प्यासी आंटी की भरी हुई जवानी

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Widha pyasi aunty ki chudai ki.

हेलो फ्रेंड्स, मैं रमेश हु और मैं इस सेक्स वेबसाइट का एक रेगुलर रीडर हु. मैं ओडिशा का रहने वाला हु और मुझे १८ से २५ साल की लडकिया बहुत पसंद है. मैं अपनी रियल स्टोरी पहली बार लिख रहा हु. इसलिए कोई मिस्टेक होने पर माफ़ करे. तो ये मेरी रियल लाइफ एक्सपीरियंस है, जो मैं लिख रहा हु. ये बात तब की है, जब मैं १७ साल का था और तब मेरा लंड ५.५ इंच का था. हमारे पड़ोस में एक विधवा और प्यासी आंटी रहती थी, को कि बहुत ही खुबसूरत थी. उनकी एक ७ साल की बेटी थी और अपने मामा के पास रहती थी. जब वो आंटी चलती, तब मैं उनके बूब्स और गांड देख कर बहुत गरम हो जाता था. उनकी बॉडी फिगर साइज़ ३६ - ३४ - ३८ होंगे. क्या मस्त माल थी यारो. एकदम होश उड़ाने वाली नजरो से देखती थी. मैं उनके घर अक्सर उनकी क्लेवेज देखने जाता था. मैं नज़रे छुपा कर उनकी नाइटी के अन्दर झांकता था. मैं तो उनके नाम की मुठ भी मारता था.

एक दिन मैं उनके घर गया, तो देखा कि आंटी घर पर नहीं थी. मैं लौटने ही वाला था, कि बाथरूम से इस प्यासी आंटी की सिस्कारियो की आवाज़े सुनाई दी. तो मैं कीहोल से देखा, कि आंटी चूत में ऊँगली कर रही थी. मैं उस नज़ारे के मज़े लेने लगा और अपना लंड सहलाने लगा. मैं तो पहली बार किसी लड़की को रियल में नंगी होकर चूत में ऊँगली करते हुए देख रहा था. वो बहुत ही सुंदर दिख रही थी. उनके बड़े - बड़े बूब्स देख कर मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया. मैं वहीँ पर धीरे - धीरे लंड को सहला रहा था. फिर जब वो नहा कर सिर्फ एक टॉवल में बाहर आई, तो उन्होंने देखा, कि मैं अपना लंड हाथ में लेकर खड़ा हु. वो तो एकदम से चौक गयी और फिर मैंने कहा - मैं सब कुछ देख लिया और मुझे भी एक मौका दे दो. पूरी की पूरी सेक्स गोडस लग रही थी वो. एकदम वाइट कलर की बॉडी से मदहोश कर देने वाली खुशबु आ रही थी. मैं तो उनको हवस भरी नजरो से देख रहा था.

वो पहले तो सेक्स के लिए मना कर दी. पर मैंने उन्हें कमर से पकड़ लिया और उनको किस करने लगा. उन्होंने बहुत अपने आप को मेरी बाहों से छुड़ाने की कोशिश की. पर मैंने उनके लिप्स को अपने लिप के बीच में रख कर लॉक कर लिए थे और उनको किस किये जा रहा था. फिर धीरे - धीरे वो भी मेरा साथ देने लगी. मैं उन्हें किस करने के साथ टॉवल के ऊपर से उनके बूब्स भी दबा रहा था. बहुत ही मस्ती करने के बाद, उनके बूब्स मस्त होकर मुझे इनवीट कर रहे थे और कह रहे थे - खा जाओ हमें. आंटी तब तक आहे भरने लगी थी और मैं उन्हें जोर - जोर से किस कर रहा था. फिर मैंने उनकी चूत को सहलाया और उनके गालो को चूम रहा था. वो तो बिना पानी की मछली की तरह तड़प रही थी. मैं उनके बूब्स को जोर - जोर से रगड़ने लगा अन्दर तक. उनकी साँसे तेज हो चुकी थी और मुझे तो ऐसा लगा, जेसे कि जन्नत मिल गयी हो. मैं उन्हें चोदने का पूरा प्रोग्राम बना चूका था.

