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सभी पाठकगण को मेरी तरफ से नमस्कार। सबसे पहले तो मै अपने आप का परिचय देता हुं। मेरा नाम सुनील है, और मेरी उम्र ४७ साल है। मेरे घर में मै, मेरी धर्मपत्नी, मेरा बेटा और बहू हम चार लोग रहते है। यह कहानी मेरी और मेरे बहुरानी की है। इस कहानी में पढिए कैसे मेरे बेटे के नामर्द होने की वजह से मुझे मेरी बहुरानी के साथ सोना पडा। कुछ दिनों बाद, बहु को पेट से भी किया।

मै और मेरी पत्नी हंसी खुशी अपना जीवन बिता रहे थे, और हम दोनों ही एक-दूसरे से बहुत खुश थे। लेकिन मेरे बेटे की शादी के बाद हमारे जीवन मे एक अजीब सा मोड आया, जिस वजह से हम सब की जिंदगी बदल गई।

यह बात अभी दो साल पहले की है, जब मेरे बेटे की शादी हो गई। उसकी शादी के बाद, कुछ दिनों में ही बहुरानी अपने मायके चली गई। फिर वापस आने पर उसने मेरी धर्मपत्नी से खुलकर बात करते हुए बोला कि, "आपका बेटा तो कुछ करता ही नही है, और अगर मै कुछ करूं तो भी उनसे कुछ नही हो पाता। अब आप ही बताओ, इस परीस्थिति में मै क्या करूं?"
मेरी पत्नी का नाम हर्षला है, और बहुरानी का नाम पूजा है। तो हर्षला ने पूजा को कुछ दिन इंतजार करने को कहा। उसी रात यह बात हर्षला ने मुझे बताई, और पूछने लगी कि, अब क्या करना है?
यह सुनकर तो मेरा दिमाग काम करना ही बंद कर दिया। मेरा बेटा नामर्द कैसे हो सकता है? लेकिन बहुरानी कह रही है, तो जरूर कुछ बात तो होगी। इसलिए मैने एक बार अपने बेटे से बात की, लेकिन जब अपना ही सिक्का खोटा निकले तो क्या बोल सकते है हम। मेरे बेटे में ही कमी थी, इसलिए वो बहुरानी को खुश नही कर सकता था। अब जब सबको पता चल चुका था, तो सब ने मिलकर इस बात पर कोई हल निकालने का फैसला किया। जिससे घर की बाहर बदनामी भी न हो और सब कुछ ठीक भी चलता रहे। इस बात का हल यह निकलेगा यह मैने कभी सपने में भी नही सोचा था, और तो और सबको यह मंजूर भी था।

आखिर में इस बात का हल यह निकला कि, मै बहुरानी की शारिरिक जरूरतें पूरी करूंगा। इस बात पर ना तो मेरी श्रीमती जी ने कुछ कहा, और ना ही मेरे बेटे ने। तो आखिर में घर की इज्जत बचाए रखने के लिए मुझे भी हां बोलना ही पडा। अब मुझे परेशानी यह थी कि, मै कैसे अपनी बहू के साथ यह सब कर सकता हूं। मुझमे इस बात को लेकर बहुत झिझक थी, जो बाद में मेरी पत्नी और बहू दोनों ने मिलकर निकाल दी।
इसके बाद मेरी पत्नी बहु को भी हमारे कमरे में लेकर ही सोती थी, जिससे हम दोनों और पास आए। फिर धीरे धीरे मेरी पत्नी ने मुझे और मेरी बहु को अकेले एक कमरे में रखना शुरू कर दिया। मेरी बहु के अंदर तो वासना की आग जल ही रही थी। वो न जाने कितने दिनों से प्यासी थी, तो वो पहले ही अपनी हवस मिटाने के लिए सारी हदें पार करने के लिए तैयार थी। जैसे ही हम दोनों में एक कमरे में सोना शुरू दिया, वैसे ही मेरी बहु मुझपर अपना जाल बिछाना शुरू कर दिया। मै भी बहुत पहले उस पर पिघल चुका था, लेकिन वह मेरी बहु थी, इसी खयाल से मै पहल नही कर पा रहा था।

