पत्नी इशारे समझ जाती और चूत दे देती

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Antarvasna, hindi sex kahani: लंबे अरसे बाद मेरी और गौतम की मुलाकात हुई गौतम उस दिन मेरे घर पर आया हुआ था मैंने उसे अपने घर पर आने के लिए कहा था। हम दोनों शादी के करीब 5 वर्षों बाद मिल रहे थे गौतम अब हैदराबाद में रहता है और वह मुझसे मिलने के लिए पुणे आया हुआ था उसकी पत्नी भी उसके साथ आई हुई थी। इतने लंबे अरसे बाद मेरी और गौतम की मुलाकात हुई तो मुझे काफी अच्छा लगा हम दोनों साथ में बैठे हुए थे और अपनी शादीशुदा जिंदगी के बारे में बातें कर रहे थे। मेरी पत्नी सुहानी और गौतम की पत्नी मीनाक्षी खाना बना रहे थे हम लोग साथ में बैठे हुए थे और एक दूसरे से बातें कर रहे थे मुझे गौतम से बात कर के अच्छा लग रहा था। मैंने गौतम से कहा कि तुमने कुछ समय पहले ही अपना बिजनेस शुरू किया था तुम्हारा बिजनेस कैसा चल रहा है। वह मुझे कहने लगा कि मेरा बिजनेस तो अच्छा चल रहा है लेकिन तुम यह बताओ कि तुम कैसे हो और तुम्हारे जीवन में सब कुछ ठीक चल रहा है।

मैंने गौतम को कहा मेरे जीवन में तो सब कुछ ठीक चल रहा है मैं अपनी शादीशुदा जिंदगी से भी बहुत खुश हूं और पिछले साल ही मैंने नौकरी छोड़कर अपनी दुकान का काम करवा लिया था इसलिए अब मैं अपनी दुकान का काम संभाल रहा हूं और मेरा काम अच्छे से चल रहा है तो मैं इस बात से बहुत खुश हूं। गौतम और मैं बात कर रहे थे तो सुहानी कमरे में आई और कहने लगी कि चलिये आप लोग खाना खा लीजिए खाना तैयार हो चुका है। बच्चे सब रूम में शरारत कर रहे थे मैंने सुहानी को कहा कि तुम बच्चों को भी बुला लो। हम सब लोगों ने साथ में डिनर किया गौतम हमारे घर पर करीब तीन दिन तक रुका और उसके बाद वह हैदराबाद चला गया। गौतम ने मुझे कहा कि जब तुम हैदराबाद आओ तो मुझे जरूर बताना मैंने गौतम को कहा कि तुम तो जानते ही हो कि मुझे समय बिल्कुल भी नहीं मिल पाता है लेकिन फिर भी मैं कोशिश करूंगा कि मैं अहमदाबाद आ जाऊं और तुम से हैदराबाद आकर मैं जरूर मुलाकात करूंगा। गौतम और मैं एक दूसरे से फोन पर ही बातें किया करते थे मुझे भी हैदराबाद जाने का कभी मौका नहीं मिल पाया था लेकिन एक दिन मेरे मामा जी ने मुझे हैदराबाद बुला लिया और उन्होंने कहा कि बेटा तुम्हें और तुम्हारी पत्नी सुहानी को हैदराबाद आना है।

