फ़िल्मी स्टाईल में मारी चुत

sexstories

Administrator
Staff member
दोस्तों निर्जरा मुझसे मुझसे एक साल जूनियर थी कॉलेज मैं क्यूंकि मैं उन दिनों अपने कॉलेज के तीसरे साल में था तो वहीँ निर्जरा कॉलेज के दूसरी साल में थी जिसकी चूत मैंने एकदम फ़िल्मी अंदाज़ में मारी थी | मैं निर्जरा की खूबसूरती एक पल की नज़र में भांप ली थी और उसे बड़े ही फ़िल्मी अंदाज़ में पटाया और बड़ी ही कामुक तरह से चोदा | वो शान्त सी लड़की थी और मैंने जानबूझ कर अपने दोस्तों के सतह एक प्लान बनाया | अगले दिन मेरे दोस्त उस किसी फिल्म के टपोरी गुंडे की तरह तंग कर रहे थे तो वहीँ दूसरी और से मेरी एंट्री हुई | मैं तभी अपने दो से तीन दोस्तों इस हरकत पर चांटे बजाये और वो सब वहाँ से भाग लिए और तभी मेरे इस अंदाज़ में किसी फिल्म की हेरोयिन के माफिक निर्जरा मुझसे दोस्ती कर बैठी |

वैसे अगले मेरे दोस्तों ने मेरी खूब पिटायी उस दिन बात कर और कमीनों को मुझे मजबूरन हजार रूपए की पार्टी देनी पड़ी | अब निर्जरा के सतह मेरी बातें बढती चली कई और करीबन दो हफ़्तों में उससे अपने प्यार होने की बात भी कह दी जिसपर उसने भी मुझे मुस्काकर आई लव यु कह दिया पर वो यह नहीं जानती थी की मैं तो उसकी दर्द भरी सिसकियाँ सुनना चाहता हूँ | एक रोज मैं उसे घुमाने के बहाने और कुछ रोमांस के बहाने अपने दोस्त के किराए के मकान में ले गया जहाँ पहले से कमरा खाली था | उसे पता था की मैं चुम्मा चाटी तो करूँगा पर आगे का कार्यक्रम तो मुझे ही पता था | मैंने तभी निर्जरा को अपनी बाहों में भरके उसे चूमने लगा और वो भी मस्त - मौला होकर मुझे चूम रही थी |

जब वो खूब गरमा उठी थी तो मैंने सुम्डी में उसकी कुर्ती को उतार दिया और उसके नंगे चुचियों को अब मैं चूसते हुए उसे खूब गरम कर दिया | मैं वहीँ पड़ी खाट पर उसे प्यार से लिटाया और उसकी चुचियाँ पीते हुए मैंने उसकी सलवार खोल दी | मैं उसकी चिकनी गुलाबी चुत को बस देखता ही रह गया था और उसकी जाँघों के बीच अपना मुंह गढाए जीभ उसकी चुत चाटने लगा जिससे वो कामवासना की पर्वाव चढने लगी थी | मुझे रोकने वाला कोई न था और मैंने भी अपनी चड्डी उतार उसकी जाघों को चौड़ाये अपने लंड को निकाल उसकी चुत की फांकों के बीच पूरा दम लगाते हुए झटका मारना शुरू कर दिया |

मेरे लंड के दो तीन झटकों से निर्जरा की गीली चुत हो गयी थी और इस बार तो लंड आराम से बिलकुल फ़िल्मी स्टाईल में उसकी चुत में पहुँच रहा था | वो दर्द के मारे मुझे भींच रही थी और मैं उतना ही जोर उसकी चुत में दे रहा था | वो सिसकियाँ लेती हुई आम्म्म्मा . . आम्म्म्मा कहकर अपनी माँ को याद कर रही थी पर पगली यह नहीं जानती थीउसके बाप ने कभी उसकी माँ की यूँही चींख निकाली होगी | मैं चोदता ही चला और बस चोदता ही चला गया जब मैं अपनी मुठ निकलने की अवस्था में आ चूका था तो पहले से निढाल पड़ी बस सिंहर रही थी और इस बहाने में झड भी पड़ा | आखिर मैं उसके सिसकियाँ सुन चुत की बैंड सजा ही डाला | क्या अप भी मेरा यह चुदाई का फ़िल्मी स्टाईल अपनाना पसंद करोगे दोस्तों . .!!
 
Back
Top