होंने बोला - कि मेरी चूची को भी पकड़ ले और अपने लंड को पूरा अन्दर घुसा दे. मैंने भी उनकी बात मानी और उनके पीछे आ गया और अपने लंड को उनकी चूत में पेल गया और फिर मैंने भी दनादन झटके देना शुरू कर दिया. कुछ १० मिनट की चुदाई के बाद, जब मेरा वीर्य निकलने वाला था, तब चाची ने नीचे झुककर लंड को अपने मुह में ले लिया और उसने मेरा लंड जोर से चूसकर सारा वीर्य अपने मुह में ले लिया. वीर्य की कुछ बुँदे उसने अपनी चूची पर भी लगा ली और उसको मल लिया. ये थी चाची के साथ मेरी पहली चुदाई की दास्ताँ.

उसके बाद तो मैंने कई बार, चाची की चूत और उसके चुचे चोदे है. अभी भी मेरी चाची का फिगर उतना ही सेक्सी है. मैं जा भी चूची में चोदता हु, तो चाची मेरा सारा माल पी जाती है. वो बोलती है, बेटा ये रस को फेंकना नहीं. माल पीने के बाद, वो मेरा लंड चूसती रहती है और कई बार, चूत में नहीं झड़ने देती है. वो बोलती है, मुझे तेरा माल पीना है. चूत में नहीं झड़ना. पिछले दिन जब मैं गया था, तो चाची किचन में खाना बना रही थी. तो वो बोली - बेटा इधर ही आजा. मैं किचन में गया, तो फटाक से मेरे लंड को मुह में लेकर चूसने लगी और बोली - बेटा, जल्दी से माल मेरे मुह में भर दे. मैंने भी पूरा माल उनके मुह में भर दिया. फिर वो नार्मल खाना बनाने लगी. सच में, ये चाची ने मुझे चूची और चूत का दीवाना बना दिया.
 
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