पहली रात चूत का जलवा

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Antarvasna, hindi sex story: कॉलेज का पहला दिन था जब मैं उस दिन आशा से मिला तो मैं काफी ज्यादा खुश था आशा और मेरी पहली बार ही मुलाकात हुई थी। मुझे आशा के साथ बहुत ही अच्छा लगा मुझे ऐसा लग रहा था जैसे कि मैं आशा से सिर्फ बातें ही करता जाऊं, आशा से बात करना मुझे बहुत ही अच्छे लग रहा था और मैंने आशा से काफी देर तक बात की। अगले दिन आशा कॉलेज नहीं आई जब वह कॉलेज नहीं आई तो मुझे कुछ अच्छा नही लग रहा था, मेरे पास आशा का नंबर भी नहीं था तो मैं सोच रहा था कि उसे किस प्रकार से मैं संपर्क करूं। कुछ दिनों तक आशा कॉलेज नहीं आई, आशा जब तीन दिन बाद कॉलेज आई तो मैंने आशा से पूछा तुम कॉलेज क्यों नहीं आ रही थी तो उसने मुझे बताया कि मेरी तबीयत ठीक नहीं थी इसलिए मैं कॉलेज नहीं आ पा रही थी। मैंने आशा को कहा तुम मुझे अपना नंबर दे दो तो आशा ने मुझे तुरंत ही अपना मोबाइल नंबर दे दिया। आशा का नंबर मेरे पास आ चुका था और हम दोनों शाम के वक्त भी एक दूसरे से फोन पर बातें करने लगे थे।

मुझे यह बात उस वक्त भी पता नहीं चली कि मैं आशा से प्यार करने लगा हूं मुझे इस बात का उस वक्त एहसास हुआ जब आशा का एक्सीडेंट उसकी स्कूटी से हुआ और उसे काफी चोट आई थी। आशा घर पर ही थी और मैं आशा को मिलने के लिए गया तो मैंने देखा कि आशा को काफी ज्यादा चोट आई हुई थी। मुझे उस वक्त एहसास हुआ कि मैं आशा से प्यार करने लगा हूं और आशा भी मुझसे प्यार करने लगी थी। आशा कुछ समय बाद ठीक हो गई थी और हम दोनों का रिलेशन अब चलने लगा था। मैंने आशा को प्रपोज किया तो आशा भी मेरे प्रपोज को मना ना कर सकी और हम दोनों का रिलेशन चलने लगा था। हम दोनों बहुत ज्यादा खुश थे कि हम दोनों एक दूसरे के साथ प्यार करने लगे हैं और हम दोनों का प्यार दिन ब दिन बढ़ने लगा था समय बीतने के साथ ही हम दोनों का कॉलेज पूरा हो गया था। कॉलेज पूरा हो जाने के बाद हम दोनों ही अपने फ्यूचर को लेकर चिंतित थे लेकिन जल्द ही हम दोनों की नौकरी लग गई और हम दोनों की नौकरी लग जाने के बाद हम दोनों एक दूसरे को अक्सर मिलने लगे थे। हम दोनों की जॉब मुंबई में ही थी इसलिए हम दोनों एक दूसरे को हर रोज अपना ऑफिस खत्म हो जाने के बाद मिला करते थे।

