पैरो को खोलकर चूत चुदाई का आंनद लिया

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Antarvasna, hindi sex stories: मैं छोटे शहर का रहने वाला हूं लेकिन जब मैं पहली बार दिल्ली आया तो दिल्ली की भागदौड़ भरी जिंदगी में मुझे एडजस्ट होने में काफी समय लगा लेकिन किसी तरीके से मैं दिल्ली की लाइफ में घुलने मिलने लगा और मैंने अब अपने दोस्त भी बना लिए थे। मैं अपने मामा जी के पास कुछ दिनों के लिए रहने आया था लेकिन मैंने अब नौकरी करने का फैसला कर लिया और मैं दिल्ली की एक कॉल सेंटर में काम करने लगा। वहां पर मुझे काम करते हुए करीब 6 महीने हो चुके थे 6 महीने बीत जाने के बाद मैंने अपने लिए अलग घर लेने का निर्णय किया। मैंने एक दिन मामा जी से इस बारे में बात की तो उन्होंने मुझे कहा कि सूरज बेटा तुम हमारे साथ रह लो लेकिन मैं अब अलग रहना चाहता था। उनके परिवार में उनके दो बच्चे हैं और मैं चाहता था कि मैं अब अलग रहूं इसलिए मैंने अपने लिए एक घर किराए पर देख लिया और वहां मैं रहने लगा शुरुआत में मुझे वहां पर कोई भी परेशानी नहीं हुई क्योंकि मेरा ऑफिस वहां से काफी नजदीक था लेकिन कुछ समय बाद ही मैंने अपने ऑफिस से रिजाइन दे दिया और उसके बाद मैंने एक नई कंपनी ज्वाइन की।

जब मैंने नई कंपनी ज्वाइन की तो मुझे वहां से घर खाली करना पड़ा और दूसरी जगह मैं घर ले चुका था। मेरे साथ ही मेरे ऑफिस में काम करने वाला सुबोध भी रहता था सुबोध कुछ समय तक मेरे साथ ही रहा लेकिन जब उसकी शादी तय हो गई तो उसने अपने लिए दूसरा घर ले लिया था और मैं अब अकेला ही रहता था। मैं जहां रहता था वहीं पड़ोस में एक लड़की रहती थी उसका नाम संजना है संजना भी वहां किराए पर रहती थी संजना को मै अक्सर देखा करता था। एक दिन संजना ऑफिस जा रही थी मैं भी उसके पीछे पीछे जा रहा था और जब उस दिन हम दोनों बस स्टॉप पर बस का इंतजार कर रहे थे तो मैंने संजना से बात की और उसे कहा कि क्या आप यहीं रहती हैं। उसने मुझे कहा कि हां मैं यही रहती हूं मैंने संजना से हाथ मिलाया और अपना परिचय दिया तो वह मुझे कहने लगी कि मैंने भी कई बार आपको यहां आते जाते हुए देखा है।

