प्रतिभा के गुलाबी होठों को चूम लिया

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hindi sex story, antarvasna: मैं बस का इंतजार कर रहा था लेकिन बस अभी तक आई नहीं थी मुझे ऑफिस के लिए दे रहे हो रही थी और मैं बस स्टॉप पर ही खड़ा था। मुझे काफी देर हो चुकी थी तो मैंने जब घड़ी में समय देखा तो मुझे ऑफिस के लिए भी लेट हो चुकी थी। बस स्टॉप के सामने ही एक ऑटो वाला खड़ा था तो मैं वहां से ऑटो कर के अपने ऑफिस पहुंचा। मुझे ऑफिस पहुंचने में काफी ज्यादा देर हो चुकी थी और मुझे मेरे बॉस ने भी इस बात के लिए कहा। उस दिन ऑफिस में बहुत ही ज्यादा काम था और जब शाम के वक्त मैं घर पहुंचा तो मुझे घर लौटते वक्त भी काफी ज्यादा देर हो गई थी इसलिए उस दिन मैंने बाहर से ही खाने का आर्डर करवा लिया था। जब मैंने खाने का ऑर्डर किया तो थोड़ी देर बाद ही खाना आ गया और फिर मैंने खाना खाया, खाना खाने के बाद मुझे नींद आ रही थी लेकिन तभी डोर बेल बजी और मैंने जब दरवाजा खोल कर देखा तो दरवाजे पर सोहन था।

सोहन मेरा कजन भाई है और वह जब मुझसे मिलने के लिए आया तो मैं सोहन को देखकर हैरान रह गया था। सोहन ने मुझे इस बारे में कुछ भी जानकारी नहीं दी थी और जब उसने मुझे बताया कि उसकी जॉब भी कोलकाता में लग चुकी है तो मैं इस बात से बड़ा ही खुश था। मैंने सोहन को अंदर आने के लिए कहा और सोहन से मैंने कहा कि क्या तुमने खाना खा लिया है तो वह मुझे कहने लगा कि हां मैंने रास्ते में ही खाना खा लिया था। थोड़ी देर तक हम दोनों ने बातें की और उसके बाद मुझे भी नींद आने लगी थी और सोहन भी काफी ज्यादा थका हुआ था इसलिए वह भी सो चुका था। अब हम दोनों सो गए और अगले दिन जब मैं सुबह उठा तो मुझे मेरे ऑफिस के लिए जल्दी जाना था तो मैं अपने ऑफिस के लिए जा चुका था। सोहन को भी अपने ऑफिस जाना था और वह भी अपने ऑफिस चला गया था। जब शाम के वक्त सोहन अपने ऑफिस से लौटा तो मैंने उससे पूछा कि आज तुम्हारे ऑफिस का पहला दिन कैसा था तो वह मुझे कहने लगा कि मेरे ऑफिस का पहला दिन अच्छा था।

सोहन मेरे साथ ही रहने लगा था। मुझे कुछ दिनों के लिए अपने घर अमृतसर जाना था तो मैं अपने घर चला गया। कुछ दिन मैं अपने घर पर ही रहा फिर मैं वापस लौट आया था जब मैं वापस लौटा तो एक दिन हमारे ही ऑफिस में काम करने वाली प्रतिभा ने मुझे अपने घर पर डिनर के लिए इनवाइट किया। यह पहली बार ही था जब मुझे प्रतिभा ने उस दिन अपने घर पर डिनर के लिए इनवाइट किया था उससे पहले उसने मुझे कभी अपने घर पर डिनर के लिए इनवाइट नहीं किया था और ना ही हम लोग इतनी ज्यादा बातें किया करते थे परंतु अचानक से ही उसके स्वभाव में इतना बदलाव देखकर मुझे काफी ज्यादा हैरानी थी। जब उस दिन मैं प्रतिभा के घर पर गया तो उसने मुझे अपनी फैमिली से मिलवाया और मुझे प्रतिभा की फैमिली से मिलकर काफी अच्छा लगा। उस दिन के बाद से प्रतिभा और मेरी काफी अच्छी बनने लगी थी और हम दोनों के बीच काफी अच्छी दोस्ती भी हो गई थी जिससे कि मैं भी काफी खुश था और प्रतिभा भी बहुत ही ज्यादा खुश थी।