फिर उन्होंने मुझे अपने बेडरूम में जाने का इशारा किया. हम दोनों अन्दर जाते ही एक दुसरे से चिपक गये और हमने एक दुसरे के जो भी कपड़े पहने थे, खोलने में मद्दत की. हम दोनों पुरे नंगे हो चुके थे और फिर एक दुसरे के सामने खड़े होकर हम एकदूसरे के शरीर को ताड़ रहे थे. वाह. क्या मस्त नज़ारा था.. हम दोनों पूरी तरह से गरम हो चुके थे और फिर हम किस करते हुए बेड पर आ गये. मैं उनके ऊपर चढ़ गया और मेरा खड़ा हुआ लंड पेट के नीचे चुभ रहा था. हम तो अपनी - अपनी दुनिया खो गये और किस करने लगे. हम ने करीब १० मिनट तक जोरदार किस किया और फिर मैंने अपना मुह के निप्पल पर रख दिया और उनके बड़े - बड़े बूब्स को सक करने लगा. वो सच में बहुत बड़े और रसीले थे. उनके आम बहुत सख्त थे और टाइट हो चुके थे. मैंने उन्हें चूस - चूस कर लाल कर दिया था. मैं उनके निप्पल को काट भी रहा था. वो तो आँखे बंद करके बेड को खीच - खीच कर मज़े ले रही थी. बड़े - बड़े आमो को खूब चूसा और उसके बाद उन्होंने मुझे अपनी चूत चाटने को कहा. मैं बड़े प्यार से उनकी चूत को चाटने लगा और वो सिस्कारिया ले रही थी.

वो पहले ही २ बार अपना पानी छोड़ चुकी थी और उनकी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी. मैं तो मज़े के साथ चाट रहा था. क्या चूत थी दोस्तों. बड़ी ही प्यारी चूत थी. गुलाबी कलर की. और उस पर थोड़े - थोड़े बाल थे.. बहुत ही सुंदर चूत लग रही थी. मैं तो उसे चाट कर और चूस कर लाल कर रहा था. फिर उन्होंने मुझे अपना लंड अन्दर डालने को बोला. मैंने उन्हें अपना लंड चूसने को कहा. थोड़ी सी ना नुकर के बाद उसने मेरे लंड को चुसना और चाटना शुरू कर दिया. उन्होंने पूरा लंड अपने मुह में के कर सक करना चालू कर लिया. दोस्तों, क्या बताओ. क्या मज़ा आ रहा था.. मुझे तो लगा, कि मैं जन्नत में हु. बहुत ही मज़ा आ रहा था. वो ख़ुशी - ख़ुशी मेरा लंड मुह में लेकर चूस रही थी.

फिर मैं अपना लंड उनकी चूत में डालने की कोशिश कर रहा था. पर उनकी चूत बहुत कसी हुई थी, क्योंकि उन्होंने बहुत दिनों से चुदवाया नहीं था. फिर उन्होंने ड्रावर से वेसलिन निकाली और फिर मेरे लंड के ऊपर लगा दिया. तब मैंने थोड़ी देर तक अपना लंड उनकी चूत में रगडा और वो मज़े में तिलमिला रही थी. फिर उन्होंने थोड़ी ऊची आवाज़ में कहा - अब तड़पाना बंद करो और अपना लंड डालो भी. अब मैंने फिर से कोशिश की और इस बार एक झटके के साथ मेरा आधा लंड अन्दर चले गया. फिर एक और जोरदार झटके के बाद, मेरा पूरा लंड उनकी चूत में गहराई को नापने लगा. फिर स्लो - स्लो धक्के के साथ मैं आगे बढकर किस किये जा रहा था और बूब्स दबा रहा था. फिर तो वेसलिन की वजह से जोरदार सेक्स बड़ता गया. हम दोनों को बहुत ख़ुशी मिल रही थी.

तब १५ मिनट तक ऐसे ही चोदने के बाद, हम दोनों ६९ की पोजीशन में आ गये और मैं उनकी चूत और वो मेरा लंड चूस रहे थे. करीब २ मिनट के बाद, फिर से मैं उनकी चूत के अन्दर अपना लंड डाल कर उन्हें आनंद देने लगा. क्या मज़ा आ रहा था. यारो हम दोनों करीब १० मिनट की घचाघच धकापेल के बाद हम दोनों ही झड़ गए. मैंने उनके मुह में अपना सारा माल निकाल दिया. उस दिन के बाद हम दोनों का सेक्स २ साल लगातार चला. इस प्यासी आंटी की सारी प्यास मैंने बुझा डाली. फिर हम वहां से शिफ्ट हो गए. तो दोस्तों, ये थी मेरी पहले सेक्स की कहानी.. मुझे आप जरुर बताना की आपको मेरी ये सेक्स की कहानी कैसी लगी. क्या आप को भी ऐसी कोई प्यासी आंटी का पाला पड़ा हैं?
 
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