पत्नी ने मेरा लंड चूसा

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Antarvasna, hindi sex kahani: मुझे मेरे दोस्त सूरज ने घर पर डिनर के लिए इनवाइट किया था और मैं उस दिन उसके घर पर डिनर के लिए चला गया मेरे साथ मेरी पत्नी गरिमा भी थी। गरिमा और मैं उस दिन सूरज के घर पर डिनर के लिए गए यह पहली बार था जब सूरज ने मुझे अपने घर पर डिनर के लिए इनवाइट किया था। सूरज की शादी को अभी ज्यादा समय नहीं हुआ था उसकी शादी को अभी सिर्फ दो महीने ही हुए थे और उस दिन हम सब लोगों ने साथ में डिनर किया और हम सब लोग बहुत ही खुश थे। सरिता से मिलकर गरिमा भी बहुत ज्यादा खुश थी सरिता गौरव की पत्नी का नाम है। डिनर करने के बाद हम लोग घर वापस लौट आए थे जब हम लोग घर लौटे तो कुछ देर तक मैंने और गरिमा ने एक दूसरे से बात की और फिर मैं सो गया।

अगले दिन मेरे ऑफिस की छुट्टी थी मैं सुबह जल्दी उठा तो मैं अखबार पढ़ने लगा। करीब 7:00 बज रहे थे मैंने गरिमा से कहा कि मैं अभी बाहर पार्क से टहल कर आता हूं और मैं अपने कॉलोनी के पार्क में चला गया वहां पर मैं टहलने लगा। थोड़ी देर बाद मैं घर वापस लौटा तो गरिमा मुझे कहने लगी कि गौरव मैंने आपके लिए नाश्ता बना दिया है आप नाश्ता कर लीजिए।

मैंने गरिमा से कहा कि ठीक है मैं नाश्ता कर लेता हूं। मैं नाश्ता करने लगा नाश्ता करने के बाद मैं और गरिमा साथ में बैठे हुए थे तभी डोर बेल बजी मैंने जैसे ही दरवाजा खोला तो सामने देखा की चाचा जी खड़े थे। मैं चाचा जी को देखकर बहुत ही खुश था काफी समय हो गया था जब चाचा जी से मुलाकात भी नहीं हो पाई थी लेकिन मुझे इस बात की बड़ी खुशी थी इतने लंबे समय बाद मैं चाचा जी से मिल पा रहा हूं। मैं चाचा जी को उस दिन मिला तो मुझे काफी अच्छा लगा और काफी समय तक हम दोनों साथ में बैठे रहे और एक दूसरे से बातें कर रहे थे।

कुछ देर बाद चाचा जी ने मुझे कहा कि बेटा मैं चलता हूं हम लोगों ने दोपहर का लंच साथ में ही किया और उसके बाद चाचा जी चले गए। मैं और गरिमा घर पर अकेले बोर हो रहे थे तो मैंने सोचा कि हम लोग कहीं घूम आते हैं। मैंने गरिमा को कहा कि चलो हम लोग कहीं घूम आते हैं तो गरिमा कहने लगी कि ठीक है। उस दिन हम लोग शाम के वक्त मूवी देखने के लिए चले गए हम लोग जब मूवी देखने के लिए गए तो हम दोनों ने साथ में काफी अच्छा टाइम बिताया और फिर हम लोग घर लौट आए थे। जब हम लोग घर लौटे तो उस वक्त अंधेरा हो गया था इसलिए मैंने गरिमा से कहा कि मैं खाना बाहर से ही आर्डर करवा देता हूं। मैंने खाना उस दिन बाहर से ही आर्डर करवा दिया और खाना खाने के बाद मैं लेट चुका था और मुझे बहुत गहरी नींद आ गई।