मैं हैदराबाद मामा जी के घर पर गया उनकी बेटी की शादी थी इसलिए मेरा वहां जाना जरूरी था वह लोग हैदराबाद में ही आप रहते हैं। जब मैं हैदराबाद गया तो मैंने गौतम को कहा कि मैं तुमसे मुलाकात करूँगा गौतम और मैं एक दूसरे से मिले तो हम दोनों को काफी अच्छा लगा इतने समय बाद हम लोग एक दूसरे से मिले तो गौतम मुझे कहने लगा चलो कम से कम तुम इस बहाने हैदराबाद तो आए। मैंने गौतम से कहा यह भी बड़ा अजीब इत्तेफाक है कि मामा जी अब हैदराबाद में रहते हैं और वह हैदराबाद में ही जॉब करते हैं। मामा जी की लड़की अंकिता को हैदराबाद में ही एक लड़का पसंद आ गया था और उन लोगों ने शादी करने का फैसला कर लिया अब उन दोनों की शादी हो चुकी थी। मैं कुछ दिनों तक हैदराबाद में रुका गौतम ने मुझे कहा कि तुम्हें मेरे घर पर भी रुकना पड़ेगा तो मैं और सुहानी गौतम के घर पर रुके और बच्चे भी हमारे साथ ही थे हम लोग गौतम के घर पर दो दिन तक रुके और फिर उसके बाद हम लोग वापस पुणे आ गए। हम लोग पुणे वापस लौट चुके थे और मैं अपने काम पर ध्यान देने लगा मेरी जिंदगी बिल्कुल ही सामान्य तरीके से बीत रही थी मेरी जिंदगी में कुछ भी नयापन नहीं था मैं सुबह अपने काम पर जाता और शाम को अपने घर लौट आता। सुहानी भी मुझे कहने लगी कि तुम काफी ज्यादा काम में बिजी रहते हो अब मेरे लिए तुम्हारे पास बिल्कुल भी समय नहीं होता है मैंने सुहानी को कहा ऐसा नहीं है अब मुझे काम तो करना ही है। सुहानी मुझे कहने लगी कि कितना समय हो गया हैं हम लोग कहीं फैमिली आउटिंग पर भी तो बाहर नहीं गए हैं। सुहानी मुझे कहने लगी कि चलो आज हम लोग कहीं फैमिली आउटिंग पर बाहर चलते हैं तो मैंने भी सुहानी को कहा ठीक है आज हम लोग कहीं बाहर चलते हैं। उस दिन मुझे सुहानी की बात माननी पड़ी मैं उस दिन दुकान से घर जल्दी आ गया था इसलिए हम लोग मूवी देखने के लिए चले गए बच्चे भी साथ में ही थे और हम लोगों ने बाहर ही डिनर किया।

घर पहुंचते हुए हम लोगों को करीब 12:00 बज चुके थे जब हम लोग घर पहुंचे तो मैं और सुहानी एक दूसरे से बातें कर रहे थे मैंने सुहानी को कहा अब तो तुम खुश हो मैं तुम्हें आज बाहर लेकर गया। सुहानी मुझे कहने लगी अब आप काफी बोरिंग हो चुके हो शादी के इतने सालों बाद तुम बदलने लगे हो। सुहानी और मैं एक दूसरे को उस वक्त मिले थे जब हम लोग अपने किसी फ्रेंड की पार्टी में गए थे और मुझे सुहानी वहां बहुत पसंद आई तो मैंने सुहानी को अपने दिल की बात कह दी थी। सुहानी मेरी बात को मना ना कर सकी और हम दोनों में प्यार हो गया हम दोनों का प्यार परवान चढ़ने लगा था। मुझे तो सुहानी का साथ पाकर बहुत ही अच्छा लग रहा था क्योंकि सुहानी मेरी हर एक बात माना करती और वह मेरे जीवन में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। मैं बहुत ही ज्यादा खुश था कि सुहानी और मैं एक दूसरे के साथ शादी कर पाए और सुहानी जिस प्रकार से घर को मैनेज कर रही है उससे घर में सब कुछ अच्छे से चल रहा था। सुहानी बच्चों को भी देखती और घर की देखभाल बड़े अच्छे से कर रही थी तो मैं इस बात से बड़ा ही खुश था। एक दिन मैं और सुहानी साथ में बैठे हुए बातें कर रहे थे उस दिन मैं दुकान से जल्दी घर लौट आया था तो मैं सुहानी से बात कर रहा था।