जब भी मैं आशा को मिलता था तो मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लगता और आशा को भी काफी ज्यादा अच्छा लगता था वह मेरे साथ काफी अच्छा समय बिताया करती थी हम दोनो एक दूसरे के साथ बहुत ही अच्छा समय बिताया करते थे। एक दिन आशा ने मुझे कहा कि उसके परिवार वाले उसके लिए लड़का ढूंढ रहे हैं तो मैंने आशा से कहा कि क्या तुमने मेरे बारे में अभी तक अपने फैमिली वालों को नहीं बताया। आशा ने मुझे कहा नहीं मैंने अभी तक तुम्हारे बारे में अपने घर पर नहीं बताया है और मेरे अंदर इतनी हिम्मत नहीं है कि मैं अपने परिवार वालों से तुम्हारे बारे में बात करूं तुम्हें इस बारे में कुछ सोचना पड़ेगा और जल्द से जल्द तुम्हें मम्मी से मिलना पड़ेगा। मैंने आशा को कहा ठीक है मैं भी कुछ सोचता हूं की कैसे तुम्हारे परिवार वालों से मुलाकात करूँ। मेरे लिए यह सब इतना आसान होने वाला नहीं था लेकिन समय के साथ साथ आशा और मेरे बीच का प्यार अब दिन ब दिन बढ़ता जा रहा था और हम दोनों एक दूसरे के बिना बिल्कुल भी रह नहीं पाते थे। आशा चाहती थी कि वह मुझसे शादी कर ले और हम दोनों एक दूसरे से शादी करने के लिए तैयार हो चुके थे लेकिन जब मैं पहली बार आशा की फैमिली वालों से मिला तो मुझे काफी ज्यादा घबराहट हो रही थी। जब मैं आशा के पापा से मिला तो मुझे उन्होंने काफी समझाया और उस दिन हम दोनों के रिश्ते को उन लोगों की रजामंदी मिल चुकी थी और वह लोग मेरी फैमिली वालों से मिलना चाहते थे। मेरे पापा मम्मी भी आशा से मिले और सब लोगों को यह रिश्ता मंजूर था। हम दोनों चाहते थे कि हम दोनों अपनी शादी जयपुर में करें हम दोनों ने अपनी शादी का प्लान जयपुर में बनाया और जयपुर में ही हम दोनों की शादी हुई।

जयपुर में हमारी शादी बड़े ही धूमधाम से हुई और मेरे लिए शायद इससे बढ़कर कोई खुशी नहीं थी कि आशा मेरी पत्नी बन चुकी थी। आशा मेरे जीवन में आ चुकी थी और वह अब मेरी पत्नी बन चुकी थी मैं इस बात से बहुत ज्यादा खुश था। शादी होने के बाद हम लोग मुम्बई लौट आए और कुछ समय के लिए मैंने और आशा ने अपने ऑफिस से ब्रेक ले लिया था क्योंकि हम दोनों चाहते थे कि हम दोनों एक दूसरे के साथ अच्छा समय बिताये। मैंने सोचा कि क्यों ना हम लोग शादी के बाद कुछ दिनों के लिए कहीं घूम आए मैंने आशा से जब इस बारे में कहा तो आशा ने मुझे कहा कि वह दुबई जाना चाहती है तो मैंने आशा को कहा ठीक है हम लोग अपने हनीमून के लिए दुबई ही जाएंगे। हम दोनों शादी के बाद हनीमून के लिए दुबई चले गए, जब हम दोनों हनीमून के लिए दुबई गए तो हम दोनों काफी खुश थे और कुछ दिनों बाद हम लोग वापस मुंबई लौट आए थे। मुंबई लौटने के बाद मैं अपने काम में बिजी हो चुका था और आशा भी अपने काम पर पूरी तरीके से ध्यान दे रही थी। आशा काफी ज्यादा खुश थी की वह मेरे साथ रहती है और वह अपने काम पर भी पूरी तरीके से फोकस कर रही थी सब कुछ बहुत ही अच्छे से चल रहा था और हम दोनों की जिंदगी में खुशियां लौट आई थी।