अगले दिन जब सुबह मैं उठा तो मैं जल्दी से अपने ऑफिस के लिए तैयार हुआ और अपने ऑफिस के लिए निकल पड़ा। मैं जब ऑफिस पहुंचा तो सूरज भी उस दिन ऑफिस पहुंच गया था और वह मुझे कहने लगा कि गौरव मैं कुछ दिनों के लिए पापा मम्मी के पास लखनऊ जा रहा हूं। मैंने सूरज को कहा कि लेकिन तुम वहां से वापस कब लौटोगे तो वह मुझे कहने लगा मैं एक हफ्ते में वहां से लौट आऊंगा। कुछ दिनों के बाद सूरज अपने घर लखनऊ चला गया लखनऊ में सूरज के माता पिता रहते हैं और सूरज के साथ उसकी पत्नी सरिता भी गई हुई थी। जब वह लोग वापस लौटे तो मैंने भी एक दिन गरिमा से कहा कि हम लोग सूरज और सरिता को घर पर डिनर के लिए इनवाइट करते है।

वह मुझे कहने लगी कि गौरव अभी आप रहने दीजिए क्योंकि मैं कल पापा मम्मी से मिलने के लिए जा रही हूं आप सूरज और सरिता को दो दिन बाद आने के लिए कहिएगा मैंने गरिमा से कहा ठीक है। गरिमा अब दो दिनों के लिए पापा मम्मी के पास चली गई और वह जब पापा मम्मी के पास गई तो मेरी उससे सिर्फ फोन पर ही बातें हो रही थी। जब वह वापस लौट आई तो उसके बाद मैं एक दिन सूरज के साथ ऑफिस में बैठा हुआ था उस वक्त लंच टाइम था तो मैं सूरज से बातें करने लगा और मैंने सूरज को घर पर आने के लिए कहा तो वह लोग घर पर आ गए। उस दिन उन लोगों ने हमारे साथ डिनर किया मुझे काफी अच्छा लगा जब सूरज और सरिता घर पर आए हुए थे।

सूरज और मेरी दोस्ती काफी अच्छी है और जब भी उसे मेरी जरूरत होती है तो मैं हमेशा ही उसकी मदद करता हूं। एक बार सूरज को मेरी जरूरत थी उस दिन उसने मुझे कहा कि मुझे कुछ पैसों की आवश्यकता है तो मैंने सूरज से कहा कि अगर तुम्हें पैसों की आवश्यकता है तो मैं तुम्हें पैसे दे देता हूं। मैंने सूरज की पैसों से मदद की और जब भी मुझे मदद की आवश्यकता होती तो मैं सूरज से कह दिया करता हूं वह मेरी मदद अवश्य कर दिया करता है। हम दोनों की दोस्ती बहुत ज्यादा गहरी होती चली गई थी हम लोग एक दूसरे के घर पर अक्सर आते जाते रहते थे। जब भी सरिता और सूरज हमारे घर पर आते तो हम दोनों को काफी अच्छा लगता।

एक दिन मैं घर पर था तो उस दिन पापा और मम्मी आए हुए थे पापा और मम्मी दिल्ली में रहते हैं और वह लोग कुछ दिनों के लिए हमारे पास आए हुए थे तो मैं काफी खुश था। मैंने पापा मम्मी को कई बार कहा कि वह हमारे साथ रहे लेकिन वह लोग बड़े भैया के साथ ही रहते हैं और उन्हें उनके साथ रहना ही अच्छा लगता है। वह लोग कुछ दिन हमारे साथ रहे जिससे हमें काफी खुशी हुई और फिर थोड़े समय बाद वह लोग वापस चले गए। पापा और मम्मी भी घर जा चुके थे। एक दिन गरिमा और मैं साथ में बैठे हुए थे उस दिन मेरा सेक्स करने का मन बहुत ज्यादा हो रहा था। मैंने गरिमा के हाथ को पकड़ते हुए अपनी और खींचा तो वह मेरी बाहों में आ गई और कहने लगी लगता है आज आप ज्यादा मूड मे नजर आ रहे हैं। मैंने गरिमा को कहा हां मैं आज कुछ ज्यादा ही रोमांटिक मूड में हूं मुझे तुम्हारे साथ सेक्स करना है। गरिमा कहने लगी आपको मेरे साथ सेक्स करना है तो आप कर लीजिए।