एक रात मै रोज की तरह ही अपने कमरे में सो रहा था। मेरे एक तरफ मेरी पत्नी और दूसरी तरफ बहु सो रही थी। मुझ पर चुदास चढने लगी थी, तो मैने अपनी पत्नी को अपने पास खींच लिया और उसे बेतहाशा चूमने लगा। लेकिन मै नही चाहता था कि, मेरे बहु की नींद खुले, क्योंकि अगर उसकी नींद खुल गई तो वो भी चुदाई की मांग करने लगेगी। इसी वजह से मै यह सब बहुत ही आराम से कर रहा था। थोडी ही देर में मेरी पत्नी भी मेरा साथ देने लगी थी। अब हम दोनों ही एक दूसरे में खो रहे थे। मैने अब धीरे धीरे मेरी पत्नी को नंगी करना शुरू कर दिया। मैने पहले तो उसके नाईट गाउन को कमर से उपर उठाया और पैंटी के ऊपर से ही चुत को मसलने लगा।
अब मेरी पत्नी ने भी मेरी लुंगी निकालकर मेरे लंड को अपने हाथ मे ले लिया। अब वो मेरे लंड को अपने हाथ मे लेकर मुठियाने लगी। मैने भी उसे बिस्तर पर बिठाकर उसका गाउन उसके शरीर से अलग कर दिया, जिसमे उसने भी मेरी सहायता की। मेरी पत्नी ने ब्रा नही पहना था। तो गाउन को अलग करते ही उसकी नंगी चुचियां मेरे सामने आ गई। अब उनमें थोडा सा ढीलापन आ गया है, लेकिन अब भी गोरी गोरी चुचियां देखकर कोई भी मर्द फिसल जाए। मैने दोनों चूचियों को अपने हाथों मे भर लिया और उन्हें सहलाते हुए मसलने लगा।
फिर मैंने अपना एक हाथ नीचे करके उसकी पैंटी भी उतार दी, और अब मेरी पत्नी बिस्तर पर पूरी तरह से नंगी थी। वहीं उसी बिस्तर पर मेरी बहु बेसुध होकर सो रही थी, और एक तरफ हमारा चुदाई का खेल चल रहा था। आज मेरा मन पत्नी की गांड मारने का होने लगा था, तो मैंने उसको बिस्तर पर उल्टा करके लिटा दिया। उसकी कमर के नीचे दो तकिए भी लगा दिए, जिस वजह से उसकी गांड का छेद मेरे सामने उभरकर आ गया। अब मैने अपने हाथ पे ढेर सारा थूक लेकर उसकी गांड के छेद पर मलने लगा। जिससे उसकी गांड में चिकनाहट बनी रहे और उसे कम दर्द हो।
अब उसको पूरी तरह से तैयार करके मै उसके दोनों पैरों के बीच मे आ गया और अपने लंड को एक हाथ मे लेकर उसकी गांड के छेद पर रख दिया। जैसे ही मैने एक हल्का सा धक्का मार दिया, मेरी पत्नी के मुंह से एक दबी दबी सी चीख निकल गई। उसके मुंह से चीख निकलते ही मैने अपने एक हाथ से उसका मुंह बंद कर दिया और अपनी नजरे मेरी बहु की तरफ घुमा दी। जैसे ही मैने बहु की तरफ देखा तो मै दंग रह गया। क्योंकि वो उठकर हमारी चुदाई का लाइव शो देख रही थी। उसे देखकर मैने अपना लंड उसकी गांड से बाहर निकाल लिया और उससे पूछा, "कब उठी बहुरानी?"
तो उसने बताया, "जैसे ही आप दोनों नंगे हो गए, सासु मां ने हाथ मारकर मुझे उठा दिया। जिससे हम दोनों के बीच शरम कम हो जाए और जल्द ही हम भी चुदाई करे।"
इतना कहते हुए ही बहुरानी मेरे पास आई, और एक हाथ आगे बढाते हुए मेरे लंड को उसमे पकड लिया। उसके हाथ का स्पर्श पाकर ही मेरा लंड उसके हाथ में झटके मारने लगा। अब मेरी पत्नी ने दो मिनट कहते हुए वो कमरे से बाहर चली गई। उसके बाहर जाते ही बहु मुझ पर टूट पडी। उसने एक हाथ से मेरे लंड को सहलाना जारी रखा, तो दूसरे हाथ को मेरे सर के पीछे ले जाकर मेरे होठों पर अपने होंठ रख दिए। थोडी ही देर में मै भी उसका साथ देने लगा था। और अब मेरे हाथ भी उसके शरीर पर इधर उधर घूमते हुए उसके शरीर का नाप लेने लगे थे।

अब मै तो पूरा नंगा ही था, तो मैने बहुरानी को चूमते हुए उसे भी कपडों से आजाद कर दिया। बहुरानी ने तो गाउन के नीचे कुछ नही पहना था। तो गाउन निकालते ही वो पूरी तरह से नंगी हो गई। थोडी ही देर में वो मुझे अपने ऊपर खींचने लगी और उसने कहा, "बाकी सब बाद में कर लेना, पहले मेरी चुत में अपना औजार डालकर मेरी चुत को चोद दो।"
तो मैने उसे बिस्तर पर सीधा लिटा दिया और कमर के नीचे एक तकिया भी दे दिया। अब मैने नीचे झुककर एक बार उसकी चुत को चूम लिया, तो मुझे उसकी चुत का गंध पागल बना रहा था। तो मैंने उसे चूसना शुरू किया। फिर उठकर मै उसके उपर चढ गया। बहुरानी ने खुद ही अपने नाजुक हाथों से मेरे लंड को अपनी चुत के द्वार पर सेट कर दिया और मुझे धक्का मारने को बोला। जैसे ही मैने धक्का मारा, उसके मुंह से एक हल्की सी चीख निकल गई, जिसे सुनकर मेरी पत्नी भागती हुई कमरे में आ गई। और बहुरानी को सहलाने लगी।
अब मै बहुरानी को मस्त चोद रहा था, और वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी। उस दिन के बाद तो हम रोज ही चुदाई करने लगे। कहते है ना, जिसे एक बार चस्का लग गया, वो कभी नही भूलेगा।
मै मेरी पत्नी के साथ कम और बहू के साथ अधिक चुदाई करने लगा था, कुछ दिनों के बाद फिर बहु की माहवारी बंद हो गई। डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने हमें खुशखबरी दे दी। जिसे सुनकर पूरे घर मे खुशियों का माहौल छा गया।
आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी, कमेंट में जरूर बताइए। धन्यवाद।
 
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