आशा से शादी हो जाने के बाद मैं काफी ज्यादा खुश था। अब मैं अपने ऑफिस के काम के सिलसिले में अक्सर बाहर जाया करता। एक बार मैं अपने ऑफिस की ट्रिप से कोलकाता गया हुआ था कोलकाता जिस होटल में ठहरा हुआ था उसी होटल में एक महिला भी ठहरी हुई थी वह अपने पति के साथ आई हुई थी। उसकी नजरे कुछ ठीक नहीं थी वह मेरे रूम के बिल्कुल सामने वाले रूम में रूकी हुई थी। उसने मुझे अपना नंबर दे दिया रात को वह मुझे अपनी नंगी तस्वीरें भेजने लगी। रात के वक्त उसके पति सो चुके थे उसने मुझे अपने पास बुलाया। पहले मुझे कुछ ठीक नहीं लगा लेकिन फिर मैं उस महिला के पास चला गया। जब मैं उस महिला के रूम में गया तो मैंने उसे कहा तुम मेरे रूम में आ जाओ। वह मेरे रूम में आ गई जब वह मेरे रूम में आई तो वह मेरे सामने अपने कपड़े उतारने लगी। वह शराब के नशे में भी लग रही थी उसने मेरी पैंट की चैन को खोलते हुए मेरे लंड को बाहर निकाला और उसे हिलाना शुरू किया। वह मुझे कहने लगी तुम्हारा लंड बड़ा ही दमदार है। मैंने उसे कहा तुम मेरे मोटे लंड को अपने मुंह में ले लो। उसने तुरंत ही अपने मुंह को खोलते हुए मेरा मोटे लंड को अपने मुंह में समा लिया और उसे बड़े ही अच्छी से चूसने लगी। जब वह मेरे लंड को चूस रही थी तो मुझे मज़ा आ रहा था और उसे भी काफी मजा आने लगा था। वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा है उसने मेरे मोटे लंड को चूसकर उससे पूरी तरीके से गर्मी को बाहर निकाल दिया था। मैं समझ चुका था मैं बिल्कुल भी रह नहीं पाऊंगा। मैंने जैसे ही उसकी चूत के अंदर अपने लंड को डाला तो वह जोर से चिल्लाई। मैंने उसके दोनों पैरों को कस कर पकड़ा हुआ था मैं उसे बड़ी तेजी से धक्के मार रहा था। मुझे उसे धक्का मारने में मजा आ रहा था। वह बहुत ही मादक आवाज मे सिसकारिया ले रही थी और वह बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई थी। मैंने अब तक उस महिला का नाम नहीं पूछा था लेकिन चोदने के दौरान मैंने उसका नाम पूछा। उसने मुझे अपना नाम बताया उसका नाम लता है।

वह मेरा साथ दे रही थी उसने मुझे कहा तुम मुझे बस ऐसे ही धक्के मारते रहो। वह बहुत ज्यादा खुश थी मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधों पर रख लिया था। मैंने जब उसके दोनों पैरों को अपने कंधे पर रखकर उसे तेजी से चोदना शुरु किया तो वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा है। मैंने उसे कहा मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा है। मैं उसे ऐसे ही धक्के दिए जा रहा था। मैंने उसकी चूत के अंदर की गर्मी को पूरी तरीके से बढ़ा कर रख दिया था। वह बहुत ज्यादा खुश हो गई थी और मुझे कहने लगी मै तुम्हारे लंड की गर्मी को झेल नहीं पाऊंगी। मैंने उसे कहा मैं तुम्हारी चूत में अपने माल को गिरा रहा हूं और यह कहकर मैंने उसकी चूत के अंदर अपने माल को गिरा दिया। जब मेरा माल उसकी चूत के अंदर गिरा तो वह खुश हो गई और कहने लगी आज मुझे मजा आ गया।

मैंने उसे कहा मजा तो मुझे भी बहुत ज्यादा आ गया। अब ऐसा लग रहा है जैसे कि तुम्हें दोबारा से चोदू। मैंने दोबारा से उसकी योनि के अंदर अपने लंड को डाला और उसे बड़ी तेजी से धक्के मारने शुरू कर दिए। मैं बहुत तेज गति से उसे धक्के मार रहा था और मुझे बहुत ही ज्यादा आनंद आ रहा था।श जब मैं उसे चोद रहा था। वह बहुत ज्यादा खुश हो गई थी वह मुझे कहने लगी आज तुम्हारे साथ सेक्स कर के मजा आ गया ऐसा लग रहा है जैसे कि तुमने आज मुझे जन्नत की सैर करवा दी हो। मैंने उसे कहा मजे तो तुमने भी मुझे बहुत दिए। हम दोनों की इच्छा पूरी हो जाने के बाद वह अपने रूम में चली गई और मुझे लता की चूत मार कर बहुत ही अच्छा लगा। उसके बाद मैं अपने रूम में लेट चुका था मुझे बहुत गहरी नींद आ गई। उसके अगले दिन लता अपने पति के साथ वहां से जा चुकी थी लेकिन लता का जादू मेरे सर चढ़कर अब भी बोल रहा था।
 
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