सुहानी मुझे कहने लगी कि कुछ दिनों के लिए मम्मी पापा हमसे मिलने के लिए आने वाले हैं मैंने सुहानी को कहा यह तो बड़ी अच्छी बात है। सुहानी के पापा भी अब रिटायर हो चुके हैं और वह लोग कुछ दिनों के लिए हमारे पास आना चाहते थे। मेरे माता-पिता का देहांत हो जाने के बाद वह लोग ही मुझे काफी समझाया करते है और काफी सपोर्ट भी करते है। उस दिन मैं और सुहानी साथ में बैठे हुए थे और एक दूसरे से बातें कर रहे थे सुहानी को देखकर मुझे अच्छा लग रहा था। सुहानी भी मुझसे बातें कर के बड़ी खुशी हो रही थी मैंने सुहानी से कहा आज तुम्हारे चेहरे पर बड़ी खुशी नजर आ रही है। वह मुझे कहने लगी रोहन तुम तो जानते ही हो मैं पापा मम्मी के आने से कितनी ज्यादा खुश हूं। मैंने सुहानी का हाथ पकड़ा और सुहानी से कहा कितने दिन हो गए हैं हम दोनों ने एक दूसरे को अच्छे से प्यार भी नहीं किया है। वह समझ चुकी थी मुझे उससे क्या चाहिए। सुहानी ने मेरे हाथों को पकड़कर मुझे कहा चलो रूम में चलते हैं। हम दोनों अब रूम में चले आए हम दोनों रूम में आ गए उसके बाद जब सुहानी ने अपने कपड़े खोलने शुरू किए तो उसका बदन आज भी पहले की तरह ही है वह अपने आपको काफी अच्छी तरीके से मेंटेन किया हुए हैं। मैंने भी अपने लंड को बाहर निकाला और सुहानी ने उसे देखते ही अपने मुंह में समा लिया जब उसने अपने मुंह के अंदर मेरे लंड को लेकर चूसना शुरू किया तो मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लगने लगा और सुहानी को भी बड़ा अच्छा लगने लगा था। सुहानी के अंदर की गर्मी बढ़ती ही जा रही थी। उसने मेरे लंड से पानी निकाल दिया था वह मेरे अंदर की उत्तेजना पूरी तरीके से बढा चुकी थी मैं बिल्कुल भी रह नहीं पया और सुहानी मुझे कहने लगी मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा है।

मैंने सुहानी को कहा मुझसे बिल्कुल रहा नहीं जा रहा है जैसे ही मैंने सुहानी के स्तनों को चूस कर उसके निप्पलो को खड़ा करना शुरू किया तो वह मुझे कहने लगी अब मुझे और भी ज्यादा मजा आने लगा है। सुहानी और मै उत्तेजित होने लगे थे मैंने अपने मोटे लंड को सुहानी की योनि पर लगाकर अंदर की तरफ धकेलना शुरू किया तो वह जोर से चिल्लाई। वह मुझे कहने लगी मेरी चूत फट चुकी है मैंने उसे कहा अब मुझे मजा आने लगा है वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ज्यादा मजा आने लगा है मैंने उसकी योनि के अंदर लंड को डालना शुरू कर दिया था मै उसे बड़ी जोरदार तरीके से धक्के मार रहा था। मैं जब उसे धक्के मार रहा था तो वह बहुत जोर से चिल्लाती और मुझे कहती अब मुझे बड़ा मजा आने लगा है सुहानी मेरा साथ बड़े अच्छे से दे रही थी मैंने उसकी चूत को पूरी तरीके से फाड कर रख दिया था। सुहानी की चूत मे दर्द होने लगा था मुझे बड़ा अच्छा लगने लगा था।

मैंने सुहानी की चूत मे तो माल गिरा दिया था लेकिन उसने मेरे लंड को चूस कर दोबारा से खड़ा कर दिया। जब सुहानी ने मेरे लंड को चूस कर खड़ा कर दिया तो मैंने सुहानी की चूतडो को अपनी तरफ किया और उसकी चूत के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवा दिया। मेरा लंड सुहानी की चूत में जाते ही वह जोर से चिल्लाने लगी और कहने लगी मेरी चूत फट चुकी है मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। मै सुहानी को बड़ी तेजी से धक्के मारने लगा था वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। वह मेरा साथ दे रही थी सुहानी मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है। मैंने सुहानी को कहा मुझे भी बड़ा अच्छा लग रहा है सुहानी अपनी चूतड़ों को मुझसे टकराती तो मेरे अंदर की गर्मी को वह बढ़ा देती। 10 मिनट की चुदाई के बाद मेरा माल जैसे ही बाहर की तरफ को गिरा तो वह बहुत जोर से चिल्लाते हुए कहने लगी आज मजा आ गया।
 
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