बुआ की बेटी की चुदाई - [भाग 1]

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हल्लो फ्रेंड्स मेरा नाम जयेश हैं और मैं मुंबई का रहनेवाला हूँ. मैं डेंटल की पढाई करता हूँ सेकण्ड इयर में. मेरी हाईट 5 फिट 10 इंच हैं और मेरे लंड की लम्बाई 7 इंच हैं. यह कहानी मेरी और मेरी बुआ की बेटी की चुदाई की हैं. उसे मैंने गाँव में चोदा था. उसकी सेक्सी चूत को चोदने की पूरी कहानी कुछ ऐसी हैं.

18 साल की कंगना बड़ी हॉट थी

मेरी फेमली में मैं, मोम, डेड और मेरा छोटा भाई हैं. हम मुंबई में ही रहते हैं. गाँव में दादा दादी रहते हैं. मेरी बुआ की शादी गाँव में ही हुई हैं. बुआ की एक बेटी हैं 18 साल की और एक बेटा हैं 15 साल का. बात उन दिनों की हैं जब मैं वेकेशन में गाँव गया था. गाँव औरंगाबाद के पास ही हैं. घर पहुँच के थोडा आराम किया उतने में बुआ और अंकल भी खेत से वापस आ गए थे.

तभी मुझे मेरे बुआ की बेटी कंगना को देखने का अवसर मिला. वाऊ क्या माल हो गई थी वो तो अब. उसे मैंने काफी अरसे के बाद देखा था क्यूंकि वो अपने चाचा के वहाँ रहती थी पढाई के लिए. उसके बूब्स थोड़े बहार आये थे जो उसकी नीली टी-शर्ट पे साफ़ दीखते थे. गांड छोटी सी ही थी और उसकी सेक्सी चूत तो मैं कल्पना में ही बना चूका था. उसने मुझे देख के स्माइल दी और मैं बस उसे घूरता ही रहा. कंगना को लास्ट मैंने 2 साल पहले देखा था और तब तो वो बच्ची ही थी लेकिन अब इस बच्ची के चुंचे और गांड निकल आये थे. मैं मनोमन ही उसका चक्षुचोदन कर रहा था. कुछ देर बाद ही मैं स्वस्थ हुआ और उसके साथ पढाई वगेरह की बातें की. दादा दादी वाले घर में कुछ सीलिंग रिपेरिंग का काम चल रहा था इसलिए हमें बुआ के घर ही सोना था. शाम को बुआ ने मुझे कहा की जयेश तुम भोलू और कंगना के साथ उनके कमरे में ही सो जाना. मेरे लिए तो यह किसी लौटरी से कम नहीं था. कंगना की सेक्सी चूत की और ये मेरा एक कदम ही था.

रात को कंगना के कमरे में हम तीनो कुछ बातें कर रहे थे तभी भोलू ने अंगड़ाई ली और वो मुहं तक चद्दर डाल के so गया. मैंने भोलू के गहरी नींद तक जाने की वेट की और फिर कंगना के साथ कोलेज की बातों बातों में मैंने उसे गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड वाला ट्रेक पकड़ा दिया. उसने मुझे पूछा तो मैंने कहा की मुंबई में बिन्दस्त लडकियां हैं और वो कोलेज में ही सब अनुभव ले लेती हैं. ऐसा कहने पे कंगना हंस पड़ी. मैं समझ गया की मेरे डबल मीनिंग डायलोग वो समझ चुकी थी. कुछ देर बाद उसे भी नींद आने लगी और वो भी लम्बी हो गई. मैं उसके साथ ही लेट गया. मैंने ठंडी का बहाना कर के चद्दर को कमर तक खिंच लिया. मेरी और कंगना की चद्दर एक ही थी. दरअसल भोलू और कंगना को एक चद्दर लेनी थी लेकिन क्यूंकि भोलू जल्दी लुडक गया इसलिए अब हम दोनों एक चद्दर में थे.

10 मिनिट में ही कंगना सो गई. मुझे कैसे भी कर क नींद नहीं आ रही थी. बार बार मेरा ध्यान कंगना की छाती पे जाता था और मैं उसकी सेक्सी चूत के बारे में सोचने लग जाता था. फिर मैंने अपनेआप स कहा की जयेश लंड और चूत के खेल में हिम्मत तो रखनी ही पड़ती हैं. मैंने धीरे से हाथ कर के कंगना के बूब्स को टच कर लिया. किसी नर्म रुई के जैसी वो चुंचियां लंड को करंट मार रही थी मेरे. छूने के बावजूद जब कंगना कुछ नहीं बोली (ना ही वो हिली) तो मेरी हिम्मत खुल पड़ी. मैंने एक बार अपने हाथ से उसके बूब्स को पकड़ा. कंगना अब भी आँख बंध कर के ही पड़ी थी. मेरे लंड ने उधाम मचाया था, उसे सेक्सी चूत में दंगल जो करना था. लेकिन इतनी जल्दी सेक्सी चूत मिलती तो फिर कहने ही क्या थे.

मुझे उसकी सेक्सी चूत लेनी थी

जब एक दो बार और छूने से भी कंगना नहीं जागी तो मैंने धीरे से अपना हाथ उसकी टी-शर्ट में डाल दिया. मेरे हाथ में उसकी ब्रा लग रही थी. मैंने हलके से उसकी चुन्ची को दबा दिया, अब की बार वो हिली. मुझे लगा की वो मुझे डांट ना दे. लेकिन उसने आँखे नहीं खोली. लेकिन वो पलट के अपनी गांड मेरी और कर के सो गई. मैं समझा की वो भडक चुकी हैं और अब कुछ नहीं करना चाहिए. लेकिन सेक्सी चूत के दीवाने लंड को यह कौन समझाए. मैंने फिर अपना हाथ लम्बा किया और कंगना की छोटी गांड की दरार पे घिसा. कंगना तो जैसे कुछ हुआ ही नहीं वैसे लेटी थी. मैंने चद्दर को वापस कमर तक किया जो निचे सरक चुकी थी. फिर मैंने उसकी गांड को सहलाना चालू किया. कंगना अभी भी कुछ नहीं कह रही थी. अब मैं समझा की उसकी सेक्सी चूत भी शायद पानी निकाल रही थी, चुदाई के नशे वाला.

मेरी हिम्मत अब इतनी बढ़ी की मैंने अपनी ज़िप खोल के लंड को बहार निकाला. लंड की नाली से प्रीकम निकल रहा था. मैंने अपने लंड को आगे कर के कंगना की गांड पे धर दिया. उसको भी लंड की गर्मी का अहसास तो जरुर हुआ होंगा. फिर मैंने अपने लंड को उसकी गांड और सेक्सी चूत के भाग में घिसना चालु किया. कसम से इतना मजा आ रहा था कपड़ो के साथ ही की पूछो ही मत. कंगना ने मुड़ के मेरी और देखा और हंस पड़ी. अब तो मुझे सब सिग्नल मिल चुके थे बुआ की बिटिया की सेक्सी चूत को चोदने के, अब मैं कैसे पीछे रहता. मैंने अपनी पेंट को निकाल फेंका चद्दर के अंदर ही. उधर कंगना की पेंट को भी मैं खोल के निकालने लगा. अंदर की पेंटी को सूंघने का बड़ा ही मन कर रहा था मेरा तो! मेरा लंड एकदम टाईट और गरम हो चूका था.

कंगना की सेक्सी चूत की आगे की बात कल पढ़ना ना भूलें..!
 
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