मैंने गरिमा से उसके कपड़े उतारने के लिए कहा तो उसने अपने कपड़े उतार लिए और मेरी गोद में आकर बैठी तो मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया। मेरा लंड बहुत ही ज्यादा कठोर हो चुका था मैंने गरिमा को कहा मैं तुम्हारी चूत में अपने लंड को डालना चाहता हूं। गरिमा कहने लगी पहले आप अपने कपड़े उतार लीजिए मैंने अपने कपड़े उतारे तो गरिमा ने मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर उसे चूसना शुरू कर दिया वह मेरे मोटे लंड को बड़े ही अच्छे तरीके से चूस रही थी और मुझे बड़ा मजा आ रहा था जिस तरीके से वह मेरे मोटे लंड को अपने मुंह के अंदर बाहर कर रही थी। वह मेरी गर्मी को बढाए जा रही थी।

उसने मेरी गर्मी को बहुत ज्यादा बढ़ा दिया था अब मैंने उसे कहा मैं तुम्हारी चूत मे लंड को डालना चाहता हूं। मैं गरिमा के स्तनों के साथ खेल रहा था उसके स्तनों को चूसने के दौरान वह बहुत ज्यादा गर्म हो गई थी और मुझे कहने लगी मेरी गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ चुकी है। वह अब इतनी अधिक गर्म हो चुकी थी वह बिल्कुल भी नहीं पा रही थी। मैंने गरिमा से कहा मैं तुम्हारी चूत में अपने लंड को घुसा देता हूं। मैंने गरिमा की योनि में अपने लंड को घुसा दिया उसकी चूत के अंदर मेरा लंड जाते ही वह बहुत जोर से चिल्लाने लगी और कहने लगी आपका लंड मुझे बहुत मोटा महसूस हो रहा है। मैंने गरिमा को कहा मैं तुम्हें बस अच्छे से चोदना चाहता हूं और तुम्हारी चूत के मजे लेना चाहता हूं। गरिमा कहने लगी तुम मुझे तेजी से चोदते जाओ। मैं गरिमा को बड़ी तेज गति से धक्के मार रहा था और जिस तरीके से मैंने उसे धक्के मार रहा था उससे वह बहुत ही ज्यादा मजे में आ गई और मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है। वह अपने पैरों से मुझे जकड़ने की कोशिश करने लगी थी।

मैं गरिमा को तेज गति से धक्के मारे जा रहा था जिस तरीके से मैं गरिमा को चोद रहा था उस से मै पूरी तरीके से मजे में आने लगा था। वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा है अब हम दोनों बहुत ज्यादा मजे में आ चुके थे मेरा लंड गरिमा की चूत के अंदर बाहर हो रहा था जिस तरीके से मेरा मोटा लंड गरिमा की योनि के अंदर बाहर होता उससे मुझे मज़ा आ रहा था और गरिमा को भी बड़ा मजा आ रहा था।

हम दोनों एक दूसरे के साथ में बहुत ही अच्छे से सेक्स संबंध बना रहे थे जब मैं गरिमा की चूत के अंदर अपने लंड को डालता तो वह खुश हो रही थी मुझे वह कहने लगी मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा है। अब हम दोनों बहुत ज्यादा खुश हो चुके थे मेरा माल भी मेरे लंड से बाहर की तरफ आने के लिए तैयार था जैसे ही मेरा माल गरिमा की चूत में गिरा तो वह खुश हो गई और कहने लगी आज तो मजा ही आ गया। मुझे भी बहुत ज्यादा मजा आ गया था जिस तरीके से मैंने गरिमा की चूत मारी थी।

मैंने गरिमा से कहा तुम मेरे लंड को चूसती रहो। वह मेरे लंड को सकिंग करने लगी थी और उसने मेरे लंड को तब तक चूसा जब तक मेरे लंड से मेरा वीर्य बाहर नहीं आ गया मेरा वीर्य को उसने बाहर निकाल लिया था। मैं बड़ा खुश था जिस तरीके से गरिमा और मैंने साथ में सेक्स के मजे लिए थे। अब हम दोनों एक दूसरे की बाहों में थे मैं गरिमा को कहने लगा तुम्हारे साथ सेक्स करने में बड़ा मजा आता है।
 
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