बिखारिन की मज़बूरी लंड के धक्कों में खोयी

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आज मैं आपको एक बिखारिन की अपने मोटे लंड से चूत चुदाई के बारे में बड़ी ही मज़ेदार कहानी सुनाने जा रहा हूँ जिसे आप अवशय ही पसंद करेंगे | दोस्तों मुझे घूमने का शौक़ीन बहुत हूँ इसीलिए मैं अक्सर ही अपने घर पर कभी नहीं टिकता बल्कि कभी कुछ खरीदते हू और कभी कही तो कहीं बस आवारा परिंदे की तरह काम से छुट्टी पाने पर घूमता ही रहता हूँ जिसकी वजह से मेरा सड़क पर बिखारियों का मिलना तो आम बात है | एक बार ऐसी ही घूमते हुए मैंने एक लड़की को मुझसे भीक मांगते हुए देखा जिसकी शकल देखकर मुझे कतई भी नहीं लगा की वो सच में बिखारिन है और मैं उसकी ऐसी दशा के बारे में पूछा तो उसने बताया की उसके माँ - बाप को बिमारी होने के कारण खो दिया और उसका घर सब कुछ उसके मामा लोगों ने लुट लिया |

मुझे पहले तो सुपर दया आई पर तभी उसकी झोली में पैसे डालने से पहले मैंने उसके चुचों के बीच के गलियारे को देखा जिसपर मुझे उसके चुचों को भींचने का मन करने लगा | मैंने तभी फटाफट उसे अपने घर ले जाने की बात की ओ वहीं जाकर उसे पैसे भी देने की बात कर डाली | उस लाचार ने मेरी बात को मना लिया और मेरे साथ मेरे घर को चल पड़ी | मेरे घर पर पहुँचते ही पहले मैं उसे बहुत ज्यादा रुपैये दिए और उसके जाने पर मैंने कहा की उसके बदले में उसे मेरे साथ कुछ घंटों के लिए सोना होगा जिसपर मैं शायद उसे कुछ और रुपैये दूँ | उसने मेरी बात पर अपनी मज़बूरी को समझते हुए हामी भर ली और मैंने तभी उत्तेजित होते हुए उसके चुचों को दबोचता हुआ उसकी उसके चुचों को चूसने लगा |

पहले तो वो अपनी मज़बूरी को लेकर घबरायी हुई थी पर अब उसके अंगों की मरे द्वारा यूँ सेवा करने पर उसे मज़ा आ रहा था | मैंने उसके जल्दी से ही पुरे कपड़े भी उतार दिया और मैंने भी उसके करीब आकार उसके नंगे चुचों को मैं मस्त में चूसने लगा | वो भी अब बिलकुल मस्त वाले मुड में आ गयी और उसकी चुत के गद्रिले हिस्से पर अपनी उंगलियां फिराता हुआ अपनी उँगलियों को उसकी चुत पर रख लिया | मैंने अपने लंड को भी निकाल लिया और उसकी चुत में ऊँगली करने लगा | मैं इसी तरह करते हुए अपने लंड को मुठी मार उसकी चुत में आगे - पीछे करना शुरू कर दिया जिसपर वो कस - कसके सिसकियाँ ले रही थी और साथ ही मुझसे सहयोग करती हुई अपनी चुत को मेरे लंड की ओर धकेल रही थी |

मैंने उसकी चुत के मज़े में खोते हुए वहीँ उसे आराम से चोदता हुआ उसके उप्पर चड गया और जब पहली पारी में झड गया | मैंने उसकी इस बार दोनों टांगों को अपने कंधे तक पहुंचाते हुए उसकी चुत को पेलना शुरू कर दिया था | हम दोनों अब खूब मज़ा आ रहा था और वो तो अब ज़ोरों से सिसकियाँ लेती हुई मेरे लंड को चूसने भी लगी थी जिसपर मैं खुश और उत्तेजित होकर वहीँ झड गया | झड़ने के बाद मैंने उसे मार्केट में ले जाकर नए कपड़े दिलाये और उसे खूब पैसे देकर अपने घर से रवाना किया |
 
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