जिस तरीके से हम दोनों एक दूसरे के साथ में होते हैं और एक दूसरे के साथ में समय बिताया करते उससे हम दोनों को बहुत ही ज्यादा अच्छा लगता था। अब मुझे भी लगने लगा था कि प्रतिभा को क्या मैं प्यार करने लगा हूं? मेरे दिल में प्रतिभा को लेकर अब काफी प्यार था। मैंने प्रतिभा को जब इस बारे में कहा तो वह भी मेरे साथ अब इस रिलेशन में थी और हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत ही ज्यादा खुश है। जिस तरीके से हम दोनों एक दूसरे के साथ रिलेशन में हैं और एक दूसरे को हम दोनों बहुत ही अच्छे से समझते हैं। हम दोनों के बीच काफी अच्छी अंडरस्टैंडिंग है जिस वजह से हम दोनों एक दूसरे को बहुत ही अच्छे से समझते हैं। हमारी जिंदगी में बहुत ही खुशियां हैं मैं और प्रतिभा एक दूसरे के साथ बहुत खुश हैं हम दोनों एक दूसरे को ज्यादा से ज्यादा समय देने की कोशिश किया करते हैं। जब भी हम दोनों एक दूसरे के साथ समय बिताया करते हैं तो हम दोनों को बहुत ही ज्यादा अच्छा लगता है।

मैं बहुत ही ज्यादा खुश रहता हूं जब भी हम दोनों एक दूसरे के साथ होते हैं हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत ही खुश हैं और हम दोनों का रिलेशन भी काफी अच्छे से चल रहा है। मेरे ऑफिस में मेरा प्रमोशन भी हो चुका है और मेरा प्रमोशन हो जाने के बाद प्रतिभा चाहती थी कि हम दोनों एक दूसरे से शादी कर ले लेकिन मेरे लिए फिलहाल अभी यह सब संभव नहीं था। मेरी बड़ी बहन सुनीता की शादी अभी तक नहीं हुई थी और मैं चाहता था कि पहले उसकी शादी हो जाए उसके बाद ही मैं अपनी शादी के बारे में कुछ सोचूं। प्रतिभा भी इस बात को मान चुकी थी हम दोनों का रिलेशन जिस तरीके से चल रहा है उससे हम दोनों ही बहुत खुश हैं और एक दूसरे के साथ हम दोनों ज्यादा से ज्यादा समय बिताते हैं। हम एक दूसरे को बहुत ही अच्छे से समझते भी हैं। मेरे और प्रतिभा के बीच में इतना ज्यादा प्यार था कि हम दोनों एक दूसरे के बिना बिल्कुल भी रह नहीं पाते थे।

एक दिन प्रतिभा ने मुझे अपने घर पर बुलाया और जब उस दिन उसने मुझे अपने घर पर इनवाइट किया तो मुझे काफी अच्छा लगा था। हालांकि प्रतिभा की फैमिली को इस बारे में मालूम था लेकिन मैं प्रतिभा के घर पर कम ही जाया करता था। जब उस दिन मैं प्रतिभा के घर पर गया तो उसके पापा ने मुझसे कहा कि बेटा क्या तुम दोनों एक दूसरे को पसंद करते हो। हम दोनों साथ में ही बैठे हुए थे इसलिए हम दोनों उन्हें कुछ कह ना सके। उनके दोबारा पूछने पर मैंने उन्हें हां कह दी, प्रतिभा के पापा ने मुझसे कहा कि तुम प्रतिभा से शादी कर लो। मैंने उन्हें सारी बात बताई और वह भी मेरी बात मान चुके थे। मेरे और प्रतिभा के रिलेशन में किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं थी मैं बहुत ही ज्यादा खुश था जिस तरीके से प्रतिभा की फैमिली ने हम दोनों के रिलेशन को एक्सेप्ट कर लिया था। एक दिन हम दोनों मूवी देखने के लिए गए। हम दोनों ही बहुत ज्यादा खुश थे। उस दिन हम दोनों साथ में बहुत अच्छा समय बिताया। मुझे उस दिन बहुत अच्छा लगा जब प्रतिभा और मैंने साथ मे समय बिताया था।

उस दिन हम दोनों ने फैसला किया हम दोनों साथ में कही रुक जाए। मैंने उस दिन प्रतिभा से कहा हम दोनों आज साथ में कही रुक जाते है। प्रतिभा ने मेरी बात मान ली और हम दोनों साथ में रुके। हम दोनों मेरे एक दोस्त के घर पर चले गए। प्रतिभा को यह मालूम था मैं उसके साथ सेक्स करने वाला हूं वह भी तडप रही थी। मैंने जब प्रतिभा के होठों को चूमा तो हम दोनों के बीच में अच्छे से किस होने लगा था। प्रतिभा भी मेरे होठों को किस करने लगी थी। हम दोनों एक दूसरे की गर्मी को बढ़ा रहे थे मुझे प्रतिभा के गुलाबी होंठो को चूमने मे मजा आ रहा था हम दोनो एक दूसरे की गर्मी को बढ़ा रहे थे। हम दोनों इतने गरम हो चुके थे हम दोनो अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रहे थे। मैंने प्रतिभा के बदन से कपड़े उतार दिए थे उसके गोरे बदन से कपड़े उतारने के बाद मैं उसको महसूस करने लगा था।