हम दोनों बात कर ही रहे थे कि बस आ गई और हम दोनों बस में चढ़ गए, बस में हम दोनों को बैठने के लिए सीट नहीं मिली इसलिए हम दोनों खड़े ही थे कंडक्टर हमारे पास आया तो मैंने संजना के टिकट के पैसे भी दे दिए थे। संजना ने मुझे कहा कि आपको पैसे नहीं देने चाहिए थे संजना मुझे अब पैसे लौटाने लगी लेकिन मैंने उसे कहा नहीं रहने दो अगली बार अगर हम दोनों साथ में आये तो तुम ही पैसे दे देना। वह मुझे कहने लगी ठीक है अगर अगली बार तुम मेरे साथ होगे तो मैं जरूर तुम्हारे पैसे दे दूंगी और उसके बाद संजना उतर गई मैं अपने ऑफिस के सामने के ही बस स्टॉप पर उतरा और अपने ऑफिस चला गया। मैं जब ऑफिस पहुंचा तो सुबोध मुझे कहने लगा कि सूरज क्या तुम कल मेरे घर पर आ सकते हो मैंने सुबोध को कहा लेकिन क्या कोई जरूरी काम है तो उसने मुझे बताया कि उसकी शादी की सालगिरह है और उसने घर पर कुछ लोगों को बुलाया है। मैंने उसको कहा ठीक है मैं कल तुम्हारे घर पर आ जाऊंगा और अब हम लोग ऑफिस का काम करने लगे दोपहर के वक्त हम लोगों ने हमारे ऑफिस के पास ही एक कैंटीन है वहां पर हम लोगों ने लंच किया और शाम के वक्त मैं घर लौट आया। उस दिन शाम को मुझे संजना दिखाई नहीं दी अगले दिन भी मुझे संजना दिखाई नहीं दी तो मेरे दिमाग में सिर्फ यही चल रहा था कि संजना दो दिनों से घर नहीं आई है उस दिन शाम के वक्त मैं सुबोध के घर चला गया। सुबोध के घर जब मैं गया तो उसकी शादी के एक वर्ष पूरे होने की खुशी में उसने अपने घर पर ही छोटा सा प्रोग्राम आयोजित किया था और उसके कुछ जान पहचान के लोग भी वहां पर आए हुए थे। अब मैं सुबोध के घर से ही खाना खाकर वापस लौटा तो मैंने देखा कि संजना भी घर लौट रही है मैंने संजना से बात की और कहा कि तुम इतनी रात को कहां से आ रही हो तो उसने मुझे बताया कि वह दो दिन से अपनी सहेली के घर ही रुकी थी इसलिए वह घर नहीं आ पाई। मैंने संजना को कहा हां मैंने तुम्हें पिछले दो दिनों से देखा नहीं था और मेरे पास तुम्हारा नंबर भी नहीं था इसलिए मैं तुमसे बात नहीं कर पाया मैंने संजना को कहा अगर तुम्हें कोई परेशानी नहीं है तो क्या तुम मुझे अपना नंबर दे सकती हो।

संजना ने मुझे अपना नंबर दे दिया और जब उसने मुझे अपना नंबर दिया तो उसके बाद एक दिन मैंने उसे मैसेज किया उसके मैसेज का भी मुझे रिप्लाई आया। हालांकि हम लोग फोन पर कभी बात नहीं कर पाए थे सिर्फ मैसेज पर ही हम लोगों की चैटिंग हुई अब संजना मुझे जब भी देखती तो वह मुझसे बात कर लिया करती। संजना के बारे में मुझे अब पता चलने लगा था कि उसकी पारिवारिक स्थिति ठीक नहीं है इसलिए उसे नौकरी करनी पड़ रही है संजना ने मुझे एक दिन बताया कि उसके पिताजी काफी ज्यादा बीमार रहते हैं जिस वजह से वह कुछ कर नहीं पाते जिसके कारण उनके घर की आर्थिक स्थिति काफी ज्यादा दयनीय हो चुकी है। एक दिन मैंने संजना को कहा कि क्या तुम मेरे साथ आज कॉफी पीने चल सकती हो तो संजना भी मेरे साथ कॉफी पीने के लिए आ गई और हम लोग एक कॉफी शॉप में बैठकर आपस में बात कर रहे थे मैंने कॉफी ऑर्डर की और कुछ देर बाद कॉफी आ गई। उस दिन संजना ने मुझे अपने भैया के बारे में बताया उसके भैया उनके साथ नहीं रहते वह अलग रहते हैं इसलिए सारी जिम्मेदारी संजना के कंधों पर ही आ गई है।

हम लोगों ने कॉफी खत्म की और उसके बाद हम लोग घर लौट आये। अब हम दोनों को एक दूसरे का साथ बहुत अच्छा लगने लगा था हम दोनों के बीच अच्छी दोस्ती हो गई थी। एक दिन संजना को मैंने अपने पास बुला लिया वह उस दिन जब मुझसे मिलने आई तो संजना ने मुझे अपने बारे में बताया और कहा वह एक कॉल गर्ल का काम भी करती है। यह सुनकर मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई मैंने कभी सोचा भी नहीं था लेकिन जब संजना ने बताया कि उसकी मजबूरी थी इसलिए उसे यह करना पड़ा। मैंने उसे कहा कोई बात नहीं संजना तुमने अपनी मजबूरी के कारण यह सब किया है तुम्हारी कोई गलती नहीं है लेकिन अब मैं संजना का साथ देना चाहता था। मैंने संजना की काफी मदद की जिससे कि वह मेरी तरफ आकर्षित हो गई जब भी वह घर पर आती तो वह मुझसे हमेशा कहती तुम बहुत ही अच्छे हो। एक दिन हम दोनों एक दूसरे को देखकर कुछ ज्यादा ही उत्तेजित होने लगे मैं अपने आपको रोक न सका मैंने उसके होंठों को चूमकर उसे अपनी बांहों में समा लिया। जब मैंने ऐसा किया तो वह बहुत ज्यादा उत्तेजित हो चुकी थी उसकी चूत से पानी निकल आया था वह मुझसे चूत मरवाने के लिए तैयार थी। मैंने संजना से कहा तुम अपने कपड़े उतार दो संजना ने अपने कपड़े उतार दिए जब उसने अपने कपड़े उतारे तो उसका सेक्सी और हॉट बदन मेरे सामने था। उसके बदन पर एक भी बाल नहीं था ऊपर से नीचे तक वह इतनी ज्यादा गोरी थी कि उसे देखकर में बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो उठा था। जब उसने मेरे लंड को अपने हाथों में लेकर ऊपर नीचे करना शुरू किया तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और वह भी बड़ी खुश हो गई थी। उसने मुझे कहा मुझे तुम्हारे मोटे लंड को अपने मुंह में लेना है उसने अपने मुंह को खोलो जब उसने अपने होठों से मेरे लंड को स्पर्श किया तो उसने लंड को अंदर तक समा लिया मुझे बहुत ही अच्छा लगा। जब उसने ऐसा किया तो मैंने उसे कहा संजना तुम बड़ी कमाल की हो वह जब मेरे लंड को चूसती तो मुझे और भी अच्छा लगता।

उसने मेरे लंड से पूरी तरीके से पानी बाहर निकाल लिया था काफी देर तक ऐसा करने के बाद जब उसने मुझे कहा तुम मेरे बदन को अपना बना लो। मैंने उसके स्तनों को चूसना शुरू किया मैंने उसकी योनि पर अपनी जीभ का स्पर्श किया जब उसकी चूत को मैं अच्छे से चाटने लगा तो उसकी चूत से इतना अधिक पानी बाहर की तरफ निकल आया था कि वह मुझे कहने लगी अब मैं अपने आप पर काबू नहीं कर पा रही हूं और मैं अपने आपको रोक नहीं पाऊंगी। मैंने अपने लंड पर तेल लगा लिया था और उसे पूरा चिकना बना लिया संजना ने भी मेरे इसमे मदद की थी उसने मेरे लंड को इतना चिकना बना दिया कि मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर लगाया।

वह बोली तुम अपने मोटे लंड को मेरी चूत के अंदर डाल दो मैंने धीरे-धीरे अब उसकी योनि के अंदर अपने लंड को डालना शुरू किया। जैसे ही मेरा लंड उसकी चूत के अंदर घुसा तो वह जोर से चिल्लाते हुए कहने लगी आज तो मजा आ गया। अब धीरे धीरे मेरी गति में भी बढ़ोतरी होने लगी थी तो वह मुझे कहने लगी तुम मुझे ऐसे ही धक्के देते रहो मैंने अपने पैरों को खोल रखा है। उसने अपने पैरों को खोल दिया था जिसके बाद मैं लगातार उसे चोद रहा था मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था। मैंने उसे इतनी तेजी से धक्के मारे कि वह बड़ी जोर से चिल्लाने लगी और मुझे कहने लगी मैं तुम्हारा साथ ऐसे ही देना चाहती हूं। मैं बहुत खुश था क्योंकि संजना मेरा साथ दे रही थी मैंने उसके पैरों को खोल लिया था वह सिसकियां ले रही थी। उसकी चूत से इतना पानी निकाल आया कि मैंने उसे कहा मुझे बहुत मजा आ रहा है। वह मेरा साथ बड़े अच्छे से देती कुछ देर की चूत चुदाई के बाद मेरा माल गिरा तो वह बहुत खुश थी। उसके बाद भी हम लोगों ने तीन बार सेक्स का और आनंद लिया।
 
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