मुझे बहुत अच्छा लग रहा था मैं जिस तरह से प्रतिभा के होठों को चूम रहा था और मैंने उसके स्तनों को भी चूसना शुरू कर दिया था मैं उसकी गर्मी को बढा दिया था। प्रतिभा की गर्मी बढ़ने लगी थी वह बहुत ज्यादा गरम हो चुकी थी वह अब अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रही थी। मैं प्रतिभा के निप्पल को चूस रहा था मुझे मजा आ रहा था। हम दोनों की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ती जा रही थी। मैंने प्रतिभा से कहा मेरी गर्मी बहुत ज्यादा बढती जा रही है। हम दोनो दोबारा एक दूसरे के होंठो को चूमने लगे। जब मैं प्रतिभा के स्तनो को अपने मुंह मे ले रहा था तो मुझे आनंद आ रहा था और मैं बहुत ही अधिक गरम हो रहा था। जब मैंने अपने लंड को प्रतिभा को अपने मुंह में लेकर सकिंग करने के लिए कहा तो प्रतिभा ने उसे तुंरत ही अपने मुंह में ले लिया वह मेरे लंड को चूसने लगी थी।

जब वह ऐसा करने लगी मुझे बहुत ज्यादा मजा आने लगा था और प्रतिभा को भी बड़ा मजा आ रहा था वह मेरी गर्मी को बढाए जा रही थी और मेरी गर्मी बहुत ज्यादा बढती जा रही थी। हम दोनो अपने आपको रोक नहीं पा रहे थे। प्रतिभा ने मेरे लंड से पानी निकाल दिया था। वह अपने गले के अंदर तक मेरे लंड को चूस रही थी। मैं और प्रतिभा गर्म होते चले गए थे जब हम दोनों की गर्मी बढ़ने लगी मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था और मैं प्रतिभा की योनि को चाटने लगा था। मै प्रतिभा की चूत को अच्छे से चाटा और मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आने लगा था जब हम दोनों पूरी तरीके से गर्म होते चले गए थे। प्रतिभा की चूत से बहुत ज्यादा पानी निकल आया था और मैंने अपने लंड को प्रतिभा की योनि पर लगाया तो मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था। प्रतिमा की योनि से पानी बाहर निकलने लगा था मैं उसकी चूत पर लंड को रगड रहा था। मैंने उसकी चूत में अपने लंड को धीरे धीरे कर के घुसना शुरू किया मुझे मजा आने लगा था।

मैंने देखा उसकी चूत से खून निकल आया था। वह मुझे कहने लगी मुझे तुम तेजी से चोदते जाओ। मै प्रतिभा को बड़ी तेजी से धक्के मारने लगा था मुझे बहुत अच्छा लग रहा था जब मै प्रतिभा को चोद रहा था। मै प्रतिभा को तेजी से चोद रहा था। वह मादक आवाज मे सिसकारियां लेकर मुझे गरम कर रही थी। हम दोनो एक दूसरे का साथ अच्छे से दे रहे थे मैंने प्रतिभा के दोनों पैरों को चौड़ा कर लिया था प्रतिभा की चूत से पानी निकल रहा है उसकी चूत की चिकनाई बढ रही थी और मुझे मजा आने लगा था और प्रतिभा को भी मजा आ रहा था।

मै प्रतिभा को तेजी से चोदे जा रहा था मुझे बहुत अच्छा लग रहा था जब मैं ओर प्रतिभा एक दूसरे की गर्मी को बढा रहे थे। प्रतिभा अब जोर से सिसकारियां लेकर मुझे कहती मुझे अच्छा लग रहा है। वह बड़ी तेज आवाज मे सिसकारियां ले रही थी और उसकी गर्मी बढती जा रही थी। मुझे मजा आने लगा था मैं उसे तेजी से चोद रहा था। हम दोनों गरम होते जा रहे थे। मेरी गर्मी बहुत अधिक बढ़ चुकी थी उसे रोक पाना अब मुश्किल था मेरे धक्के और भी तेज होते जा रहे थे। प्रतिभा मुझे अपने पैरो के बीच मे जकडने लगी थी प्रतिभा को मजा आ रहा था वह झड चुकी थी। मुझे भी बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था मैं उसकी चूत की आग को झेल ना सका और मैंने अपने वीर्य को प्रतिभा की योनि में ही गिरा दिया था। प्रतिभा की चूत मे मेरा वीर्य चला गया था वह खुश हो गई थी। हम दोनो ने उसके बाद भी सेक्स के मजे लिए थे।
 
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